< 1 राजा 20 >
1 अराम के राजा बेन-हदद ने अपनी सारी सेना इकट्ठी की. उनके साथ बत्तीस राजा, घोड़े और रथ थे. उसने शमरिया की घेराबंदी कर उससे युद्ध किया.
ইত্যবসরে অরামের রাজা বিন্হদদ তাঁর সমগ্র সৈন্যদল একত্রিত করলেন। বত্রিশজন রাজা ও তাদের ঘোড়া ও রথ সঙ্গে নিয়ে গিয়ে তিনি চারদিক থেকে শমরিয়া নগরটিকে ঘিরে ধরে সেখানে আক্রমণ চালিয়েছিলেন।
2 इसके बाद उसने दूतों द्वारा नगर में इस्राएल के राजा अहाब को यह संदेश भेजा, “यह बेन-हदद का संदेश है,
তিনি এই কথা বলার জন্য নগরে ইস্রায়েলের রাজা আহাবের কাছে দূত পাঠালেন, “বিনহদদ এই কথা বলেন:
3 ‘तुम्हारा सोना और चांदी मेरा है; तुम्हारी सबसे उत्तम पत्नियां और तुम्हारे बच्चे भी मेरे हैं.’”
‘আপনার রুপো ও সোনাদানা সব আমার, এবং আপনার বাছাই করা স্ত্রী ও সন্তানেরাও আমার।’”
4 इस्राएल के राजा का उत्तर था, “महाराज, मेरे स्वामी, जैसा आप कह रहे हैं, सही है. सब कुछ जो मेरा है आपका ही है और मैं खुद भी आपका हूं.”
ইস্রায়েলের রাজা উত্তর দিলেন, “হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি ঠিকই বলেছেন। আমি ও আমার সবকিছুই আপনার।”
5 वे दूत दोबारा आए और उन्होंने यह संदेश दिया, “यह बेन-हदद का संदेश है ‘मैंने तुमसे कहा था, “मुझे अपना सोना, चांदी, पत्नियां और संतान दे दो,”
দূতেরা আরেকবার এসে বলল, “বিন্হদদ একথাই বলেন: ‘আমি আপনার রুপো ও সোনাদানা, আপনার স্ত্রী ও সন্তানদের চেয়ে নেওয়ার জন্য লোক পাঠিয়েছিলাম।
6 फिर भी, कल लगभग इसी समय मैं अपने सेवक तुम्हारे यहां भेजूंगा. वे तुम्हारे घरों की और तुम्हारे सेवकों के घरों की छानबीन करेंगे और वह सब लेकर यहां आ जाएंगे, जो तुम्हें प्यारा है.’”
কিন্তু আগামীকাল মোটামুটি এসময় আপনার রাজপ্রাসাদে ও আপনার কর্মকর্তাদের বাড়িতে তল্লাসি চালানোর জন্য আমি আমার কর্মকর্তাদের পাঠাতে যাচ্ছি। আপনার কাছে যা যা মূল্যবান, সেসবকিছু তারা বাজেয়াপ্ত করে নিয়ে চলে যাবে।’”
7 यह सुन इस्राएल के राजा ने देश के सारे पुरनियों की एक सभा बुलाई और उन्हें यह कहा, “देख लीजिए, कैसे यह व्यक्ति हमसे झगड़ा मोल ले रहा है! वह मुझसे मेरी पत्नियां और संतान और मेरा सोना और चांदी छीनने की योजना बना रहा है! मैंने यह अस्वीकार नहीं किया है.”
ইস্রায়েলের রাজা আহাব দেশের সব প্রাচীনকে ডেকে পাঠালেন এবং তাদের বললেন, “দেখুন কীভাবে এই লোকটি অনিষ্ট করার চেষ্টা করছেন! তিনি যখন আমার স্ত্রী ও সন্তানদের, আমার রুপো ও সোনাদানা চেয়ে পাঠালেন, আমি তাঁর কথা অমান্য করিনি।”
8 सारे पुरनियों और सभा के सदस्यों ने एक मत में कहा, “न तो उसकी सुनिए और न ही उसे सहमति दीजिए.”
