< 1 राजा 1 >

1 राजा दावीद अब बहुत बूढ़े हो चुके थे. उन्हें ओढ़ाया अवश्य जाता, था मगर कपड़े उनके शरीर को गर्म नहीं रख पा रहे थे.
وَشَاخَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ. تَقَدَّمَ فِي ٱلْأَيَّامِ. وَكَانُوا يُدَثِّرُونَهُ بِٱلثِّيَابِ فَلَمْ يَدْفَأْ.١
2 इसलिये उनके सेवकों ने उन्हें सलाह दी, “महाराज, हमारे स्वामी के लिए एक जवान लड़की की खोज की जाए, वह महाराज की सेवा करे और उनके सामने ही रहे. वही आपकी गोद में सोया करे, कि महाराज, हमारे स्वामी की देह गर्म रह सके.”
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «لِيُفَتِّشُوا لِسَيِّدِنَا ٱلْمَلِكِ عَلَى فَتَاةٍ عَذْرَاءَ، فَلْتَقِفْ أَمَامَ ٱلْمَلِكِ وَلْتَكُنْ لَهُ حَاضِنَةً وَلْتَضْطَجِعْ فِي حِضْنِكَ فَيَدْفَأَ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ».٢
3 तब उन्होंने पूरे इस्राएल में एक सुंदर लड़की को खोजना शुरू कर दिया. उन्हें शुनाम देश में ऐसी लड़की मिल गई, जिसका नाम था अबीशाग. वे उसे राजा के सामने ले आए.
فَفَتَّشُوا عَلَى فَتَاةٍ جَمِيلَةٍ فِي جَمِيعِ تُخُومِ إِسْرَائِيلَ، فَوَجَدُوا أَبِيشَجَ ٱلشُّونَمِيَّةَ، فَجَاءُوا بِهَا إِلَى ٱلْمَلِكِ.٣
4 यह जवान लड़की बहुत ही सुंदर थी. उसे राजा की सेविका बना दिया गया, वह उनकी सेवा करने में लग गई; मगर राजा ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए.
وَكَانَتِ ٱلْفَتَاةُ جَمِيلَةً جِدًّا، فَكَانَتْ حَاضِنَةَ ٱلْمَلِكِ. وَكَانَتْ تَخْدِمُهُ، وَلَكِنَّ ٱلْمَلِكَ لَمْ يَعْرِفْهَا.٤
5 उसी समय हेग्गीथ के पुत्र अदोनियाह ने अपने आपको ऊंचा उठाते हुए यह घोषणा की: “अगला राजा मैं हूं.” उसने अपने लिए रथ और घुड़सवार भी तैयार कर लिए और अपने आगे-आगे दौड़ने के लिए पचास सैनिक भी.
ثُمَّ إِنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ تَرَفَّعَ قَائِلًا: «أَنَا أَمْلِكُ». وَعَدَّ لِنَفْسِهِ عَجَلَاتٍ وَفُرْسَانًا وَخَمْسِينَ رَجُلًا يَجْرُونَ أَمَامَهُ.٥
6 उसके पिता ने उससे यह प्रश्न करते हुए कभी नहीं रोका: “तुमने ऐसा क्यों किया है?” अदोनियाह एक सुंदर युवक था. उसका जन्म अबशालोम के ठीक बाद ही हुआ था.
وَلَمْ يُغْضِبْهُ أَبُوهُ قَطُّ قَائِلًا: «لِمَاذَا فَعَلْتَ هَكَذَا؟» وَهُوَ أَيْضًا جَمِيلُ ٱلصُّورَةِ جِدًّا، وَقَدْ وَلَدَتْهُ أُمُّهُ بَعْدَ أَبْشَالُومَ.٦
7 अदोनियाह ने जाकर ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब और पुरोहित अबीयाथर से मिलकर बातचीत की. उन्होंने अदोनियाह की तरफ होकर उसकी सहायता भी की.
وَكَانَ كَلَامُهُ مَعَ يُوآبَ ٱبْنِ صَرُويَةَ، وَمَعَ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ، فَأَعَانَا أَدُونِيَّا.٧
8 मगर पुरोहित सादोक, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह, भविष्यद्वक्ता नाथान, शिमेई, रेइ और दावीद के वीर योद्धाओं ने अदोनियाह को समर्थन नहीं दिया.
