< 1 राजा 2 >

1 जब दावीद की मृत्यु का समय निकट आया, उन्होंने अपने पुत्र शलोमोन को ये आदेश दिए:
Agora os dias de David se aproximavam para que ele morresse; e ele ordenou a Salomão seu filho, dizendo:
2 “संसार की रीति के अनुसार मैं जा रहा हूं, तुम्हें मजबूत होना होगा और तुम्हें पुरुषार्थ दिखाना होगा.
“Eu estou indo pelo caminho de toda a terra. Seja forte, portanto, e mostre-se homem;
3 परमेश्वर के नियमों के पालन की जो जवाबदारी याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सौंपी है—उनके नियमों का पालन करने का, उनकी विधियों का पालन करने का, उनकी आज्ञा, चितौनियों और गवाहियों का पालन करने का, जैसा कि मोशेह की व्यवस्था में लिखा है; कि तुम्हारा हर एक काम जिसमें तुम लगे होते हो, चाहे वह कैसा भी काम हो; करते हो, समृद्ध हो जाओ;
e guarde a instrução de Javé seu Deus, para andar em seus caminhos, para guardar seus estatutos, seus mandamentos, suas ordenanças e seus testemunhos, de acordo com o que está escrito na lei de Moisés, para que possa prosperar em tudo o que fizer e para onde quer que se volte.
4 जिससे याहवेह मेरे बारे में ली गई अपनी इस शपथ को पूरा कर सकें: ‘यदि तुम्हारे पुत्रों का व्यवहार मेरे सामने उनके पूरे हृदय और प्राण से सच्चा रहेगा, इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए तुम्हें कभी कमी न होगी.’
Então Javé pode estabelecer sua palavra que falou a meu respeito, dizendo: 'Se teus filhos tiverem cuidado de seu caminho, para caminharem diante de mim em verdade com todo o seu coração e com toda a sua alma, não te faltará', disse ele, 'um homem no trono de Israel'.
5 “इसके अलावा तुम्हें यह भी मालूम है कि ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब ने मेरे साथ कैसा गलत व्यवहार किया था—उसने इस्राएल की सेना के दो सेनापतियों—नेर के पुत्र अबनेर और येथेर के पुत्र अमासा की किस प्रकार हत्या की थी. उसने मेल के समय में भी युद्ध के समान लहू बहाया था. ऐसा करके उसने अपने कमरबंध को और अपने जूतों को लहू से भिगो दिया.
“Além disso, você também sabe o que Joab, filho de Zeruia, me fez, mesmo o que ele fez aos dois capitães dos exércitos de Israel, a Abner, filho de Ner, e a Amasa, filho de Jether, que ele matou, e derramou o sangue da guerra em paz, e colocou o sangue da guerra em sua faixa que estava ao redor de sua cintura e em suas sandálias que estavam em seus pés.
6 अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करो और ध्यान रहे कि उसके लिए वह इस बुढ़ापे में पहुंचकर शांति से अधोलोक में प्रवेश न कर सके. (Sheol h7585)
Portanto, faça de acordo com sua sabedoria, e não deixe sua cabeça cinzenta descer em paz para o Sheol. (Sheol h7585)
7 “मगर गिलआदवासी बारज़िल्लई की संतान पर विशेष दया दिखाते रहना. ऐसा करना कि वे भोजन के लिए तुम्हारे साथ बैठा करें; क्योंकि जब मैं तुम्हारे भाई अबशालोम से छिपता हुआ भाग रहा था, उन्होंने मेरी बड़ी सहायता की थी.
Mas mostre bondade para com os filhos de Barzillai, o Gileadita, e deixe-os estar entre aqueles que comem à sua mesa; pois assim eles vieram até mim quando eu fugi de Absalom, seu irmão.
8 “यह न भूलना कि इस समय तुम्हें बहुरीम के रहनेवाले बिन्यामिन वंशज गेरा के पुत्र शिमेई के बारे में भी निर्णय लेना है. जब मैं माहानाईम की ओर बढ़ रहा था, उसने मुझे कड़े शाप दिए थे. मगर जब मैं लौट रहा था, वह मुझसे मिलने यरदन नदी के किनारे तक आया था. मैंने जीवित याहवेह की शपथ लेकर उसे आश्वासन दिया, ‘मेरी तलवार उस पर कभी न उठेगी.’