প্রাচীনেরা ও সব লোকজন উত্তর দিয়েছিল, “তাঁর কথা শুনবেন না বা তাঁর দাবি মানবেন না।”
9 अहाब ने बेन-हदद के दूतों से यह कहा, “महाराज, मेरे स्वामी से जाकर कहना, ‘आपने अपने सेवक से पहले जो कुछ चाहा था, वह मैं करूंगा, किंतु यह मैं नहीं कर सकता.’” दूत लौट गए और दोबारा आकर अहाब को यह संदेश दिया.
অতএব তিনি বিনহদদের দূতদের জবাব দিলেন, “আমার প্রভু মহারাজকে গিয়ে বলো, ‘আপনি প্রথমবার যে যে দাবি জানিয়েছিলেন, আপনার দাস সেসব মানবে, কিন্তু আপনার এই দাবিটি আমি মানতে পারছি না।’” তারা এই উত্তর নিয়ে বিন্হদদের কাছে ফিরে গেল।
10 उनके लिए बेन-हदद का संदेश था, “देवता मुझसे ऐसा, बल्कि इससे भी अधिक बुरा व्यवहार करें, यदि शमरिया की धूल मेरे थोड़े से पीछे चलने वालों की मुट्ठी भरने के लिए भी काफ़ी हो.”
পরে বিন্হদদ আহাবের কাছে অন্য একটি খবর দিয়ে পাঠালেন: “আমার লোকজনের হাতে দেওয়ার মতো ধুলোও যদি শমরিয়ায় পড়ে থাকে, তবে যেন দেবদেবীরা আমায় কঠোর থেকে কঠোরতর দণ্ড দেন।”
11 इस्राएल के राजा ने उसे उत्तर दिया, “उससे जाकर कह दो, ‘वह जो हथियार धारण करता है, (विजयी होकर) वह उतारने वाले के समान घमण्ड़ न करे.’”
ইস্রায়েলের রাজা উত্তর দিলেন, “তাঁকে গিয়ে বলো: ‘যিনি রক্ষাকবচ ধারণ করলেন, তাঁর এমন কোনও লোকের মতো অহংকার করা উচিত নয়, যিনি তা খুলে ফেলেছেন।’”
12 बेन-हदद दूसरे राजाओं के साथ, छावनी में, दाखमधु पीने में लगा था. जैसे ही उसने अहाब का संदेश सुना, उसने सैनिकों को आदेश दिया, “चलो मोर्चे पर!” इस पर उन्होंने नगर के विरुद्ध मोर्चा बांध लिया.
বিনহদদ ও অন্যান্য রাজারা যখন তাঁবুতে বসে মদ্যপান করছিলেন, তখনই তিনি এই খবরটি পেয়েছিলেন, এবং তিনি তাঁর লোকজনকে আদেশ দিলেন: “আক্রমণ করার জন্য প্রস্তুত হও।” অতএব তারা নগরটি আক্রমণ করার জন্য প্রস্তুত হল।
13 एक भविष्यद्वक्ता इस्राएल के राजा अहाब के सामने आ गए. उन्होंने राजा से कहा, “यह याहवेह का संदेश है: ‘क्या तुमने इस बड़ी भीड़ को देखी है? यह देख लेना कि आज मैं इसे तुम्हारे अधीन कर दूंगा. तब तुम यह जान लोगे कि याहवेह मैं ही हूं.’”
এদিকে একজন ভাববাদী ইস্রায়েলের রাজা আহাবের কাছে এসে ঘোষণা করলেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘তুমি কি এই বিশাল সৈন্যদল দেখছ? আজই আমি এদের তোমার হাতে তুলে দেব, আর তখনই তুমি জানতে পারবে যে আমিই সদাপ্রভু।’”
14 अहाब ने भविष्यद्वक्ता से प्रश्न किया, “कौन करेगा यह?” “भविष्यद्वक्ता ने उत्तर दिया, ‘याहवेह का संदेश यह है, कि यह काम राज्यपाल ही करेंगे.’ “तब अहाब ने प्रश्न किया, युद्ध की पहल कौन करेगा?” भविष्यद्वक्ता ने उत्तर दिया, “आप.”
