< 2 इतिहास 22 >
1 येरूशलेम वासियों ने यहोराम के छोटे पुत्र अहज़्याह को उसके स्थान पर राजा अभिषिक्त किया; क्योंकि वह दल, जो अरब शिविर में ठहरा हुआ था, उसने उसके सभी बड़े पुत्रों की हत्या कर दी थी. तब राजा यहोराम का पुत्र अहज़्याह ने शासन शुरू किया.
যেহেতু আরবীয়দের সাথে যে আক্রমণকারীরা সৈন্যশিবিরে এসেছিল, তারা যিহোরামের সব বড়ো ছেলেদের হত্যা করল, তাই জেরুশালেমের লোকজন যিহোরামের ছোটো ছেলে অহসিয়কে রাজারূপে তাঁর স্থলাভিষিক্ত করল। কাজেই যিহূদার রাজা যিহোরামের ছেলে অহসিয় রাজত্ব করতে শুরু করলেন।
2 जब अहज़्याह ने शासन शुरू किया, उसकी उम्र बाईस साल थी. उसने येरूशलेम में एक साल राज्य किया. उसकी माता का नाम अथालियाह था. वह इस्राएल के राजा ओमरी की पोती थी.
অহসিয় বাইশ বছর বয়সে রাজা হলেন, এবং জেরুশালেমে তিনি এক বছর রাজত্ব করলেন। তাঁর মায়ের নাম অথলিয়া, তিনি অম্রির নাতনি ছিলেন।
3 अहज़्याह भी अहाब की नीतियों का अनुसरण करता रहा, क्योंकि बुराई में उसकी सलाहकार थी उसकी माता.
অহসিয়ও আহাব বংশের পথেই চলতেন, কারণ তাঁর মা তাঁকে মন্দ কাজ করতে উৎসাহ দিতেন।
4 उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा था, अहाब के परिवार के समान, क्योंकि उसके पिता की मृत्यु के बाद ऐसी उसकी सलाह थी, जिसका परिणाम था सर्वनाश.
তিনিও আহাব বংশের মতো সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যা যা মন্দ, তাই করতেন, কারণ তাঁর বাবার মৃত্যুর পর, তাঁর বিনাশার্থে তারাই তাঁর পরামর্শদাতা হল।
5 अहज़्याह भी इस्राएल की सलाह का अनुसरण करता रहा. वह इस्राएल के राजा अहाब के पुत्र योराम के साथ मिलकर अराम के राजा हाज़ाएल के विरुद्ध युद्ध के लिए रामोथ-गिलआद में युद्ध-भूमि में उतर पड़े. मगर अरामियों ने योराम को घायल कर दिया.
রামোৎ-গিলিয়দে অরামের রাজা হসায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধযাত্রায় ইস্রায়েলের রাজা আহাবের ছেলে যোরামের সঙ্গ দেওয়ার সময়েও তিনি তাদের পরামর্শ মতোই কাজ করলেন। অরামীয়রা যোরামকে ক্ষতবিক্ষত করল;
6 रामाह में अराम के राजा हाज़ाएल से युद्ध करते हुए राजा योराम को जो घाव लगे थे, उनसे स्वस्थ होने के लिए वह येज़्रील को लौट गया. यहूदिया के राजा यहोराम का पुत्र अहज़्याह अहाब के पुत्र योराम की स्थिति को देखने येज़्रील गया क्योंकि योराम बीमार था.
তাই রামোৎ-এ অরামের রাজা হসায়েলের সাথে যুদ্ধ করার সময় তারা তাঁকে যে আঘাত করেছিল, সেই যন্ত্রণার ক্ষত সারিয়ে তোলার জন্য তিনি যিষ্রিয়েলে ফিরে এলেন। পরে যিহূদার রাজা যিহোরামের ছেলে অহসিয় আহাবের ছেলে যোরামকে দেখতে যিষ্রিয়েলে নেমে গেলেন, কারণ তিনি আহত অবস্থায় পড়েছিলেন।
7 अहज़्याह का विनाश परमेश्वर ही के द्वारा पहले से ही तय किया गया था, इसलिये वह यहोराम से भेंट करने गया, फिर वहां पहुंचने पर वह योराम के साथ निमशी के पुत्र येहू से भेंट करने चला गया. येहू, जिसे याहवेह ने अहाब के वंश का विनाश करने के लिए ठहराया था.
