< 1 राजा 12 >

1 रिहोबोयाम शेकेम नगर गया, क्योंकि उसके राजाभिषेक के उद्देश्य से सारा इस्राएल वहां इकट्ठा हुआ था.
রহবিয়াম শিখিমে গেলেন, কারণ সমগ্র ইস্রায়েল তাঁকে রাজা করার জন্য সেখানে পৌঁছেছিল।
2 जब नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने यह सुना, जो इस समय मिस्र देश में ही रह रहा था—वह राजा शलोमोन से भागकर यहीं ठहरा हुआ था—
নবাটের ছেলে যারবিয়াম যখন সেকথা শুনলেন (রাজা শলোমনের কাছ থেকে পালিয়ে তিনি সেই যে মিশরে চলে গেলেন, তখনও পর্যন্ত তিনি সেখানেই ছিলেন), তখন তিনি মিশর থেকে ফিরে এলেন।
3 लोगों ने संदेश भेजकर उसे बुलवा लिया. तब यरोबोअम और सारी इस्राएली सभा अपनी बात रखने रिहोबोयाम के पास गई. उन्होंने रिहोबोयाम से कहा,
তাই ইস্রায়েলীরা লোক পাঠিয়ে যারবিয়ামকে ডেকে এনেছিল, এবং তিনি ও সমস্ত ইস্রায়েলী সমাজ রহবিয়ামের কাছে গিয়ে তাঁকে বললেন:
4 “आपके पिता ने हमारा जूआ बहुत ही भारी कर दिया था; अब तो आपके पिता द्वारा कराई गई मेहनत और इस भारी जूए को हल्का कर दीजिए. हम आपकी सेवा हमेशा करते रहेंगे.”
“আপনার বাবা আমাদের উপর এক ভারী জোয়াল চাপিয়ে দিলেন, কিন্তু এখন আপনি সেই কঠোর পরিশ্রম ও ভারী জোয়ালের ভার লঘু করে দিন, যা আপনার বাবা আমাদের উপর চাপিয়ে দিলেন, আর আমরাও আপনার সেবা করব।”
5 रिहोबोयाम ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी आप जाइए और तीन दिन के बाद आइए, तब मैं आपको इसका उत्तर दूंगा.” तब वे सब लौट गए.
রহবিয়াম উত্তর দিলেন, “এখন তোমরা যাও, তিন দিন পর আবার আমার কাছে ফিরে এসো।” তাই লোকজন চলে গেল।
6 इसी समय राजा रिहोबोयाम ने उन पुरनियों से सलाह ली, जो उसके पिता शलोमोन के जीवन भर उसके सेवक रहे थे. उसने पूछा, “मेरे लिए आपकी क्या राय है? मैं इन लोगों को क्या उत्तर दूं?”
পরে রাজা রহবিয়াম সেইসব প্রাচীনের সঙ্গে শলাপরামর্শ করলেন, যারা তাঁর বাবা শলোমনের জীবনকালে তাঁর সেবা করতেন। “এই লোকদের কী উত্তর দিতে হবে সে বিষয়ে আপনারা আমাকে কী পরামর্শ দিতে চান?” তিনি জিজ্ঞাসা করলেন।
7 उन्होंने उसे उत्तर दिया, “यदि आप आज इन लोगों के सामने सेवक की तरह बनकर उन्हें उत्तर देते हुए उनसे मीठी बातें करें, तो वे आजीवन आपके सेवक बने रहेंगे.”
তারা উত্তর দিলেন, “আজ যদি আপনি এই লোকদের দাস হন ও তাদের সেবা করে উপযুক্ত এক উত্তর দেন, তবে তারা সবসময় আপনার দাস হয়েই থাকবে।”
8 मगर रिहोबोयाम ने पुरनियों की इस सलाह को छोड़ दिया और जाकर उन युवाओं से सलाह ली, जो उसी के साथ बड़े हुए थे और जो उसके सेवक थे.
