< 1 इतिहास 19 >

1 अम्मोन के वंशजों के राजा नाहाश की मृत्यु के बाद उसका पुत्र उसके स्थान पर राजा हो गया.
و بعد از اين واقع شد که ناحاش، پادشاه بني عَمُّون مرد و پسرش در جاي او سلطنت نمود.۱
2 दावीद ने सोचा, “मैं नाहाश के पुत्र हानून पर अपनी दया बनाकर रखूंगा, क्योंकि उसका पिता मुझ पर कृपालु था,” इसलिये दावीद ने उसे उसके पिता की मृत्यु के संबंध में सांत्वना देने के लिए अपने दूत भेजे. दावीद के दूत अम्मोन के वंशजों के नगर में राजा हानून को सांत्वना देने पहुंचे,
و داود گفت: « با حانُون بن ناحاش احسان نمايم چنانکه پدرش به من احسان کرد.» پس داود قاصدان فرستاد تا او را درباره پدرش تعزيت گويند. و خادمان داود به زمين بني عَمُّون نزد حانُون براي تعزيت وي آمدند.۲
3 किंतु अम्मोन के वंशजों के शासकों ने हानून से कहा, “क्या आप वास्तव में यह मानते हैं कि इन दूतों को आपको सांत्वना देने के लिए भेजते हुए दावीद ने आपके पिता का सम्मान करने का विचार किया है? ज़रा सोचिए, क्या उसके ये सेवक आपके पास जासूसी करके नाश करने के लक्ष्य से हमारे देश का भेद लेने तो नहीं आए हैं?”
و سروران بني عَمُّون به حانُون گفتند: « آيا گمان مي بري که به جهت تکريم پدر تو است که داود تعزيت کنندگان نزد تو فرستاده است؟ ني بلکه بندگانش به جهت تفحص و انقلاب و جاسوسي زمين نزد تو آمدند.»۳
4 तब हानून ने दावीद के सेवकों को पकड़कर उनके बाल और दाढ़ी मूंड दी और उनके वस्त्रों को बीच में नितम्बों तक काट दिया और उन्हें लौट जाने दिया.
پس حانُون خادمان داود را گرفته، ريش ايشان را تراشيد و لباسهاي ايشان را از ميان تا جاي نشستن دريده، ايشان را رها کرد.۴
5 कुछ लोगों ने जाकर इसकी सूचना दावीद को दे दी. राजा ने कुछ दूतों को उस सुझाव के साथ बुलवा लिया, “आकर येरीख़ो में उस समय तक ठहरे रहना जब तक तुम्हारी दाढ़ी बढ़ न जाए. तब तुम यहां लौट सकते हो,” क्योंकि वे इस समय बहुत ही शर्म महसूस कर रहे थे.
و چون بعضي آمده، داود را از حالت آن کسان خبر دادند، به استقبال ايشان فرستاد زيرا که ايشان بسيار خجل بودند، و پادشاه گفت: « در اَريحا بمانيد تا ريشهاي شما درآيد و بعد از آن برگرديد.»۵
6 जब अम्मोन के वंशजों ने यह पाया कि उन्होंने स्वयं को दावीद के सामने बहुत ही घृणित बना लिया है, हानून और अम्मोन के वंशजों ने लगभग पैंतीस हज़ार किलो चांदी देकर मेसोपोतामिया, आराम-माकाह और ज़ोबाह से घुड़सवार और रथ किराये पर ले लिए.
و چون بني عَمُّون ديدند که نزد داود مکروه شده اند، حانُون و بني عَمُّون هزار وزنه نقره فرستادند تا ارابه ها و سواران از اَرام نَهرَين و اَرام مَعکَه و صُوبَه براي خود اجير سازند.۶
7 इसके द्वारा उन्होंने 32,000 रथ किराये पर ले लिए. माकाह के राजा ने अपने सैनिकों के साथ आकर मेदेबा में शिविर डाल दिए. अम्मोन के वंशजों ने अपने नगरों से इकट्ठा होकर युद्ध के लिए मोर्चा बांधा.
پس سي و دو هزار ارابه و پادشاه مَعکَه و جمعيت او را براي خود اجير کردند، و ايشان بيرون آمده، در مقابل مِيدَبا اُردو زدند، و بني عَمُّون از شهر هاي خود جمع شده، براي مقاتله آمدند.۷
8 जब दावीद को इसका समाचार प्राप्‍त हुआ, उन्होंने योआब के साथ वीर योद्धाओं की सारी सेना वहां भेज दी.
و چون داود اين را شنيد، يوآب و تمامي لشکر شجاعان را فرستاد.۸
9 अम्मोनियों ने आकर नगर फाटक पर मोर्चा बना लिया. जो राजा इस युद्ध में मिले हुए थे, वे इनसे अलग मैदान में ही ठहरे हुए थे.
