< 2 इतिहास 24 >

1 राजाभिषेक के मौके पर योआश की उम्र सात साल की थी. येरूशलेम में उसने चालीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम ज़िबियाह था; वह बेअरशेबा वासी थी.
و یوآش هفت ساله بود که پادشاه شد وچهل سال در اورشلیم سلطنت نمود واسم مادرش ظبیه بئرشبعی بود.۱
2 योआश ने पुरोहित यहोयादा के जीवनकाल में वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था.
و یوآش درتمامی روزهای یهویاداع کاهن، آنچه را که در نظرخداوند راست بود، به عمل می‌آورد.۲
3 यहोयादा ने उसके दो विवाह करना सही समझा. इन दोनो पत्नियों से उसके पुत्र-पुत्रियां पैदा हुई.
ویهویاداع دو زن برایش گرفت و او پسران ودختران تولید نمود.۳
4 योआश याहवेह के भवन की मरम्मत करने के लिए मन में दृढ़ था.
و بعد از آن، یوآش اراده کرد که خانه خداوند را تعمیر نماید.۴
5 उसने पुरोहितों और लेवियों को इकट्ठा कर उन्हें कहा, “बिना देर किए यहूदिया के सारे नगरों में जाकर सारे इस्राएल से वार्षिक दान इकट्ठा कीजिए, कि परमेश्वर के भवन की मरम्मत की जा सके.” किंतु लेवी इसके लिए देर करते रहे.
و کاهنان و لاویان راجمع کرده، به ایشان گفت: «به شهرهای یهودابیرون روید و از تمامی اسرائیل نقره برای تعمیر خانه خدای خود، سال به سال جمع کنید، و دراین کار تعجیل نمایید.» اما لاویان تعجیل ننمودند.۵
6 तब राजा ने प्रमुख पुरोहित यहोयादा को बुलवाकर उससे कहा, “आपने लेवियों को यहूदिया और येरूशलेम से याहवेह के सेवक मोशेह द्वारा इस्राएल से मिलनवाले तंबू के लिए ठहराया गया कर इकट्ठा करने क्यों नहीं भेजा है?”
پس پادشاه، یهویاداع رئیس (کهنه ) راخوانده، وی را گفت: «چرا از لاویان بازخواست نکردی که جزیه‌ای را که موسی بنده خداوند وجماعت اسرائیل به جهت خیمه شهادت قرارداده‌اند، از یهودا و اورشلیم بیاورند؟»۶
7 उस दुष्ट स्त्री अथालियाह के पुत्रों ने परमेश्वर के भवन में घुसकर याहवेह के भवन की पवित्र वस्तुओं तक को लेकर बाल के लिए इस्तेमाल कर ली थी.
زیرا که پسران عتلیای خبیثه، خانه خدا را خراب کرده، وتمامی موقوفات خانه خداوند را صرف بعلیم کرده بودند.۷
8 तब राजा ने एक कोष को बनाने का आदेश दिया, जिसे याहवेह के भवन के द्वार के बाहर रख दिया गया.
و پادشاه امر فرمود که صندوقی بسازند و آن را بیرون دروازه خانه خداوند بگذارند.۸
9 यहूदिया और येरूशलेम में सार्वजनिक घोषणा की गई कि प्रजा अब याहवेह के लिए कर देना शुरू करे जो परमेश्वर के सेवक मोशेह द्वारा इस्राएल पर बंजर भूमि में लगाया गया था.
و دریهودا و اورشلیم ندا دردادند که جزیه‌ای را که موسی بنده خدا در بیابان بر اسرائیل قرار داده بودبرای خداوند بیاورند.۹
10 सभी अधिकारी और प्रजा के लोग इस पर बहुत ही खुश हुए और हर एक ने उसे कोष में अपने लिए तय कर डाल दिया, जिससे वह कोष भर गई.
و جمیع سروران وتمامی قوم آن را به شادمانی آورده، در صندوق انداختند تا پر شد.۱۰
11 तब उनकी रीति यह हो गई, कि जब कोष लेवियों द्वारा राजकीय कोषाध्यक्ष के पास ले जाई जाती थी और यदि उसमें काफ़ी मुद्राएं इकट्ठा हो चुकी होती थी तब उसे राजा के सचिव और प्रमुख पुरोहित के अधिकारी आकर कोष से मुद्राएं निकालकर उसे दोबारा उसी स्थान पर रख आते थे. वे ऐसा प्रतिदिन करते थे और उन्होंने एक बड़ी राशि इकट्ठा कर ली.
