< 1 यूहन्ना 2 >

1 मेरे बच्चों, मैं यह सब तुम्हें इसलिये लिख रहा हूं कि तुम पाप न करो किंतु यदि किसी से पाप हो ही जाए तो पिता के पास हमारे लिए एक सहायक है मसीह येशु, जो धर्मी हैं.
ⲁ̅ⲛⲁϣⲏⲣⲉ. ⲉⲓⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲛⲁⲓ. ϫⲉⲕⲁⲥ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲛ̅ⲣ̅ⲛⲟⲃⲉ. ⲁⲩⲱ ⲉⲣϣⲁⲛⲟⲩⲁ ⲣ̅ⲛⲟⲃⲉ. ⲟⲩⲛ̅ⲧⲁⲛ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲙ̅ⲡⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥ ⲉⲧⲥⲟⲡⲥ̅ ⲉϫⲱⲛ ⲛ̅ⲛⲁϩⲣⲙ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ. ⲓⲥ̅ ⲡⲉⲭⲥ̅.
2 वही हमारे पापों के लिए प्रायश्चित बलि हैं—मात्र हमारे ही पापों के लिए नहीं परंतु सारे संसार के पापों के लिए.
ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲡⲉ ⲡⲕⲱ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲉⲛⲛⲟⲃⲉ. ⲛ̅ⲉϥⲥⲟⲡⲥ̅ ⲉⲧⲃⲉⲛⲟⲩⲛ ⲙⲁⲩⲁⲁⲛ ⲁⲛ. ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲧⲃⲉⲛⲁⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲧⲏⲣϥ̅.
3 परमेश्वर के आदेशों का पालन करना इस बात का प्रमाण है कि हमने परमेश्वर को जान लिया है.
ⲅ̅ⲁⲩⲱ ϩⲙ̅ⲡⲁⲓ ⲧⲛ̅ⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲁⲛⲥⲟⲩⲱⲛϥ̅ ⲉⲛϣⲁⲛϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲛⲉϥⲉⲛⲧⲟⲗⲏ.
4 वह, जो यह कहता तो रहता है, “मैं परमेश्वर को जानता हूं,” किंतु उनके आदेशों और आज्ञाओं के पालन नहीं करता, झूठा है और उसमें सच है ही नहीं
ⲇ̅ⲡⲉⲧϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲁⲓⲥⲟⲩⲱⲛϥ̅. ⲉⲛϥϩⲁⲣⲉϩ ⲁⲛ ⲉⲛⲉϥⲉⲛⲧⲟⲗⲏ. ⲟⲩⲣⲉϥϫⲓϭⲟⲗ ⲡⲉ. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲙⲉ ϩⲙ̅ⲡⲁⲓ ⲁⲛ.
5 परंतु जो कोई उनकी आज्ञा का पालन करता है, उसमें परमेश्वर का प्रेम वास्तव में सिद्धता तक पहुंचा दिया गया है. परमेश्वर में हमारे स्थिर बने रहने का प्रमाण यह है:
ⲉ̅ⲡⲉⲧⲛⲁϩⲁⲣⲉϩ ⲇⲉ ⲉⲡⲉϥϣⲁϫⲉ ⲉⲧⲁⲅⲁⲡⲏ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲛⲁⲙⲉ ϩⲙ̅ⲡⲁⲓ. ϩⲙ̅ⲡⲉⲓϩⲱⲃ ⲧⲛ̅ⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲧⲛ̅ϣⲟⲟⲡ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅.
6 जो कोई यह दावा करता है कि वह मसीह येशु में स्थिर है, तो वह उन्हीं के समान चालचलन भी करे.
ⲋ̅ⲡⲉⲧϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ. ϫⲉ ϯⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅. ϣ̅ϣⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲉⲙⲟⲟϣⲉ ⲛ̅ⲑⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲡⲏ ⲙⲟⲟϣⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲥ.
7 प्रिय भाई बहनो, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं परंतु वही आज्ञा लिख रहा हूं, जो प्रारंभ ही से थी; यह वही समाचार है, जो तुम सुन चुके हो.
