< אֶל־הָרוֹמִיִּים 9 >

אמת אני מדבר במשיח ולא אשקף ודעתי מעידה לי ברוח הקדש׃ 1
मैं मसीह में सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है।
כי גדול עצבוני ואין קץ לדאבון לבי׃ 2
कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है।
כי מי יתן היתי אני מחרם מן המשיח בעד אחי שארי ובשרי׃ 3
क्योंकि मैं यहाँ तक चाहता था, कि अपने भाइयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से श्रापित और अलग हो जाता।
אשר הם בני ישראל ויש להם משפט הבנים והכבוד והבריתות ומתן התורה והעבודה וההבטחות׃ 4
वे इस्राएली हैं, लेपालकपन का हक़, महिमा, वाचाएँ, व्यवस्था का उपहार, परमेश्वर की उपासना, और प्रतिज्ञाएँ उन्हीं की हैं।
ולהם האבות ואשר מהם יצא המשיח לפי בשרו אשר הוא אל על הכל מברך לעולמים אמן׃ (aiōn g165) 5
पूर्वज भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन। (aiōn g165)
אבל לא כאלו נפל דבר אלהים ארצה כי לא כל אשר הם מישראל גם ישראל המה׃ 6
परन्तु यह नहीं, कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिए कि जो इस्राएल के वंश हैं, वे सब इस्राएली नहीं;
ולא על היותם זרע אברהם כלם בנים הם כי ביצחק יקרא לך זרע׃ 7
और न अब्राहम के वंश होने के कारण सब उसकी सन्तान ठहरे, परन्तु (लिखा है) “इसहाक ही से तेरा वंश कहलाएगा।”
כלומר לא בני הבשר המה בני האלהים כי אם בני ההבטחה הם הנחשבים לזרע׃ 8
अर्थात् शरीर की सन्तान परमेश्वर की सन्तान नहीं, परन्तु प्रतिज्ञा के सन्तान वंश गिने जाते हैं।
כי דבר הבטחה הוא מה שנאמר למועד אשוב ולשרה בן׃ 9
क्योंकि प्रतिज्ञा का वचन यह है, “मैं इस समय के अनुसार आऊँगा, और सारा का एक पुत्र होगा।”
ולא זאת בלבד כי כן היה גם ברבקה בהיותה הרה לאחד ליצחק אבינו׃ 10
१०और केवल यही नहीं, परन्तु जब रिबका भी एक से अर्थात् हमारे पिता इसहाक से गर्भवती थी।
כי בטרם ילדו בניה ועוד לא עשו טוב או רע למען תקום עצת האלהים כפי בחירתו לא מתוך מעשים כי אם כרצון הקרא׃ 11
११और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था, इसलिए कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण नहीं, परन्तु बुलानेवाले पर बनी रहे।
נאמר לה כי רב יעבד צעיר׃ 12
१२उसने कहा, “जेठा छोटे का दास होगा।”
ככתוב ואהב את יעקב ואת עשו שנאתי׃ 13
१३जैसा लिखा है, “मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना।”
אם כן מה נאמר הכי יש עול באלהים חלילה׃ 14
१४तो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर के यहाँ अन्याय है? कदापि नहीं!
כי למשה אמר וחנתי את אשר אחן ורחמתי את אשר ארחם׃ 15
१५क्योंकि वह मूसा से कहता है, “मैं जिस किसी पर दया करना चाहूँ, उस पर दया करूँगा, और जिस किसी पर कृपा करना चाहूँ उसी पर कृपा करूँगा।”
ועל כן אין הדבר לא ביד הרצה ולא ביד הרץ כי אם ביד האלהים המרחם׃ 16
१६इसलिए यह न तो चाहनेवाले की, न दौड़नेवाले की परन्तु दया करनेवाले परमेश्वर की बात है।
כי כן הכתוב אמר לפרעה בעבור זאת העמדתיך בעבור הראתך את כחי ולמען ספר שמי בכל הארץ׃ 17
१७क्योंकि पवित्रशास्त्र में फ़िरौन से कहा गया, “मैंने तुझे इसलिए खड़ा किया है, कि तुझ में अपनी सामर्थ्य दिखाऊँ, और मेरे नाम का प्रचार सारी पृथ्वी पर हो।”
ויוצא מזה כי את אשר יחפץ יחננו ואת אשר יחפץ יקשהו׃ 18
१८तो फिर, वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।
וכי תאמר אלי מדוע יוכיח עוד נגד רצונו מי יתיצב׃ 19
१९फिर तू मुझसे कहेगा, “वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उसकी इच्छा का सामना करता है?”