“কিন্তু কে এ কাজ করবে?” আহাব জিজ্ঞাসা করলেন। ভাববাদীমশাই উত্তরে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারা এ কাজ করবে।’” “আর যুদ্ধ কে শুরু করবে?” তিনি জিজ্ঞাসা করলেন। ভাববাদীমশাই উত্তর দিলেন, “আপনিই করবেন।”
15 अहाब ने राज्यपालों के सेवकों को इकट्ठा किया; कुल मिलाकर ये गिनती में दो सौ बत्तीस थे; उनके पीछे की पंक्तियों में सात हज़ार इस्राएली सैनिक थे.
অতএব আহাব প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা 232 জন নিম্নপদস্থ কর্মকর্তাকে ডেকে পাঠালেন। পরে তিনি অবশিষ্ট মোট 7,000 ইস্রায়েলী লোক একত্রিত করলেন।
16 इन्होंने दोपहर के समय कूच किया. इस समय बेन-हदद बत्तीस साथी राजाओं के साथ छावनी में बैठा हुआ दाखमधु के नशे में धुत था.
বিন্হদদ ও তাঁর মিত্রপক্ষের বত্রিশজন রাজা যখন দুপুরবেলায় তাঁবুতে মাতাল হয়ে পড়েছিলেন, তখনই তারা রওনা হল।
17 राज्यपालों के सेवक सबसे आगे थे. बेन-हदद ने भेद लेने के लिए भेदिये भेजे थे. उन्होंने लौटकर उसे यह सूचना दी, “शमरिया से सेना निकल चुकी है.”
প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারাই প্রথমে রওনা হল। ইত্যবসরে বিন্হদদ শত্রুপক্ষের খবর নেওয়ার জন্য লোক পাঠালেন, এবং তারা খবর দিয়েছিল, “শমরিয়া থেকে লোকজন এগিয়ে আসছে।”
18 बेन-हदद ने आदेश दिया, “चाहे वे शांति के लक्ष्य से आ रहे हैं या युद्ध के लक्ष्य से, उन्हें जीवित ही पकड़ लेना.”
তিনি বললেন, “তারা যদি সন্ধি করার জন্য আসছে, তবে তাদের জ্যান্ত অবস্থায় ধরো; যদি তারা যুদ্ধ করার জন্য আসছে, তাও তাদের জ্যান্ত অবস্থায় ধরো।”
19 तब वे नगर से बाहर निकल पड़े. राज्यपालों के सेवक आगे-आगे और उनके पीछे सेना.
প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারা নগর ছেড়ে কুচকাওয়াজ করে বের হয়ে এসেছিল। সৈন্যদল ছিল তাদের পিছনে
20 हर एक ने अपने-अपने सामने के सैनिक को मार दिया. अरामी सेना के पैर उखड़ गए और इस्राएली सेना ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया; मगर अराम का राजा बेन-हदद अपने घोड़े पर घुड़सवारों के साथ भाग निकला.
এবং এক একজন তাদের প্রতিপক্ষকে আঘাত করল। তাতে অরামীয়রা পালিয়ে গেল, এবং ইস্রায়েলীরা তাদের পিছু ধাওয়া করল। কিন্তু অরামের রাজা বিন্হদদ কয়েকজন অশ্বারোহী সৈন্য সাথে নিয়ে ঘোড়ার পিঠে চেপে পালিয়ে গেলেন।
21 इस्राएल के राजा ने पीछा करके घोड़ों और रथों को खत्म कर दिया. अरामी सेना हार गई और उसमें बड़ी मार-काट हुई.
