< 1 राजा 9 >

1 जब शलोमोन ने याहवेह के भवन, राजमहल और जो कुछ भी करने की योजना बनाई थी, और उसे पूरा कर चुके,
শলোমন যখন সদাপ্রভুর মন্দির ও রাজপ্রাসাদ নির্মাণ করার কাজ সমাপ্ত করলেন, এবং তাঁর যা যা করার বাসনা ছিল, সেসব অর্জন করে ফেলেছিলেন,
2 तब याहवेह दूसरी बार शलोमोन के सामने प्रकट हुए, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार वह उनके सामने गिबयोन में प्रकट हुए थे.
সদাপ্রভু তখন দ্বিতীয়বার তাঁর কাছে আবির্ভূত হলেন, যেভাবে একবার তিনি গিবিয়োনে তাঁর কাছে আবির্ভূত হলেন।
3 याहवेह ने उनसे कहा, “जो प्रार्थना तुमने मेरे सामने की है, वह मैंने सुन ली है. तुम्हारे द्वारा बनाए इस भवन को सदा-सर्वदा के लिए अपना नाम लगाने के द्वारा पवित्र बना लिया है, कि इस स्थान पर मेरी महिमा हमेशा बनी रहे, और मेरी दृष्टि और मेरा हृदय हमेशा यहीं लगे रहें.
সদাপ্রভু তাঁকে বললেন: “তুমি আমার কাছে যে প্রার্থনা ও মিনতি জানিয়েছ, আমি তা শুনেছি; আমার নাম চিরকালের জন্য তোমার নির্মাণ করা মন্দিরে স্থাপন করে আমি সেটি পবিত্র করে দিয়েছি। আমার চোখের দৃষ্টি ও আমার অন্তর সবসময় সেখানে থাকবে।
4 “तुम्हारे बारे में मुझे यह कहना है: यदि तुम मेरे सामने चलते रहोगे, जैसे तुम्हारे पिता दावीद हृदय की सच्चाई और सरलता में चलते रहे, यदि तुम उन सभी आदेशों का पालन करते रहो, जो मैंने तुम्हें दिए हैं, और उन सभी नियमों और आदेशों का पालन करते रहो,
“আর তোমায় বলছি, তোমার বাবা দাউদের মতো তুমিও যদি আমার সামনে অন্তরের সততা ও ন্যায়পরায়ণতা সমেত বিশ্বস্ততাপূর্বক চলো, এবং আমি যা যা আদেশ দিয়েছি, সেসব করো ও আমার বিধিবিধান ও নিয়মকানুনগুলি পালন করো,
5 तब तुम्हारे पिता दावीद से की गई इस प्रतिज्ञा के अनुसार, ‘इस्राएल के सिंहासन को स्थिर करूंगा, और इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए तेरे वंश में पुरुष का अभाव न होगा.’
তবে চিরকালের জন্য আমি ইস্রায়েলের উপর তোমার রাজসিংহাসন স্থায়ী করব, ঠিক যেমনটি আমি তোমার বাবা দাউদের কাছে এই কথা বলে প্রতিজ্ঞা করলাম, ‘ইস্রায়েলের সিংহাসনে তোমার স্থলাভিষিক্ত হওয়ার জন্য কোনও লোকের অভাব হবে না।’
6 “यदि तुम और तुम्हारे वंशज मेरे उन सभी नियमों और आदेशों का अनुसरण करना छोड़ दो, जो मैंने तुम्हारे सामने रखे हैं, और जाकर अन्य देवताओं की सेवा और आराधना करने लगो,
“কিন্তু যদি তুমি বা তোমার বংশধররা আমার কাছ থেকে দূরে সরে যাও ও আমি তোমাকে যে যে আদেশ ও বিধিবিধান দিয়েছি, সেগুলি পালন না করো ও অন্যান্য দেবদেবীর সেবা ও আরাধনা করতে থাকো,
7 तब उस देश से, जो मैंने उन्हें दिया, इस्राएल को अलग कर दूंगा और उस भवन को, जो मैंने अपनी महिमा के लिए प्रतिष्ठित किया है, अपनी दृष्टि से दूर कर दूंगा, फलस्वरूप इस्राएल तब सभी लोगों के बीच उपहास और निंदा का पात्र बन जाएगा.
