< 1 शमूएल 5 >
1 तब फिलिस्तीनियों ने परमेश्वर के संदूक को छीनकर उसे एबेन-एज़र से अशदोद को ले गए.
A Filistyni wzięli arkę Boga i zanieśli ją z Ebenezer do Aszdodu.
2 उन्होंने परमेश्वर के संदूक को दागोन के मंदिर में ले जाकर उसे देवता के पास ही रख दिया.
Następnie Filistyni wzięli arkę Boga i wprowadzili do świątyni Dagona, i postawili obok Dagona.
3 तड़के, जब अशदोदवासी जागे, उन्होंने देखा कि याहवेह के संदूक के सामने दागोन भूमि पर मुंह के बल पड़ा हुआ था. तब उन्होंने दागोन को उठाकर दोबारा उसके स्थान पर स्थापित कर दिया.
A gdy nazajutrz rano Aszdodyci wstali, oto Dagon leżał twarzą do ziemi przed arką PANA. Podnieśli więc Dagona i postawili go na swoim miejscu.
4 जब वे अगले दिन सुबह उठे, उन्होंने देखा कि दागोन दोबारा याहवेह के संदूक के सामने मुंह के बल भूमि पर पड़ा हुआ था. इसके अलावा दागोन का सिर और उसके दोनों हाथ कटे हुए ड्योढ़ी पर पड़े हुए थे-मुंह के बल उसका धड़ समूचा था.
Gdy [zaś] wstali kolejnego dnia rano, oto Dagon leżał twarzą do ziemi przed arką PANA. Głowa Dagona i obie dłonie jego rąk [leżały] odcięte na progu, z Dagona pozostał tylko [tułów].
5 वही कारण है कि आज तक, न तो दागोन के पुरोहित और न ही कोई भी, जो दागोन के मंदिर में प्रवेश करता है, अशदोद नगर में दागोन के मंदिर की ड्योढ़ी पर पैर नहीं रखता.
Dlatego kapłani Dagona i wszyscy, którzy wchodzą do świątyni Dagona, nie stąpają na progu Dagona w Aszdodzie aż do dziś.
6 याहवेह ने अशदोद नगरवासियों पर प्रबल प्रहार किया. अशदोद तथा अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में लोगों को गिल्टियों से पीड़ित किया.
Lecz ręka PANA zaciążyła nad mieszkańcami Aszdodu i niszczyła ich. Ukarał ich wrzodami – zarówno Aszdod, jak i jego okolice.
7 जब अशदोदवासियों ने स्थिति की विवेचना की, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे, “यह सही नहीं कि इस्राएल के परमेश्वर की मंजूषा हमारे मध्य में रहे, क्योंकि उनके परमेश्वर ने न केवल हम पर, बल्कि हमारे देवता दागोन तक पर प्रहार किया है.”
Gdy więc mieszkańcy Aszdodu zauważyli, co się działo, powiedzieli: Arka Boga Izraela nie może z nami zostać, gdyż jego ręka jest surowa wobec nas i wobec Dagona, naszego boga.
8 इसलिये उन्होंने फिलिस्तीनियों के सभी अगुओं को इकट्ठा किया और उनके सामने इस प्रश्न पर विचार किया गया, “इस्राएल के परमेश्वर के संदूक के विषय में क्या किया जाना सही होगा?” सबने कहा, “इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को गाथ नगर भेज दिया जाना सही होगा.” तो इस्राएल के परमेश्वर के संदूक का स्थान बदलकर गाथ नगर कर दिया गया.
Zwołali więc i zebrali u siebie wszystkich książąt filistyńskich i powiedzieli: Co mamy zrobić z arką Boga Izraela? I odpowiedzieli: Niech arka Boga Izraela zostanie przeniesiona do Gat. I przeniesiono [tam] arkę Boga Izraela.
9 यह होने पर याहवेह ने उस नगर पर भी वार किया. इससे वहां घोर आतंक फैल गया. याहवेह ने उस नगर के हर एक व्यक्ति पर वार किया, तब उन सभी को गिल्टियां निकल आए.
A gdy ją przenieśli, ręka PANA powstała przeciwko miastu i dotknęła je wielkim uciskiem. Pokarała mieszkańców miasta, od najmniejszego do największego, i pojawiły się u nich wrzody w ukrytych [miejscach].
10 तब उन्होंने परमेश्वर के संदूक को एक्रोन नगर भेज दिया, मगर जब परमेश्वर का संदूक एक्रोन नगर पहुंचा, एक्रोन वासी यह चिल्लाने लगे, “हमें मारने के उद्देश्य से इस्राएल के परमेश्वर का संदूक यहां लाया गया है.”
Wysłali więc arkę Boga do Ekronu. A gdy arka Boga przybyła do Ekronu, Ekronici zawołali: Przynieśli do nas arkę Boga Izraela, aby zgładzić nas i nasz lud.
11 तब फिलिस्तीनियों के सभी अगुओं की सभा बुलाई गई और यह प्रस्ताव निकाला गया. “इस्राएल के परमेश्वर का संदूक यहां से बाहर भेज दिया जाए. सही है कि यह उसके निर्धारित स्थान पर जाए, कि यह हमारी और हमारी प्रजा की हत्या न कर सकें.” पूरा नगर मृत्यु के आतंक की चपेट में आ पड़ा था. वहां परमेश्वर उन पर बहुत ही प्रबल प्रहार कर रहे थे.
Dlatego zwołali i zgromadzili wszystkich książąt filistyńskich, i powiedzieli: Odeślijcie arkę Boga Izraela, niech powróci na swoje miejsce, aby nie zabiła nas i naszego ludu. W całym mieście panował bowiem śmiertelny strach i bardzo zaciążyła tam ręka Boga.
12 जिन लोगों की अभी मृत्यु नहीं हुई थी, उनकी देह गिल्टियों से भरी पड़ी थी. नगर की दोहाई स्वर्ग तक जा पहुंची.
A mieszkańcy, którzy nie umarli, byli dotknięci wrzodami. I krzyk miasta wznosił się ku niebu.