< 1 राजा 1 >

1 राजा दावीद अब बहुत बूढ़े हो चुके थे. उन्हें ओढ़ाया अवश्य जाता, था मगर कपड़े उनके शरीर को गर्म नहीं रख पा रहे थे.
দায়ূদ রাজা বৃদ্ধ ও তাঁর অনেক বয়স হয়েছিল। লোকেরা তাঁর শরীরে অনেক কাপড় দিয়ে ঢেকে দিলেও তা আর গরম হত না।
2 इसलिये उनके सेवकों ने उन्हें सलाह दी, “महाराज, हमारे स्वामी के लिए एक जवान लड़की की खोज की जाए, वह महाराज की सेवा करे और उनके सामने ही रहे. वही आपकी गोद में सोया करे, कि महाराज, हमारे स्वामी की देह गर्म रह सके.”
সেইজন্য তাঁর কর্মচারীরা তাঁকে বলল, “আমাদের প্রভু মহারাজের জন্য আমরা একজন যুবতী কুমারী মেয়ের খোঁজ করি। সে রাজার কাছে থেকে তাঁর সেবা যত্ন করুক। আমাদের প্রভু মহারাজের শরীর যাতে গরম হয়, সেইজন্য সে তাঁর বুকের ওপরে শুয়ে থাকুক।”
3 तब उन्होंने पूरे इस्राएल में एक सुंदर लड़की को खोजना शुरू कर दिया. उन्हें शुनाम देश में ऐसी लड़की मिल गई, जिसका नाम था अबीशाग. वे उसे राजा के सामने ले आए.
তাতে তারা গোটা ইস্রায়েল দেশে একটা সুন্দরী মেয়ের খোঁজ করতে লাগল। পরে তারা শূনেমীয়া অবীশগকে পেল এবং তাকে রাজার কাছে নিয়ে গেল।
4 यह जवान लड़की बहुत ही सुंदर थी. उसे राजा की सेविका बना दिया गया, वह उनकी सेवा करने में लग गई; मगर राजा ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए.
সেই মেয়েটি খুব সুন্দরী ছিল। সে রাজার কাছে থেকে তাঁর সেবা যত্ন করতে লাগল, কিন্তু রাজা তার সঙ্গে শারীরিক সম্পর্কে মিলিত হলেন না।
5 उसी समय हेग्गीथ के पुत्र अदोनियाह ने अपने आपको ऊंचा उठाते हुए यह घोषणा की: “अगला राजा मैं हूं.” उसने अपने लिए रथ और घुड़सवार भी तैयार कर लिए और अपने आगे-आगे दौड़ने के लिए पचास सैनिक भी.
দায়ূদের স্ত্রী হগীতের ছেলে আদোনিয় গর্ব করে বলতে লাগল, “আমিই রাজা হব।” এই বলে সে কতগুলো রথ ও ঘোড়সওয়ার ও তার আগে আগে যাবার জন্য পঞ্চাশজন লোকও নিযুক্ত করল।
6 उसके पिता ने उससे यह प्रश्न करते हुए कभी नहीं रोका: “तुमने ऐसा क्यों किया है?” अदोनियाह एक सुंदर युवक था. उसका जन्म अबशालोम के ठीक बाद ही हुआ था.
তার বাবা কোনো কাজে তাকে কখনও বাধা দেন নি, বলেন নি, “কেন তুমি এই কাজ করেছ?” আদোনিয় দেখতে সুন্দর ছিল; তার জন্ম হয়েছিল অবশালোমের পরে।
7 अदोनियाह ने जाकर ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब और पुरोहित अबीयाथर से मिलकर बातचीत की. उन्होंने अदोनियाह की तरफ होकर उसकी सहायता भी की.
সরূয়ার ছেলে যোয়াব ও যাজক অবিয়াথরের সঙ্গে আদোনিয় পরামর্শ করল, আর তারাও তার পক্ষ হয়ে তাকে সাহায্য করল।
8 मगर पुरोहित सादोक, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह, भविष्यद्वक्ता नाथान, शिमेई, रेइ और दावीद के वीर योद्धाओं ने अदोनियाह को समर्थन नहीं दिया.