তবে আমি ইস্রায়েলকে যে দেশ দিয়েছি, সেই দেশ থেকে তাদের উৎখাত করব ও এই যে মন্দিরটি আমি আমার নামের উদ্দেশে পবিত্র করেছি, সেটিও অগ্রাহ্য করব। ইস্রায়েল তখন সব লোকজনের কাছে অবজ্ঞার ও উপহাসের এক পাত্রে পরিণত হবে।
8 यह भवन खंडहरों का ढेर होकर रह जाएगा. तब हर एक व्यक्ति, जो उनके पास से होकर जाएगा, चकित हो सांस ऊपर खींच यह कह उठेंगे, ‘क्यों उन्होंने याहवेह अपने परमेश्वर को भुला दिया था.
এই মন্দিরটি ভাঙা ইটপাথরের এক স্তূপে পরিণত হবে। যারা যারা তখন এখান দিয়ে যাবে, তারা সবাই মর্মাহত হবে, টিটকিরি করবে ও বলবে, ‘সদাপ্রভু কেন এই দেশের ও এই মন্দিরটির প্রতি এমনটি করলেন?’
9 याहवेह, जिन्होंने उनके पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाल लाया था. अब उन्होंने अन्य देवताओं का अनुसरण करने का निश्चय किया. उन्होंने उन देवताओं की सेवा और पूजा करनी आरंभ की. यही कारण है याहवेह ने उन पर यह सारी घोर विपत्ति डाल दी है.’”
লোকেরা উত্তর দেবে, ‘যেহেতু তারা তাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুকে পরিত্যাগ করল, যিনি মিশর থেকে তাদের পূর্বপুরুষদের বের করে এনেছিলেন, এবং যেহেতু তারা অন্যান্য দেবতাদের সাগ্রহে গ্রহণ করল, ও তাদের আরাধনা ও সেবা করল—তাইতো তিনি তাদের উপর এইসব দুর্বিপাক নিয়ে এসেছেন।’”
10 बीस साल खत्म होते-होते शलोमोन याहवेह का भवन और राजमहल बना चुके थे.
যে কুড়ি বছর ধরে শলোমন এই দুটি ভবন—সদাপ্রভুর মন্দির ও রাজপ্রাসাদ—নির্মাণ করলেন, তা পার হয়ে যাওয়ার পর
11 तब तक सोर देश के राजा हीराम शलोमोन की इच्छा अनुसार देवदार और सनोवर की लकड़ी और सोने की आपूर्ति करते रहे. राजा शलोमोन ने हीराम को गलील क्षेत्र में बीस नगर दे दिए.
রাজা শলোমন গালীল প্রদেশের কুড়িটি নগর সোরের রাজা হীরমকে দিলেন, কারণ হীরম তাঁর চাহিদানুসারে যাবতীয় দেবদারু ও চিরহরিৎ কাঠ এবং সোনাদানা সরবরাহ করলেন।
12 किंतु जब हीराम ने आकर उन नगरों को देखा, उन्हें खुशी नहीं हुई.
কিন্তু যে নগরগুলি শলোমন হীরমকে দিলেন, তিনি যখন সেগুলি দেখতে গেলেন, তখন সেগুলি তাঁর খুব একটি পছন্দ হয়নি।
13 उन्होंने शलोमोन से कहा, “मेरे भाई, तुमने मुझे ये कैसे नगर दे दिए हैं?” इसलिये आज तक वे नगर काबूल के नाम से जाने जाते हैं
“ভাইটি, আপনি আমাকে এসব কী নগর দিয়েছেন?” তিনি জিজ্ঞাসা করলেন। আর তিনি সেগুলির নাম দিলেন কাবুল দেশ, আর এই নামটিই আজও পর্যন্ত রয়ে গিয়েছে।
14 हीराम शलोमोन को लगभग चार हज़ार किलो सोना भेज चुके थे.
