< 1 कुरिन्थियों 10 >

1 प्रिय भाई बहनो, मैं नहीं चाहता कि तुम इस बात से अनजान रहो कि हमारे सारे पूर्वज बादल की छाया में यात्रा करते रहे, और सभी ने समुद्र पार किया.
ου θελω δε υμας αγνοειν αδελφοι οτι οι πατερες ημων παντες υπο την νεφελην ησαν και παντες δια της θαλασσης διηλθον
2 उन सभी का मोशेह में, बादल में और समुद्र में बपतिस्मा हुआ.
και παντες εις τον μωσην εβαπτισαντο εν τη νεφελη και εν τη θαλασση
3 सबने एक ही आत्मिक भोजन किया,
και παντες το αυτο βρωμα πνευματικον εφαγον
4 सबने एक ही आत्मिक जल पिया क्योंकि वे सब एक ही आत्मिक चट्टान में से पिया करते थे, जो उनके साथ साथ चलती थी और वह चट्टान थे मसीह.
και παντες το αυτο πομα πνευματικον επιον επινον γαρ εκ πνευματικης ακολουθουσης πετρας η δε πετρα ην ο χριστος
5 यह सब होने पर भी परमेश्वर उनमें से बहुतों से संतुष्ट न थे इसलिये बंजर भूमि में ही उनके प्राण ले लिए गए.
αλλ ουκ εν τοις πλειοσιν αυτων ευδοκησεν ο θεος κατεστρωθησαν γαρ εν τη ερημω
6 ये सभी घटनाएं हमारे लिए चेतावनी थी कि हम बुराई की लालसा न करें, जैसे हमारे पूर्वजों ने की थी.
ταυτα δε τυποι ημων εγενηθησαν εις το μη ειναι ημας επιθυμητας κακων καθως κακεινοι επεθυμησαν
7 न ही तुम मूर्तिपूजक बनो, जैसे उनमें से कुछ थे, जैसा पवित्र शास्त्र का लेख है: वे खाने-पीने बैठ गए और खड़े होकर रंगरेलियां मनाने लगे.
μηδε ειδωλολατραι γινεσθε καθως τινες αυτων ως γεγραπται εκαθισεν ο λαος φαγειν και πιειν και ανεστησαν παιζειν
8 हम वेश्यागामी में लीन न हों, जैसे उनमें से कुछ हो गए थे और परिणामस्वरूप, एक ही दिन में तेईस हज़ार की मृत्यु हो गई.
μηδε πορνευωμεν καθως τινες αυτων επορνευσαν 4203 και επεσον εν μια ημερα εικοσιτρεις χιλιαδες
9 न हम मसीह को परखें, जैसे उनमें से कुछ ने किया और सांपों के डसने से उनका नाश हो गया.
μηδε εκπειραζωμεν τον χριστον καθως και τινες αυτων επειρασαν και υπο των οφεων απωλοντο
10 न ही तुम कुड़कुड़ाओ, जैसा उनमें से कुछ ने किया और नाश करनेवाले द्वारा नाश किए गए.
μηδε γογγυζετε καθως και τινες αυτων εγογγυσαν και απωλοντο υπο του ολοθρευτου
11 उनके साथ घटी हुई ये घटनाएं चिन्ह थी, जो हमारे लिए चेतावनी के रूप में लिखी गई क्योंकि हम उस युग में हैं, जो अंत के पास है. (aiōn g165)
ταυτα δε παντα τυποι συνεβαινον εκεινοις εγραφη δε προς νουθεσιαν ημων εις ους τα τελη των αιωνων κατηντησεν (aiōn g165)
12 इसलिये वह, जो यह समझता है कि वह स्थिर है, सावधान रहे कि कहीं गिर न पड़े.
ωστε ο δοκων εσταναι βλεπετω μη πεση
13 कोई ऐसी परीक्षा तुम पर नहीं आई, जो सभी के लिए सामान्य न हो. परमेश्वर विश्वासयोग्य हैं. वह तुम्हें किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़ने देंगे, जो तुम्हारी क्षमता के परे हो परंतु वह परीक्षा के साथ उपाय भी करेंगे कि तुम स्थिर रह सको.
πειρασμος υμας ουκ ειληφεν ει μη ανθρωπινος πιστος δε ο θεος ος ουκ εασει υμας πειρασθηναι υπερ ο δυνασθε αλλα ποιησει συν τω πειρασμω και την εκβασιν του δυνασθαι υμας υπενεγκειν
14 इसलिये प्रिय भाई बहनो, मूर्ति पूजा से दूर भागो.
διοπερ αγαπητοι μου φευγετε απο της ειδωλολατρειας
15 यह मैं तुम्हें बुद्धिमान मानते हुए कह रहा हूं: मैं जो कह रहा हूं उसको परखो.
ως φρονιμοις λεγω κρινατε υμεις ο φημι
16 वह धन्यवाद का प्याला, जिसे हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लहू में हमारी सहभागिता नहीं? वह रोटी, जो हम आपस में बांटते हैं, क्या मसीह के शरीर में हमारी सहभागिता नहीं?
το ποτηριον της ευλογιας ο ευλογουμεν ουχι κοινωνια του αιματος του χριστου εστιν τον αρτον ον κλωμεν ουχι κοινωνια του σωματος του χριστου εστιν
17 एक रोटी में हमारी सहभागिता हमारे अनेक होने पर भी हमारे एक शरीर होने का प्रतीक है.
οτι εις αρτος εν σωμα οι πολλοι εσμεν οι γαρ παντες εκ του ενος αρτου μετεχομεν
18 इस्राएलियों के विषय में सोचो, जो वेदी पर चढ़ाई हुई बलि खाते हैं, क्या इसके द्वारा वे एक नहीं हो जाते?