কিন্তু যাজক সাদোক যিহোয়াদার ছেলে বনায়, ভাববাদী নাথন, শিমিয়ি, রেয়ি এবং দায়ূদের বীর যোদ্ধারা আদোনিয়ের পক্ষে যোগ দিল না।
9 अदोनियाह ने एन-रोगेल नामक स्थान पर जाकर ज़ोहेलेथ नामक चट्टान के पास भेड़ों, बैलों और हष्ट-पुष्ट पशुओं की बलि चढ़ाई. इस मौके पर उसने अपने सभी भाइयों—राजकुमारों और यहूदिया के राजकीय अधिकारियों को तो आमंत्रित किया था,
ঐন্‌ রোগেলের পাশে সোহেলৎ পাথরের কাছে আদোনিয় কতগুলো ভেড়া, ষাঁড় এবং মোটাসোটা বাছুর বলিদান করে তার সব ভাইদের, রাজার ছেলেদের ও যিহূদার সমস্ত রাজকর্মচারীদের নিমন্ত্রণ করল।
10 मगर उसने इस मौके पर न तो भविष्यद्वक्ता नाथान को, न तो बेनाइयाह को न अपने भाई शलोमोन को और न किसी वीर योद्धा को आमंत्रित किया.
১০কিন্তু সে ভাববাদী নাথন, বনায়, দায়ূদের বীর যোদ্ধাদের আর তার ভাই শলোমনকে নিমন্ত্রণ করল না।
11 नाथान ने शलोमोन की माता बैथशेबा से कहा, “क्या तुमने सुना नहीं कि हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह राजा बन गया है, और दावीद हमारे स्वामी इससे अनजान हैं?”
১১তখন নাথন শলোমনের মা বৎশেবাকে বলল, “আমাদের মনিব দায়ূদের অজান্তে হগীতের ছেলে আদোনিয় যে রাজা হয়েছে তা কি আপনি শোনেন নি?
12 इसलिये अब मेरी सलाह सुनो, कि तुम अपना और अपने पुत्र शलोमोन का जीवन सुरक्षित रख सको:
১২আপনি কেমন করে আপনার নিজের ও আপনার ছেলে শলোমনের প্রাণ রক্ষা করতে পারবেন, আমি এখন আপনাকে সেই পরামর্শ দিচ্ছি।
13 इसी समय राजा दावीद से जाकर कहो, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या आपने अपनी दासी से यह शपथ न ली थी, ‘मेरे बाद तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही राजा बनेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा? तो फिर अदोनियाह राजा कैसे बन बैठा?’
১৩আপনি এখনই রাজা দায়ূদের কাছে গিয়ে বলুন, ‘আমার প্রভু মহারাজ, আপনার দাসীর কাছে কি আপনি এই বলে প্রতিজ্ঞা করেন নি যে, আপনার পরে নিশ্চয়ই আপনার ছেলে শলোমনই রাজা হবে এবং সেই আপনার সিংহাসনে বসবে? তাহলে কেন আদোনিয় রাজা হয়েছে?’
14 जब तुम राजा से बातचीत कर ही रही होगी, मैं वहां तुम्हारे पीछे-पीछे आ जाऊंगा और तुम्हारी बातों में हामी भरूंगा.”
১৪আপনি যখন রাজার সঙ্গে কথা বলতে থাকবেন তখন আমিও সেখানে গিয়ে আপনার কথায় সায় দেব।”
15 तब बैथशेबा राजा के कमरे में गई. राजा बहुत ही बूढ़े हो चुके थे और शूनामी अबीशाग उनकी सेवा में लगी थी.
১৫পরে বৎশেবা রাজার ঘরে গেলেন। সেই দিন রাজা খুব বুড়ো হয়ে গিয়েছিলেন এবং শূনেমীয়া অবীশগ তাঁর দেখাশোনা করছিল।
16 बैथशेबा ने झुककर राजा को नमस्कार किया. राजा ने उससे पूछा, “क्या चाहती हो तुम?”
১৬বৎশেবা রাজার সামনে উপুড় হয়ে প্রণাম করলেন। রাজা জিজ্ঞাসা করলেন, “তুমি কি চাও?”
17 बैथशेबा ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरे स्वामी, आपने अपनी सेविका से याहवेह, आपके परमेश्वर की शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे राज सिंहासन पर बैठेगा.’
১৭বৎশেবা তাঁকে বললেন, “হে আমার প্রভু, আপনি নিজেই আপনার ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে শপথ করে আপনার এই দাসীকে বলেছিলেন যে, আমার পরে তোমার ছেলে শলোমন রাজত্ব করবে, সেই আমার সিংহাসনে বসবে।
18 अब देखिए, अदोनियाह राजा बन बैठा है, जबकि महाराज, मेरे स्वामी, आपको इसके बारे में पता ही नहीं है.
