< 1 थिस्सलुनीकियों 5 >

1 प्रिय भाई बहनो, इसकी कोई ज़रूरत नहीं कि तुम्हें समयों और कालों के विषय में लिखा जाए,
But of the times and the seasons, brethren, ye have no need that I write to you.
2 तुम्हें यह भली प्रकार मालूम है कि प्रभु के दिन का आगमन ठीक वैसा ही अचानक होगा जैसा रात में एक चोर का.
For yourselves know perfectly that the day of the Lord so cometh as a thief in the night.
3 लोग कह रहे होंगे, “सब कुशल है, कोई संकट है ही नहीं!” उसी समय बिना किसी पहले से जानकारी के उन पर विनाश टूट पड़ेगा—गर्भवती की प्रसव पीड़ा के समान, उनका भाग निकलना असंभव होगा.
For when they shall say, Peace and safety; then sudden destruction cometh upon them, as travail upon a woman with child; and they shall not escape.
4 किंतु तुम, प्रिय भाई बहनो, इस विषय में अंधकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर एकाएक एक चोर के समान अचानक से आ पड़े.
But ye, brethren, are not in darkness, that that day should overtake you as a thief.
5 तुम सभी ज्योति की संतान हो—दिन के वंशज. हम न तो रात के हैं और न अंधकार के,
Ye are all children of light, and children of the day: we are not of the night, nor of darkness.
6 इसलिये हम, बाकियों के समान सोए हुए नहीं परंतु सावधान और व्यवस्थित रहें.
Therefore let us not sleep, as [do] others; but let us watch and be sober.
7 क्योंकि वे, जो सोते हैं, रात में सोते हैं और वे, जो मतवाले होते हैं, रात में ही मतवाले होते हैं.
For they that sleep, sleep in the night; and they that are drunken, are drunken in the night.
8 अब इसलिये कि हम दिन के बने हुए हैं, हम विश्वास और प्रेम का कवच तथा उद्धार की आशा का टोप धारण कर व्यवस्थित हो जाएं.
But let us, who are of the day, be sober, putting on the breast-plate of faith and love; and for a helmet, the hope of salvation.
9 परमेश्वर द्वारा हम क्रोध के लिए नहीं परंतु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा उद्धार पाने के लिए ठहराए गए हैं.
For God hath not appointed us to wrath, but to obtain salvation by our Lord Jesus Christ,
10 जिन्होंने हमारे लिए प्राण त्याग दिया, कि चाहे हम जागते हों या सोते हों, उनके साथ निवास करें.
Who died for us, that, whether we wake or sleep, we should live together with him.
11 इसलिये तुम, जैसा इस समय कर ही रहे हो, एक दूसरे को आपस में प्रोत्साहित तथा उन्‍नत करने में लगे रहो.
Wherefore, comfort yourselves together, and edify one another, even as also ye do.
12 प्रिय भाई बहनो, तुमसे हमारी विनती है कि तुम उनकी सराहना करो, जो तुम्हारे बीच लगन से परिश्रम कर रहे हैं, जो प्रभु में तुम्हारे लिए ज़िम्मेदार हैं तथा तुम्हें शिक्षा देते हैं.
And we beseech you, brethren, to know them who labor among you, and are over you in the Lord, and admonish you;
13 उनके परिश्रम को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रेमपूर्वक ऊंचा सम्मान दो. आपस में मेल-मिलाप बनाए रखो.
And to esteem them very highly in love for their work's sake. [And] be at peace among yourselves.
14 प्रिय भाई बहनो, हम तुमसे विनती करते हैं कि जो बिगड़े हुए हैं, उन्हें फटकार लगाओ; जो डरे हुए हैं, उन्हें ढाढस दो, दुर्बलों की सहायता करो तथा सभी के साथ धीरजवान बने रहो.
Now we exhort you, brethren, warn them that are disorderly, comfort the feeble-minded, support the weak, be patient towards all [men].
15 यह ध्यान रखो कि कोई भी बुराई का बदला बुराई से न लेने पाए किंतु हमेशा वही करने का प्रयास करो, जिसमें पारस्परिक और सभी का भला हो.
See that none render evil for evil to any [man]; but ever follow that which is good, both among yourselves, and to all [men].
16 हमेशा आनंदित रहो,
Rejoice evermore.
17 प्रार्थना लगातार की जाए,
Pray without ceasing.
18 हर एक परिस्थिति में धन्यवाद प्रकट किया जाए; क्योंकि मसीह येशु में तुमसे परमेश्वर की यही आशा है.
In every thing give thanks: for this is the will of God in Christ Jesus concerning you.
19 पवित्र आत्मा को न बुझाओ.
Quench not the spirit.
20 भविष्यवाणियों को तुच्छ न समझो
Despise not prophesyings.
21 परंतु हर एक को सावधानीपूर्वक बारीकी से जांचो तथा उसे, जो अच्छा है, थामे रहो.
Prove all things; hold fast that which is good.
22 बुराई का उसके हर एक रूप में बहिष्कार करो.
Abstain from all appearance of evil.
23 अंततः परमेश्वर, जो शांति के स्रोत हैं, तुम्हें पूरी तरह अपने लिए बुराई से अलग करने तथा तुम्हारी आत्मा, प्राण तथा शरीर को पूरी तरह से हमारे प्रभु येशु मसीह के दोबारा आगमन के अवसर तक निर्दोष रूप में सुरक्षित रखें.
And the very God of peace sanctify you wholly; and [I pray God] your whole spirit and soul and body may be preserved blameless to the coming of our Lord Jesus Christ.
24 सच्चे हैं वह, जिन्होंने तुम्हें बुलाया है. वही इसको पूरा भी करेंगे.
Faithful [is] he that calleth you, who also will do [it].
25 प्रिय भाई बहनो, हमारे लिए प्रार्थना करते रहना.
Brethren, pray for us.
26 पवित्र चुंबन से एक दूसरे को नमस्कार करो.
Greet all the brethren with a holy kiss.
27 प्रभु में हमारी यह आज्ञा है कि यह पत्र सब भाई बहनों के सामने पढ़ा जाए.
I charge you by the Lord that this epistle be read to all the holy brethren.
28 तुम पर हमारे प्रभु येशु मसीह की कृपा बनी रहे.
The grace of our Lord Jesus Christ [be] with you. Amen.

< 1 थिस्सलुनीकियों 5 >