কিন্তু সেই বয়স্ক লোকজন রহবিয়ামকে যে পরামর্শ দিলেন, তিনি তা অগ্রাহ্য করলেন এবং সেই কমবয়সি যুবকদের সাথে শলাপরামর্শ করলেন, যারা তাঁর সাথেই বেড়ে উঠেছিল ও যারা তাঁর সেবা করত।
9 उसने उनसे पूछा “इन लोगों के लिए तुम्हारी राय क्या है, जिन्होंने मुझसे विनती की, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखा गया जूआ हल्का कर दीजिए’?”
তিনি তাদের জিজ্ঞাসা করলেন, “তোমরা কী পরামর্শ দিতে চাও? সেই লোকদের আমরা কী উত্তর দেব, যারা আমাকে বলেছে, ‘আপনার বাবা আমাদের উপর যে জোয়াল চাপিয়ে দিয়েছেন, তা আপনি লঘু করে দিন’?”
10 उसके साथ साथ पले बढ़े युवाओं ने उसे उत्तर दिया, “जिन लोगों ने आपसे यह विनती की है, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखे गए भारी जूए को हल्का कर दीजिए,’ उन्हें यह उत्तर दीजिए, ‘मेरे हाथ की छोटी उंगली ही मेरे पिता की कमर से मोटी है!
তাঁর সাথে বেড়ে ওঠা যুবকেরা উত্তর দিয়েছিল, “এই লোকেরা আপনাকে বলেছে, ‘আপনার বাবা আমাদের উপর ভারী এক জোয়াল চাপিয়ে দিয়েছেন, কিন্তু আপনি এখন আমাদের জোয়াল হালকা করে দিন।’ এখন আপনি তাদের বলুন, ‘আমার কড়ে আঙুল আমার বাবার কোমরের চেয়েও মোটা।
11 यदि मेरे पिता ने तुम पर भारी जूआ लादा था, तो मैं उसे और भी अधिक भारी बना दूंगा. मेरे पिता ने तो तुम्हें नियंत्रण में रखने के लिए कोड़े इस्तेमाल किए थे, मगर मैं इसके लिए बिच्छू का इस्तेमाल करूंगा.’”
আমার বাবা তোমাদের উপর ভারী এক জোয়াল চাপিয়ে দিয়েছেন; আমি সেটি আরও ভারী করে তুলব। আমার বাবা তোমাদের চাবুক মেরে শাস্তি দিয়েছেন; আমি তোমাদের শাস্তি দেব কাঁকড়াবিছের কামড় দিয়ে।’”
12 जब यरोबोअम और सारी भीड़ तीन दिन बाद रिहोबोयाम के सामने आया, जैसा राजा द्वारा बताया गया था, “मेरे पास तीन दिन के बाद आना.”
“তিন দিন পর আমার কাছে তোমরা ফিরে এসো,” রাজার বলা এই কথামতো তিন দিন পর যারবিয়াম ও সব লোকজন রহবিয়ামের কাছে ফিরে এলেন।
13 राजा ने पुरनियों की सलाह को छोड़कर लोगों को कठोर उत्तर दिया,
রাজামশাই কর্কশভাবে লোকদের উত্তর দিলেন। প্রাচীনেরা তাঁকে যে পরামর্শ দিলেন, তা অগ্রাহ্য করে,
14 जो उन्हें युवाओं के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार था. उसने कहा, “मेरे पिता ने तुम्हारा जूआ भारी किया था, तो मैं इसे और ज्यादा भारी कर दूंगा. मेरे पिता ने अगर तुम पर कोड़े चलाए थे, तो अब मैं तुम पर बिच्छू ड़ंक के समान कोड़े बरसाऊंगा.”