و بني عَمُّون بيرون آمده، نزد دروازه شهر براي جنگ صف آرايي نمودند. و پادشاهاني که آمده بودند، در صحرا عليحده بودند.۹
10 जब योआब ने यह देखा कि उनके विरुद्ध युद्ध छिड़ चुका है—सामने से और पीछे से भी, उन्होंने इस्राएल के सर्वोत्तम योद्धा अलग किए और उन्हें अरामियों का सामना करने के लिए चुन दिया.
و چون يوآب ديد که روي صفوف جنگ، هم از پيش و هم از عقبش بود، از تمامي برگزيدگان اسرائيل گروهي را انتخاب کرده، در مقابل اَرميان صف آرايي نمود.۱۰
11 शेष सैनिकों को योआब ने अपने भाई अबीशाई के नेतृत्व में छोड़ दिया कि वे अम्मोनियों का सामना करें.
و بقيه قوم را به دست برادر خود اَبِشاي سپرده و به مقابل بني عَمُّون صف کشيدند.۱۱
12 योआब का आदेश था, “यदि तुम्हें यह लगे कि अरामी मुझ पर हावी हो रहे हैं, तब तुम मेरी रक्षा के लिए आ जाना, मगर यदि अम्मोनी तुम पर प्रबल होने लगे, तब मैं तुम्हारी रक्षा के लिए आ जाऊंगा.
و گفت: « اگر اَرميان بر من غالب آيند، به مدد من بيا؛ و اگر بني عَمُّون بر تو غالب آيند، به جهت امداد تو خواهم آمد.۱۲
13 साहस बनाए रखो. हम अपने परमेश्वर के नगरों के लिए और अपने देशवासियों के लिए साहस का प्रदर्शन करें, कि याहवेह वह कर सकें, जो उनकी दृष्टि में सही है.”
دلير باش که به جهت قوم خويش و به جهت شهر هاي خداي خود مردانه بکوشيم و خداوند آنچه را در نظرش پسند آيد بکند.»۱۳
14 योआब और उनके साथ के सैनिकों ने अश्शूरियों पर हमला किया और अरामी उनके सामने से भाग खड़े हुए.
پس يوآب و گروهي که همراهش بودند، نزديک شدند تا با اَرميان جنگ کنند و ايشان از حضور وي فرار کردند.۱۴
15 जब अम्मोनियों ने यह देखा कि अरामी मैदान छोड़कर भाग रहे हैं, वे भी योआब के भाई अबीशाई के सामने से भागने लगे और नगर के भीतर जा छिपे. योआब येरूशलेम लौट गया.
و چون بني عَمُّون ديدند که اَراميان فرار کردند، ايشان نيز از حضور برادرش اَبِشاي گريخته، داخل شهر شدند؛ و يوآب به اورشليم برگشت.۱۵
16 जब अश्शूरियों ने यह देखा कि उन्हें इस्राएल से हार का सामना करना पड़ा है, तब उन्होंने दूत भेजकर फरात नदी के पार से और भी सेना की विनती की. हादेदेज़र की इस सेना का प्रधान था शोफख.
و چون اَراميان ديدند که از حضور اسرائيل شکست يافتند، ايشان قاصدان فرستاده، اَراميان را که به آن طرف نهر بودند، و شُوفَک سردار لشکر هَدَرعَزَر پيشواي ايشان بود.۱۶
17 जब दावीद को इसकी सूचना दी गई, वह सारी इस्राएली सेना को इकट्ठा कर यरदन के पार चले गए और उन्होंने अरामी सेना के विरुद्ध मोर्चा बांधा. दोनों में युद्ध छिड़ गया.
و چون خبر به داود رسيد، تمامي اسرائيل را جمع کرده، از اُردُن عبور نمود وبه ايشان رسيده، مقابل ايشان صف آرايي نمود. و چون داود جنگ را با اَراميان آراسته بود، ايشان با وي جنگ کردند.۱۷
18 अरामी इस्राएलियों के सामने पीठ दिखाकर भागने लगे. दावीद ने अरामी सेना के 700 रथ सैनिक, 40,000 घुड़सवार मार गिराए और उनकी सेना के आदेशक शोफख का वध कर दिया.
و اَراميان از حضور اسرائيل فرار کردند و داود مردان هفت هزار ارابه و چهل هزار پياده از اَراميان را کشت، و شُوفَک سردار لشکر را به قتل رسانيد.۱۸
19 जब हादेदेज़र के अधीन सभी जागीरदारों ने यह देखा कि वे इस्राएल द्वारा हरा दिया गया है, उन्होंने दावीद से संधि कर ली और उनके अधीन हो गए. अब अरामी अम्मोन-वंशजो की सहायता के लिए तैयार न थे.
و چون بندگان هَدَرعَزَر ديدند که از حضور اسرائيل شکست خوردند، با داود صلح نموده، بنده او شدند، و اَراميان بعد از آن در اعانت بني عَمُّون اقدام ننمودند.۱۹

< 1 इतिहास 19 >