ⲍ̅ⲛⲁⲙⲉⲣⲁⲧⲉ. ⲛ̅ⲟⲩⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲁⲛ ⲛ̅ⲃⲣ̅ⲣⲉ ⲧⲉϯⲥϩⲁⲓ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲁⲗⲗⲁ ⲧⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲛ̅ⲁⲥ ⲧⲉ. ⲧⲁⲓ ⲉⲧⲉⲩⲛ̅ⲧⲁⲛⲥ̅ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲧⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲛ̅ⲁⲥ ⲡⲉ ⲡϣⲁϫⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲧⲛ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟϥ.
8 फिर भी मैं तुम्हें एक नई आज्ञा लिख रहा हूं, जो मसीह में सच था तथा तुममें भी सच है. अंधकार मिट रहा है तथा वास्तविक ज्योति चमकी है.
ⲏ̅ⲡⲁⲗⲓⲛ ⲟⲛ ⲟⲩⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲛ̅ⲃⲣ̅ⲣⲉ ⲧⲉϯⲥϩⲁⲓ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲡⲁⲓ ⲉⲩⲙⲉ ⲡⲉ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅ ⲁⲩⲱ ⲛ̅ϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ϫⲉ ⲡⲕⲁⲕⲉ ⲛⲁⲡⲁⲣⲁⲅⲉ. ⲁⲩⲱ ⲡⲟⲩⲉⲓⲛ ⲙ̅ⲙⲉ ϥⲣ̅ⲟⲩⲟⲉⲓⲛ ϫⲓⲛⲧⲉⲛⲟⲩ.
9 वह, जो यह दावा करता है कि वह ज्योति में है, फिर भी अपने भाई से घृणा करता है, अब तक अंधकार में ही है.
ⲑ̅ⲡⲉⲧϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ. ϫⲉ ϯϣⲟⲟⲡ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙ̅ⲡⲟⲩⲉⲓⲛ. ⲁⲩⲱ ⲉϥⲙⲟⲥⲧⲉ ⲙ̅ⲡⲉϥⲥⲟⲛ. ϥϣⲟⲟⲡ ϩⲙ̅ⲡⲕⲁⲕⲉ ϣⲁϩⲣⲁⲓ ⲉⲧⲉⲛⲟⲩ.
10 जो साथी विश्वासी से प्रेम करता है, उसका वास ज्योति में है, तथा उसमें ऐसा कुछ भी नहीं जिससे वह ठोकर खाए.
ⲓ̅ⲡⲉⲧⲙⲉ ⲙ̅ⲡⲉϥⲥⲟⲛ ⲉϥϣⲟⲟⲡ ϩⲙ̅ⲡⲟⲩⲟⲉⲓⲛ. ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲙⲛ̅ϫⲣⲟⲡ ϣⲟⲟⲡ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅.
11 परंतु वह, जो साथी विश्वासी से घृणा करता है, अंधकार में है, अंधकार में ही चलता है तथा नहीं जानता कि वह किस दिशा में बढ़ रहा है क्योंकि अंधकार ने उसे अंधा बना दिया है.
ⲓ̅ⲁ̅ⲡⲉⲧⲙⲟⲥⲧⲉ ⲙ̅ⲡⲉϥⲥⲟⲛ ⲉϥϣⲟⲟⲡ ϩⲙ̅ⲡⲕⲁⲕⲉ. ⲁⲩⲱ ⲉϥⲙⲟⲟϣⲉ ϩⲙ̅ⲡⲕⲁⲕⲉ. ⲛ̅ϥⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ⲁⲛ ϫⲉ ⲉϥⲙⲟⲟϣⲉ ⲉⲧⲱⲛ. ϫⲉ ⲁⲡⲕⲁⲕⲉ ⲧⲱⲙ ⲛ̅ⲛⲉϥⲃⲁⲗ.
12 बच्चों, यह सब मैं तुम्हें इसलिये लिख रहा हूं, कि मसीह येशु के नाम के लिए तुम्हारे पाप क्षमा किए गए हैं.
ⲓ̅ⲃ̅ϯⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ. ϫⲉ ⲁⲩⲕⲱ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲛ̅ⲛⲟⲃⲉ ⲉⲧⲃⲉⲡⲉϥⲣⲁⲛ.
13 तुम्हें, जो पिता हो, मैं यह इसलिये लिख रहा हूं कि तुम उन्हें जानते हो, जो आदि से हैं. तुम्हें, जो युवा हो, इसलिये कि तुमने उस दुष्ट को हरा दिया है.