وَأَمَّا صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَشِمْعِي وَرِيعِي وَٱلْجَبَابِرَةُ ٱلَّذِينَ لِدَاوُدَ فَلَمْ يَكُونُوا مَعَ أَدُونِيَّا.٨
9 अदोनियाह ने एन-रोगेल नामक स्थान पर जाकर ज़ोहेलेथ नामक चट्टान के पास भेड़ों, बैलों और हष्ट-पुष्ट पशुओं की बलि चढ़ाई. इस मौके पर उसने अपने सभी भाइयों—राजकुमारों और यहूदिया के राजकीय अधिकारियों को तो आमंत्रित किया था,
فَذَبَحَ أَدُونِيَّا غَنَمًا وَبَقَرًا وَمَعْلُوفَاتٍ عِنْدَ حَجَرِ ٱلزَّاحِفَةِ ٱلَّذِي بِجَانِبِ عَيْنِ رُوجَلَ، وَدَعَا جَمِيعَ إِخْوَتِهِ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَجَمِيعَ رِجَالِ يَهُوذَا عَبِيدِ ٱلْمَلِكِ،٩
10 मगर उसने इस मौके पर न तो भविष्यद्वक्ता नाथान को, न तो बेनाइयाह को न अपने भाई शलोमोन को और न किसी वीर योद्धा को आमंत्रित किया.
وَأَمَّا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو وَٱلْجَبَابِرَةُ وَسُلَيْمَانُ أَخُوهُ فَلَمْ يَدْعُهُمْ.١٠
11 नाथान ने शलोमोन की माता बैथशेबा से कहा, “क्या तुमने सुना नहीं कि हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह राजा बन गया है, और दावीद हमारे स्वामी इससे अनजान हैं?”
فَكَلَّمَ نَاثَانُ بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ قَائِلًا: «أَمَا سَمِعْتِ أَنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ قَدْ مَلَكَ، وَسَيِّدُنَا دَاوُدُ لَا يَعْلَمُ؟١١
12 इसलिये अब मेरी सलाह सुनो, कि तुम अपना और अपने पुत्र शलोमोन का जीवन सुरक्षित रख सको:
فَٱلْآنَ تَعَالَيْ أُشِيرُ عَلَيْكِ مَشُورَةً فَتُنَجِّي نَفْسَكِ وَنَفْسَ ٱبْنِكِ سُلَيْمَانَ.١٢
13 इसी समय राजा दावीद से जाकर कहो, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या आपने अपनी दासी से यह शपथ न ली थी, ‘मेरे बाद तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही राजा बनेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा? तो फिर अदोनियाह राजा कैसे बन बैठा?’
اِذْهَبِي وَٱدْخُلِي إِلَى ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ وَقُولِي لَهُ: أَمَا حَلَفْتَ أَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟ فَلِمَاذَا مَلَكَ أَدُونِيَّا؟١٣
14 जब तुम राजा से बातचीत कर ही रही होगी, मैं वहां तुम्हारे पीछे-पीछे आ जाऊंगा और तुम्हारी बातों में हामी भरूंगा.”
وَفِيمَا أَنْتِ مُتَكَلِّمَةٌ هُنَاكَ مَعَ ٱلْمَلِكِ، أَدْخُلُ أَنَا وَرَاءَكِ وَأُكَمِّلُ كَلَامَكِ».١٤
15 तब बैथशेबा राजा के कमरे में गई. राजा बहुत ही बूढ़े हो चुके थे और शूनामी अबीशाग उनकी सेवा में लगी थी.
فَدَخَلَتْ بَثْشَبَعُ إِلَى ٱلْمَلِكِ إِلَى ٱلْمِخْدَعِ. وَكَانَ ٱلْمَلِكُ قَدْ شَاخَ جِدًّا وَكَانَتْ أَبِيشَجُ ٱلشُّونَمِيَّةُ تَخْدِمُ ٱلْمَلِكَ.١٥
16 बैथशेबा ने झुककर राजा को नमस्कार किया. राजा ने उससे पूछा, “क्या चाहती हो तुम?”
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ، فَقَالَ ٱلْمَلِكُ: «مَا لَكِ؟»١٦
17 बैथशेबा ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरे स्वामी, आपने अपनी सेविका से याहवेह, आपके परमेश्वर की शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे राज सिंहासन पर बैठेगा.’