১৮এখন, দেখুন, আদোনিয় রাজা হয়েছে আর আপনি, আমার প্রভু মহারাজ, এই বিষয়ে কিছুই জানেন না।
19 अदोनियाह ने बड़ी संख्या में बैलों, हष्ट-पुष्ट पशुओं और भेड़ों की बलि चढ़ाई है, और उसने राजा के सभी पुत्रों को पुरोहित अबीयाथर और सेनापति योआब को भी बुलाया है, मगर आपके सेवक शलोमोन को इसके लिए नहीं बुलाया गया है.
১৯সে অনেক গরু, মোটাসোটা বাছুর ও ভেড়া উৎসর্গ করেছে এবং রাজার সব ছেলেদের, যাজক অবিয়াথরকে ও সেনাপতি যোয়াবকে নিমন্ত্রণ করেছে, কিন্তু আপনার দাস শলোমনকে সে নিমন্ত্রণ করে নি।
20 महाराज, मेरे स्वामी, इस समय सारे इस्राएल की नज़रें आप पर लगी हैं, कि आप यह घोषणा करें कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद कौन सिंहासन पर बैठेगा.
২০হে আমার প্রভু মহারাজ, সমস্ত ইস্রায়েলের চোখ আপনার উপর রয়েছে। তারা আপনার কাছ থেকে জানতে চায় আপনার পরে কে আমার প্রভু মহারাজের সিংহাসনে বসবে।
21 नहीं तो यही होगा कि जैसे ही आप मेरे स्वामी हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिलेंगे, मुझे और मेरे पुत्र शलोमोन को अपराधी घोषित कर दिया जाएगा.”
২১তা না হলে যখনই আমার মালিক মহারাজ তাঁর পূর্বপুরুষদের ন্যায় চলে যাবেন তখনই আমাকে ও আমার ছেলে শলোমনকে দোষী বলে ধরা হবে।”
22 बैथशेबा राजा से यह बातें कर ही रही थी, कि भविष्यद्वक्ता नाथान वहां आ गए.
২২রাজার সঙ্গে বৎশেবার কথা শেষ হতে না হতেই ভাববাদী নাথন সেখানে উপস্থিত হলেন।
23 उन्हें बताया गया, “भविष्यद्वक्ता नाथान आए हैं.” जब भविष्यद्वक्ता नाथान राजा के सामने पहुंचे, उन्होंने राजा को दंडवत किया.
২৩তখন কেউ একজন রাজাকে বলল, “ভাববাদী নাথন এখানে এসেছেন।” তখন সে রাজার সামনে গিয়ে মাটিতে উপুড় হয়ে তাঁকে প্রণাম জানালেন।
24 इसके बाद नाथान ने कहा, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या यह आपकी घोषणा है ‘मेरे बाद अदोनियाह राज करेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा?’
২৪তারপর নাথান রাজাকে বললেন, “হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি কি ঘোষণা করেছেন যে, আপনার পরে আদোনিয় রাজা হবে, আর সেই আপনার সিংহাসনে বসবে?
25 क्योंकि आज उसने जाकर बैल, हष्ट-पुष्ट पशु और बड़ी मात्रा में भेड़ों की बलि चढ़ाई है. इस मौके पर उसने सभी राजकुमारों, सेनापतियों और पुरोहित अबीयाथर को भी आमंत्रित किया है. ये सभी इस समय उसकी उपस्थिति में यह कहते हुए खुशी मना रहे है. ‘अदोनियाह सदा जीवित रहे!’
২৫সে তো আজ গিয়ে অনেক ষাঁড়, মোটাসোটা বাছুর এবং ভেড়া বলিদান করে রাজার সব ছেলেদের, সেনাপতিদের এবং পুরোহিত অবিয়াথরকে নিমন্ত্রণ করেছে। এখন তারা তার সঙ্গে খাওয়া দাওয়া করছে আর বলছে, ‘রাজা আদোনিয় চিরজীবী হোন।’
26 मगर अदोनियाह ने मुझे, हां मुझे, आपके सेवक को, पुरोहित सादोक को, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और आपके सेवक शलोमोन को नहीं बुलाया है.
২৬আপনার দাস আমাকে, যাজক সাদোককে, যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে এবং আপনার দাস শলোমনকে সে নিমন্ত্রণ করে নি।
27 क्या, यह सब महाराज, मेरे स्वामी द्वारा किया गया है, और आपने अपने इन सेवकों को इस बात की सूचना देना सही न समझा, कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद उनके सिंहासन पर कौन बैठेगा?”