ইস্রায়েলের রাজা এগিয়ে গিয়ে ঘোড়া ও রথগুলি কাবু করলেন এবং অরামীয়দের উপর ভারী ক্ষয়ক্ষতির বোঝা চাপিয়ে দিলেন।
22 तब वह भविष्यद्वक्ता इस्राएल के राजा की उपस्थिति में जाकर कहने लगा, “आप आइए और अपने आपको बलवंत करे. फिर सावधानीपूर्वक विचार कीजिए कि अब आपको क्या करना है; क्योंकि वसन्त ऋतु में अराम का राजा आप पर हमला करेगा.”
পরে, সেই ভাববাদী ইস্রায়েলের রাজার কাছে এসে বললেন, “নিজের অবস্থান মজবুত করুন এবং দেখুন কী করতে হবে, কারণ আগামী বছর বসন্তকালে অরামের রাজা আবার আপনাকে আক্রমণ করবেন।”
23 अराम के राजा के मंत्रियों ने उससे कहा, “उनके देवता पहाड़ियों के देवता हैं. यही कारण है कि वे हमसे अधिक शक्तिशाली साबित हुए हैं, मगर आइए हम उनसे मैदान में युद्ध करें, तब हम निश्चित ही उनसे अधिक मजबूत साबित होंगे.
এদিকে, অরামের রাজার কর্মকর্তারা তাঁকে পরামর্শ দিয়েছিল, “ওদের দেবদেবীরা পাহাড়ের দেবদেবী। এজন্যই ওরা আমাদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হয়ে গিয়েছে। কিন্তু আমরা যদি সমতলে নেমে ওদের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করি, নিঃসন্দেহে আমরা ওদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হব।
24 हम ऐसा करें; राजाओं को हटाकर सेनापतियों को उनकी जगहों पर खड़ा कर दें,
আপনি এক কাজ করুন: রাজাদের সরিয়ে দিয়ে তাদের স্থানে অন্যান্য কর্মকর্তাদের কাজে লাগান।
25 और फिर हारी हुई सेना के समान घोड़े के लिए घोड़े और रथ के लिए रथ की सेना इकट्ठी करें; फिर हम उनसे मैदान में ही युद्ध करेंगे. निश्चित ही हम उनसे अधिक मजबूत साबित होंगे.” राजा ने उनकी सलाह स्वीकार कर ली और वैसा ही किया भी.
যে সৈন্যদল আপনি হারিয়েছেন, সেটির মতো আরও একটি সৈন্যদল গড়ে তুলুন—ঘোড়ার পরিবর্তে ঘোড়া এবং রথের পরিবর্তে রথ—তবেই আমরা সমতলে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে পারব। তখন নিঃসন্দেহে আমরা ওদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হয়ে যাব।” তিনি তাদের কথায় রাজি হয়ে সেইমতোই কাজ করলেন।
26 वसन्त काल में बेन-हदद ने अरामी सेना को इकट्ठा किया और इस्राएल से युद्ध करने अफेक नगर की ओर बढ़ गया.
পরের বছর বসন্তকালে বিন্হদদ অরামীয়দের একত্রিত করে অফেকে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে গেলেন।
27 इस्राएली सैनिक भी इकट्ठे हुए, उन्होंने व्यूह रचना की और अरामियों का सामना करने के लिए आगे बढ़े. इस्राएली सेना ने उनके सामने ऐसे डेरे खड़े किए कि वे भेड़ों के दो छोटे समूहों समान दिखाई दे रहे थे; मगर अरामी सेना पूरी तरह से मैदान पर छा गई थी.
ইস্রায়েলীদেরও যখন একত্রিত করে সবকিছুর জোগান দেওয়া হল, তারা কুচকাওয়াজ করে অরামীয়দের সম্মুখীন হতে গেল। ইস্রায়েলীরা ছোটো দুটি ছাগপালের মতো তাদের বিপরীত দিকে শিবির স্থাপন করল, অন্যদিকে অরামীয়দের দ্বারা গ্রামাঞ্চলের সম্পূর্ণ এলাকা ঢাকা পড়ে গেল।
28 परमेश्वर के एक दूत ने आकर इस्राएल के राजा से कहा, “यह संदेश याहवेह की ओर से है ‘इसलिये कि अरामियों का यह मानना है, याहवेह सिर्फ पहाड़ियों का परमेश्वर है, मगर घाटियों-मैदानों का नहीं, मैं इस पूरी बड़ी भीड़ को तुम्हारे अधीन कर दूंगा, और तुम यह जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं.’”
