< 1 राजा 13 >
1 जहां यरोबोअम धूप जलाने के लिए वेदी के पास खड़ा था, वहां ऐसा हुआ कि याहवेह के आदेश पर परमेश्वर का एक दूत यहूदिया से बेथेल आया.
परमप्रभुको वचनद्वारा परमेश्वका जन बेथेलमा आए । यारोबाम धूप बाल्नलाई वेदीनेर उभिरहेका थिए ।
2 याहवेह के आदेश पर इस व्यक्ति ने वेदी से कहा, “वेदी, ओ वेदी! यह संदेश याहवेह का है ‘यह देखना कि दावीद के वंश से एक पुत्र पैदा होगा, जिसका नाम होगा योशियाह. वह तुझ पर पूजा-गिरियों के लिए ठहराए गए पुरोहितों को बलि चढ़ा देगा, जो पुरोहित आज तुझ पर धूप जला रहे हैं, तुझ पर मनुष्यों की हड्डियां जलाई जाएंगी.’”
तिनले परमप्रभुको वचनद्वारा वेदीको विरुद्धमा चिच्च्याए, “हे वेदी, हे वेदी! परमप्रभु यसो भन्नुहुन्छ, 'हेर, दाऊदको घरानामा योशियाह नाउँ गरेको बालकको जन्म हुने छ, र त्यसले तेरो लागि बलिदान चढाउने डाँडाका ठाउँहरूमा पुजारीहरूलाई तँमाथि नै बलिदान चढाउने छ । तँमाथि तिनीहरूले मानिसका हड्डीहरू जलाउने छन्' ।”
3 उसने उसी दिन उन्हें एक चिन्ह भी दिया. “यह वह चिन्ह है, जो याहवेह द्वारा दिया गया है: देख लेना कि यह वेदी फट जाएगी और इस पर की रखी चर्बी की राख नीचे आ पड़ेगी.”
तब उही दिन परमेश्वरका जनले यसो भन्दै एउटा चिन्ह दिए, “परमप्रभुले घोषणा गर्नुभएको चिन्ह यही होः हेर, वेदी दुई फक्लेटा हुने छ, र त्यसमाथि भएको खरानीचाहिँ खन्याइने छ' ।”
4 जब राजा ने परमेश्वर के दूत के ये शब्द सुने, जो उसने बेथेल में बनी वेदी के बारे में कहे थे, वेदी के पास खड़े यरोबोअम ने हाथ बढ़ाते हुए यह कहा: “पकड़ लो उसे!” परमेश्वर के दूत की ओर बढ़ाया हुआ उसका हाथ सूख चुका था, वह उसे दोबारा अपनी ओर खींच न सका.
बेथेलमा परमेश्वरका जनले वेदीको विरुद्धमा भनेका कुरा जब राजा यारोबामले सुने तिनले वेदीबाट आफ्नो हात पसारेर यसो भने, “त्यसलाई समात्!” तब तिने परमेश्वरको जनलाई समात्न जुन हात पसारेका थिए, त्यो सुक्यो र तिनले त्यो फेरि आफूतिर ल्याउन सकेनन् ।
5 दूसरी ओर वेदी भी फट चुकी थी और वेदी की चर्बी की राख भूमि पर जा पड़ी थी. परमेश्वर के दूत ने याहवेह की ओर से यही भविष्यवाणी की थी.
(वेदी पनि दुई फक्लेटा भयो, र खरानी वेदीबाट पोखियो जस्तो परमप्रभुको वचनद्वारा परमेश्वरका जनले चिन्हद्वारा व्याख्या गरेका थिए ।)
6 इस पर राजा ने परमेश्वर के दूत से बिनती की, “कृपया याहवेह अपने परमेश्वर से दोहाई देते हुए यह विनती कीजिए, कि मेरा यह हाथ पहले जैसा हो जाए.” तब परमेश्वर के दूत ने याहवेह की दोहाई दी, और राजा का वह हाथ पहले के समान ही हो गया.