২৭আমার প্রভু মহারাজের পরে কে সিংহাসনে বসবে তা কি আমার প্রভু মহারাজ তাঁর দাসদের না জানিয়েই ঠিক করেছেন?” শলোমন রাজা হলেন
28 जब राजा दावीद ने यह सुना, उन्होंने आदेश दिया, “मेरे सामने बैथशेबा को बुलाया जाए.” बैथशेबा आकर राजा के सामने खड़ी हो गई.
২৮তখন রাজা দায়ূদ বললেন, “বৎশেবাকে আমার কাছে ডাক।” তাতে বৎশেবা রাজার সামনে গিয়ে দাঁড়ালেন।
29 राजा ने यह शपथ लेते हुए कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने मुझे हर एक मुसीबत में से निकाला है,
২৯রাজা তখন শপথ করে বললেন, “যিনি আমাকে সমস্ত বিপদ থেকে উদ্ধার করেছেন, সেই জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি যে,
30 मैंने इस्राएल के परमेश्वर, याहवेह के सामने जो शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन मेरे बाद राजा होगा और वही मेरी जगह पर मेरे सिंहासन पर बैठेगा,’ मैं आज ठीक यही पूरा करूंगा.”
৩০ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে যে শপথ আমি তোমার কাছে করেছিলাম আজ আমি নিশ্চয়ই তা পালন করব। তোমার ছেলে শলোমন আমার পরে রাজা হবে আর সেই আমার জায়গায় সিংহাসনে বসবে।”
31 यह सुन बैथशेबा ने झुककर राजा को दंडवत करते हुए कहा, “राजा दावीद, मेरे स्वामी, सदा जीवित रहें.”
৩১তখন বৎশেবা মাটিতে উপুড় হয়ে প্রণাম করে রাজাকে বললেন, “আমার প্রভু মহারাজ দায়ূদ চিরজীবী হোন।”
32 राजा दावीद ने आदेश दिया, “पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान और यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को मेरे सामने बुलाया जाए.” जब वे राजा के सामने आए,
৩২রাজা দায়ূদ বললেন, “যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন এবং যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে আমার কাছে ডেকে আন।” তাঁরা রাজার কাছে আসলেন।
33 राजा ने उन्हें आदेश दिया, “मेरे पुत्र शलोमोन को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाकर उसे अपने स्वामी के सेवकों के साथ लेकर गीहोन चले जाओ.
৩৩রাজা তাঁদের বললেন, “আপনারা আমার দাসদেরকে সঙ্গে নিন এবং আমার ছেলে শলোমনকে আমার নিজের খচ্চরে বসিয়ে তাকে নিয়ে গীহোন উপত্যকায় নেমে যান।
34 वहां पहुंचकर पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान इस्राएल का राजा होने के लिए शलोमोन को अभिषेक करें. इसके बाद नरसिंग फूंकने के साथ यह घोषणा की जाए. ‘राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!’
৩৪যাজক সাদোক ও ভাববাদী নাথন সেখানে তাকে ইস্রায়েলের রাজা হিসাবে অভিষেক করুন। তারপর আপনারা তূরী বাজিয়ে চিৎকার করে বলুন, ‘রাজা শলোমন চিরজীবী হোন।’
35 आप सभी इसके बाद शलोमोन के पीछे-पीछे आएं. तब वह यहां आकर मेरे राज सिंहासन पर बैठे कि वह मेरे बाद मेरी जगह पर राजा हो जाए; क्योंकि खुद मैंने उसे यहूदिया और इस्राएल पर राजा बनाया है.”
৩৫এর পর আপনারা তার পিছনে পিছনে ফিরে আসবেন। সে এসে আমার সিংহাসনে বসবে এবং আমার জায়গায় রাজত্ব করবে। আমি তাকে ইস্রায়েল ও যিহূদার শাসনকর্ত্তা নিযুক্ত করলাম।”
36 यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने राजा से कहा, “आमेन! महाराज, मेरे स्वामी के परमेश्वर, याहवेह भी ऐसा ही कहें.
৩৬তখন যিহোয়াদার ছেলে বনায় রাজাকে বললেন, “আমেন। আমাদের প্রভু মহারাজের ঈশ্বর সদাপ্রভু তাই করুন।
37 जिस प्रकार याहवेह महाराज, मेरे स्वामी के साथ साथ रहे हैं, उसी प्रकार वह शलोमोन के साथ साथ बने रहें, और उसके सिंहासन को मेरे स्वामी, राजा दावीद के सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.”
