< 1 कुरिन्थियों 15 >

1 प्रिय भाई बहनो, अब मैं तुम्हें उसी ईश्वरीय सुसमाचार की दोबारा याद दिलाना चाहता हूं, जिसका मैंने तुम्हारे बीच प्रचार किया है, जिसे तुमने ग्रहण किया, जिसमें तुम स्थिर हो
হে ভ্ৰাতৰঃ, যঃ সুসংৱাদো মযা যুষ্মৎসমীপে নিৱেদিতো যূযঞ্চ যং গৃহীতৱন্ত আশ্ৰিতৱন্তশ্চ তং পুন ৰ্যুষ্মান্ ৱিজ্ঞাপযামি|
2 और जिसके द्वारा तुम्हें उद्धार प्राप्‍त हुआ है—यदि तुम उस शिक्षा में, जिसका मैंने तुम्हारे बीच प्रचार किया है, स्थिर हो—नहीं तो व्यर्थ ही हुआ है तुम्हारा विश्वास करना.
যুষ্মাকং ৱিশ্ৱাসো যদি ৱিতথো ন ভৱেৎ তৰ্হি সুসংৱাদযুক্তানি মম ৱাক্যানি স্মৰতাং যুষ্মাকং তেন সুসংৱাদেন পৰিত্ৰাণং জাযতে|
3 मैंने तुम तक वही सच्चाई भेजी, जो सबसे महत्वपूर्ण है तथा जिसे स्वयं मैंने प्राप्‍त किया: पवित्र शास्त्र के अनुसार हमारे पापों के लिए मसीह ने प्राणों का त्याग किया;
যতোঽহং যদ্ যৎ জ্ঞাপিতস্তদনুসাৰাৎ যুষ্মাসু মুখ্যাং যাং শিক্ষাং সমাৰ্পযং সেযং, শাস্ত্ৰানুসাৰাৎ খ্ৰীষ্টোঽস্মাকং পাপমোচনাৰ্থং প্ৰাণান্ ত্যক্তৱান্,
4 वह भूमि में गाड़े गए; पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जीवित किए गए
শ্মশানে স্থাপিতশ্চ তৃতীযদিনে শাস্ত্ৰানুসাৰাৎ পুনৰুত্থাপিতঃ|
5 और तब कैफ़स पर, इसके बाद बारह शिष्यों पर,
স চাগ্ৰে কৈফৈ ততঃ পৰং দ্ৱাদশশিষ্যেভ্যো দৰ্শনং দত্তৱান্|
6 इसके बाद पांच सौ से अधिक भाई बहनों पर, जिनमें से अधिकांश अभी जीवित हैं तथा कुछ लंबी नींद में सो गए हैं, प्रकट हुए.
ততঃ পৰং পঞ্চশতাধিকসংখ্যকেভ্যো ভ্ৰাতৃভ্যো যুগপদ্ দৰ্শনং দত্তৱান্ তেষাং কেচিৎ মহানিদ্ৰাং গতা বহুতৰাশ্চাদ্যাপি ৱৰ্ত্তন্তে|
7 इसके बाद वह याकोब पर प्रकट हुए, इसके बाद सभी प्रेरितों पर
তদনন্তৰং যাকূবায তৎপশ্চাৎ সৰ্ৱ্ৱেভ্যঃ প্ৰেৰিতেভ্যো দৰ্শনং দত্তৱান্|
8 और सबसे अंत में मुझ पर भी—मैं, जिसका जन्म अविकसित अवस्था में हुआ—प्रकट हुए.
সৰ্ৱ্ৱশেষেঽকালজাততুল্যো যোঽহং, সোঽহমপি তস্য দৰ্শনং প্ৰাপ্তৱান্|
9 मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूं—प्रेरित कहलाने योग्य भी नहीं—क्योंकि मैंने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था.