त्यसैले परमेश्वरका जनले परमप्रभुलाई प्रार्थना गरे, र राजाको हात पहिलेकै जस्तो भयो ।
7 तब राजा ने परमेश्वर के दूत से कहा, “आप मेरे साथ मेरे घर आने की कृपा करें और वहां अपना जी ठंडा करें. मैं आपको उपहार भी दूंगा.”
राजाले परमेश्वरका जनलाई भने, “मेरो घरमा खानपान गर्नुहोस्, र म तपाईंलाई इनाम दिने छु ।”
8 परमेश्वर के दूत ने राजा को उत्तर दिया, “यदि आप मुझे अपना आधा राज्य भी दे दें, मैं न तो आपके घर आऊंगा और न मैं इस स्थान पर खाना खाऊंगा और न ही पानी पिऊंगा,
परमेश्वरका जनले राजालाई भने, “तपाईंले मलाई आधा सम्पत्ति दिनुभए तापनि म तपाईंसित जान्नँ, न यस ठाउँमा तपाईंसित खाने छु न पिउने छु ।
9 क्योंकि याहवेह की ओर से उसे यही आदेश मिला था, ‘न तुम वहां कुछ खाओगे, पिओगे और न उस मार्ग से लौटोगे, जिससे तुम वहां गए थे.’”
किनकि परमप्रभुले आफ्नो वचनद्वारा मलाई आज्ञा दिनुभएको छ, 'तैँले त्यहाँ रोटी नखानू, न त पानी पिउनू, न तँ आएको बाटो फर्केर जानू' ।”
10 इसलिये वह जिस मार्ग से बेथेल आया था, उससे नहीं बल्कि दूसरे मार्ग से घर लौट गया.
त्यसैले परमेश्वरका जन अर्कै बाटो भएर गए, र तिनी जुन बाटो भएर आएका थिए त्यही बाटो भएर आफ्नो घरमा फर्केनन् ।
11 बेथेल में एक बूढ़ा भविष्यद्वक्ता था. उसके पुत्रों ने लौटकर बेथेल में परमेश्वर के दूत से संबंधित सारी घटना का हाल सुना दिया और वे सारी बातें भी, जो उसके द्वारा राजा के लिए की गई थी.
बेथेलमा एक जना वृद्ध अगमवक्ता बस्थे । त्यस दिन बेथेलमा परमेश्वरका जनले गरेका सबै कुरा अगमवक्ताका एक जना छोराले तिनलाई बताए । परमेश्वरका जन राजासित बोलेका थिए भन्ने कुरा पनि तिनका छोराहरूले तिनलाई बताए ।
12 उनके पिता ने उनसे पूछा, “किस रास्ते से लौटा है वह?” उसके पुत्रों ने उसे बता दिया कि परमेश्वर का वह दूत, जो यहूदिया से आया था, उसी रास्ते से लौटा था.
तिनीहरूका पिताले तिनीहरूलाई सोधे, “तिनी कुनचाहिँ बाटो लागे?” परमेश्वरका जन यहूदाको बाटो भएर गएका थिए भनी तिनका छोराहरूले देखेका थिए ।
13 उस बूढ़े भविष्यद्वक्ता ने अपने पुत्रों को आदेश दिया, “मेरे लिए गधे पर काठी कसो.” तब उन्होंने पिता के लिए गधे पर काठी कस दी, और वह बूढ़ा भविष्यद्वक्ता उस पर बैठकर चला गया.
त्यसैले तिनले आफ्ना छोराहरूलाई भने, “मेरो निम्ति गधामा काठी कस ।” त्यसैले तिनीहरूले गधामा काठी कसी त्यसमा चढेर गए ।
14 उसने परमेश्वर के दूत का मार्ग लिया और उसे एक बांज वृक्ष की छाया में बैठा पाया. उसने उससे पूछा, “क्या तुम्हीं यहूदिया से आए हुए परमेश्वर के दूत हो?” उसने उत्तर दिया, “जी हां.”
