< תהילים 94 >

אל נקמות יהוה אל נקמות הופיע׃ 1
ऐ ख़ुदावन्द! ऐ इन्तक़ाम लेने वाले ख़ुदा ऐ इन्तक़ाम लेने वाले ख़ुदा! जलवागर हो!
הנשא שפט הארץ השב גמול על גאים׃ 2
ऐ जहान का इन्साफ़ करने वाले! उठ; मग़रूरों को बदला दे!
עד מתי רשעים יהוה עד מתי רשעים יעלזו׃ 3
ऐ ख़ुदावन्द, शरीर कब तक; शरीर कब तक ख़ुशी मनाया करेंगे?
יביעו ידברו עתק יתאמרו כל פעלי און׃ 4
वह बकवास करते और बड़ा बोल बोलत हैं, सब बदकिरदार लाफ़ज़नी करते हैं।
עמך יהוה ידכאו ונחלתך יענו׃ 5
ऐ ख़ुदावन्द! वह तेरे लोगों को पीसे डालते हैं, और तेरी मीरास को दुख देते हैं।
אלמנה וגר יהרגו ויתומים ירצחו׃ 6
वह बेवा और परदेसी को क़त्ल करते, और यतीम को मार डालते हैं;
ויאמרו לא יראה יה ולא יבין אלהי יעקב׃ 7
और कहते है “ख़ुदावन्द नहीं देखेगा और या'क़ूब का ख़ुदा ख़याल नहीं करेगा।”
בינו בערים בעם וכסילים מתי תשכילו׃ 8
ऐ क़ौम के हैवानो! ज़रा ख़याल करो; ऐ बेवक़ूफ़ों! तुम्हें कब 'अक़्ल आएगी?
הנטע אזן הלא ישמע אם יצר עין הלא יביט׃ 9
जिसने कान दिया, क्या वह ख़ुद नहीं सुनता? जिसने आँख बनाई, क्या वह देख नहीं सकता?
היסר גוים הלא יוכיח המלמד אדם דעת׃ 10
क्या वह जो क़ौमों को तम्बीह करता है, और इंसान को समझ सिखाता है, सज़ा न देगा?
יהוה ידע מחשבות אדם כי המה הבל׃ 11
ख़ुदावन्द इंसान के ख़यालों को जानता है, कि वह बेकार हैं।
אשרי הגבר אשר תיסרנו יה ומתורתך תלמדנו׃ 12
ऐ ख़ुदावन्द, मुबारक है वह आदमी जिसे तू तम्बीह करता, और अपनी शरी'अत की ता'लीम देता है।
להשקיט לו מימי רע עד יכרה לרשע שחת׃ 13
ताकि उसको मुसीबत के दिनों में आराम बख्शे, जब तक शरीर के लिए गढ़ा न खोदा जाए।
כי לא יטש יהוה עמו ונחלתו לא יעזב׃ 14
क्यूँकि ख़ुदावन्द अपने लोगों को नहीं छोड़ेगा, और वह अपनी मीरास को नहीं छोड़ेगा;
כי עד צדק ישוב משפט ואחריו כל ישרי לב׃ 15
क्यूँकि 'अद्ल सदाक़त की तरफ़ रुजू' करेगा, और सब रास्त दिल उसकी पैरवी करेंगे।
מי יקום לי עם מרעים מי יתיצב לי עם פעלי און׃ 16
शरीरों के मुक़ाबले में कौन मेरे लिए उठेगा? बदकिरदारों के ख़िलाफ़ कौन मेरे लिए खड़ा होगा?
לולי יהוה עזרתה לי כמעט שכנה דומה נפשי׃ 17
अगर ख़ुदावन्द मेरा मददगार न होता, तो मेरी जान कब की 'आलम — ए — ख़ामोशी में जा बसी होती।
אם אמרתי מטה רגלי חסדך יהוה יסעדני׃ 18
जब मैंने कहा, मेरा पाँव फिसल चला, तो ऐ ख़ुदावन्द! तेरी शफ़क़त ने मुझे संभाल लिया।
ברב שרעפי בקרבי תנחומיך ישעשעו נפשי׃ 19
जब मेरे दिल में फ़िक्रों की कसरत होती है, तो तेरी तसल्ली मेरी जान को ख़ुश करती है।
היחברך כסא הוות יצר עמל עלי חק׃ 20
क्या शरारत के तख़्त से तुझे कुछ वास्ता होगा, जो क़ानून की आड़ में बदी गढ़ता है?
יגודו על נפש צדיק ודם נקי ירשיעו׃ 21
वह सादिक़ की जान लेने को इकट्ठे होते हैं, और बेगुनाह पर क़त्ल का फ़तवा देते हैं।
ויהי יהוה לי למשגב ואלהי לצור מחסי׃ 22
लेकिन ख़ुदावन्द मेरा ऊँचा बुर्ज, और मेरा ख़ुदा मेरी पनाह की चट्टान रहा है।
וישב עליהם את אונם וברעתם יצמיתם יצמיתם יהוה אלהינו׃ 23
वह उनकी बदकारी उन ही पर लाएगा, और उन ही की शरारत में उनको काट डालेगा। ख़ुदावन्द हमारा उनको काट डालेगा।

< תהילים 94 >