তিনি যুবকদের পরামর্শ মতো তাদের বললেন, “আমার বাবা তোমাদের জোয়াল ভারী করে দিলেন; আমি সেটি আরও ভারী করে তুলব। আমার বাবা তোমাদের চাবুক মেরে শাস্তি দিলেন; আমি কাঁকড়াবিছের কামড় দিয়ে তোমাদের শাস্তি দেব।”
15 राजा ने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह सारी बातें याहवेह द्वारा तय की जा चुकी थी, कि वह अपनी कही हुई बात पूरी करे, जो उन्होंने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम से शीलो के भविष्यद्वक्ता अहीयाह द्वारा की थी.
এইভাবে রাজা, প্রজাদের কথা শুনলেন না, কারণ শীলোনীয় অহিয়ের মাধ্যমে সদাপ্রভুর যে বাক্য নবাটের ছেলে যারবিয়ামের কাছে এসেছিল, সেটি পূর্ণ করার জন্য ঈশ্বরের কাছ থেকেই ঘটনার মোড় এভাবে ঘুরে গেল।
16 जब सारे इस्राएल के सामने यह बात आ गई कि राजा ने उनकी विनती की ओर ध्यान ही नहीं दिया है, उन्होंने राजा से यह कह दिया: “क्या भाग है दावीद में हमारा? क्या मीरास है यिशै पुत्र में हमारी? लौट जाओ अपने-अपने तंबुओं में, इस्राएल! दावीद, तुम अपने ही वंश को संभालते रहो!” तब इस्राएली अपने-अपने तंबुओं को लौट गए.
সমগ্র ইস্রায়েল যখন দেখেছিল যে রাজা তাদের কথা শুনতে চাইছেন না, তখন তারা রাজাকে উত্তর দিয়েছিল: “দাউদে আমাদের আর কী অধিকার আছে, যিশয়ের ছেলেই বা কী অধিকার আছে? হে ইস্রায়েল তোমাদের তাঁবুতে ফিরে যাও! হে দাউদ, তুমিও নিজের বংশ দেখাশোনা করো!” এই বলে ইস্রায়েলীরা ঘরে ফিরে গেল।
17 मगर यहूदिया प्रदेशवासी इस्राएलियों पर रिहोबोयाम का शासन हो गया.
কিন্তু যেসব ইস্রায়েলী যিহূদার বিভিন্ন নগরে বসবাস করছিল, রহবিয়াম তখনও তাদের উপর রাজত্ব করে যাচ্ছিলেন।
18 राजा रिहोबोयाम ने अदोरम को, जो बेगार श्रमिकों का मुखिया था, इस्राएलियों के पास भेजा. सारे इस्राएलियों ने उसका पथराव किया कि उसकी हत्या हो गई. यह देख राजा रिहोबोयाम ने बिना देर किए रथ जुतवाया और वह येरूशलेम को भाग गया.
রাজা রহবিয়াম বেগার শ্রমিকদের উপর দায়িত্বপ্রাপ্ত অদোনীরামকে তাদের কাছে পাঠালেন, কিন্তু ইস্রায়েলীরা সবাই পাথর ছুঁড়ে মেরে তাকে হত্যা করল। রাজা রহবিয়াম অবশ্য নিজের রথে চড়ে জেরুশালেমে পালিয়ে যেতে পেরেছিলেন।
19 इस प्रकार इस्राएल राज्य आज तक दावीद के वंश के विरुद्ध विद्रोह की स्थिति में है.
এইভাবে, আজও পর্যন্ত ইস্রায়েল, দাউদের বংশের বিরুদ্ধে বিদ্রোহ করেই চলেছে।
20 जब सारे इस्राएल देश में यह मालूम चल गया कि यरोबोअम लौट आया है, उन्होंने उसे सभा में आमंत्रित किया और उसका सारे इस्राएल के राजा के रूप में राजाभिषेक कर दिया. सिर्फ यहूदाह गोत्र दावीद वंश के साथ रहा.