ती वृद्ध अगमवक्ता परमेश्वरका जनको पछिपछि गए र तिनलाई फलाँटको रुखमुनि बसिरहेको भेट्टाए, र तिनले भने, “के यहूदाबाट आउनुभएका परमेश्वरका जन तपाईं नै हुनुहुन्छ?” तिनले जवाफ दिए, “हो, म नै हुँ ।”
15 तब उस प्राचीन भविष्यद्वक्ता ने उससे कहा, “मेरे साथ मेरे घर चलकर भोजन कर लो.”
तब ती वृद्ध अगमवक्ताले तिनलाई भने, “मसितै घरमा आउनुहोस् र खानपान गर्नुहोस् ।”
16 परमेश्वर के दूत ने उत्तर दिया, “मैं आपके साथ नहीं जा सकता, न तो मैं आपके साथ लौट सकता हूं, न ही मैं इस स्थान में आपके साथ कुछ खा-पी सकता हूं;
परमेश्वरका जनले भने, “म तपाईंसँगै फर्केर जान सक्दिनँ, न त यस ठाउँमा तपाईंसँगै खानपान गर्न सक्छु न पिउन सक्छु ।
17 क्योंकि याहवेह की ओर से मुझे यह आदेश मिला है, ‘तुम वहां न तो कुछ खाओगे, पिओगे और न इस मार्ग से लौटोगे, जिस मार्ग से तुम वहां गए थे.’”
किनकि परमप्रभुको वचनद्वारा मलाई आज्ञा दिइएको छ, 'तैँले त्यहाँ रोटी नखानू, न पानी पिउनू, न तँ आएको बाटो फर्केर जानू' ।”
18 बूढ़े भविष्यद्वक्ता ने उसे उत्तर दिया, “मैं भी तुम्हारे ही समान एक भविष्यद्वक्ता हूं. याहवेह की ओर से एक स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, ‘उसे लौटाकर अपने घर ले आओ, कि वह भोजन कर सके.’” मगर यह झूठ था.
त्यसैले ती वृद्ध अगमवक्ताले तिनलाई भने, “तपाईंजस्तै म पनि अगमवक्ता हुँ, र परमप्रभुको वचनद्वारा एउटा स्वर्गदूतले मलाई यसो भने, 'तिनलाई तिमीसँगै घरमा फर्काएर ल्याउनू ताकि तिनले रोटी खान सकून् र पानी पिउन सकून्' ।” तर तिनले परमेश्वरका जनलाई झुट बोल्दै थिए ।
19 तब परमेश्वर का वह दूत उस वृद्ध भविष्यद्वक्ता के साथ नगर में लौट गया और उसने उसके घर पर भोजन किया और पानी पिया.
त्यसैले परमेश्वरका जन ती वृद्ध अगमवक्तासँगै फर्केर गए, र तिनको घरमा रोटी खानुका साथै पानी पिए ।
20 जब वे भोजन के लिए बैठे ही थे, उस बूढ़े भविष्यद्वक्ता को, जो उसे लौटा लाया था, याहवेह का संदेश मिला,
तिनीहरू टेबुलमा बस्दै गर्दा परमप्रभुको वचन तिनलाई फर्काएर ल्याउने अगमवक्ताकहाँ आयो, र
21 और उसने यहूदिया से आए हुए परमेश्वर के दूत से दृढतापूर्वक कहा, “यह याहवेह का संदेश है: इसलिये कि तुमने याहवेह के आदेश का पालन नहीं किया है, और उनके निर्देशों का पालन नहीं किया है, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें दिए थे,
तिनले यहूदबाट आएका परमेश्वरका जनलाई यसो भनेर कराए, “परमप्रभु भन्नुहुन्छ, 'तँ परमप्रभुको वचनप्रति अनाज्ञाकारी भएकोले र परमप्रभुले तँलाई दिनुभएको वचन पालन नगरी
22 बल्कि तुम लौट गए और तुमने उस स्थान में भोजन किया और पानी पिया है, जिसके बारे में मैंने तुमसे कह दिया था, ‘वहां न तो भोजन करना और न जल पीना, तुम्हारे शरीर को तुम्हारे पूर्वजों के साथ मिट्टी न मिलेगी.’”