فَقَالَتْ لَهُ «أَنْتَ يَا سَيِّدِي حَلَفْتَ بِٱلرَّبِّ إِلَهِكَ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي.١٧
18 अब देखिए, अदोनियाह राजा बन बैठा है, जबकि महाराज, मेरे स्वामी, आपको इसके बारे में पता ही नहीं है.
وَٱلْآنَ هُوَذَا أَدُونِيَّا قَدْ مَلَكَ. وَٱلْآنَ أَنْتَ يَاسَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لَا تَعْلَمُ ذَلِكَ.١٨
19 अदोनियाह ने बड़ी संख्या में बैलों, हष्ट-पुष्ट पशुओं और भेड़ों की बलि चढ़ाई है, और उसने राजा के सभी पुत्रों को पुरोहित अबीयाथर और सेनापति योआब को भी बुलाया है, मगर आपके सेवक शलोमोन को इसके लिए नहीं बुलाया गया है.
وَقَدْ ذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ، وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ وَيُوآبَ رَئِيسَ ٱلْجَيْشِ، وَلَمْ يَدْعُ سُلَيْمَانَ عَبْدَكَ.١٩
20 महाराज, मेरे स्वामी, इस समय सारे इस्राएल की नज़रें आप पर लगी हैं, कि आप यह घोषणा करें कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद कौन सिंहासन पर बैठेगा.
وَأَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ أَعْيُنُ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ نَحْوَكَ لِكَيْ تُخْبِرَهُمْ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ.٢٠
21 नहीं तो यही होगा कि जैसे ही आप मेरे स्वामी हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिलेंगे, मुझे और मेरे पुत्र शलोमोन को अपराधी घोषित कर दिया जाएगा.”
فَيَكُونُ إِذَا ٱضْطَجَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ مَعَ آبَائِهِ أَنِّي أَنَا وَٱبْنِي سُلَيْمَانَ نُحْسَبُ مُذْنِبَيْنِ».٢١
22 बैथशेबा राजा से यह बातें कर ही रही थी, कि भविष्यद्वक्ता नाथान वहां आ गए.
وَبَيْنَمَا هِيَ مُتَكَلِّمَةٌ مَعَ ٱلْمَلِكِ، إِذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ دَاخِلٌ.٢٢
23 उन्हें बताया गया, “भविष्यद्वक्ता नाथान आए हैं.” जब भविष्यद्वक्ता नाथान राजा के सामने पहुंचे, उन्होंने राजा को दंडवत किया.
فَأَخْبَرُوا ٱلْمَلِكَ قَائِلِينَ: «هُوَذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ». فَدَخَلَ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ عَلَى وَجْهِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ.٢٣
24 इसके बाद नाथान ने कहा, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या यह आपकी घोषणा है ‘मेरे बाद अदोनियाह राज करेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा?’
وَقَالَ نَاثَانُ: «يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكَ، أَأَنْتَ قُلْتَ إِنَّ أَدُونِيَّا يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟٢٤
25 क्योंकि आज उसने जाकर बैल, हष्ट-पुष्ट पशु और बड़ी मात्रा में भेड़ों की बलि चढ़ाई है. इस मौके पर उसने सभी राजकुमारों, सेनापतियों और पुरोहित अबीयाथर को भी आमंत्रित किया है. ये सभी इस समय उसकी उपस्थिति में यह कहते हुए खुशी मना रहे है. ‘अदोनियाह सदा जीवित रहे!’
لِأَنَّهُ نَزَلَ ٱلْيَوْمَ وَذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَرُؤَسَاءَ ٱلْجَيْشِ وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ، وَهَا هُمْ يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ أَمَامَهُ وَيَقُولُونَ: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ أَدُونِيَّا.٢٥
26 मगर अदोनियाह ने मुझे, हां मुझे, आपके सेवक को, पुरोहित सादोक को, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और आपके सेवक शलोमोन को नहीं बुलाया है.
وَأَمَّا أَنَا عَبْدُكَ وَصَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَسُلَيْمَانُ عَبْدُكَ فَلَمْ يَدْعُنَا.٢٦
27 क्या, यह सब महाराज, मेरे स्वामी द्वारा किया गया है, और आपने अपने इन सेवकों को इस बात की सूचना देना सही न समझा, कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद उनके सिंहासन पर कौन बैठेगा?”