ঈশ্ৱৰস্য সমিতিং প্ৰতি দৌৰাত্ম্যাচৰণাদ্ অহং প্ৰেৰিতনাম ধৰ্ত্তুম্ অযোগ্যস্তস্মাৎ প্ৰেৰিতানাং মধ্যে ক্ষুদ্ৰতমশ্চাস্মি|
10 किंतु आज मैं जो कुछ भी हूं परमेश्वर के अनुग्रह से हूं. मेरे प्रति उनका अनुग्रह व्यर्थ साबित नहीं हुआ. मैं बाकी सभी प्रेरितों की तुलना में अधिक परिश्रम करता गया, फिर भी मैं नहीं, परमेश्वर का अनुग्रह मुझमें कार्य कर रहा था.
১০যাদৃশোঽস্মি তাদৃশ ঈশ্ৱৰস্যানুগ্ৰহেণৈৱাস্মি; অপৰং মাং প্ৰতি তস্যানুগ্ৰহো নিষ্ফলো নাভৱৎ, অন্যেভ্যঃ সৰ্ৱ্ৱেভ্যো মযাধিকঃ শ্ৰমঃ কৃতঃ, কিন্তু স মযা কৃতস্তন্নহি মৎসহকাৰিণেশ্ৱৰস্যানুগ্ৰহেণৈৱ|
11 प्रचार, चाहे मैं करूं या वे, संदेश वही है, जिसमें तुमने विश्वास किया है.
১১অতএৱ মযা ভৱেৎ তৈ ৰ্ৱা ভৱেৎ অস্মাভিস্তাদৃশী ৱাৰ্ত্তা ঘোষ্যতে সৈৱ চ যুষ্মাভি ৰ্ৱিশ্ৱাসেন গৃহীতা|
12 अब यदि मरे हुओं में से जीवित किए गए मसीह हमारे प्रचार का विषय हैं तो क्या कारण है कि तुममें से कुछ की मान्यता यह है कि मरे हुओं का पुनरुत्थान जैसा कुछ नहीं होता?
১২মৃত্যুদশাতঃ খ্ৰীষ্ট উত্থাপিত ইতি ৱাৰ্ত্তা যদি তমধি ঘোষ্যতে তৰ্হি মৃতলোকানাম্ উত্থিতি ৰ্নাস্তীতি ৱাগ্ যুষ্মাকং মধ্যে কৈশ্চিৎ কুতঃ কথ্যতে?
13 यदि मरे हुओं के पुनरुत्थान जैसा कुछ न होता तो मसीह भी जीवित नहीं किए गए होते.
১৩মৃতানাম্ উত্থিতি ৰ্যদি ন ভৱেৎ তৰ্হি খ্ৰীষ্টোঽপি নোত্থাপিতঃ
14 यदि मसीह जीवित नहीं किए गए, तो व्यर्थ है हमारा प्रचार तथा व्यर्थ है तुम्हारा विश्वास भी.
১৪খ্ৰীষ্টশ্চ যদ্যনুত্থাপিতঃ স্যাৎ তৰ্হ্যস্মাকং ঘোষণং ৱিতথং যুষ্মাকং ৱিশ্ৱাসোঽপি ৱিতথঃ|
15 इससे भी बढ़कर यह कि हम परमेश्वर के झूठे गवाह प्रमाणित हो रहे हैं क्योंकि हमने उनके विषय में यह गवाही दी है कि उन्होंने मसीह को मरे हुओं में से जीवित किया; किंतु यदि मरे हुए वास्तव में जीवित नहीं किए जाते तो परमेश्वर ने मसीह को भी जीवित नहीं किया.
১৫ৱযঞ্চেশ্ৱৰস্য মৃষাসাক্ষিণো ভৱামঃ, যতঃ খ্ৰীষ্ট স্তেনোত্থাপিতঃ ইতি সাক্ষ্যম্ অস্মাভিৰীশ্ৱৰমধি দত্তং কিন্তু মৃতানামুত্থিতি ৰ্যদি ন ভৱেৎ তৰ্হি স তেন নোত্থাপিতঃ|
16 क्योंकि यदि मरे हुए जीवित नहीं किए जाते तो मसीह भी जीवित नहीं किए गए.