ইত্যবসরে হীরম রাজামশাইকে একশো কুড়ি তালন্ত সোনা পাঠালেন।
15 शलोमोन ने जिन लोगों को ज़बरदस्ती काम पर लगाया था, उसका लेखा इस प्रकार है: उन्होंने याहवेह का भवन और राजमहल, मिल्लो, और येरूशलेम की शहरपनाह, और हाज़ोर, मगिद्दो और गेज़ेर नगर को बनाने का काम किया.
রাজা শলোমন যেসব বেগার শ্রমিককে বাধ্যতামূলকভাবে সদাপ্রভুর মন্দির, তাঁর নিজের প্রাসাদ, উঁচু চাতাল, জেরুশালেমের প্রাচীর, এবং হাৎসোর, মগিদ্দো ও গেষর গাঁথার কাজে লাগলেন, এই হল তাদের বিবরণ।
16 मिस्र देश के राजा फ़रोह ने गेज़ेर नगर को अपने अधीन कर उसे भस्म कर दिया था. उन्होंने वहां रह रहे कनान मूल के वासियों को मारकर नगर को भस्म कर दिया. फिर उसने यह नगर दहेज के रूप में अपनी पुत्री को दे दिया, जो शलोमोन की पत्नी थी.
(মিশরের রাজা ফরৌণ গেষর আক্রমণ করে তা অধিকার করে নিয়েছিলেন। সেখানে তিনি আগুন ধরিয়ে দিলেন। তিনি সেখানকার কনানীয় অধিবাসীদের হত্যা করে সেটি তাঁর মেয়ে, শলোমনের স্ত্রীকে বিয়ের যৌতুকরূপে উপহার দিলেন।
17 तब शलोमोन ने गेज़ेर नगर को दोबारा से बसाया तथा घाटी क्षेत्र में बेथ-होरोन,
আর শলোমন গেষর নগরটি পুনর্নির্মাণ করলেন) তিনি নিচের দিকের বেথ-হোরোণ,
18 बालाथ और मरुभूमि में स्थित तादमोर को भी बसाया.
বালৎ, ও তাঁর দেশের অন্তর্গত মরুভূমিতে অবস্থিত তামর,
19 उन्होंने दूसरे भण्ड़ार नगरों को भी बनवाया जहां उनके रथ, घोड़े और घुड़सवार रखे गए थे. इनके अलावा उन्होंने येरूशलेम, लबानोन और सारे देश में अपनी इच्छा के अनुसार भवन बनवाए.
তথা তাঁর সব গুদাম-নগর এবং তাঁর রথ ও ঘোড়া রাখার জন্য কয়েকটি নগর—জেরুশালেমে, লেবাননে ও তাঁর শাসিত গোটা এলাকা জুড়ে সর্বত্র যা যা তিনি তৈরি করতে চেয়েছিলেন, সেসব তিনি তৈরি করলেন।
20 शलोमोन ने इन सभी को ज़बरदस्ती दास बनाकर निर्माण काम में लगा दिया; अमोरी, हित्ती, परिज्ज़ी, हिव्वी और यबूसी. (ये इस्राएली नहीं थे.)
ইমোরীয়, হিত্তীয়, পরিষীয়, হিব্বীয় ও যিবূষীয়দের মধ্যেও কিছু লোক সেখানে অবশিষ্ট রয়ে গেল। (এইসব লোক ইস্রায়েলী নয়)
21 उनकी संतानों को भी शलोमोन ने दास बना लिये, जो उनके बाद उस देश में बचे रह गए थे, जिन्हें इस्राएली वध न कर सके थे; ये सब आज भी दास ही हैं.