ঈশ্বরের সেই লোক এসে ইস্রায়েলের রাজাকে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘যেহেতু অরামীয়রা মনে করেছে সদাপ্রভু পাহাড়ের দেবতা এবং তিনি উপত্যকার দেবতা নন, তাই আমি এই বিশাল সংখ্যক সৈন্যদল তোমাদের হাতে সমর্পণ করব, এবং তোমরা জানবে যে আমিই সদাপ্রভু।’”
29 सात दिन तक वे इसी स्थिति में एक दूसरे के आमने-सामने डटे रहे. सातवें दिन युद्ध छिड़ गया. इस्राएली सेना ने एक ही दिन में एक लाख अरामी पैदल सैनिकों को मार डाला,
সাত দিন পর্যন্ত তারা পরস্পরের বিপরীতে শিবির স্থাপন করে বসেছিল, এবং সপ্তম দিনে যুদ্ধ বেধে গেল। একদিনেই ইস্রায়েলীরা অরামীয়দের এক লক্ষ পদাতিক সৈন্য মেরে ফেলেছিল।
30 बाकी अफेक नगर को भाग गए. उनमें से बाकी सत्ताईस हज़ार की मृत्यु उन पर दीवार के ढहने से हो गई. बेन-हदद भी भागा और एक भीतरी कमरे में जाकर छिप गया.
অবশিষ্ট সৈন্যরা সেই অফেক নগরে পালিয়ে গেল, যেখানে সাতাশ হাজার সৈন্যের উপর প্রাচীর ভেঙে পড়েছিল। বিন্হদদ সেই নগরে পালিয়ে গিয়ে ভিতরের একটি ঘরে লুকিয়েছিলেন।
31 उसके सेवकों ने उससे कहा, “सुनिए, हमने सुना है कि इस्राएल वंश के राजा कृपालु राजा होते हैं. हम ऐसा करें; हम कमर में टाट लपेट लेते हैं, अपने सिर पर रस्सियां डाल लेते हैं और इस्राएल के राजा की शरण में चले जाते हैं. संभव है वह आपको प्राण दान दे दें.”
তাঁর কর্মকর্তারা তাঁকে বলল, “দেখুন, আমরা শুনেছি যে ইস্রায়েলের রাজারা নাকি খুব দয়ালু। আসুন, আমরা সবাই কোমরের চারপাশে চট ঝুলিয়ে ও মাথার চারপাশে দড়ি বেঁধে ইস্রায়েলের রাজার কাছে যাই। হয়তো তিনি আপনার প্রাণভিক্ষা দেবেন।”
32 तब उन्होंने अपनी कमर में टाट लपेट ली, सिर पर रस्सियां डाल लीं और जाकर इस्राएल के राजा से कहा, “आपके सेवक बेन-हदद की विनती है, ‘कृपया मुझे प्राण दान दें.’” अहाब ने उनसे पूछा, “क्या वह अब तक जीवित है? वह तो मेरा भाई है.”
কোমরের চারপাশে চট ঝুলিয়ে ও মাথার চারপাশে দড়ি বেঁধে তারা ইস্রায়েলের রাজার কাছে গিয়ে বলল, “আপনার দাস বিন্হদদ বলছেন: ‘দয়া করে আমাকে বাঁচতে দিন।’” রাজামশাই উত্তর দিলেন, “তিনি কি এখনও বেঁচে আছেন? তিনি তো আমার ভাই।”
33 वहां बेन-हदद के मंत्री सही इशारे का इंतजार कर रहे थे. इसे ही शुभ संकेत समझकर उन्होंने तुरंत उत्तर दिया, “जी हां, जी हां, आपका ही भाई बेन-हदद.” राजा अहाब ने उन्हें आदेश दिया, “जाओ, उसे ले आओ!” तब बेन-हदद अहाब के सामने आया. अहाब ने उसे अपने रथ पर ऊपर बुलाया.