אמנם בן אדם מי אתה אשר תריב את האלהים היאמר יצר ליצרו למה ככה עשיתני׃ 20
२०हे मनुष्य, भला तू कौन है, जो परमेश्वर का सामना करता है? क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़नेवाले से कह सकती है, “तूने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?”
אם אין רשות ליצר על החמר לעשות מגלם אחד כלי אחד לכבוד ואחד לקלון׃ 21
२१क्या कुम्हार को मिट्टी पर अधिकार नहीं, कि एक ही लोंदे में से, एक बर्तन आदर के लिये, और दूसरे को अनादर के लिये बनाए?
ומה אפוא אם האלהים החפץ להראות זעמו ולהודיע גבורתו נשא בכל ארך רוחו את כלי הזעם הנכונים לאבדון׃ 22
२२कि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी सामर्थ्य प्रगट करने की इच्छा से क्रोध के बरतनों की, जो विनाश के लिये तैयार किए गए थे बड़े धीरज से सही।
להודיע גם את עשר כבודו על כלי החנינה אשר יעדם לכבוד׃ 23
२३और दया के बरतनों पर जिन्हें उसने महिमा के लिये पहले से तैयार किया, अपने महिमा के धन को प्रगट करने की इच्छा की?
והם אנחנו אשר קראם לא מן היהודים בלבד כי אף מן הגוים׃ 24
२४अर्थात् हम पर जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से वरन् अन्यजातियों में से भी बुलाया।
כדברו בהושע אקרא ללא עמי עמי וללא רחמה רחמה׃ 25
२५जैसा वह होशे की पुस्तक में भी कहता है, “जो मेरी प्रजा न थी, उन्हें मैं अपनी प्रजा कहूँगा, और जो प्रिया न थी, उसे प्रिया कहूँगा;
והיה במקום אשר יאמר להם לא עמי אתם יאמר להם בני אל חי׃ 26
२६और ऐसा होगा कि जिस जगह में उनसे यह कहा गया था, कि तुम मेरी प्रजा नहीं हो, उसी जगह वे जीविते परमेश्वर की सन्तान कहलाएँगे।”
וישעיהו צוח על ישראל כי אם יהיה מספר בני ישראל כחול הים שאר ישוב בו כליון חרוץ שוטף צדקה׃ 27
२७और यशायाह इस्राएल के विषय में पुकारकर कहता है, “चाहे इस्राएल की सन्तानों की गिनती समुद्र के रेत के बराबर हो, तो भी उनमें से थोड़े ही बचेंगे।
כי כלה ונחרצה אדני עשה בקרב הארץ׃ 28
२८क्योंकि प्रभु अपना वचन पृथ्वी पर पूरा करके, धार्मिकता से शीघ्र उसे सिद्ध करेगा।”
וכאשר אמר ישעיהו לפנים לולי יהוה צבאות הותיר לנו שריד כמעט כסדם היינו לעמרה דמינו׃ 29
२९जैसा यशायाह ने पहले भी कहा था, “यदि सेनाओं का प्रभु हमारे लिये कुछ वंश न छोड़ता, तो हम सदोम के समान हो जाते, और गमोरा के सरीखे ठहरते।”
ועתה מה נאמר הגוים אשר לא רדפו אחרי הצדקה השיגו את הצדקה היא הצדקה אשר מתוך האמונה׃ 30
३०तो हम क्या कहें? यह कि अन्यजातियों ने जो धार्मिकता की खोज नहीं करते थे, धार्मिकता प्राप्त की अर्थात् उस धार्मिकता को जो विश्वास से है;
וישראל בבקשו אחרי תורת צדקה לתורת הצדקה לא הגיע׃ 31
३१परन्तु इस्राएली; जो धार्मिकता की व्यवस्था की खोज करते हुए उस व्यवस्था तक नहीं पहुँचे।
ועל מה יען אשר לא מאמונה דרשוה כי אם ממעשים כי התנגפו באבן נגף׃ 32
३२किस लिये? इसलिए कि वे विश्वास से नहीं, परन्तु मानो कर्मों से उसकी खोज करते थे: उन्होंने उस ठोकर के पत्थर पर ठोकर खाई।
ככתוב הנני יסד בציון אבן נגף וצור מכשול וכל המאמין בו לא יבוש׃ 33
३३जैसा लिखा है, “देखो मैं सिय्योन में एक ठेस लगने का पत्थर, और ठोकर खाने की चट्टान रखता हूँ, और जो उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।”

< אֶל־הָרוֹמִיִּים 9 >