শলোমন দেশে থেকে যাওয়া এইসব লোকের বংশধরদের—যাদের ইস্রায়েলীরা উচ্ছেদ করতে পারেনি—বাধ্যতামূলকভাবে বেগার শ্রমিক রূপে কাজে লাগালেন, আজও পর্যন্ত যা তারা করে চলেছে।
22 मगर शलोमोन ने किसी भी इस्राएली को दास नहीं बनाया. वे सैनिक बनाए जाते थे, उन्हें सैन्य अधिकारी बनाया जाता था: योद्धा, कप्‍तान, रथ हाकिम और घुड़सवार.
কিন্তু শলোমন ইস্রায়েলীদের কাউকে ক্রীতদাস করেননি; তারা তাঁর যোদ্ধা, কর্মকর্তা, সেনাপতি, এবং তাঁর রথের সারথি ও অশ্বারোহীদের সেনাপতি হল।
23 सभी कामों के ऊपर शलोमोन ने 550 प्रमुख अधिकारी ठहरा दिए थे. ये सभी पद श्रमिकों के अधिकारी थे, जो भवन बनाने के काम में लगे हुए थे.
এছাড়াও তারা শলোমনের বিভিন্ন প্রকল্পের দায়িত্বপ্রাপ্ত প্রধান কর্মকর্তা হল 550 জন কর্মকর্তা এই কাজে লিপ্ত লোকজনের কাজ দেখাশোনা করত।
24 जब फ़रोह की पुत्री दावीद-नगर छोड़कर उस राजमहल में आ गई, जो शलोमोन द्वारा बनवाया गया था, तब शलोमोन ने उसके किए मिल्लो को बनवा दिया.
শলোমন ফরৌণের মেয়ের জন্য যে প্রাসাদটি নির্মাণ করলেন, তিনি দাউদ-নগর থেকে সেখানে চলে আসার পর শলোমন সেখানে কয়েকটি উঁচু চাতালও নির্মাণ করে দিলেন।
25 राजा शलोमोन साल में तीन बार उस वेदी पर होम और मेल बलि चढ़ाते थे, जो उन्होंने याहवेह के लिए बनाई थी. इस पर वह धूप जलाकर याहवेह के सामने की वेदी पर बलि चढ़ाते थे. इस प्रकार उन्होंने भवन निर्माण समाप्‍त किया.
শলোমন সদাপ্রভুর উদ্দেশে যে যজ্ঞবেদিটি তৈরি করলেন, সেখানে তিনি বছরে তিনবার হোমবলি ও মঙ্গলার্থক বলি উৎসর্গ করতেন, এবং সেগুলির সাথে সাথে সদাপ্রভুর সামনে ধূপও জ্বালাতেন, আর এভাবেই তিনি মন্দির নির্মাণের কাজ সম্পূর্ণ করলেন।
26 राजा शलोमोन ने एज़िओन-गेबेर में जलयानों का एक बेड़ा बनाया था. यह स्थान एदोम प्रदेश में लाल सागर के तट पर एलाथ नामक स्थान के पास है.
এছাড়াও রাজা শলোমন লোহিত সাগরের তীরে, ইদোমের এলতের কাছে অবস্থিত ইৎসিয়োন-গেবরে কয়েকটি জাহাজ তৈরি করলেন।
27 राजा हीराम ने बेड़े के साथ अपने सेवक भेज दिए. इनमें ऐसे सेवक थे, जिन्हें समुद्र का ज्ञान था. इनके साथ शलोमोन के सेवक भी थे.
হীরম শলোমনের লোকজনের সঙ্গে থেকে নৌবাহিনীতে সেবাকাজ করার জন্য তাঁর সেইসব নাবিককে পাঠিয়ে দিলেন, যারা সমুদ্রের ব্যাপারে অভিজ্ঞ ছিল।
28 ये सभी ओफीर नगर को गए और वहां से वे लगभग चौदह हज़ार किलो सोना लेकर लौटे. उन्होंने यह शलोमोन को भेंट कर दिया.
তারা জাহাজে চড়ে ওফীরে গেল ও সেখান থেকে 420 তালন্ত সোনা এনে রাজা শলোমনের কাছে পৌঁছে দিয়েছিল।

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