অহসিয় যোরামকে দেখতে গেলেন বলেই ঈশ্বর অহসিয়ের পতন ঘটিয়েছিলেন। অহসিয় সেখানে পৌঁছানোর পর, তিনি যোরামকে সাথে নিয়ে নিমশির ছেলে সেই যেহূর সাথে দেখা করতে গেলেন, যাঁকে সদাপ্রভু আহাবের বংশ ধ্বংস করার জন্য অভিষিক্ত করে রেখেছিলেন।
8 जब येहू राजा अहाब के वंश पर परमेश्वर द्वारा ठहराए गए दंड दे रहा था, उसकी भेंट उन यहूदी अधिकारियों से हो गई. इनमें अहज़्याह के भाइयों के वे पुत्र भी थे, जो अहज़्याह के सेवक भी थे. येहू ने इन सभी की हत्या कर दी.
যেহূ যখন আহাবের বংশকে দণ্ড দিচ্ছিলেন, তখন তিনি যিহূদার কয়েকজন কর্মকর্তাকে ও অহসিয়ের আত্মীয়স্বজনের ছেলেদের মধ্যে এমন কয়েকজনকে দেখতে পেয়েছিলেন, যারা অহসিয়ের সেবা করছিল, আর তিনি তাদের হত্যা করলেন।
9 उसने अहज़्याह की खोज की और उसे शमरिया में जा पकड़ा, जहां वह जा छिपा था. वे उसे येहू के सामने लाए. वहीं उन्होंने उसका वध किया और उसे गाड़ दिया. क्योंकि वे याद कर रहे थे कि वह यहोशाफ़ात का पोता है, जिसने पूरे हृदय से याहवेह की इच्छा जानने की खोज की थी. अब कोई भी बचा न रहा, जो यहूदिया राज्य के अधिकार को स्थिर रख सके.
পরে যেহূ অহসিয়ের খোঁজে বের হলেন, এবং যখন তিনি শমরিয়ায় লুকিয়ে বসেছিলেন, তখন যেহূর লোকজন তাঁকে ধরে ফেলেছিল। তাঁকে যেহূর কাছে নিয়ে এসে হত্যা করা হল। তারা তাঁকে কবর দিয়েছিল, কারণ তারা বলল, “ইনি সেই যিহোশাফটের এক সন্তান, যিনি মনপ্রাণ ঢেলে দিয়ে সদাপ্রভুর অন্বেষণ করলেন।” অতএব অহসিয়ের বংশে এমন শক্তিশালী আর কেউ ছিল না, যে রাজত্ব পুনরুদ্ধার করতে পারত।
10 जब अहज़्याह की माता को मालूम हुआ कि उसके पुत्र की मृत्यु हो चुकी है, उसने जाकर सारे यहूदिया राजपरिवार को नाश कर दिया.
অহসিয়ের মা অথলিয়া যখন দেখেছিলেন যে তাঁর ছেলে মারা গিয়েছেন, তখন তিনি যিহূদা বংশের গোটা রাজপরিবার ধ্বংস করার জন্য সচেষ্ট হলেন।
11 जब राजा के पुत्रों का संहार किया जा रहा था, राजा की पुत्री येहोशाबेअथ ने अहज़्याह के पुत्र योआश को उसकी धाय के साथ शयनागार में छिपा दिया था. इस प्रकार राजा यहोराम की पुत्री येहोशाबेअथ ने, जो पुरोहित यहोयादा की पत्नी थी, जो अहज़्याह की बहन भी थी, योआश की अथालियाह द्वारा हत्या किए जाने से बचा लिया.
কিন্তু রাজা যিহোরামের মেয়ে যিহোশেবা অহসিয়ের ছেলে যোয়াশকে চুরি করে নিয়ে গিয়ে তাকে সেইসব রাজপুত্রের মধ্যে থেকে আলাদা করে রেখেছিলেন, যারা নিহত হতে যাচ্ছিল। যিহোশেবা যোয়াশকে ও তাঁর ধাইমাকে শোবার ঘরে লুকিয়ে রেখেছিলেন। যেহেতু রাজা যিহোরামের মেয়ে ও যাজক যিহোয়াদার স্ত্রী যিহোশেবা, অহসিয়ের বোন ছিলেন, তাই তিনি শিশুটিকে অথলিয়ার নাগাল এড়িয়ে লুকিয়ে রেখেছিলেন, যেন অথলিয়া তাকে হত্যা করতে না পারেন।
12 जब देश पर अथालियाह शासन कर रही थी, छः साल तक योआश को परमेश्वर के भवन में छिपाए रखा गया.
একদিকে অথলিয়া যখন দেশ শাসন করছিলেন, তখন যোয়াশকে ঈশ্বরের মন্দিরে ছয় বছর তাদের সাথেই লুকিয়ে রাখা হল।