ⲓ̅ⲅ̅ϯⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ⲉⲓⲟⲧⲉ. ϫⲉ ⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ̅ⲡⲉⲧϣⲟⲟⲡ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ϯⲥϩⲁⲓ ⲛ̅ⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ϩⲣ̅ϣⲓⲣⲉ. ϫⲉ ⲁⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲣⲟ ⲉⲡⲡⲟⲛⲏⲣⲟⲥ.
14 प्रभु में नए जन्मे शिशुओं, तुम्हें इसलिये कि तुम पिता को जानते हो. तुम्हें, जो पिता हो, मैं इसलिये लिख रहा हूं कि तुम उन्हें जानते हो, जो आदि से हैं. तुम्हें, जो नौजवान हो, इसलिये कि तुम बलवंत हो, तुममें परमेश्वर के शब्द का वास है, और तुमने उस दुष्ट को हरा दिया है.
ⲓ̅ⲇ̅ⲁⲓⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ. ϫⲉⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲩⲛ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ. ⲁⲓⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ⲉⲓⲟⲧⲉ. ϫⲉⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲩⲛ̅ⲡⲉⲧϣⲟⲟⲡ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲁⲓⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲛ̅ϩⲣ̅ϣⲓⲣⲉ. ϫⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲟⲟⲣ. ⲁⲩⲱ ⲡϣⲁϫⲉ ϣⲟⲟⲡ ⲛ̅ϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ⲁⲩⲱ ⲁⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲣⲟ ⲉⲡⲡⲟⲛⲏⲣⲟⲥ.
15 न तो संसार से प्रेम रखो और न ही सांसारिक वस्तुओं से. यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, उसमें पिता का प्रेम होता ही नहीं.
ⲓ̅ⲉ̅ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲙⲉⲣⲉⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲟⲩⲇⲉ ⲛⲉⲧϩⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲉⲣϣⲁⲛⲟⲩⲁ ⲙⲉⲣⲉⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ. ⲛ̅ⲧⲁⲅⲁⲡⲏ ⲙ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅ ⲁⲛ.
16 वह सब, जो संसार में समाया हुआ है—शरीर की अभिलाषा, आंखों की लालसा तथा जीवनशैली का घमंड—पिता की ओर से नहीं परंतु संसार की ओर से है.
ⲓ̅ⲋ̅ϫⲉ ⲛ̅ⲕⲁ ⲛⲓⲙ ⲉⲧϩⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ϩⲉⲛⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲥⲁⲣⲝ̅ ⲛⲉ. ⲁⲩⲱ ϩⲉⲛⲟⲩⲱϣ ⲛ̅ⲃⲁⲗ ⲛⲉ. ⲁⲩⲱ ⲧⲙⲛ̅ⲧϣⲟⲩϣⲟⲩ ⲛ̅ⲧⲉⲡⲃⲓⲟⲥ. ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ ⲁⲛ ⲛⲉ. ⲁⲗⲗⲁ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲛⲉ.
17 संसार अपनी अभिलाषाओं के साथ मिट रहा है, किंतु वह, जो परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, सर्वदा बना रहता है. (aiōn g165)
ⲓ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ ⲛⲁⲡⲁⲣⲁⲅⲉ ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲕⲉⲩⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ. ⲡⲉⲧⲉⲓⲣⲉ ⲇⲉ ⲙ̅ⲡⲟⲩⲱϣ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϥⲛⲁϣⲱⲡⲉ ϣⲁⲉⲛⲉϩ. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲉⲧⲉⲣⲉⲡⲏ ϣⲟⲟⲡ ϣⲁⲉⲛⲉϩ. (aiōn g165)
18 प्रभु में नए जन्मे शिशुओं, यह अंतिम समय है और ठीक जैसा तुमने सुना ही है कि मसीह विरोधी प्रकट होने पर है, इस समय भी अनेक मसीह विरोधी उठ खड़े हुए हैं, जिससे यह साबित होता है कि यह अंतिम समय है.
