< 1 इतिहास 11 >

1 इसके बाद सारा इस्राएल हेब्रोन में दावीद से भेंट करने इकट्ठा आए और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा, “विचार कीजिए, हम आप ही की अस्थि और मांस हैं.
Tout Israël s’assembla auprès de David à Hébron, en disant: « Voici que nous sommes tes os et ta chair.
2 पिछले सालों में जबकि राजा तो शाऊल थे किंतु ये आप ही थे, जो हमारा मार्गदर्शन और इस्राएली सेना को चलाते रहे. याहवेह आपके परमेश्वर ने आपसे कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा इस्राएल के चरवाहे होगे, तुम मेरी प्रजा इस्राएल के शासक होगे.’”
Autrefois déjà, quand Saül était roi, c’était toi qui menais et ramenais Israël. Et Yahweh, ton Dieu, t’a dit: C’est toi qui paîtras mon peuple d’Israël, et c’est toi qui seras chef sur mon peuple d’Israël. »
3 इसलिये इस्राएल के सारे प्राचीन हेब्रोन नगर में राजा के सामने इकट्ठा हुए. राजा दावीद ने याहवेह के सामने उनसे वाचा बांधी. तत्पश्चात उन्होंने याहवेह के संदेश के अनुसार, जो उन्होंने शमुएल द्वारा दिया गया था, इस्राएल देश के लिए दावीद का राजाभिषेक किया.
Ainsi tous les anciens d’Israël vinrent auprès du roi à Hébron, et David fit alliance avec eux devant Yahweh, à Hébron; et ils oignirent David pour roi sur Israël, selon la parole de Yahweh prononcée par Samuel.
4 दावीद और सारा इस्राएल येरूशलेम की ओर गया. येरूशलेम (यानी यबूस), जहां यबूसी रहते थे. ये ही क्षेत्र के मूल निवासी थे.
David marcha avec tout Israël contre Jérusalem, qui est Jébus; là étaient les Jébuséens, habitants du pays.
5 यबूसियों ने दावीद से कहा, “आप इस नगर में कभी आने न पाओगे.” फिर भी दावीद ने ज़ियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया, जिसे दावीद-नगर भी कहा जाता है.
Les habitants de Jébus dirent à David: « Tu n’entreras pas ici. » Mais David s’empara de la forteresse de Sion: c’est la cité de David.
6 दावीद ने घोषणा की, “जो कोई सबसे पहले यबूसियों पर हमला करेगा, सेना का प्रधान और सेनापति ठहराया जाएगा.” ज़ेरुइयाह का पुत्र योआब सबसे पहले वहां पहुंच गया, तब उसे सेनापति का पद दे दिया गया.
David dit: « Quiconque battra le premier les Jébuséens sera chef et prince. » Joab, fils de Sarvia, monta le premier, et il devint chef.
7 दावीद ने गढ़ में रहना शुरू कर दिया. यही कारण है कि यह दावीद-नगर नाम से जाना जाने लगा.
David s’établit dans la forteresse; c’est pourquoi on l’appela cité de David.
8 दावीद ने इसी के चारों ओर नगर को बनाया, मिल्लो से शुरू करते हुए आस-पास के इलाके तक. योआब ने नगर का बाकी काम भी पूरा किया.
Il bâtit la ville tout autour, à partir du Mello et aux environs, et Joab répara le reste de la ville.
9 दावीद पर सर्वशक्तिमान याहवेह की कृपादृष्टि थी तब दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए.
David devenait de plus en plus grand, et Yahweh des armées était avec lui.
10 दावीद के वीरों में प्रमुख, जो इस्राएली सेना के अलावा उनके राज्य में उनके लिए मजबूत आधार थे, जिन्होंने दावीद को राजा बनाने में, इस्राएल के संबंध में याहवेह के वचन के अनुसार सहयोग दिया था,
Voici les chefs des héros qui étaient au service de David, et qui, avec tout Israël, l’aidèrent pendant son règne, après avoir contribué à le faire roi, selon la parole de Yahweh au sujet d’Israël.
11 दावीद के उन वीरों की गिनती इस प्रकार है: हकमोनवासी यासोबअम तीस का प्रमुख था. उसने 300 सैनिकों पर अपने भाले से वार किया और एक ही वार में इनको मार डाला.
Voici le nombre des héros qui étaient au service de David: Jesbaam, fils de Hachamoni, chef des Trente. Il brandit sa lance sur trois cents hommes, qu’il fit périr en une seule fois.
12 उसके बाद अहोही दोदो का पुत्र एलिएज़र, जो तीन वीरों में से एक था.
Après lui, Eléazar, fils de Dodo, l’Ahohite; il était parmi les trois vaillants.