ইস্রায়েলীরা সবাই যখন শুনেছিল যে যারবিয়াম ফিরে এসেছেন, তখন তারা লোক পাঠিয়ে তাঁকে সমাজে ডেকে এনেছিল ও সমস্ত ইস্রায়েলের উপর তাঁকে রাজা করল। শুধুমাত্র যিহূদা বংশই দাউদ কুলের প্রতি অনুগত থেকে গেল।
21 जब रिहोबोयाम येरूशलेम लौटा, उसने सारे यहूदाह और बिन्यामिन गोत्र को इकट्ठा किया. ये एक लाख अस्सी हज़ार योद्धा थे, जिन्हें परखकर अलग किया गया था, कि ये इस्राएल वंश से युद्ध करें और शलोमोन के पुत्र रिहोबोयाम के राज्य को दोबारा उसे लौटा दें.
জেরুশালেমে পৌঁছে রহবিয়াম যিহূদা ও বিন্যামীন বংশ থেকে এমন কিছু লোকজন—এক লাখ আশি হাজার সক্ষম যুবক—একত্রিত করলেন, যারা ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে ও শলোমনের ছেলে রহবিয়ামের হাতে রাজ্য ফিরিয়ে দিতে পারত।
22 मगर परमेश्वर के एक जन शेमायाह को परमेश्वर का आदेश इन शब्दों में मिला,
কিন্তু ঈশ্বরের এই বাক্য ঈশ্বরের লোক শময়িয়ের কাছে পৌঁছেছিল:
23 “शलोमोन के पुत्र यहूदिया के राजा रिहोबोयाम से और यहूदाह और बिन्यामिन के सभी गोत्रों से और बाकी सभी लोगों से जाकर यह कहो:
“শলোমনের ছেলে, যিহূদার রাজা রহবিয়ামকে এবং যিহূদা ও বিন্যামীনের সব লোকজনকে তথা বাকি সব লোকজনকেও একথা বলো,
24 ‘यह याहवेह का आदेश है, अपने इन संबंधियों से, जो इस्राएल के वंशज हैं, युद्ध न करना. तुममें से हर एक अपने-अपने घर लौट जाए, क्योंकि यह स्थिति मेरे द्वारा उत्पन्‍न की गई है.’” तब उन्होंने याहवेह के आदेश का पालन किया. याहवेह के आदेश के अनुसार वे सब अपने-अपने घर लौट गए.
‘সদাপ্রভু একথাই বলেন: তোমাদের ভাইদের সঙ্গে—ইস্রায়েলীদের সঙ্গে তোমরা যুদ্ধ করতে যেয়ো না। তোমাদের প্রত্যেকজন ঘরে ফিরে যাও, কারণ আমিই এমনটি করেছি।’” তাই সদাপ্রভুর কথার বাধ্য হয়ে তারা ঘরে ফিরে গেল, যেমনটি সদাপ্রভু আদেশ দিলেন।
25 यरोबोअम ने एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में शेकेम नामक नगर को बसाया और वहीं रहने लगा. कुछ समय बाद उसे छोड़ उसने पनीएल नामक स्थान को मजबूत किया.
পরে যারবিয়াম ইফ্রয়িমের পার্বত্য অঞ্চলের শিখিম নগরটি সুরক্ষিত করে গড়ে, সেখানে গিয়েই বসবাস করলেন। সেখান থেকে বাইরে বেরিয়ে গিয়ে তিনি পনূয়েলও গড়ে তুলেছিলেন।
26 यरोबोअम ने विचार किया, “अब तो राज्य दावीद वंश के पास लौट जाएगा.
যারবিয়াম ভেবে নিয়েছিলেন, “রাজ্যটি এখন হয়তো দাউদ কুলের হাতেই ফিরে যাবে।
27 यदि मेरे प्रजाजन बलि चढ़ाने के उद्देश्य से येरूशलेम में याहवेह के भवन को ही जाते रहेंगे, तो यह तय ही है कि उनका हृदय उनके स्वामी की ओर ही लगता जाएगा; यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर, और ये लोग मेरी हत्या कर देंगे और यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर फिर जाएंगे.”