১৬যতো মৃতানামুত্থিতি ৰ্যতি ন ভৱেৎ তৰ্হি খ্ৰীষ্টোঽপ্যুত্থাপিতৎৱং ন গতঃ|
17 और यदि मसीह जीवित नहीं किए गए तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है और तुम अब भी अपनी पाप की अवस्था में ही हो.
১৭খ্ৰীষ্টস্য যদ্যনুত্থাপিতঃ স্যাৎ তৰ্হি যুষ্মাকং ৱিশ্ৱাসো ৱিতথঃ, যূযম্ অদ্যাপি স্ৱপাপেষু মগ্নাস্তিষ্ঠথ|
18 तब तो वे, जो मसीह में सो गए हैं, नाश हो चुके.
১৮অপৰং খ্ৰীষ্টাশ্ৰিতা যে মানৱা মহানিদ্ৰাং গতাস্তেঽপি নাশং গতাঃ|
19 यदि हमने मात्र इस शारीरिक जीवन में ही मसीह में आशा रखी है तो हम अन्य सभी मनुष्यों में सबसे अधिक दयनीय हैं.
১৯খ্ৰীষ্টো যদি কেৱলমিহলোকে ঽস্মাকং প্ৰত্যাশাভূমিঃ স্যাৎ তৰ্হি সৰ্ৱ্ৱমৰ্ত্যেভ্যো ৱযমেৱ দুৰ্ভাগ্যাঃ|
20 किंतु सच यही है कि मसीह मरे हुओं में से जीवित किए गए हैं—उनके पहले फल, जो सो गए हैं.
২০ইদানীং খ্ৰীষ্টো মৃত্যুদশাত উত্থাপিতো মহানিদ্ৰাগতানাং মধ্যে প্ৰথমফলস্ৱৰূপো জাতশ্চ|
21 जिस प्रकार एक मनुष्य के द्वारा मृत्यु का प्रवेश हुआ, उसी प्रकार एक मनुष्य के द्वारा मरे हुओं के पुनरुत्थान का प्रवेश भी हुआ.
২১যতো যদ্ৱৎ মানুষদ্ৱাৰা মৃত্যুঃ প্ৰাদুৰ্ভূতস্তদ্ৱৎ মানুষদ্ৱাৰা মৃতানাং পুনৰুত্থিতিৰপি প্ৰদুৰ্ভূতা|
22 जिस प्रकार आदम में सब की मृत्यु होती है, उसी प्रकार मसीह में सब जीवित भी किए जाएंगे.
২২আদমা যথা সৰ্ৱ্ৱে মৰণাধীনা জাতাস্তথা খ্ৰীষ্টেন সৰ্ৱ্ৱে জীৱযিষ্যন্তে|
23 किंतु हर एक अपनी बारी से: पहले फल मसीह, इसके बाद वे सब, जो मसीह के आगमन तक उनमें स्थिर बने रहेंगे.
২৩কিন্ত্ৱেকৈকেন জনেন নিজে নিজে পৰ্য্যায উত্থাতৱ্যং প্ৰথমতঃ প্ৰথমজাতফলস্ৱৰূপেন খ্ৰীষ্টেন, দ্ৱিতীযতস্তস্যাগমনসমযে খ্ৰীষ্টস্য লোকৈঃ|
24 तब, जब वह सारी प्रभुता, अधिकार और सामर्थ्य को नाश कर राज्य पिता परमेश्वर को सौंप देंगे, फिर युगांत हो जाएगा.
২৪ততঃ পৰম্ অন্তো ভৱিষ্যতি তদানীং স সৰ্ৱ্ৱং শাসনম্ অধিপতিৎৱং পৰাক্ৰমঞ্চ লুপ্ত্ৱা স্ৱপিতৰীশ্ৱৰে ৰাজৎৱং সমৰ্পযিষ্যতি|
25 यह ज़रूरी है कि वह उस समय तक शासन करें जब तक वह अपने सभी शत्रुओं को अपने अधीन न कर दें.