هَلْ مِنْ قِبَلِ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَانَ هَذَا ٱلْأَمْرُ، وَلَمْ تُعْلِمْ عَبْدَكَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ؟».٢٧
28 जब राजा दावीद ने यह सुना, उन्होंने आदेश दिया, “मेरे सामने बैथशेबा को बुलाया जाए.” बैथशेबा आकर राजा के सामने खड़ी हो गई.
فَأَجَابَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ وَقَالَ: «اُدْعُ لِي بَثْشَبَعَ». فَدَخَلَتْ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَوَقَفَتْ بَيْنَ يَدَيِ ٱلْمَلِكِ.٢٨
29 राजा ने यह शपथ लेते हुए कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने मुझे हर एक मुसीबत में से निकाला है,
فَحَلَفَ ٱلْمَلِكُ وَقَالَ: «حَيٌّ هُوَ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي فَدَى نَفْسِي مِنْ كُلِّ ضِيقَةٍ،٢٩
30 मैंने इस्राएल के परमेश्वर, याहवेह के सामने जो शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन मेरे बाद राजा होगा और वही मेरी जगह पर मेरे सिंहासन पर बैठेगा,’ मैं आज ठीक यही पूरा करूंगा.”
إِنَّهُ كَمَا حَلَفْتُ لَكِ بِٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي عِوَضًا عَنِّي، كَذَلِكَ أَفْعَلُ هَذَا ٱلْيَوْمَ».٣٠
31 यह सुन बैथशेबा ने झुककर राजा को दंडवत करते हुए कहा, “राजा दावीद, मेरे स्वामी, सदा जीवित रहें.”
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا إِلَى ٱلْأَرْضِ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ وَقَالَتْ: «لِيَحْيَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ».٣١
32 राजा दावीद ने आदेश दिया, “पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान और यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को मेरे सामने बुलाया जाए.” जब वे राजा के सामने आए,
وَقَالَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ: «اُدْعُ لِي صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ». فَدَخَلُوا إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ.٣٢
33 राजा ने उन्हें आदेश दिया, “मेरे पुत्र शलोमोन को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाकर उसे अपने स्वामी के सेवकों के साथ लेकर गीहोन चले जाओ.
فَقَالَ ٱلْمَلِكُ لَهُمْ: «خُذُوا مَعَكُمْ عَبِيدَ سَيِّدِكُمْ، وَأَرْكِبُوا سُلَيْمَانَ ٱبْنِي عَلَى ٱلْبَغْلَةِ ٱلَّتِي لِي، وَٱنْزِلُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ،٣٣
34 वहां पहुंचकर पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान इस्राएल का राजा होने के लिए शलोमोन को अभिषेक करें. इसके बाद नरसिंग फूंकने के साथ यह घोषणा की जाए. ‘राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!’
وَلْيَمْسَحْهُ هُنَاكَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَٱضْرِبُوا بِٱلْبُوقِ وَقُولُوا: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ.٣٤
35 आप सभी इसके बाद शलोमोन के पीछे-पीछे आएं. तब वह यहां आकर मेरे राज सिंहासन पर बैठे कि वह मेरे बाद मेरी जगह पर राजा हो जाए; क्योंकि खुद मैंने उसे यहूदिया और इस्राएल पर राजा बनाया है.”
وَتَصْعَدُونَ وَرَاءَهُ، فَيَأْتِي وَيَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَهُوَ يَمْلِكُ عِوَضًا عَنِّي، وَإِيَّاهُ قَدْ أَوْصَيْتُ أَنْ يَكُونَ رَئِيسًا عَلَى إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا».٣٥
36 यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने राजा से कहा, “आमेन! महाराज, मेरे स्वामी के परमेश्वर, याहवेह भी ऐसा ही कहें.
فَأَجَابَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ ٱلْمَلِكَ وَقَالَ: «آمِينَ. هَكَذَا يَقُولُ ٱلرَّبُّ إِلَهُ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ.٣٦
37 जिस प्रकार याहवेह महाराज, मेरे स्वामी के साथ साथ रहे हैं, उसी प्रकार वह शलोमोन के साथ साथ बने रहें, और उसके सिंहासन को मेरे स्वामी, राजा दावीद के सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.”