৩৭সদাপ্রভু যেমন আমার প্রভু মহারাজের সঙ্গে থেকেছেন তেমনি শলোমনের সঙ্গেও থাকুন এবং আমার প্রভু রাজা দায়ূদের রাজ্যের চেয়েও তাঁর রাজ্য আরও বড় করুন!”
38 तब पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर बैठाकर उसे गीहोन ले गए.
৩৮তখন যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন, যিহোয়াদার ছেলে বনায়, করেথীয় ও পলেথীয়েরা গিয়ে শলোমনকে রাজা দায়ূদের খচ্চরে বসিয়ে গীহোনে নিয়ে গেলেন।
39 वहां पुरोहित सादोक ने मिलनवाले तंबू से लाए हुए सींग के तेल से शलोमोन का अभिषेक किया. तब उन्होंने नरसिंगा फूंका और सभी ने एक आवाज में यह नारे लगाए: “राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!”
৩৯যাজক সাদোক পবিত্র তাঁবু থেকে তেলের শিঙ্গাটা নিয়ে এসে শলোমনকে অভিষেক করলেন। তারপর তাঁরা তূরী বাজালেন এবং সমস্ত লোকেরা চিৎকার করে বলল, “রাজা শলোমন চিরজীবী হোন।”
40 तब सारी भीड़ बड़े ही आनंद में बांसुरी बजाते हुए राजा के पीछे-पीछे चलने लगी. इतनी तेज थी उनकी आवाज कि इससे धरती डोल उठी!
৪০তারপর সমস্ত লোক বাঁশী বাজাতে বাজাতে এবং খুব আনন্দ করতে করতে শলোমনের পিছনে পিছনে ফিরে আসল। তারা এমনভাবে আনন্দ করল যে, তার শব্দে পৃথিবী কেঁপে উঠল।
41 यह आवाज अदोनियाह और उसके सभी अतिथियों ने भी सुनी. इस समय वे अपना भोजन खत्म कर ही रहे थे. जैसे ही योआब ने नरसिंगे की आवाज सुनी, वह पूछने लगा, “नगर में इस चिल्लाहट का कारण क्या है?”
৪১সেই দিন আদোনিয় ও সমস্ত নিমন্ত্রিত লোকেরা খাওয়ার শেষের দিকে সেই শব্দ শুনল। তূরীর আওয়াজ শুনে যোয়াব জিজ্ঞাসা করল, “শহরে এই সব গোলমাল হচ্ছে কেন?”
42 वह यह पूछताछ कर ही रहा था, कि पुरोहित अबीयाथर का पुत्र योनातन वहां आ पहुंचा. अदोनियाह ने उससे कहा, “यहां आओ तुम भले व्यक्ति हो, इसलिये भला समाचार ही लाए होगे.”
৪২তাঁর কথা শেষ হতে না হতেই যাজক অবিয়াথরের ছেলে যোনাথন সেখানে উপস্থিত হল। আদোনিয় তাকে বলল, “আসুন, আসুন। আপনি তো ভাল লোক, নিশ্চয়ই ভাল সংবাদ এনেছেন।”
43 योनातन ने उसे उत्तर दिया, “नहीं! हमारे स्वामी, महाराज दावीद ने शलोमोन को राजा बना दिया है.
৪৩যোনাথন উত্তর দিল এবং আদোনিয়কে বলল, “আমাদের প্রভু মহারাজ দায়ূদ শলোমনকে রাজা করেছেন।
44 राजा दावीद ने उसे पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी भी उसके साथ भेजे हैं. इसके अलावा उन्होंने शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर भी चढ़ा दिया है.
৪৪রাজা তাঁর সঙ্গে যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন, যিহোয়াদার ছেলে বনায়, করেথীয় ও পলেথীয়দের পাঠিয়েছেন। তাঁরা তাঁকে রাজার খচ্চরের উপর বসিয়েছেন,
45 पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान ने गीहोन में शलोमोन का राजाभिषेक कर दिया है. वे सभी वहां से बड़ी ही खुशी में लौटे हैं. इसलिये नगर में यह आनंद मनाने की आवाज सुनाई दे रही है. यही है वह चिल्लाहट, जो आपने सुनी है.