২৫যতঃ খ্ৰীষ্টস্য ৰিপৱঃ সৰ্ৱ্ৱে যাৱৎ তেন স্ৱপাদযোৰধো ন নিপাতযিষ্যন্তে তাৱৎ তেনৈৱ ৰাজৎৱং কৰ্ত্তৱ্যং|
26 जिस शत्रु को सबके अंत में नष्ट किया जाएगा, वह है मृत्यु
২৬তেন ৱিজেতৱ্যো যঃ শেষৰিপুঃ স মৃত্যুৰেৱ|
27 क्योंकि उन्होंने सब कुछ उनके अधीन कर दिया है. किंतु जब वह कहते हैं, “सब कुछ उनके अधीन कर दिया गया है,” यह साफ़ ही है कि परमेश्वर इसमें शामिल नहीं, जिन्होंने सब कुछ उनके अधीन कर दिया है.
২৭লিখিতমাস্তে সৰ্ৱ্ৱাণি তস্য পাদযো ৰ্ৱশীকৃতানি| কিন্তু সৰ্ৱ্ৱাণ্যেৱ তস্য ৱশীকৃতানীত্যুক্তে সতি সৰ্ৱ্ৱাণি যেন তস্য ৱশীকৃতানি স স্ৱযং তস্য ৱশীভূতো ন জাত ইতি ৱ্যক্তং|
28 जब सब कुछ मसीह के अधीन कर दिया गया है, तब स्वयं पुत्र भी परमेश्वर के अधीन हो जाएंगे, जिन्होंने सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया कि परमेश्वर ही स्वामी हों.
২৮সৰ্ৱ্ৱেষু তস্য ৱশীভূতেষু সৰ্ৱ্ৱাণি যেন পুত্ৰস্য ৱশীকৃতানি স্ৱযং পুত্ৰোঽপি তস্য ৱশীভূতো ভৱিষ্যতি তত ঈশ্ৱৰঃ সৰ্ৱ্ৱেষু সৰ্ৱ্ৱ এৱ ভৱিষ্যতি|
29 यदि पुनरुत्थान जैसा कुछ नहीं होता तो उनका क्या होगा, जो मरे हुओं के स्थान पर बपतिस्मित हो रहे हैं? यदि मृतक जीवित नहीं किए जाते तो लोग उनके लिए बपतिस्मित क्यों किए जा रहे हैं?
২৯অপৰং পৰেতলোকানাং ৱিনিমযেন যে মজ্জ্যন্তে তৈঃ কিং লপ্স্যতে? যেষাং পৰেতলোকানাম্ উত্থিতিঃ কেনাপি প্ৰকাৰেণ ন ভৱিষ্যতি তেষাং ৱিনিমযেন কুতো মজ্জনমপি তৈৰঙ্গীক্ৰিযতে?
30 तो फिर हम क्यों हर घड़ी अपने जीवन को जोखिम में डाले फिर रहे हैं?
৩০ৱযমপি কুতঃ প্ৰতিদণ্ডং প্ৰাণভীতিম্ অঙ্গীকুৰ্ম্মহে?
31 मैं हर दिन मृत्यु का सामना करता हूं. यह मैं उस गौरव की शपथ खाकर कह रहा हूं, जो हमारे प्रभु येशु मसीह में मुझे तुम पर है.
৩১অস্মৎপ্ৰভুনা যীশুখ্ৰীষ্টেন যুষ্মত্তো মম যা শ্লাঘাস্তে তস্যাঃ শপথং কৃৎৱা কথযামি দিনে দিনেঽহং মৃত্যুং গচ্ছামি|
32 इफ़ेसॉस नगर में यदि मैं जंगली पशुओं से सिर्फ मनुष्य की रीति से लड़ता तो मुझे क्या लाभ होता? यदि मरे हुए जीवित नहीं किए जाते तो, जैसी कि उक्ति है: “आओ, हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”
৩২ইফিষনগৰে ৱন্যপশুভিঃ সাৰ্দ্ধং যদি লৌকিকভাৱাৎ মযা যুদ্ধং কৃতং তৰ্হি তেন মম কো লাভঃ? মৃতানাম্ উত্থিতি ৰ্যদি ন ভৱেৎ তৰ্হি, কুৰ্ম্মো ভোজনপানেঽদ্য শ্ৱস্তু মৃত্যু ৰ্ভৱিষ্যতি|
33 धोखे में मत रहना: बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है.