ⲓ̅ⲏ̅ⲛⲁϣⲏⲣⲉ. ⲑⲁⲏ ⲛ̅ⲟⲩⲛⲟⲩ ⲧⲉ. ⲁⲩⲱ ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ϫⲉ ⲡⲁⲛⲧⲓⲭⲣⲓⲥⲧⲟⲥ ⲛⲏⲩ. ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲁϩⲁϩ ⲛ̅ⲛ̅ⲁⲛⲧⲓⲭⲣⲓⲥⲧⲟⲥ ϣⲱⲡⲉ. ϩⲙ̅ⲡⲁⲓ ⲧⲛ̅ⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲑⲁⲏ ⲛ̅ⲟⲩⲛⲟⲩ ⲧⲉ.
19 वे हमारे बीच ही से बाहर चले गए—वास्तव में वे हमारे थे ही नहीं—यदि वे हमारे होते तो हमें छोड़कर न जाते. उनका हमें छोड़कर जाना ही यह स्पष्ट कर देता है कि उनमें से कोई भी हमारा न था.
ⲓ̅ⲑ̅ⲛ̅ⲧⲁⲩⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲛ̅. ⲁⲗⲗⲁ ⲛ̅ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲛ̅ ⲁⲛ ⲛⲉ. ⲉⲛⲉϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ϩⲏⲧⲛ̅ ⲛⲉ. ⲛⲉⲩⲛⲁϭⲱ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲛ ⲡⲉ. ⲁⲗⲗⲁ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲩⲉⲟⲩⲱⲛϩ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϫⲉ ⲛ̅ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲛ̅ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲁⲛ ⲛⲉ.
20 किंतु तुम्हारा अभिषेक उन पवित्र मसीह येशु से है, इसका तुम्हें अहसास भी है.
ⲕ̅ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ϩⲱⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲓ ⲛ̅ⲟⲩⲧⲱϩⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲛⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ. ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ⲧⲏⲣⲧⲛ̅.
21 मेरा यह सब लिखने का उद्देश्य यह नहीं कि तुम सच्चाई से अनजान हो परंतु यह कि तुम इससे परिचित हो. किसी भी झूठ का जन्म सच से नहीं होता.
ⲕ̅ⲁ̅ⲛ̅ⲧⲁⲓⲥϩⲁⲓ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲁⲛ. ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ⲁⲛ ⲛ̅ⲧⲙⲉ. ⲁⲗⲗⲁ ϫⲉ ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ⲙ̅ⲙⲟⲥ. ⲁⲩⲱ ϫⲉ ϭⲟⲗ ⲛⲓⲙ ⲛ̅ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ ⲛⲉ ϩⲛ̅ⲧⲙⲉ.
22 झूठा कौन है? सिवाय उसके, जो येशु के मसीह होने की बात को अस्वीकार करता है? यही मसीह विरोधी है, जो पिता और पुत्र को अस्वीकार करता है.
ⲕ̅ⲃ̅ⲛⲓⲙ ⲡⲉ ⲡⲣⲉϥϫⲓϭⲟⲗ ⲉⲓⲙⲏⲧⲓ ⲡⲉⲧϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲛ̅ⲓⲥ̅ ⲁⲛ ⲡⲉ ⲡⲉⲭⲥ̅. ⲡⲁⲓ ⲡⲉ ⲡⲁⲛⲧⲓⲭⲣⲓⲥⲧⲟⲥ. ⲡⲉⲧⲁⲣⲛⲁ ⲙ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ ⲙⲛ̅ⲡϣⲏⲣⲉ.
23 हर एक, जो पुत्र को अस्वीकार करता है, पिता भी उसके नहीं हो सकते. जो पुत्र का अंगीकार करता है, पिता परमेश्वर भी उसके हैं.
ⲕ̅ⲅ̅ⲣⲱⲙⲉ ⲛⲓⲙ ⲉⲧⲁⲣⲛⲁ ⲙ̅ⲡϣⲏⲣⲉ. ⲙ̅ⲙⲛ̅ⲧⲁϥ ⲟⲛ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲙ̅ⲡⲕⲉⲉⲓⲱⲧ. ⲡⲉⲧϩⲟⲙⲟⲗⲟⲅⲉⲓ ⲙ̅ⲡϣⲏⲣⲉ ⲟⲩⲛ̅ⲧⲁϥ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲙ̅ⲡⲕⲉⲉⲓⲱⲧ.
24 इसका ध्यान रखो कि तुममें वही शिक्षा स्थिर रहे, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है. यदि वह शिक्षा, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है, तुममें स्थिर है तो तुम भी पुत्र और पिता में बने रहोगे.