এইসব লোকজন যদি জেরুশালেমে সদাপ্রভুর মন্দিরে বলি উৎসর্গ করতে যায়, তবে হয়তো আবার তারা তাদের মনিব যিহূদার রাজা রহবিয়ামের প্রতি তাদের আনুগত্য দেখিয়ে ফেলতে পারে। তারা আমাকে হত্যা করে আবার রাজা রহবিয়ামের কাছেই ফিরে যাবে।”
28 सलाह-मशविरा करने के बाद, राजा ने सोने के दो बछड़े ढाले, और लोगों के सामने घोषणा की, “बहुत हो चुका तुम्हारा येरूशलेम जाना. इस्राएल, यह देखो, तुम्हारे देवता ये हैं, ये ही हैं जो तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाल लाए हैं.”
শলাপরামর্শ করে রাজামশাই সোনার দুটি বাছুর তৈরি করলেন। তিনি প্রজাদের বললেন, “জেরুশালেমে যাওয়া তোমাদের পক্ষে খুব কষ্টকর ব্যাপার। হে ইস্রায়েল, এই দেখো তোমাদের সেই দেবতা, যিনি মিশর থেকে তোমাদের বের করে এনেছেন।”
29 इसके बाद उसने एक को तो बेथेल में और दूसरे को दान प्रदेश में प्रतिष्ठित किया.
একটিকে তিনি বেথেলে, ও অন্যটিকে তিনি দানে প্রতিষ্ঠিত করলেন।
30 यह पाप साबित हुआ, क्योंकि लोग उसकी उपासना करने दूर के दान प्रदेश तक जाने लगे.
আর এটি পাপ বলে বিবেচিত হল; লোকজন বেথেলে এসে একটির পূজার্চনা করত, এবং অন্যটির পূজার্চনা করার জন্য তারা দান পর্যন্ত চলে যেত।
31 उसने पूजा स्थलों पर मंदिर बनवा दिए, और सारी प्रजा में से ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित चुन दिया, जो लेवी के वंशज न थे.
যারবিয়াম উঁচু উঁচু স্থানে দেবতার পীঠস্থান তৈরি করে সব ধরনের লোকদের মধ্যে থেকে যাজক নিযুক্ত করে দিলেন, যদিও তারা লেবীয় ছিল না।
32 तब यरोबोअम ने आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन एक पर्व घोषित कर दिया. यह वैसा ही पर्व था, जो यहूदिया में मनाया जाता था. उसने बेथेल में वेदी पर उन बछड़ों के लिए, जो स्वयं उसने गढ़ी थी, बलियां चढ़ाईं. उसने बेथेल में उन पूजा की जगहों पर पुरोहित चुन लिए, जिन पूजा घरों को खुद उसी ने बनवाया था.
যিহূদায় যেমনটি হত, ঠিক সেভাবেই তিনি অষ্টম মাসের পনেরোতম দিনে একটি উৎসবের সূচনা করলেন, এবং যজ্ঞবেদিতে বলি উৎসর্গ করলেন। বেথেলে, তাঁর তৈরি করা বাছুরগুলির কাছেই তিনি বলি উৎসর্গ করলেন। আর বেথেলেও তাঁর তৈরি করা উঁচু উঁচু স্থানে তিনি যাজক নিযুক্ত করে দিলেন।
33 वह बेथेल में अपनी ही बनाई हुई वेदी पर आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन गया, और यह महीना और दिन खुद उसने अपनी ही बुद्धि से निश्चित किया था. इस प्रकार उसने इस्राएली प्रजा के लिए यह उत्सव ठहराया था, फिर वह धूप जलाने वेदी पर गया.
তাঁর পছন্দমতো মাসে, অর্থাৎ অষ্টম মাসের পনেরোতম দিনে তিনি বেথেলে তাঁর তৈরি করা যজ্ঞবেদিতে বলি উৎসর্গ করলেন। অতএব তিনি ইস্রায়েলীদের জন্য উৎসবের সূচনা করলেন এবং বলি উৎসর্গ করার জন্য যজ্ঞবেদিতে উঠে গেলেন।

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