৪৫আর যাজক সাদোক ও ভাববাদী নাথন গীহোনে তাঁকে রাজপদে অভিষেক করেছেন। সেখান থেকে লোকেরা আনন্দ করতে করতে ফিরে গিয়েছে আর শহরে সেই গোলমালই হচ্ছে। সেই আওয়াজই আপনারা শুনতে পাচ্ছেন।
46 इन सबके अलावा अब शलोमोन राज सिंहासन पर बैठे हैं.
৪৬এছাড়া শলোমন রাজ সিংহাসনেও বসেছেন,
47 वह सब होने के बाद राजा के सेवकों ने जाकर महाराज, हमारे स्वामी को यह कहते हुए बधाईयां दी है ‘परमेश्वर शलोमोन के नाम को आपके नाम से भी अधिक ऊंचा करें, उनके राज सिंहासन को आपके राज सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.’ यह सुन महाराज ने अपने पलंग पर ही दंडवत किया.
৪৭আর রাজার কর্মচারীরা আমাদের মনিব রাজা দায়ূদকে তাদের শুভেচ্ছা জানিয়ে বলেছে, ‘আপনার ঈশ্বর আপনার নামের চেয়েও শলোমনের নাম মহান করুন এবং আপনার রাজ্যের চেয়েও তাঁর রাজ্য আরও বড় করুন।’ তখন রাজা বিছানার ওপরেই নত হলেন।
48 साथ ही राजा ने यह भी कहा, ‘धन्य हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, जिन्होंने आज किसी को मेरे सिंहासन पर बैठने के लिए चुना है, और उसे खुद मेरी आंखों ने देख लिया है.’”
৪৮রাজা আরো বললেন, ‘ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর গৌরব হোক। আমার সিংহাসনের অধিকারীকে আজ তিনি আমাকে দেখতে দিলেন।’”
49 यह सुन अदोनियाह के सभी अतिथि बहुत ही डर गए. वे सभी उसी समय उठकर अपने-अपने रास्ते पर निकल गए.
৪৯এই কথা শুনে আদোনিয়ের নিমন্ত্রিত সব লোকেরা খুব ভয় পেল এবং উঠে যে যার পথে চলে গেল।
50 फिर अदोनियाह मन ही मन शलोमोन से डरने लगा; इसलिये उसने तुरंत जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. शलोमोन को इस बात की ख़बर इस प्रकार दी गई:
৫০আদোনিয় শলোমনের ভয়ে উঠে গিয়ে বেদির শিং ধরে থাকল।
51 “सुनिए, सुनिए! अदोनियाह महाराज से डरता है, इसलिये उसने जाकर यह कहते हुए वेदी के सींग थाम लिए हैं, ‘आज महाराज शलोमोन यह शपथ लें, कि वह अपने सेवक को तलवार से नहीं मारेंगे.’”
৫১তখন শলোমনকে কেউ একজন বলল যে, আদোনিয় তাঁর ভয়ে বেদির শিং আঁকড়ে ধরেছে। সে বলেছে, “রাজা শলোমন আজ আমার কাছে শপথ করুন যে, তিনি তাঁর দাসকে মেরে ফেলবেন না।”
52 शलोमोन ने उत्तर दिया, “यदि वह अपने आपको एक अच्छा व्यक्ति साबित करे, उसका ज़रा सा भी नुकसान न होगा; मगर यदि उसमें दुष्टता का अंश भी पाया गया तो उसकी मृत्यु तय है.”
৫২উত্তরে শলোমন বললেন, “সে যদি নিজেকে ভাল লোক হিসাবে দেখাতে পারে তবে তার মাথার একটা চুলও মাটিতে পড়বে না; কিন্তু যদি তার মধ্যে মন্দ কিছু পাওয়া যায় তবে সে মরবে।”
53 राजा शलोमोन ने आदेश दिया कि उसे वेदी से लाकर उनके सामने पेश किया जाए. वह लाया गया, और उसे राजा शलोमोन के सामने पेश किया गया. वह आया और राजा शलोमोन के सामने दंडवत हो गया. राजा शलोमोन ने उसे आदेश दिया, “आप अपने घर को लौट जाइए.”
৫৩এই বলে রাজা শলোমন লোক পাঠিয়ে দিলেন আর তারা গিয়ে আদোনিয়কে বেদী থেকে নিয়ে আসল। আদোনিয় এসে রাজা শলোমনের সামনে মাটিতে উপুড় হয়ে প্রণাম করলো। শলোমন বললেন, “তোমার ঘরে চলে যাও।”

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