13 पस-दम्मीम में वही दावीद के साथ था, जब वहां फिलिस्तीनियों ने युद्ध के लिए मोर्चा बांधा था. वहां जौ की उपज का एक खेत था. प्रजा फिलिस्तीनियों से बचकर भाग रही थी.
Il était avec David à Phes-Domim, et les Philistins s’y étaient rassemblés pour combattre. Il y avait là une pièce de terre pleine d’orge, et le peuple fuyait devant les Philistins.
14 उन्होंने खेत के बीच में रहते हुए उनका सामना किया, उस खेत की रक्षा करते रहे और फिलिस्तीनियों को मार गिराया. याहवेह ने बड़ी जीत के द्वारा उनकी रक्षा की.
Ils se placèrent au milieu du champ, le défendirent et battirent les Philistins; et Yahweh opéra une grande délivrance.
15 चट्टान में अदुल्लाम गुफा में तीस प्रमुख अधिकारियों में से तीन दावीद से भेंट करने गए. इस समय फिलिस्तीनी सेना रेफाइम की घाटी में शिविर डाले हुए थी.
Trois d’entre les trente capitaines descendirent auprès de David sur le rocher, à la caverne d’Odollam, tandis que le camp des Philistins était dressé dans la vallée des Réphaïm.
16 इस समय दावीद गढ़ में थे, और फिलिस्तीनी सेना बेथलेहेम में.
David était alors dans la forteresse, et il y avait un poste de Philistins à Bethléem.
17 बड़ी इच्छा से दावीद कह उठे, “कैसा सुखद होता अगर कोई बेथलेहेम फाटक के पास के कुएं से मुझे पीने के लिए पानी ला देता!”
David eut un désir, et il dit: « Qui me fera boire de l’eau de la citerne qui est à la porte de Bethléem? »
18 वे तीनों फिलिस्तीनियों के शिविर में से बचते-बचाते जाकर उस कुएं से, जो बेथलेहेम के द्वार के निकट था, दावीद के लिए जल ले आए. मगर दावीद ने वह जल पिया नहीं, उन्होंने उसे याहवेह के सामने उंडेल दिया.
Aussitôt les trois hommes, passant au travers du camp des Philistins, puisèrent de l’eau de la citerne qui est à la porte de Bethléem. Ils la prirent et l’apportèrent à David; mais David ne voulut pas la boire, et il en fit une libation à Yahweh,
19 और कहा, “मेरे परमेश्वर के सामने मुझसे यह काम कभी न हो. क्या मैं इन लोगों का लहू पीऊं, जो अपने प्राण जोखिम में डाल मेरे लिए यह जल लाए हैं?” इसलिये दावीद ने वह जल नहीं पिया. ऐसे साहसिक थे इन वीरों के कार्य.
en disant: « Que mon Dieu me garde de faire cela! Boirais-je le sang de ces hommes avec leur vie? Car c’est au péril de leur vie qu’ils l’ont apportée. » Et il ne voulut pas la boire. Voilà ce que firent ces trois braves.
20 योआब का भाई अबीशाई तीस सैनिकों पर अधिकारी था. उसने तीन सौ पर अपनी बर्छी घुमाई और उनको मार गिराया. उसने भी उन तीनों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की.
Abisaï, frère de Joab, était chef des Trois; il brandit sa lance contre trois cents hommes et les tua, et il eut du renom parmi les trois.
21 दूसरे वर्ग में जो तीन थे, उनमें वह सबसे अधिक प्रतिष्ठित था. वही उनका प्रधान बन गया; मगर वह उन तीन के सामने न आ सका.
Il était le plus considéré de la seconde triade, et il fut leur chef; mais il n’égala pas les trois premiers.
22 कबज़ीएल के एक वीर के पोते, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने बड़े-बड़े काम किए थे उसने मोआब के अरीएल के दो पुत्रों को मार गिराया. उसने ही उस दिन, जब बर्फ गिर रही थी, जाकर एक गड्ढे में बैठे सिंह का वध किया था.
Banaïas, fils de Joïada, fils d’un homme vaillant et riche en exploits, de Cabséel. Il frappa les deux ariels de Moab. Il descendit et frappa le lion au milieu de la citerne un jour de neige.
23 उसने एक बहुत ही लंबे कद के मिस्रवासी का, जो लगभग साढ़े सात फुट का था, वध किया था. उस मिस्री के हाथ में जो भाला था, वह बुनकर की बल्ली के समान था. किंतु बेनाइया अपने हाथ में सिर्फ एक लाठी ले उसके निकट गया और उस मिस्री के हाथ से उसका भाला छीन उसी से उसको मार डाला.