৩৩ইত্যনেন ধৰ্ম্মাৎ মা ভ্ৰংশধ্ৱং| কুসংসৰ্গেণ লোকানাং সদাচাৰো ৱিনশ্যতি|
34 सावधान हो जाओ, पाप करना छोड़ दो. यह मैं तुम्हें लज्जित करने के लिए ही कह रहा हूं क्योंकि तुममें से कुछ तो परमेश्वर को जानते ही नहीं.
৩৪যূযং যথোচিতং সচৈতন্যাস্তিষ্ঠত, পাপং মা কুৰুধ্ৱং, যতো যুষ্মাকং মধ্য ঈশ্ৱৰীযজ্ঞানহীনাঃ কেঽপি ৱিদ্যন্তে যুষ্মাকং ত্ৰপাযৈ মযেদং গদ্যতে|
35 संभवतः कोई यह पूछे: कैसे जीवित हो जाते हैं मुर्दे? कैसा होता है उनका शरीर?
৩৫অপৰং মৃতলোকাঃ কথম্ উত্থাস্যন্তি? কীদৃশং ৱা শৰীৰং লব্ধ্ৱা পুনৰেষ্যন্তীতি ৱাক্যং কশ্চিৎ প্ৰক্ষ্যতি|
36 मूर्खता भरा प्रश्न! तुम जो कुछ बोते हो तब तक पोषित नहीं होता, जब तक वह पहले मर न जाए.
৩৬হে অজ্ঞ ৎৱযা যদ্ বীজম্ উপ্যতে তদ্ যদি ন ম্ৰিযেত তৰ্হি ন জীৱযিষ্যতে|
37 तुम उस शरीर को, जो पोषित होने को है, नहीं रोपते—तुम तो सिर्फ बीज रोपते हो—चाहे गेहूं या कोई और
৩৭যযা মূৰ্ত্ত্যা নিৰ্গন্তৱ্যং সা ৎৱযা নোপ্যতে কিন্তু শুষ্কং বীজমেৱ; তচ্চ গোধূমাদীনাং কিমপি বীজং ভৱিতুং শক্নোতি|
38 मगर परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसे देह प्रदान करते हैं—हर एक बीज को उसकी अपनी विशेष देह.
৩৮ঈশ্ৱৰেণেৱ যথাভিলাষং তস্মৈ মূৰ্ত্তি ৰ্দীযতে, একৈকস্মৈ বীজায স্ৱা স্ৱা মূৰ্ত্তিৰেৱ দীযতে|
39 सभी प्राणियों की देह अलग होती है—मनुष्य की देह एक प्रकार की, पशु की देह एक प्रकार की, पक्षी की देह तथा मछली की देह एक प्रकार की.
৩৯সৰ্ৱ্ৱাণি পললানি নৈকৱিধানি সন্তি, মনুষ্যপশুপক্ষিমৎস্যাদীনাং ভিন্নৰূপাণি পললানি সন্তি|
40 देह स्वर्गीय भी होती है और शारीरिक भी. स्वर्गीय देह का तेज अलग होता है और शारीरिक देह का अलग.
৪০অপৰং স্ৱৰ্গীযা মূৰ্ত্তযঃ পাৰ্থিৱা মূৰ্ত্তযশ্চ ৱিদ্যন্তে কিন্তু স্ৱৰ্গীযানাম্ একৰূপং তেজঃ পাৰ্থিৱানাঞ্চ তদন্যৰূপং তেজোঽস্তি|
41 सूर्य का तेज एक प्रकार का होता है, चंद्रमा का अन्य प्रकार का और तारों का अन्य प्रकार का और हर एक तारे का तेज अन्य तारे के तेज से अलग होता है.