كَمَا كَانَ ٱلرَّبُّ مَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَذَلِكَ لِيَكُنْ مَعَ سُلَيْمَانَ، وَيَجْعَلْ كُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ».٣٧
38 तब पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर बैठाकर उसे गीहोन ले गए.
فَنَزَلَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادُونَ وَٱلسُّعَاةُ، وَأَرْكَبُوا سُلَيْمَانَ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ، وَذَهَبُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ.٣٨
39 वहां पुरोहित सादोक ने मिलनवाले तंबू से लाए हुए सींग के तेल से शलोमोन का अभिषेक किया. तब उन्होंने नरसिंगा फूंका और सभी ने एक आवाज में यह नारे लगाए: “राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!”
فَأَخَذَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ قَرْنَ ٱلدُّهْنِ مِنَ ٱلْخَيْمَةِ وَمَسَحَ سُلَيْمَانَ. وَضَرَبُوا بِٱلْبُوقِ، وَقَالَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ: «لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ».٣٩
40 तब सारी भीड़ बड़े ही आनंद में बांसुरी बजाते हुए राजा के पीछे-पीछे चलने लगी. इतनी तेज थी उनकी आवाज कि इससे धरती डोल उठी!
وَصَعِدَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ وَرَاءَهُ. وَكَانَ ٱلشَّعْبُ يَضْرِبُونَ بِٱلنَّايِ وَيَفْرَحُونَ فَرَحًا عَظِيمًا حَتَّى ٱنْشَقَّتِ ٱلْأَرْضُ مِنْ أَصْوَاتِهِمْ.٤٠
41 यह आवाज अदोनियाह और उसके सभी अतिथियों ने भी सुनी. इस समय वे अपना भोजन खत्म कर ही रहे थे. जैसे ही योआब ने नरसिंगे की आवाज सुनी, वह पूछने लगा, “नगर में इस चिल्लाहट का कारण क्या है?”
فَسَمِعَ أَدُونِيَّا وَجَمِيعُ ٱلْمَدْعُوِّينَ ٱلّذِينَ عِنْدهُ بَعْدَمَا ٱنْتَهَوْا مِنَ ٱلْأَكْلِ. وَسَمِعَ يُوآبُ صَوْتَ ٱلْبُوقِ فَقَالَ: «لِمَاذَا صَوْتُ ٱلْقَرْيَةِ مُضْطَرِبٌ؟»٤١
42 वह यह पूछताछ कर ही रहा था, कि पुरोहित अबीयाथर का पुत्र योनातन वहां आ पहुंचा. अदोनियाह ने उससे कहा, “यहां आओ तुम भले व्यक्ति हो, इसलिये भला समाचार ही लाए होगे.”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذَا بِيُونَاثَانَ بْنِ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ قَدْ جَاءَ، فَقَالَ أَدُونِيَّا: «تَعَالَ، لِأَنَّكَ ذُو بَأْسٍ وَتُبَشِّرُ بِٱلْخَيْرِ».٤٢
43 योनातन ने उसे उत्तर दिया, “नहीं! हमारे स्वामी, महाराज दावीद ने शलोमोन को राजा बना दिया है.
فَأَجَابَ يُونَاثَانُ وَقَالَ لِأَدُونِيَّا: «بَلْ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ قَدْ مَلَّكَ سُلَيْمَانَ.٤٣
44 राजा दावीद ने उसे पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी भी उसके साथ भेजे हैं. इसके अलावा उन्होंने शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर भी चढ़ा दिया है.
وَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ مَعَهُ صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادِينَ وَٱلسُّعَاةَ، وَقَدْ أَرْكَبُوهُ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ،٤٤
45 पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान ने गीहोन में शलोमोन का राजाभिषेक कर दिया है. वे सभी वहां से बड़ी ही खुशी में लौटे हैं. इसलिये नगर में यह आनंद मनाने की आवाज सुनाई दे रही है. यही है वह चिल्लाहट, जो आपने सुनी है.
وَمَسَحَهُ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا فِي جِيحُونَ، وَصَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ فَرِحِينَ حَتَّى ٱضْطَرَبَتِ ٱلْقَرْيَةُ. هَذَا هُوَ ٱلصَّوْتُ ٱلَّذِي سَمِعْتُمُوهُ.٤٥
46 इन सबके अलावा अब शलोमोन राज सिंहासन पर बैठे हैं.