و چون صندوق به‌دست لاویان، نزد وکلای پادشاه آورده می‌شد و ایشان می‌دیدند که نقره بسیار هست آنگاه کاتب پادشاه و وکیل رئیس کهنه آمده، صندوق را خالی می‌کردند و آن را برداشته، باز به‌جایش می‌گذاشتند. و روز به روز چنین کرده، نقره بسیارجمع کردند.۱۱
12 राजा और यहोयादा ने यह राशि उनसे सेवकों को सौंप दी, जिनकी जवाबदारी याहवेह के भवन में सेवा करने की थी. उन्होंने याहवेह के भवन के मरम्मत के लिए वेतन पर रखा गया राजमिस्त्री, और बढ़ई दिए. इनके अलावा याहवेह के भवन के उद्धार के लिए उन्होंने लोहे और कांसे के शिल्पी भी पारिश्रमिक के आधार पर नियुक्त किए.
و پادشاه و یهویاداع آن را به آنانی که در کار خدمت خانه خداوند مشغول بودنددادند، و ایشان بنایان و نجاران به جهت تعمیرخانه خداوند و آهنگران و مسگران برای مرمت خانه خداوند اجیر نمودند.۱۲
13 ये समस्त शिल्पी काम पर लग गए और उनके परिश्रम का प्रतिफल प्रगति के रूप में जाहिर हुआ. विशेष निर्देशों के अनुसार परमेश्वर का भवन पहले की तरह मजबूत हो गया.
پس عمله‌ها به‌کارپرداختند و کار از دست ایشان به انجام رسید وخانه خدا را به حالت اولش برپا داشته، آن رامحکم ساختند.۱۳
14 जब सारा काम खत्म हो गया, वे बाकी रह गई राशि राजा और यहोयादा के सामने ले आए. इन बाकी की चांदी की मुद्राओं से उन्होंने याहवेह के भवन के प्रयोग के लिए बर्तन बना लिए; होमबलि के लिए इस्तेमाल, सोने और चांदी के बर्तन. यहोइयादा के पौरोहित्यकाल में याहवेह के भवन में नियमित रूप से होमबलि चढ़ाई जाती रही.
و چون آن را تمام کرده بودند، بقیه نقره را نزد پادشاه و یهویاداع آوردند و از آن برای خانه خداوند اسباب یعنی آلات خدمت وآلات قربانی‌ها و قاشقها و ظروف طلا و نقره ساختند، و در تمامی روزهای یهویاداع، قربانی های سوختنی دائم در خانه خداوندمی گذرانیدند.۱۴
15 जब यहोयादा पूरे बुढ़ापे को पहुंचा, उसकी मृत्यु हो गई. मृत्यु के समय उसकी अवस्था एक सौ तीस साल की थी.
اما یهویاداع پیر و سالخورده شده، بمرد وحین وفاتش صد و سی ساله بود.۱۵
16 उन्होंने उसे दावीद के नगर में राजाओं के मध्य में भूमिस्थ किया, क्योंकि इस्राएल में, परमेश्वर के लिए और परमेश्वर के भवन में उनका उत्तम योगदान रहा था.
و او را درشهر داود با پادشاهان دفن کردند، زیرا که دراسرائیل هم برای خدا و هم برای خانه او نیکویی کرده بود.۱۶
17 यहोयादा की मृत्यु के बाद यहूदिया के अधिकारी आकर राजा के प्रति अपना झूठा लगाव दिखाने लगे और राजा उनकी सुनने भी लगा.
و بعد از وفات یهویاداع، سروران یهوداآمدند و پادشاه را تعظیم نمودند و پادشاه در آن وقت به ایشان گوش گرفت.۱۷
18 उन्होंने याहवेह अपने पूर्वजों के परमेश्वर के भवन को त्याग दिया. वे अशेरा देवी और मूर्तियों की आराधना करने लगे. उनके इस दोष का परिणाम यह हुआ कि यहूदिया और येरूशलेम क्रोध के भागी बन गए.
و ایشان خانه یهوه خدای پدران خود را ترک کرده، اشیریم و بتها راعبادت نمودند، و به‌سبب این عصیان ایشان، خشم بر یهودا و اورشلیم افروخته شد.۱۸
19 फिर भी याहवेह ने उनके लिए भविष्यद्वक्ता भेजे कि वे दोबारा याहवेह की ओर हो जाएं. ये भविष्यद्वक्ता उन्हें धिक्कारते रहे, फिर भी वे भविष्यवक्ताओं के संदेश का इनकार ही करते रहे.
و اوانبیاء نزد ایشان فرستاد تا ایشان را به سوی یهوه برگردانند و ایشان آنها را شهادت دادند، اما ایشان گوش نگرفتند.۱۹
20 तब परमेश्वर के आत्मा पुरोहित यहोयादा के पुत्र ज़करयाह पर उतरे. उसने लोगों के सामने खड़े होकर यह घोषणा की, “यह परमेश्वर ने कहा है: ‘तुम लोग क्यों याहवेह के आदेशों को ठुकरा रहे हो कि अब तुम्हारी समृद्धि में व्यवधान उत्पन्‍न हो गया है? याहवेह ने तुम्हें त्याग दिया है क्योंकि तुमने उनका त्याग किया है.’”