৪১সূৰ্য্যস্য তেজ একৱিধং চন্দ্ৰস্য তেজস্তদন্যৱিধং তাৰাণাঞ্চ তেজোঽন্যৱিধং, তাৰাণাং মধ্যেঽপি তেজসস্তাৰতম্যং ৱিদ্যতে|
42 मरे हुओं का जीवित होना भी ऐसा ही होता है. रोपित की जाती नाशमान देह, जीवित होती है अविनाशी देह.
৪২তত্ৰ লিখিতমাস্তে যথা, ‘আদিপুৰুষ আদম্ জীৱৎপ্ৰাণী বভূৱ,’ কিন্ত্ৱন্তিম আদম্ (খ্ৰীষ্টো) জীৱনদাযক আত্মা বভূৱ|
43 यह रोपित की जाती है अनादर के साथ, जीवित होती है तेज में; रोपित की जाती है निर्बल देह, जीवित होती है सामर्थ्य से भरी देह.
৪৩যদ্ উপ্যতে তৎ তুচ্ছং যচ্চোত্থাস্যতি তদ্ গৌৰৱান্ৱিতং; যদ্ উপ্যতে তন্নিৰ্ব্বলং যচ্চোত্থাস্যতি তৎ শক্তিযুক্তং|
44 रोपित की जाती है शारीरिक देह, जीवित होती है आत्मिक देह. यदि शारीरिक देह है तो आत्मिक देह भी है.
৪৪যৎ শৰীৰম্ উপ্যতে তৎ প্ৰাণানাং সদ্ম, যচ্চ শৰীৰম্ উত্থাস্যতি তদ্ আত্মনঃ সদ্ম| প্ৰাণসদ্মস্ৱৰূপং শৰীৰং ৱিদ্যতে, আত্মসদ্মস্ৱৰূপমপি শৰীৰং ৱিদ্যতে|
45 जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख भी है: “पहला मानव आदम जीवित प्राणी हुआ किंतु अंतिम आदम जीवनदायी आत्मा हुआ.”
৪৫তত্ৰ লিখিতমাস্তে যথা, আদিপুৰুষ আদম্ জীৱৎপ্ৰাণী বভূৱ, কিন্ত্ৱন্তিম আদম্ (খ্ৰীষ্টো) জীৱনদাযক আত্মা বভূৱ|
46 फिर भी पहला वह नहीं, जो आत्मिक है परंतु वह, जो शारीरिक है. उसके बाद ही आत्मिक का स्थान है.
৪৬আত্মসদ্ম ন প্ৰথমং কিন্তু প্ৰাণসদ্মৈৱ তৎপশ্চাদ্ আত্মসদ্ম|
47 पहला मानव शारीरिक था—मिट्टी का बना हुआ—दूसरा मानव स्वर्गीय.
৪৭আদ্যঃ পুৰুষে মৃদ উৎপন্নৎৱাৎ মৃণ্মযো দ্ৱিতীযশ্চ পুৰুষঃ স্ৱৰ্গাদ্ আগতঃ প্ৰভুঃ|
48 शारीरिक वैसे ही हैं जैसा मिट्टी से बना मानव था तथा स्वर्गीय वैसे ही हैं जैसा वह, जो स्वर्गीय है.
৪৮মৃণ্মযো যাদৃশ আসীৎ মৃণ্মযাঃ সৰ্ৱ্ৱে তাদৃশা ভৱন্তি স্ৱৰ্গীযশ্চ যাদৃশোঽস্তি স্ৱৰ্গীযাঃ সৰ্ৱ্ৱে তাদৃশা ভৱন্তি|
49 ठीक जैसे हमें उस शारीरिक का रूप प्राप्‍त हुआ है, हमें उस स्वर्गीय का रूप भी प्राप्‍त होगा.
৪৯মৃণ্মযস্য ৰূপং যদ্ৱদ্ অস্মাভি ৰ্ধাৰিতং তদ্ৱৎ স্ৱৰ্গীযস্য ৰূপমপি ধাৰযিষ্যতে|
50 प्रिय भाई बहनो, शारीरिक लहू और मांस का मनुष्य परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता और न ही नाशमान अविनाशी में.