फर्केर आई यस ठाउँमा रोटी खाएकोले र पानी पिएकोले तेरो शरीरलाई तेरा पित्रहरूको चिहानमा गाडिने छैन किनकि तैँले परमप्रभुले मनाही गर्नुभएको ठाउँमा रोटी खाइस् र पानी पिइस्' ।”
23 जब परमेश्वर के दूत ने भोजन कर लिया और जल पी लिया, बूढ़े भविष्यद्वक्ता ने उस भविष्यद्वक्ता के लिए, जिसे वह यात्रा से लौटा लाया था, गधे पर काठी कसी.
जब ती परमेश्वरका जनले रोटी खाइसके र पानी पिइसके तब अगमवक्ताले तिनीसँगै तिनको घरमा फर्केर आएका परमेश्वरका जनका लागि गधामा जीन काठी कसे ।
24 जब वह भविष्यद्वक्ता कुछ दूर पहुंचा, उसे मार्ग में एक शेर मिला, जिसने उसे मार डाला. उसका शव रास्ते में ही पड़ा रहा. गधा उस शव के पास खड़ा रह गया. शेर भी शव के ही पास खड़ा रहा.
परमेश्वरका जन गइसकेपछि बाटोमा एउटा सिंहसित तिनको जम्काभेट भयो । सिंहले तिनलाई मारिदियो, र तिनको लाश बाटोमै पडिरह्यो । तब गधा र सिंह लाशको छेउमा उभिएका थिए ।
25 वहां से जाते हुए यात्रियों ने यह दृश्य देखा: शव मार्ग पर पड़ा था और सिंह शव के निकट खड़ा हुआ था. उन्होंने उस नगर में जाकर यह समाचार दे दिया, जहां वह बूढ़ा भविष्यद्वक्ता रहता था.
मानिसहरू त्यो बाटो भएर जाँदा तिनीहरूले बाटोमा लाश छाडिएको र लाशनेर सिंह उभिरहेको देखे । तिनीहरू ती वृद्ध अगमवक्ता बस्ने सहरमा आएर यो कुरा बताइदिए ।
26 जब उस भविष्यद्वक्ता ने, जो उसे यात्रा से लौटा लाया था, यह समाचार सुना, उसने यह घोषणा की, “यह परमेश्वर का वही दूत है, जिसने याहवेह की आज्ञा टाली थी, इसलिये याहवेह ने उसे शेर के अधिकार में कर दिया, कि शेर उसे फाड़कर मार डाले. यह ठीक वैसा ही हुआ, जैसा याहवेह ने उससे कहा था.”
जब तिनलाई फर्काएर ल्याउने अगमवक्ताले यो कुरा सुने तिनले भने, “तिनी परमप्रभुको वचन नमान्ने परमेश्वरका जन हुन् । त्यसकारण परमप्रभुले तिनलाई सिंहको मुखमा पर्न दिनुभयो जसले तिनलाई टुक्राटुक्रा पारी मारिदियो जस्तो परमप्रभुको वचनले तिनलाई चेताउनी दिएको थियो ।”
27 तब उसने अपने पुत्रों को आदेश दिया, “मेरे जाने के लिए गधे पर काठी कसो.” उन्होंने गधे पर काठी कस दी.