লোকেরা এটি ভালো লক্ষণ বলে মনে করল এবং তৎক্ষণাৎ তাঁর কথা ধরে বলে উঠেছিল, “হ্যাঁ, আপনারই ভাই বিনহদদ!” “যাও, তাঁকে নিয়ে এসো,” রাজামশাই বললেন। বিন্হদদ যখন বের হয়ে এলেন, আহাব তাঁকে নিজের রথে উঠিয়ে নিয়েছিলেন।
34 बेन-हदद ने अहाब को कहा, “जो नगर मेरे पिता ने आपके पिता से छीने थे, मैं उन्हें लौटा दूंगा. आप अपनी सुविधा के लिए दमेशेक में अपने व्यापार के केंद्र बना सकते हैं; जैसा मेरे पिता ने शमरिया में किया था.” अहाब ने बेन-हदद से कहा, “यदि तुम्हारी ओर से यही सुझाव है, तो मैं तुम्हें मुक्त किए देता हूं.” तब उसने बेन-हदद से संधि की और उसे मुक्त कर दिया.
“আমার বাবা আপনার বাবার কাছ থেকে যেসব নগর ছিনিয়ে নিয়েছিলেন, আমি সেগুলি ফিরিয়ে দেব,” বিনহদদ প্রস্তাব দিলেন। “আমার বাবা যেভাবে শমরিয়ায় বাজারঘাট বসিয়েছিলেন, আপনিও দামাস্কাসে আপনার নিজস্ব বাজারঘাট বসাতে পারেন।” আহাব বললেন, “একটি সন্ধিচুক্তির শর্তস্বাপেক্ষে আমি আপনাকে মুক্ত করে দেব।” অতএব তিনি বিন্হদদের সঙ্গে একটি সন্ধিচুক্তি করলেন, এবং তাঁকে যেতে দিলেন।
35 याहवेह के आदेश पर भविष्यद्वक्ता मंडल के एक भविष्यद्वक्ता ने अन्य सदस्य से विनती की, “कृपा कर मुझ पर वार करो.” मगर उसने यह विनती अस्वीकार कर दी.
সদাপ্রভুর বাক্যানুসারে ভাববাদী সম্প্রদায়ের মধ্যে একজন তাঁর সহচরকে বললেন, “তোমার অস্ত্র দিয়ে আমাকে আঘাত করো,” কিন্তু তিনি রাজি হননি।
36 तब उस पहले ने दूसरे से कहा, “इसलिये कि तुमने याहवेह की आज्ञा तोड़ी है, यह देख लेना कि जैसे ही तुम यहां से बाहर जाओगे, एक शेर तुम्हें दबोच लेगा. हुआ भी यही: जैसे ही वह वहां से बाहर गया एक सिंह ने उसे दबोच लिया और मार डाला.”
অতএব সেই ভাববাদীমশাই বললেন, “যেহেতু তুমি সদাপ্রভুর কথার বাধ্য হওনি, তাই যে মুহূর্তে তুমি আমাকে ছেড়ে যাবে, একটি সিংহ তোমাকে মেরে ফেলবে।” সেই লোকটি চলে যাওয়ার পর মুহূর্তেই একটি সিংহ তাকে পেয়ে মেরে ফেলেছিল।
37 तब उसे एक दूसरा व्यक्ति मिला. उससे उसने विनती की, “कृपया मुझ पर वार कीजिए.” उस व्यक्ति ने उस पर वार किया और ऐसा वार किया कि वह भविष्यद्वक्ता चोटिल हो गया.
সেই ভাববাদীমশাই অন্য একজনকে পেয়ে তাকে বললেন, “দয়া করে আমাকে আঘাত করো।” তাই সে তাঁকে আঘাত করে তাঁকে ক্ষতবিক্ষত করে তুলেছিল।
38 तब वह भविष्यद्वक्ता वहां से चला गया और जाकर मार्ग में राजा का इंतजार करने लगा. उसने अपना रूप बदलने के उद्देश्य से अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी.