“Eis que está convosco Shimei, o filho de Gera, o benjamita de Bahurim, que me amaldiçoou com uma maldição grave no dia em que fui a Mahanaim; mas ele desceu ao Jordão para encontrar-se comigo, e eu lhe jurei por Javé, dizendo: “Não vos matarei com a espada”.
9 अब उसे दंड देने में ढिलाई न करना. तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम्हें पता है कि सही क्या होगा. उसके बूढ़े शरीर को बिना लहू बहाए अधोलोक में उतरने न देना.” (Sheol h7585)
Agora, portanto, não o deixeis sem culpa, pois sois um homem sábio; e sabereis o que devíeis fazer com ele, e com sangue trareis sua cabeça cinzenta para o Sheol”. (Sheol h7585)
10 इसके बाद दावीद अपने पूर्वजों में जा मिले. उन्हें उन्हीं के नगर की कब्र में रख दिया गया.
David dormiu com seus pais, e foi enterrado na cidade de David.
11 इस्राएल पर दावीद के शासन की अवधि चालीस साल थी. उन्होंने हेब्रोन में सात साल और येरूशलेम में तैंतीस साल शासन किया.
Os dias em que Davi reinou sobre Israel foram quarenta anos; reinou sete anos em Hebron, e reinou trinta e três anos em Jerusalém.
12 शलोमोन अपने पिता दावीद के राज सिंहासन पर बैठे. उनका शासन इस समय बहुत बढ़िया तरीके से दृढ़ हो चुका था.
Salomão sentou-se no trono de David, seu pai; e seu reino foi firmemente estabelecido.
13 एक दिन हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह शलोमोन की माता बैथशेबा से मिलने आया. बथशेबा ने उससे पूछा, “सब कुशल तो है न?” “जी हां, जी हां, सब कुशल है.” उसने उत्तर दिया.
Então Adonijah, filho de Haggith, veio para Betsabá, a mãe de Salomão. Ela disse: “Você vem em paz?” Ele disse: “pacificamente.
14 उसने आगे कहना शुरू किया, “मुझे आपसे एक विनती करनी है.” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “हां, कहो.”
Ele disse ainda: “Tenho algo a lhe dizer”. Ela disse: “Diga”.
15 तब उसने कहा, “आपको तो इस बात का पता है ही कि वास्तव में यह राज्य मेरा था—पूरे इस्राएल की उम्मीद मुझसे ही थी. फिर पासा पलट गया और राज्य मेरे भाई का हो गया; क्योंकि यह याहवेह द्वारा उसी के लिए पहले से तय किया गया था.
Ele disse: “Vocês sabem que o reino era meu e que todo Israel colocou seu rosto sobre mim, que eu deveria reinar. No entanto, o reino está virado, e se tornou de meu irmão; pois era dele desde Yahweh.
16 अब मैं आपसे सिर्फ एक विनती कर रहा हूं: कृपया मना न कीजिएगा.” बैथशेबा ने उससे कहा, “हां, कहो.”
Agora eu peço uma petição a vocês. Não me negue”. Ela disse a ele: “Diga”.
17 अदोनियाह ने कहना शुरू किया, “आप कृपया राजा शलोमोन से विनती करें कि वह मुझे शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दें; वह आपका कहना नहीं टालेंगे.”
Ele disse: “Por favor, fale com o rei Salomão (pois ele não lhe dirá 'não'), que ele me dê Abishag, o Shunammite, como esposa”.
18 “ठीक है!” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “तुम्हारी यह विनती मैं महाराज तक ज़रूर पहुंचा दूंगी.”
Bathsheba disse: “Tudo bem. Falarei por você ao rei”.
19 तब बैथशेबा अदोनियाह के इस विषय को लेकर राजा शलोमोन के सामने गई. उन्हें देखकर राजा उठ खड़े हुए, और उनसे मिलने के पहले झुककर उन्हें नमस्कार किया. फिर वह अपने सिंहासन पर बैठ गए, उन्होंने आदेश दिया कि एक आसन उनकी माता के लिए लाया जाए. बैथशेबा उनके दाईं ओर उस आसन पर बैठ गईं.