त्यसैले ती वृद्ध अगमवक्ताले आफ्ना छोराहरूलाई यसो भने, “मेरो गधमा जीन काठी कस ।” तिनीहरूले त्यसै गरे ।
28 बूढ़ा भविष्यद्वक्ता गया और पाया कि उसका शव मार्ग में पड़ा हुआ था और गधा और शेर शव के पास खड़े हुए थे. शेर ने न तो शव को खाया था और न ही उसने गधे को फाड़ डाला था.
तिनी बाटो लागे र तिनले बाटोमा लाश पडिरहेको अनि लाशको छेउमा गधा र सिंह उभिरहेका देखे । सिंहले लाशलाई खाएको थिएन न त गधालाई आक्रमण गरेको थियो ।
29 भविष्यद्वक्ता ने परमेश्वर के दूत के शव को गधे पर लादा और नगर लौट आया, कि उसके लिए विलाप करके उसका अंतिम संस्कार किया जाए.
अगमवक्ताले परमेश्वरका जनको लाश उठाई गधामा राखे र फर्काएर ल्याए । तिनको निम्ति शोक गर्न र लाशलाई गाड्न तिनी आफ्नै सहरमा आए ।
30 उसने उसके शव को अपने लिए तैयार की गई कब्र में रखा. लोगों ने उसके लिए यह कहते हुए विलाप किया, “हाय, मेरे भाई!”
तिनले लाशलाई आफ्नै चिहानमा राखे, र तिनीहरूले यसो भन्दै तिनको निम्ति शोक गरे, “धिक्कार, मेरा भाइ!”
31 उसे कब्र में रखने के बाद उसने अपने पुत्रों से कहा, “जब मेरी मृत्यु होगी, मुझे भी इसी कब्र में रखना, जिसमें परमेश्वर का यह दूत रखा गया है; मेरी हड्डियां उसी की हड्डियों के पास रख देना,
तिनले लाशलाई गाडिसकेपछि वृद्ध अगमवक्ताले आफ्ना छोराहरूलाई यसो भने, “जब म मर्छु, मलाई परमेश्वरका जन गाडिएकै चिहानमा गाड्नू । मेरा हड्डीहरू तिनका हड्डीहरूको छेउमा रहून् ।
32 क्योंकि यह तो तय है कि वह सभी कुछ होगा, जो याहवेह के संदेश के अनुसार बेथेल की वेदी और शमरिया के नगरों में पूजा की सभी जगहों में बने सभी घरों के संबंध में उसने दृढतापूर्वक कहा था.”
किनकि तिनले परमप्रभुको वचनद्वारा बेथेलको वेदीको विरुद्धमा र सामरियाका सहरहरूमा भएका सबै डाँडाका ठाउँहरूका घरहरूको विरुद्धमा घोषणा गरेका सन्देश निश्चय नै पुरा हुने छ ।”
33 यह सब होने पर भी यरोबोअम अपने गलत कामों से न फिरा. उसने पूजा की जगहों के लिए अपनी सारी प्रजा में से पुरोहित चुने. जो कोई भी पुरोहित का पद चाहता था, वह उसे पूजा की जगहों के पुरोहित होने के लिए अभिषिक्त कर देता था.
यसपछि यारोबाम आफ्नो दुष्ट मार्गबाट फर्केनन्, तर तिनले डाँडाका ठाउँहरूका लागि सबै थरीका मानिसहरूका बिचबाट सामान्य पुजारीहरूलाई नियुक्त गरिरहे । सेवा गर्न चाहने जोसुकैलाई पनि तिनले पुजारीको रूपमा अभिषेक गर्थे ।
34 यह नीति यरोबोअम के परिवार के लिए पाप हो गई, यही यरोबोअम के वंश का पृथ्वी पर से विनाश का कारण हो गया.
यो विषय यारोबामको परिवारको निम्ति पाप बन्यो, र यसले गर्दा तिनको परिवार पृथ्वीबाट नष्ट भएर सर्वनाश भएर गयो ।