তখন সেই ভাববাদীমশাই সেখান থেকে চলে গিয়ে পথে দাঁড়িয়ে রাজার আসার অপেক্ষা করছিলেন। তিনি মাথার পাগড়ি দিয়ে চোখ ঢেকে ছদ্মবেশ ধারণ করলেন।
39 जैसे ही राजा वहां से गुजरा, उसने पुकारकर राजा से कहा, “आपका सेवक युद्ध-भूमि में गया हुआ था. वहां एक सैनिक ने एक व्यक्ति को मेरे पास लाकर कहा, ‘इस व्यक्ति की रक्षा करना. यदि किसी कारण से मुझे लौटने पर यह यहां न मिले, उसके प्राण के बदले में तुम्हारा प्राण लिया जाएगा. यदि यह नहीं तो तुम्हें उसके स्थान पर मुझे पैंतीस किलो चांदी देनी होगी.’
রাজামশাই যেই না পথ দিয়ে পার হয়ে যাচ্ছিলেন, সেই ভাববাদীমশাই তাঁকে ডেকে বলে উঠেছিলেন, “আপনার এই দাস আমি যুদ্ধক্ষেত্রের মাঝামাঝি চলে গেলাম, এবং কেউ একজন আমার কাছে একজন বন্দিকে নিয়ে এসে বলল, ‘এই লোকটিকে পাহারা দাও। যদি একে খুঁজে পাওয়া না যায়, তবে এর প্রাণের পরিবর্তে তোমার প্রাণ যাবে, অথবা তোমাকে এক তালন্ত রুপো দিতে হবে।’
40 मैं, आपका सेवक जब अपने काम में जुट गया, वह व्यक्ति वहां से जा चुका था.” इस्राएल के राजा ने उससे कहा, “तुम्हारा न्याय तुम्हारे ही कथन के अनुसार किया जाएगा. तुमने खुद अपना निर्णय सुना दिया है.”
আপনার এই দাস যখন এদিক-ওদিক একটু ব্যস্ত হয়ে পড়েছিল, লোকটি উধাও হয়ে গেল।” “তোমাকে ওই শাস্তিই পেতে হবে,” ইস্রায়েলের রাজা বললেন। “তুমি নিজেই নিজের শাস্তি ঘোষণা করেছ।”
41 तब भविष्यद्वक्ता ने तुरंत अपनी आंखों पर से पट्टी हटा दी और इस्राएल का राजा तुरंत पहचान गया कि वह भविष्यद्वक्ता मंडल में से एक भविष्यद्वक्ता है.
তখন সেই ভাববাদীমশাই তাড়াতাড়ি তাঁর চোখের উপর থেকে পাগড়িটি সরিয়ে ফেলেছিলেন, এবং ইস্রায়েলের রাজা চিনতে পেরেছিলেন যে তিনি ভাববাদীদের মধ্যেই একজন।
42 तब भविष्यद्वक्ता ने राजा से कहा, “यह संदेश याहवेह की ओर से है, ‘जिस व्यक्ति को मैंने पूर्ण विनाश के लिए अलग किया था, तुमने उसे अपने अधिकार में आने के बाद भी मुक्त कर दिया है, अब उसके प्राणों के स्थान पर तुम्हारे प्राण ले लिए जाएंगे और उसकी प्रजा के स्थान पर तुम्हारी प्रजा.’”
তিনি রাজামশাইকে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘তুমি এমন একজন লোককে মুক্ত করে দিয়েছ, যাকে মরতে হবে বলে আমি স্থির করে রেখেছিলাম। অতএব তার প্রাণের পরিবর্তে তোমার প্রাণ যাবে, তার লোকজনের পরিবর্তে তোমার লোকজন যাবে।’”
43 इस्राएल का राजा उदास और अप्रसन्न होकर शमरिया पहुंचा.
বিষণ্ণ-গম্ভীর ও ক্রুদ্ধ হয়ে ইস্রায়েলের রাজা শমরিয়ায় তাঁর প্রাসাদে চলে গেলেন।