Betsabá foi, portanto, ao rei Salomão, para falar com ele por Adonias. O rei se levantou para encontrá-la e se inclinou diante dela, sentou-se em seu trono e fez com que fosse estabelecido um trono para a mãe do rei; e ela se sentou à sua direita.
20 बैथशेबा ने अपनी बात कहनी शुरू की, “मैं तुमसे एक छोटी सी विनती कर रही हूं; कृपया मना न करना.” “मेरी माता, आप कहिए तो! मैं मना नहीं करूंगा.” राजा ने उन्हें आश्वासन दिया.
Então ela disse: “Peço-vos uma pequena petição; não me negueis”. O rei lhe disse: “Pede, minha mãe, pois não te negarei”.
21 तब बैथशेबा ने आगे कहा, “अपने भाई अदोनियाह को शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दो.”
She disse: “Deixe Abishag, o Shunammite, ser dado a Adonijah, seu irmão como esposa”.
22 राजा शलोमोन ने अपनी माता को उत्तर दिया, “मां, आप अदोनियाह के लिए सिर्फ शूनामी अबीशाग की ही विनती क्यों कर रही हैं? आप तो उसके लिए पूरा राज्य ही मांग सकती थी; वह तो मेरा बड़ा भाई है. ऐसी ही विनती आप पुरोहित अबीयाथर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब के लिए भी कर सकती हैं!”
O rei Salomão respondeu a sua mãe: “Por que você pergunta a Abishag, a Shunammite, por Adonias? Pergunte por ele também o reino, pois ele é meu irmão mais velho; até mesmo por ele, e por Abiatar, o sacerdote, e por Joab, o filho de Zeruia”.
23 तब राजा शलोमोन ने याहवेह की शपथ लेते हुए कहा, “परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही, बल्कि इससे भी कहीं अधिक करें, यदि अदोनियाह अपनी इस बात का मूल्य अपने प्राणों से न चुकाए.
Então o rei Salomão jurou por Javé, dizendo: “Deus me faça isso, e mais ainda, se Adonias não pronunciou esta palavra contra sua própria vida”.
24 क्योंकि जीवित याहवेह ने ही मुझे मेरे पिता दावीद के सिंहासन पर बैठाया है, उन्हीं ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे राजवंश दिया है. यह तय है कि आज ही अदोनियाह को प्राण-दंड दिया जाएगा.”
Portanto, agora que Javé vive, que me estabeleceu e me colocou no trono de meu pai Davi, e que me fez uma casa como prometeu, certamente Adonias será morto hoje”.
25 राजा शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को यह जवाबदारी सौंपी, और उसके वार से अदोनियाह की मृत्यु हो गई.
O rei Salomão enviou Benaiah, o filho de Jehoiada; e ele caiu sobre ele, de modo que ele morreu.
26 इसके बाद राजा ने पुरोहित अबीयाथर से कहा, “आप अनाथोथ चले जाइए, जहां आपकी पैतृक संपत्ति है. सही तो यह था कि आपको मृत्यु दंड दिया जाता, मगर इस समय मैं आपकी हत्या नहीं करूंगा, क्योंकि आपने मेरे पिता दावीद के सामने प्रभु याहवेह की वाचा के संदूक को उठाया था, साथ ही आप मेरे पिता के बुरे समय में उनके साथ बने रहे.”
Para Abiathar o sacerdote o rei disse: “Ide a Anathoth, aos vossos próprios campos, pois sois dignos da morte”. Mas não te matarei neste momento, porque carregaste a arca do Senhor Javé diante de meu pai Davi, e porque foste afligido em tudo aquilo em que meu pai foi afligido”.
27 यह कहते हुए शलोमोन ने अबीयाथर को याहवेह के पुरोहित के पद से हटा दिया, कि याहवेह का वह कहा हुआ वचन पूरा हो जाए, जो उन्होंने शीलो में एली के वंश के संबंध में कहा था.
Então Salomão expulsou Abiathar de ser sacerdote para Yahweh, para que ele pudesse cumprir a palavra de Yahweh que ele falou a respeito da casa de Eli em Shiloh.
28 जब योआब को इसकी ख़बर मिली, वह दौड़कर याहवेह के मिलनवाले तंबू में जा पहुंचा, और उसने जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. ज़ाहिर है कि योआब अदोनियाह के पक्ष में था; हालांकि अबशालोम के पक्ष में नहीं.