βλεπετε τον ισραηλ κατα σαρκα ουχι οι εσθιοντες τας θυσιας κοινωνοι του θυσιαστηριου εισιν
19 क्या है मेरे कहने का मतलब? क्या मूर्ति को चढ़ाई हुई वस्तु का कोई महत्व है या उस मूर्ति का कोई महत्व है?
τι ουν φημι οτι ειδωλον τι εστιν η οτι ειδωλοθυτον τι εστιν
20 बिलकुल नहीं! मेरी मान्यता तो यह है कि जो वस्तुएं गैर-यहूदी चढ़ाते हैं, वे उन्हें दुष्टात्माओं को चढ़ाते हैं—परमेश्वर को नहीं.
αλλ οτι α θυει τα εθνη δαιμονιοις θυει και ου θεω ου θελω δε υμας κοινωνους των δαιμονιων γινεσθαι
21 यह हो ही नहीं सकता कि तुम प्रभु के प्याले में से पियो और दुष्टात्माओं के प्याले में से भी; इसी प्रकार यह भी नहीं हो सकता कि तुम प्रभु की मेज़ में सहभागी हो और दुष्टात्माओं की मेज़ में भी.
ου δυνασθε ποτηριον κυριου πινειν και ποτηριον δαιμονιων ου δυνασθε τραπεζης κυριου μετεχειν και τραπεζης δαιμονιων
22 क्या हम प्रभु में जलन पैदा करने का दुस्साहस कर रहे हैं? क्या हम प्रभु से अधिक शक्तिशाली हैं?
η παραζηλουμεν τον κυριον μη ισχυροτεροι αυτου εσμεν
23 उचित तो सभी कुछ है किंतु सभी कुछ लाभदायक नहीं. उचित तो सभी कुछ है किंतु सभी कुछ उन्‍नति के लिए नहीं.
παντα μοι εξεστιν αλλ ου παντα συμφερει παντα μοι εξεστιν αλλ ου παντα οικοδομει
24 तुममें से प्रत्येक अपने भले का ही नहीं परंतु दूसरे के भले का भी ध्यान रखे.
μηδεις το εαυτου ζητειτω αλλα το του ετερου εκαστος
25 अपनी अंतरात्मा की भलाई के लिए बिना कोई प्रश्न किए मांस विक्रेताओं के यहां से जो कुछ उपलब्ध हो, वह खा लो,
παν το εν μακελλω πωλουμενον εσθιετε μηδεν ανακρινοντες δια την συνειδησιν
26 क्योंकि पृथ्वी और पृथ्वी में जो कुछ भी है सभी कुछ प्रभु का ही है.
του γαρ κυριου η γη και το πληρωμα αυτης
27 यदि किसी अविश्वासी के आमंत्रण पर उसके यहां भोजन के लिए जाना ज़रूरी हो जाए तो अपनी अंतरात्मा की भलाई के लिए, बिना कोई भी प्रश्न किए वह खा लो, जो तुम्हें परोसा जाए.
ει δε τις καλει υμας των απιστων και θελετε πορευεσθαι παν το παρατιθεμενον υμιν εσθιετε μηδεν ανακρινοντες δια την συνειδησιν
28 किंतु यदि कोई तुम्हें यह बताए, “यह मूर्तियों को भेंट बलि है,” तो उसे न खाना—उसकी भलाई के लिए, जिसने तुम्हें यह बताया है तथा विवेक की भलाई के लिए.
εαν δε τις υμιν ειπη τουτο ειδωλοθυτον εστιν μη εσθιετε δι εκεινον τον μηνυσαντα και την συνειδησιν του γαρ κυριου η γη και το πληρωμα αυτης
29 मेरा मतलब तुम्हारे अपने विवेक से नहीं परंतु उस अन्य व्यक्ति के विवेक से है—मेरी स्वतंत्रता भला क्यों किसी दूसरे के विवेक द्वारा नापी जाए?
συνειδησιν δε λεγω ουχι την εαυτου αλλα την του ετερου ινα τι γαρ η ελευθερια μου κρινεται υπο αλλης συνειδησεως
30 यदि मैं धन्यवाद देकर भोजन में शामिल होता हूं तो उसके लिए मुझ पर दोष क्यों लगाया जाता है, जिसके लिए मैंने परमेश्वर के प्रति धन्यवाद प्रकट किया?
ει δε εγω χαριτι μετεχω τι βλασφημουμαι υπερ ου εγω ευχαριστω
31 इसलिये तुम चाहे जो कुछ करो, चाहे जो कुछ खाओ या पियो, वह परमेश्वर की महिमा के लिए हो.
ειτε ουν εσθιετε ειτε πινετε ειτε τι ποιειτε παντα εις δοξαν θεου ποιειτε
32 तुम न यहूदियों के लिए ठोकर का कारण बनो, न यूनानियों के लिए और न ही परमेश्वर की कलीसिया के लिए;
απροσκοποι γινεσθε και ιουδαιοις και ελλησιν και τη εκκλησια του θεου
33 ठीक जिस प्रकार मैं भी सबको सब प्रकार से प्रसन्‍न रखता हूं और मैं अपने भले का नहीं परंतु दूसरों के भले का ध्यान रखता हूं कि उन्हें उद्धार प्राप्‍त हो.
καθως καγω παντα πασιν αρεσκω μη ζητων το εμαυτου συμφερον αλλα το των πολλων ινα σωθωσιν

< 1 कुरिन्थियों 10 >