< 2 इतिहास 12 >

1 जब रिहोबोयाम का शासन मजबूत और स्थिर हो गया, उसने और उसके साथ सारे इस्राएल ने याहवेह की व्यवस्था को छोड़ दिया.
Und [1. Kön. 14,21] es geschah, als das Königtum Rehabeams befestigt, und er stark geworden war, verließ er das Gesetz Jehovas, und ganz Israel mit ihm.
2 याहवेह से उनके विश्वासघात के कारण, रिहोबोयाम के शासनकाल के पांचवें साल में मिस्र के राजा शिशाक ने बारह सौ रथों और साठ हजार घुड़सवारों को लेकर येरूशलेम पर हमला किया. उसके साथ आए लिबिया के, सुक्किईम के और कूश देशवासी मिस्री सैनिक अनगिनत थे.
Und es geschah im fünften Jahre des Königs Rehabeam, da zog Sisak, der König von Ägypten, mit 1200 Wagen und mit 6000 Reitern wider Jerusalem herauf, weil sie treulos gegen Jehova gehandelt hatten;
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und ohne Zahl war das Volk, welches mit ihm aus Ägypten kam: Libyer, Sukkiter und Äthiopier.
4 शिशाक ने यहूदिया के गढ़ नगरों को अपने अधीन कर लिया और वह येरूशलेम आ पहुंचा.
Und er nahm die festen Städte ein, die Juda gehörten, und kam bis nach Jerusalem.
5 तब भविष्यद्वक्ता शेमायाह रिहोबोयाम और यहूदिया के राजाओं के पास आए, जो इस समय शिशाक के हमले के कारण येरूशलेम में ही इकट्ठा थे. भविष्यद्वक्ता शेमायाह ने उनसे कहा, “यह याहवेह का संदेश है ‘तुमने मुझे छोड़ दिया है इसलिये मैंने भी तुम्हें छोड़कर शिशाक के हाथों में सौंप दिया है.’”
Da kam Schemaja, der Prophet, zu Rehabeam und zu den Obersten von Juda, die sich vor Sisak nach Jerusalem zurückgezogen hatten, und sprach zu ihnen: So spricht Jehova: Ihr habt mich verlassen, so habe auch ich euch der Hand Sisaks überlassen. [Eig. verlassen in]
6 यह सुन इस्राएल के शासकों और राजा ने खुद को नम्र बनाते हुए यह स्वीकार किया, “महान हैं याहवेह.”
Und die Obersten von Israel und der König demütigten sich und sprachen: Jehova ist gerecht!
7 जब याहवेह ने देखा कि वे सब नम्र हो गए हैं, शेमायाह को याहवेह का यह संदेश मिला: “उन्होंने अपने आपको नम्र बना लिया है, इसलिये अब मैं उन्हें नाश होने न दूंगा; मैं उन्हें एक हद्द तक छुड़ौती दूंगा. अब शिशाक द्वारा मेरा क्रोध येरूशलेम पर उंडेला न जाएगा.
Und als Jehova sah, daß sie sich gedemütigt hatten, geschah das Wort Jehovas zu Schemaja also: Sie haben sich gedemütigt: ich will sie nicht verderben, und will ihnen ein wenig [And.: in kurzem, oder: für eine kurze Zeit] Errettung geben, und mein Grimm soll sich nicht durch Sisak über Jerusalem ergießen.
8 मगर वे शिशाक के दास हो जाएंगे कि वे यह समझ सकें कि मेरी सेवा और अन्य देशों के राज्यों की सेवा में कितना अंतर होता है.”
Doch sollen sie ihm zu Knechten sein, damit sie meinen Dienst kennen lernen und den Dienst der Königreiche der Länder.
9 तब मिस्र के राजा ने येरूशलेम पर हमला किया और याहवेह के भवन के और राजमहल के खजाने को अपने साथ ले गया. वस्तुतः वह अपने साथ सभी कुछ ले गया. यहां तक कि वे सोने की ढालें भी जिनको शलोमोन ने बनवाया था.