Esta notícia chegou a Joab; pois Joab havia seguido Adonijah, embora não tenha seguido Absalom. Joab fugiu para a Tenda de Yahweh, e se agarrou aos chifres do altar.
29 जब राजा शलोमोन को यह बताया गया, योआब याहवेह के मिलनवाले तंबू को भाग गया है, और वह इस समय वेदी पर है, तो शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, “जाओ, उसे वहीं खत्म कर दो!”
Foi dito ao rei Salomão: “Joab fugiu para a Tenda de Yahweh; e eis que ele está junto ao altar”. Então Salomão enviou Benaia, o filho de Jeoiada, dizendo: “Vai, cai sobre ele”.
30 बेनाइयाह ने याहवेह के मिलनवाले तंबू के पास जाकर योआब से कहा, “यह महाराज का आदेश है, ‘आप मिलनवाले तंबू से बाहर आइए!’” किंतु योआब ने उत्तर दिया, “नहीं, मैं यहीं अपने प्राण दे दूंगा.” बेनायाह ने इसकी सूचना राजा को दे दी, “योआब ऐसा कर रहे हैं, और उन्होंने मुझे यह उत्तर दिया है.”
Benaiah veio à Tenda de Yahweh, e disse-lhe: “O rei diz: 'Saia! Ele disse: “Não; mas eu vou morrer aqui”. Benaiah trouxe a palavra do rei novamente, dizendo: “Foi isto que Joab disse, e foi assim que ele me respondeu”.
31 राजा ने बेनायाह को उत्तर दिया, “वही करो, जैसा वह चाह रहा है. उसे खत्म करो, और उसका अंतिम संस्कार भी कर देना. यह करने के द्वारा तुम मेरे पिता के वंश और मुझ पर उस सारे बहाए गए लहू का दोष दूर कर दोगे, जो योआब द्वारा बेकार ही बहाया गया था.
O rei disse-lhe: “Fazei como ele disse, e caí sobre ele, e enterrai-o, para que possais tirar o sangue, que Joab derramou sem causa, de mim e da casa de meu pai”.
32 याहवेह ही उन सभी कुकर्मों को उसके सिर पर ला छोड़ेंगे; क्योंकि उसने बिना मेरे पिता के जाने, अपने से कहीं अधिक भले और सुयोग्य व्यक्तियों की तलवार से हत्या की, नेर के पुत्र अबनेर की, जो इस्राएल की सेना के सेनापति थे, और येथेर के पुत्र अमासा की, जो यहूदिया की सेना के सेनापति थे.
Yahweh devolverá seu sangue sobre sua própria cabeça, porque ele caiu sobre dois homens mais justos e melhores que ele, e os matou com a espada, e meu pai David não sabia disso: Abner o filho de Ner, capitão do exército de Israel, e Amasa o filho de Jether, capitão do exército de Judá.
33 तब उन दोनों की हत्या का दोष लौटकर योआब और उनके वंशजों पर हमेशा के लिए आता रहेगा; मगर दावीद, उनके वंशजों, उनके परिवार और सिंहासन पर याहवेह के द्वारा दी गई शांति हमेशा बनी रहे.”
Assim, seu sangue voltará para sempre sobre a cabeça de Joab e sobre a cabeça de sua prole. Mas para David, para sua descendência, para sua casa e para seu trono, haverá paz para sempre de Javé”.
34 तब यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह भीतर गया, और योआब पर वार कर उसका वध कर दिया, और उसे बंजर भूमि के पास उसके घर पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
Então Benaiah, filho de Jehoiada, subiu, caiu sobre ele e o matou; e ele foi enterrado em sua própria casa no deserto.
35 राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को योआब की जगह पर सेनापति और अबीयाथर के स्थान पर सादोक को पुरोहित बना दिया.
O rei colocou Benaías, filho de Jeoiada, em seu lugar sobre o exército; e o rei colocou Zadoque, o sacerdote, no lugar de Abiatar.
36 इसके बाद राजा ने शिमेई को बुलवाया और उसे आदेश दिया, “येरूशलेम में अपने लिए घर बनाइए और उसी में रहिए. ध्यान रहे कि आप यहां से और कहीं न जाएं,
O rei enviou e chamou por Shimei, e lhe disse: “Construa você mesmo uma casa em Jerusalém, e viva lá, e não vá a nenhum outro lugar”.