پس روح خدا زکریا ابن یهویاداع کاهن راملبس ساخت و او بالای قوم ایستاده، به ایشان گفت: «خدا چنین می‌فرماید: شما چرا از اوامریهوه تجاوز می‌نمایید؟ پس کامیاب نخواهیدشد. چونکه خداوند را ترک نموده‌اید، او شما راترک نموده است.»۲۰
21 इसके कारण उन्होंने ज़करयाह के विरुद्ध षड़्‍यंत्र गढ़ा और राजा के आदेश पर उन्होंने याहवेह के भवन के परिसर में पथराव के द्वारा उसे घात कर दिया.
و ایشان بر او توطئه نموده، او را به حکم پادشاه در صحن خانه خداوندسنگسار کردند.۲۱
22 राजा योआश ने उस कृपा को भुला दिया जो ज़करयाह के पिता यहोयादा ने उस पर दिखाई थी, और उसने उसके पुत्र की हत्या कर दी. मृत्यु के पहले ज़करयाह के ये शब्द थे “याहवेह इस ओर ध्यान दें और इसका बदला लें.”
پس یوآش پادشاه احسانی را که پدرش یهویاداع، به وی نموده بود، بیاد نیاورد، بلکه پسرش را به قتل رسانید. و چون او می‌مرد، گفت: «خداوند این را ببیند و بازخواست نماید.»۲۲
23 साल समाप्‍त होते-होते अरामी सेना ने योआश पर हमला कर दिया. वे यहूदिया में आ गए, येरूशलेम पहुंचे और लोगों के बीच से प्रजा के सभी शासकों का वध कर दिया और उनकी समस्त लूट की सामग्री दमेशेक के राजा के पास भेज दी.
و در وقت تحویل سال، لشکر ارامیان به ضد وی برآمده، به یهودا و اورشلیم داخل شده، جمیع سروران قوم را از میان قوم هلاک ساختند، و تمامی غنیمت ایشان را نزد پادشاه دمشق فرستادند.۲۳
24 यद्यपि अरामी सेना में सैनिक कम संख्या में ही थे, याहवेह ने बड़ी विशाल संख्या की सेना उनके अधीन कर दी, क्योंकि यहूदिया ने याहवेह, अपने पूर्वजों के परमेश्वर का त्याग कर दिया था. उनके द्वारा योआश पर याहवेह द्वारा दिया दंड था.
زیرا که لشکر ارام با جمعیت کمی آمدند و خداوند لشکر بسیار عظیمی به‌دست ایشان تسلیم نمود، چونکه یهوه خدای پدران خود را ترک کرده بودند، پس بر یوآش قصاص نمودند.۲۴
25 जब अरामी सैनिक योआश को बहुत ही घायल अवस्था में छोड़कर चले गए, योआश ही के सेवकों ने उसके विरुद्ध षड़्‍यंत्र रचा और उसकी उसी के बिछौने पर हत्या कर दी. यह पुरोहित यहोयादा के पुत्र की हत्या का प्रतिफल था. योआश की मृत्यु हो गई और उसे दावीद के नगर में गाड़ा गया. उन्होंने उसे राजाओं के लिए ठहराई गई कब्र में नहीं रखा.
و چون از نزد او رفتند (زیرا که او را درمرضهای سخت واگذاشتند)، بندگانش به‌سبب خون پسران یهویاداع کاهن، براو فتنه انگیخته، اورا بر بسترش کشتند. و چون مرد، او را در شهرداود دفن کردند، اما او را در مقبره پادشاهان دفن نکردند.۲۵
26 जिन्होंने उसके विरुद्ध षड़्‍यंत्र रचा था, उनके नाम है अम्मोनी शिमियथ का पुत्र ज़ाबाद और मोआबी शिमरिथ का पुत्र योज़ाबाद.
و آنانی که بر او فتنه انگیختند، اینانند: زاباد، پسر شمعه عمونیه و یهوزاباد، پسرشمریت موآبیه.۲۶
27 उसके पुत्रों का ब्यौरा और उसके विरुद्ध की गई अनेक भविष्यवाणियों का उल्लेख और परमेश्वर के भवन की मरम्मत का उल्लेख राजाओं का जीवन वृत्तांत पुस्तक में वर्णित है. उसके स्थान पर उसका पुत्र अमाज़्याह राजा हो गया.
و اما حکایت پسرانش وعظمت وحی که بر او نازل شد و تعمیر خانه خدا، اینک در مدرس تواریخ پادشاهان مکتوب است، و پسرش امصیا در جایش پادشاه شد.۲۷

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