Und Sisak, der König von Ägypten, zog wider Jerusalem herauf. Und er nahm die Schätze des Hauses Jehovas weg und die Schätze des Hauses des Königs: alles nahm er weg; und er nahm die goldenen Schilde weg, die Salomo gemacht hatte.
10 तब राजा रिहोबोयाम ने उनकी जगह पर कांसे में गढ़ी गई ढालें वहां रख दीं. इनकी जवाबदारी रिहोबोयाम ने राजघराने के पहरेदारों के प्रधान को सौंप दी.
Und der König Rehabeam machte an ihrer Statt eherne Schilde, und er befahl sie unter die Hand der Obersten der Läufer, die den Eingang des Hauses des Königs bewachten.
11 तब रीति यह बन गई कि जब-जब राजा याहवेह के भवन को जाता था, पहरेदार ये ढालें लेकर चलते थे और राजा के वहां से लौटने पर इन्हें पहरेदारों के कमरों में दोबारा रख दिया जाता था.
Und es geschah: so oft der König in das Haus Jehovas ging, kamen die Läufer und trugen dieselben und brachten sie dann wieder in das Gemach der Läufer zurück.
12 जब रिहोबोयाम ने अपने आपको विनम्र बना लिया, याहवेह का क्रोध शांत हो गया और उसका सर्वनाश नहीं किया गया. इसी समय यहूदिया की कुछ दशा अच्छी भी थी.
Und als er [O. Da er aber] sich demütigte, wandte sich der Zorn Jehovas von ihm ab, so daß er ihn nicht völlig verderbte; und auch war in Juda noch etwas Gutes.
13 रिहोबोयाम ने राजधानी येरूशलेम में स्वयं को पुनः सुदृढ़ किया, और यहूदिया प्रदेश पर शासन करने लगा. जब रिहोबोयाम ने शासन शुरू किया, उसकी उम्र एकतालीस साल की थी. येरूशलेम में उसने सत्रह साल शासन किया. येरूशलेम वह नगर है, जिसे याहवेह ने सारे इस्राएल में से इसलिये चुना, कि वह इसमें अपनी महिमा करें. उसकी माता का नाम था नामाह जो अम्मोनी थी.
Und der König Rehabeam erstarkte zu Jerusalem und regierte; denn Rehabeam war 41 Jahre alt, als er König wurde, und er regierte siebzehn Jahre zu Jerusalem, der Stadt, die Jehova aus allen Stämmen Israels erwählt hatte, um seinen Namen dahin zu setzen. Und der Name seiner Mutter war Naama, die Ammonitin.
14 जीवन में वह वही सब करता रहा, जो गलत है, क्योंकि उसने अपना हृदय याहवेह की इच्छा पता करने की ओर लगाया ही नहीं.
Und er tat, was böse war; denn er richtete sein Herz nicht darauf, Jehova zu suchen.
15 शुरू से अंत तक रिहोबोयाम के कामों का ब्यौरा भविष्यद्वक्ता शेमायाह और दर्शी इद्दो की पुस्तकों में उपलब्ध है, जो वंशावली का हिसाब भी रखते थे. रिहोबोयाम और यरोबोअम हमेशा आपस में युद्ध में ही लगे रहें.
Und die Geschichte Rehabeams, die erste und die letzte, ist sie nicht geschrieben in der Geschichte Schemajas, des Propheten, und Iddos, des Sehers, in den Geschlechtsverzeichnissen? Und die Kriege Rehabeams und Jerobeams währten immerfort.
16 रिहोबोयाम अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए सो गया. उसका अंतिम संस्कार दावीद के नगर में किया गया; उनका पुत्र अबीयाह उसके स्थान पर राजा हो गया.
Und Rehabeam legte sich zu seinen Vätern, und er wurde begraben in der Stadt Davids. Und Abija, sein Sohn, ward König an seiner Statt.

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