37 क्योंकि जिस दिन आप बाहर निकलेंगे, और किद्रोन घाटी पार करेंगे यह समझ लीजिए कि उस दिन आपकी मृत्यु तय होगी, और इसका दोष आपके ही सिर पर होगा.”
Pois no dia em que você sair e passar por cima do riacho Kidron, saiba com certeza que morrerá. Seu sangue estará em sua própria cabeça”.
38 शिमेई ने राजा को उत्तर दिया, “महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं. जो कुछ महाराज, मेरे स्वामी ने कहा है, आपका सेवक उसका पालन ज़रूर करेगा.” तब शिमेई येरूशलेम में लंबे समय तक रहता रहा.
Shimei disse ao rei: “O que você diz é bom”. Como disse meu senhor, o rei, assim fará seu servo”. Shimei viveu muitos dias em Jerusalém.
39 तीन साल खत्म होते-होते शिमेई के दो सेवक भागकर गाथ के राजा माकाह के पुत्र आकीश के पास चले गए. शिमेई को यह सूचना दी गई: “सुनिए, आपके सेवक इस समय गाथ में हैं.”
Ao final de três anos, dois dos escravos de Shimei fugiram para Achish, filho de Maacah, rei de Gate. Eles disseram a Shimei, dizendo: “Eis que seus escravos estão em Gate”.
40 यह सुन शिमेई ने अपने गधे पर काठी कसी और गाथ के लिए निकल गया, कि आकीश के यहां जाकर अपने सेवकों को खोज सके. शिमेई वहां से अपने सेवकों को लेकर येरूशलेम लौट आया.
Shimei levantou-se, selou seu burro e foi a Gate para Achish em busca de seus escravos; e Shimei foi e trouxe seus escravos de Gate.
41 शलोमोन को इस बात की सूचना दे दी गई कि शिमेई येरूशलेम से गाथ गया था और अब वह लौट चुका है.
Foi dito a Salomão que Simei tinha ido de Jerusalém para Gate, e que tinha voltado novamente.
42 यह सुनकर राजा शिमेई को बुलाने का आदेश दिया. राजा ने शिमेई से प्रश्न किया, “क्या मैंने बड़ी गंभीरता से आपसे याहवेह की शपथ लेकर यह चेतावनी न दी थी, ‘जिस दिन आप येरूशलेम से बाहर निकलें, यह समझ लीजिए कि आपकी मृत्यु तय होगी’? जिसके उत्तर में आपने ही कहा था, ‘महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं.’
O rei enviou e chamou Shimei, e disse-lhe: “Não te conjurei por Javé e te avisei, dizendo: 'Sabe com certeza que no dia em que sair e andar em qualquer outro lugar, certamente morrerá...' Disseste-me: 'O ditado que ouvi é bom'.
43 इतना होने पर भी आपने याहवेह के सामने ली गई शपथ का सम्मान और मेरे आदेश का पालन क्यों नहीं किया?”
Por que então você não cumpriu o juramento de Yahweh e o mandamento com o qual eu o instruí”?
44 राजा ने शिमेई से यह भी कहा, “आपको उन सारे बुरे व्यवहारों और गलतियों का अहसास है, जो आपने मेरे पिता दावीद के साथ की थी; इसलिये याहवेह आपके द्वारा किए गए इन दुरव्यवहारों को आपके ही ऊपर लौटा ले आएंगे.
Além disso, o rei disse a Shimei: “Você sabe em seu coração toda a maldade que fez a David, meu pai. Portanto, Yahweh devolverá sua maldade sobre sua própria cabeça”.
45 मगर राजा शलोमोन धन्य रहेंगे और दावीद का सिंहासन याहवेह के सामने हमेशा के लिए बना रहेगा.”
Mas o rei Salomão será abençoado, e o trono de Davi será estabelecido diante de Iavé para sempre”.
46 राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, और उसने बाहर जाकर शिमाई पर ऐसा वार किया कि उसके प्राणपखेरु उड़ गए. इस प्रकार शलोमोन के हाथों में आया राज्य दृढ़ हो गया.
Então o rei ordenou a Benaia, filho de Jeoiada; e ele saiu, e caiu sobre ele, de modo que morreu. O reino foi estabelecido nas mãos de Salomão.

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