Il frappa un Egyptien d’une stature de cinq coudées; et dans la main de l’Egyptien, il y avait une lance semblable à une ensouple de tisserand. Il descendit vers lui avec un bâton, et il arracha la lance de la main de l’Egyptien et le frappa de sa propre lance.
24 यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने ये सारे काम किए और उन तीन वीरों के समान प्रतिष्ठा प्राप्‍त की.
Voilà ce que fit Banaïas, fils de Joïada, et il eut du renom parmi les trois vaillants.
25 वह उन तीस में ही प्रख्यात हुआ, मगर उन तीन के तुल्य नहीं. दावीद ने उसे अपने अंगरक्षक का अधिकारी नियुक्त कर दिया.
Voici qu’il était plus considéré que les trente, mais il n’égala pas les trois. David le fit membre de son conseil secret.
26 वीर ये थे: योआब का भाई आसाहेल, बेथलेहेमवासी दोदो का पुत्र एलहानन,
Hommes vaillants de l’armée: Asaël, frère de Joab; Elchanan, fils de Dodo, de Bethléem;
27 हारोर का शम्मोथ, पेलोन का हेलेस,
Sammoth, d’Arori; Hellès, de Phalon;
28 तकोआ के इक्‍केश का पुत्र ईरा, अनाथोथवासी अबीएज़ेर,
Hira, fils d’Accès, de Thécué; Abiéser, d’Anathot;
29 हुशाथी सिब्बेकाई, अहोही इलाई,
Sobbochaï, le Husathite; Ilaï, l’Ahohite;
30 नेतोफ़ाही माहाराई, नेतोफ़ाही का ही बाअनाह का पुत्र हेलेद,
Maharaï, de Nétopha; Héled, fils de Baana, de Nétopha;
31 बिन्यामिन वंश के गिबियाह के रिबाई का पुत्र इथाई, पीराथोनवासी बेनाइयाह,
Ethaï, fils de Ribaï, de Gabaa des fils de Benjamin; Banaïa, de Pharaton;
32 गाश की नदियों से हुराई, अरबाथवासी अबीएल,
Huraï, des vallées de Gaas; Abiel, d’Araba; Azmaveth, de Bauram; Eliaba, de Salabon;
33 बाहारूमवासी अज़मावेथ, शालबोनी एलीअहाब,
Bené-Assem, de Gézon; Jonathan, fils de Sagé, d’Arar;
34 गीज़ोनी हशेम के पुत्र, हारारवासी शागी का पुत्र योनातन,
Ahiam, fils de Sachar, d’Arar;
35 हारारवासी साकार का पुत्र अहीयम, ऊर का पुत्र एलिफाल,
Eliphal, fils d’Ur;
36 मेखेराथी हेफेर, पेलोनवासी अहीयाह,
Hépher, de Méchéra; Ahia, de Phélon;
37 कर्मेल का हेज़ोरो, एज़बाई का पुत्र नआराई,
Hesro, de Carmel; Naaraï fils d’Asbaï;
38 नाथान का भाई योएल, हागरी का पुत्र मिबहार,
Joël frère de Nathan; Mibahar, fils d’Agaraï;
39 अम्मोनवासी सेलेक, बीरोथवासी नाहाराई, जो ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब का हथियार उठानेवाला था.
Sélec, l’Ammonite; Naharaï, de Béroth, écuyer de Joab, fils de Sarvia;
40 इथरवासी ईरा, इथरवासी गारेब.
Ira, de Jéther; Gareb, de Jéther;
41 हित्ती उरियाह, अहलाई का पुत्र ज़ाबाद,
Urie, le Hethéen; Zabad, fils d’Oholi;
42 रुबेनवंशी शीज़ा का पुत्र आदिन, जो रियूबेन के वंशों का प्रधान था. ये तीस भी उसके साथ थे,
Adina, fils de Siza le Rubénite, chef des Rubénites, et trente avec lui;
43 माकाह का पुत्र हानन, और मिथिनवासी यहोशाफ़ात,
Hanan, fils de Maacha; Josaphat, de Mathan;
44 अश्तारोथवासी उज्जियाह, अरोअरवासी होथाम के पुत्र शमा और येइएल.
Ozia, d’Astaroth; Samma et Jéhiel, fils de Hotham d’Aroër;
45 शिमरी का पुत्र येदिआएल, और उसका भाई तित्सी योहा.
Jédihel, fils de Samri; Joha, son frère, le Thosaïte;
46 महाव-वासी एलिएल, एलनाम के पुत्र येरिबाई, और योसावियाह और मोआबी इथमाह.
Eliel, de Mahum; Jéribaï et Josaïa, fils d’Elnaëm; Jethma, le Moabite;
47 एलिएल, ओबेद और मेत्सोबावासी यआसिएल.
Eliel, Obed et Jasiel, de Masobia.

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