ⲕ̅ⲇ̅ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲡⲉⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟϥ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ⲙⲁⲣⲉϥϭⲱ ⲛ̅ϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲉϥϣⲁⲛϭⲱ ⲛ̅ϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟϥ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲧⲉⲧⲛⲁϭⲱ ϩⲱⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲡⲉ ϩⲙ̅ⲡⲉⲓⲱⲧ ⲁⲩⲱ ϩⲙ̅ⲡϣⲏⲣⲉ.
25 अनंत जीवन ही उनके द्वारा हमसे की गई प्रतिज्ञा है. (aiōnios g166)
ⲕ̅ⲉ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲁⲓ ⲡⲉ ⲡⲉⲣⲏⲧ ⲉⲛⲧⲁϥⲉⲣⲏⲧ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛⲁⲛ. ⲡⲱⲛϩ̅ ϣⲁⲉⲛⲉϩ. (aiōnios g166)
26 यह सब मैंने तुम्हें उनके विषय में लिखा है, जो तुम्हें मार्ग से भटकाने का प्रयास कर रहे हैं.
ⲕ̅ⲋ̅ⲛⲁⲓ ⲁⲓⲥϩⲁⲓⲥⲟⲩ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲉⲧⲃⲉⲛⲉⲧⲡⲗⲁⲛⲁ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅.
27 तुम्हारी स्थिति में प्रभु के द्वारा किया गया वह अभिषेक का तुममें स्थिर होने के प्रभाव से यह ज़रूरी ही नहीं कि कोई तुम्हें शिक्षा दे. उनके द्वारा किया गया अभिषेक ही तुम्हें सभी विषयों की शिक्षा देता है. यह शिक्षा सच है, झूठ नहीं. ठीक जैसी शिक्षा तुम्हें दी गई है, तुम उसी के अनुसार मसीह में स्थिर बने रहो.
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲡⲧⲱϩⲥ̅ ⲛ̅ⲧⲁⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲓⲧϥ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧϥ̅ ϥϣⲟⲟⲡ ⲛ̅ϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲣ̅ⲭⲣⲓⲁ ⲁⲛ. ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲣⲉⲟⲩⲁ ϯⲥⲃⲱ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲁⲗⲗⲁ ⲛ̅ⲑⲉ ⲉⲧⲉⲣⲉⲡⲉϥⲧⲱϩⲥ̅ ϯⲥⲃⲱ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲉⲧⲃⲉϩⲱⲃ ⲛⲓⲙ ⲁⲩⲱ ⲉⲩⲙⲉ ⲡⲉ. ⲉⲙⲙⲛ̅ϭⲟⲗ ϣⲟⲟⲡ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲉⲧϥ̅ϯⲥⲃⲱ ⲛⲏⲧⲛ̅. ϭⲱ ϩⲣⲁⲓ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅.
28 बच्चों, उनमें स्थिर रहो कि जब वह प्रकट हों तो हम निडर पाए जाएं तथा उनके आगमन पर हमें लज्जित न होना पड़े.
ⲕ̅ⲏ̅ⲧⲉⲛⲟⲩ ϭⲉ. ⲛⲁϣⲏⲣⲉ. ϣⲱⲡⲉ ϩⲣⲁⲓ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅. ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥϣⲁⲛⲟⲩⲱⲛϩ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲛⲉϫⲓ ⲛ̅ⲟⲩⲡⲁⲣⲣⲏⲥⲓⲁ. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲛ̅ⲧⲙ̅ϫⲓϣⲓⲡⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧϥ̅ ϩⲛ̅ⲧⲉϥⲡⲁⲣⲟⲩⲥⲓⲁ.
29 यदि तुम्हें यह अहसास है कि वह धर्मी हैं तो यह जान लो कि हर एक धर्मी व्यक्ति भी उन्हीं से उत्पन्‍न हुआ है.
ⲕ̅ⲑ̅ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲟⲩⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥ ⲡⲉ. ⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲉⲧⲉⲓⲣⲉ ⲛ̅ⲧⲇⲓⲕⲁⲓⲟⲥⲩⲛⲏ ⲛ̅ⲧⲁⲩϫⲡⲟϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧϥ̅.

< 1 यूहन्ना 2 >