وَأَيْضًا قَدْ جَلَسَ سُلَيْمَانُ عَلَى كُرْسِيِّ ٱلْمَمْلَكَةِ.٤٦
47 वह सब होने के बाद राजा के सेवकों ने जाकर महाराज, हमारे स्वामी को यह कहते हुए बधाईयां दी है ‘परमेश्वर शलोमोन के नाम को आपके नाम से भी अधिक ऊंचा करें, उनके राज सिंहासन को आपके राज सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.’ यह सुन महाराज ने अपने पलंग पर ही दंडवत किया.
وَأَيْضًا جَاءَ عَبِيدُ ٱلْمَلِكِ لِيُبَارِكُوا سَيِّدَنَا ٱلْمَلِكَ دَاوُدَ قَائِلِينَ: يَجْعَلُ إِلَهُكَ ٱسْمَ سُلَيْمَانَ أَحْسَنَ مِنِ ٱسْمِكَ، وَكُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّكَ. فَسَجَدَ ٱلْمَلِكُ عَلَى سَرِيرِهِ.٤٧
48 साथ ही राजा ने यह भी कहा, ‘धन्य हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, जिन्होंने आज किसी को मेरे सिंहासन पर बैठने के लिए चुना है, और उसे खुद मेरी आंखों ने देख लिया है.’”
وَأَيْضًا هَكَذَا قَالَ ٱلْمَلِكُ: مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِي أَعْطَانِيَ ٱلْيَوْمَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَعَيْنَايَ تُبْصِرَانِ».٤٨
49 यह सुन अदोनियाह के सभी अतिथि बहुत ही डर गए. वे सभी उसी समय उठकर अपने-अपने रास्ते पर निकल गए.
فَٱرْتَعَدَ وَقَامَ جَمِيعُ مَدْعُوِّي أَدُونِيَّا، وَذَهَبُوا كُلُّ وَاحِدٍ فِي طَرِيقِهِ.٤٩
50 फिर अदोनियाह मन ही मन शलोमोन से डरने लगा; इसलिये उसने तुरंत जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. शलोमोन को इस बात की ख़बर इस प्रकार दी गई:
وَخَافَ أَدُونِيَّا مِنْ قِبَلِ سُلَيْمَانَ، وَقَامَ وَٱنْطَلَقَ وَتَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ.٥٠
51 “सुनिए, सुनिए! अदोनियाह महाराज से डरता है, इसलिये उसने जाकर यह कहते हुए वेदी के सींग थाम लिए हैं, ‘आज महाराज शलोमोन यह शपथ लें, कि वह अपने सेवक को तलवार से नहीं मारेंगे.’”
فَأُخْبِرَ سُلَيْمَانُ وَقِيلَ لَهُ: «هُوَذَا أَدُونِيَّا خَائِفٌ مِنَ ٱلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ، وَهُوَذَا قَدْ تَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ قَائِلًا: لِيَحْلِفْ لِي ٱلْيَوْمَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ إِنَّهُ لَا يَقْتُلُ عَبْدَهُ بِٱلسَّيْفِ».٥١
52 शलोमोन ने उत्तर दिया, “यदि वह अपने आपको एक अच्छा व्यक्ति साबित करे, उसका ज़रा सा भी नुकसान न होगा; मगर यदि उसमें दुष्टता का अंश भी पाया गया तो उसकी मृत्यु तय है.”
فَقَالَ سُلَيْمَانُ: «إِنْ كَانَ ذَا فَضِيلَةٍ لَا يَسْقُطُ مِنْ شَعْرِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَلَكِنْ إِنْ وُجِدَ بِهِ شَرٌّ فَإِنَّهُ يَمُوتُ».٥٢
53 राजा शलोमोन ने आदेश दिया कि उसे वेदी से लाकर उनके सामने पेश किया जाए. वह लाया गया, और उसे राजा शलोमोन के सामने पेश किया गया. वह आया और राजा शलोमोन के सामने दंडवत हो गया. राजा शलोमोन ने उसे आदेश दिया, “आप अपने घर को लौट जाइए.”
فَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ فَأَنْزَلُوهُ عَنِ ٱلْمَذْبَحِ، فَأَتَى وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ. فَقَالَ لَهُ سُلَيْمَانُ: «ٱذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ».٥٣

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