৫০হে ভ্ৰাতৰঃ, যুষ্মান্ প্ৰতি ৱ্যাহৰামি, ঈশ্ৱৰস্য ৰাজ্যে ৰক্তমাংসযোৰধিকাৰো ভৱিতুং ন শক্নোতি, অক্ষযৎৱে চ ক্ষযস্যাধিকাৰো ন ভৱিষ্যতি|
51 सुनो! मैं तुम पर एक भेद प्रकट करता हूं: हम सभी सो नहीं जाएंगे परंतु हम सभी का रूप बदल
৫১পশ্যতাহং যুষ্মভ্যং নিগূঢাং কথাং নিৱেদযামি|
52 जाएगा—क्षण-भर में, पलक झपकते ही, आखिरी तुरही के स्वर पर. ज्यों ही आखिरी तुरही का स्वर होगा, मरे हुए अविनाशी दशा में जीवित किए जाएंगे और हमारा रूप बदल जाएगा.
৫২সৰ্ৱ্ৱৈৰস্মাভি ৰ্মহানিদ্ৰা ন গমিষ্যতে কিন্ত্ৱন্তিমদিনে তূৰ্য্যাং ৱাদিতাযাম্ একস্মিন্ ৱিপলে নিমিষৈকমধ্যে সৰ্ৱ্ৱৈ ৰূপান্তৰং গমিষ্যতে, যতস্তূৰী ৱাদিষ্যতে, মৃতলোকাশ্চাক্ষযীভূতা উত্থাস্যন্তি ৱযঞ্চ ৰূপান্তৰং গমিষ্যামঃ|
53 यह ज़रूरी है कि नाशमान अविनाशी को धारण करे तथा मरणहार अमरता को.
৫৩যতঃ ক্ষযণীযেনৈতেন শৰীৰেণাক্ষযৎৱং পৰিহিতৱ্যং, মৰণাধীনেনৈতেন দেহেন চামৰৎৱং পৰিহিতৱ্যং|
54 किंतु जब यह नाशमान अविनाशी को तथा मरणहार अमरता को धारण कर लेगा तब पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हो जाएगा: “मृत्यु विजय का निवाला बन गई.”
৫৪এতস্মিন্ ক্ষযণীযে শৰীৰে ঽক্ষযৎৱং গতে, এতস্মন্ মৰণাধীনে দেহে চামৰৎৱং গতে শাস্ত্ৰে লিখিতং ৱচনমিদং সেৎস্যতি, যথা, জযেন গ্ৰস্যতে মৃত্যুঃ|
55 मृत्यु! कहां है तेरी विजय? मृत्यु! कहां है तेरा ड़ंक? (Hadēs g86)
৫৫মৃত্যো তে কণ্টকং কুত্ৰ পৰলোক জযঃ ক্ক তে|| (Hadēs g86)
56 मृत्यु का ड़ंक है पाप और पाप का बल है व्यवस्था.
৫৬মৃত্যোঃ কণ্টকং পাপমেৱ পাপস্য চ বলং ৱ্যৱস্থা|
57 किंतु हम धन्यवाद करते हैं परमेश्वर का, जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा विजय प्रदान करते हैं.
৫৭ঈশ্ৱৰশ্চ ধন্যো ভৱতু যতঃ সোঽস্মাকং প্ৰভুনা যীশুখ্ৰীষ্টেনাস্মান্ জযযুক্তান্ ৱিধাপযতি|
58 इसलिये मेरे प्रिय भाई बहनो, इस सच्चाई के प्रकाश में कि प्रभु में तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है, तुम प्रभु के काम में उन्‍नत होते हुए हमेशा दृढ़ तथा स्थिर रहो.
৫৮অতো হে মম প্ৰিযভ্ৰাতৰঃ; যূযং সুস্থিৰা নিশ্চলাশ্চ ভৱত প্ৰভোঃ সেৱাযাং যুষ্মাকং পৰিশ্ৰমো নিষ্ফলো ন ভৱিষ্যতীতি জ্ঞাৎৱা প্ৰভোঃ কাৰ্য্যে সদা তৎপৰা ভৱত|

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