< תהילים 89 >
משכיל לאיתן האזרחי חסדי יהוה עולם אשירה לדר ודר אודיע אמונתך בפי׃ | 1 |
एज़्रावंश के एथन का एक मसकील मैं याहवेह के करुणा-प्रेम का सदा गुणगान करूंगा; मैं पीढ़ी से पीढ़ी अपने मुख से आपकी सच्चाई को बताता रहूंगा.
כי אמרתי עולם חסד יבנה שמים תכן אמונתך בהם׃ | 2 |
मेरी उद्घोषणा होगी कि आपका करुणा-प्रेम सदा-सर्वदा अटल होगी, स्वर्ग में आप अपनी सच्चाई को स्थिर करेंगे.
כרתי ברית לבחירי נשבעתי לדוד עבדי׃ | 3 |
आपने कहा, “मैंने अपने चुने हुए के साथ एक वाचा स्थापित की है, मैंने अपने सेवक दावीद से यह शपथ खाई है,
עד עולם אכין זרעך ובניתי לדר ודור כסאך סלה׃ | 4 |
‘मैं तुम्हारे वंश को युगानुयुग अटल रखूंगा. मैं तुम्हारे सिंहासन को पीढ़ी से पीढ़ी स्थिर बनाए रखूंगा.’”
ויודו שמים פלאך יהוה אף אמונתך בקהל קדשים׃ | 5 |
याहवेह, स्वर्ग मंडल आपके अद्भुत कार्यों का गुणगान करता है. भक्तों की सभा में आपकी सच्चाई की स्तुति की जाती है.
כי מי בשחק יערך ליהוה ידמה ליהוה בבני אלים׃ | 6 |
स्वर्ग में कौन याहवेह के तुल्य हो सकता है? स्वर्गदूतों में कौन याहवेह के समान है?
אל נערץ בסוד קדשים רבה ונורא על כל סביביו׃ | 7 |
जब सात्विक एकत्र होते हैं, वहां परमेश्वर के प्रति गहन श्रद्धा व्याप्त होता है; सभी के मध्य वही सबसे अधिक श्रद्धा योग्य हैं.
יהוה אלהי צבאות מי כמוך חסין יה ואמונתך סביבותיך׃ | 8 |
याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, कौन है आपके समान सर्वशक्तिमान याहवेह? आप सच्चाई को धारण किए हुए हैं.
אתה מושל בגאות הים בשוא גליו אתה תשבחם׃ | 9 |
उमड़ता सागर आपके नियंत्रण में है; जब इसकी लहरें उग्र होने लगती हैं, आप उन्हें शांत कर देते हैं.
אתה דכאת כחלל רהב בזרוע עזך פזרת אויביך׃ | 10 |
आपने ही विकराल जल जंतु रहब को ऐसे कुचल डाला मानो वह एक खोखला शव हो; यह आपका ही भुजबल था, कि आपने अपने शत्रुओं को पछाड़ दिया.
לך שמים אף לך ארץ תבל ומלאה אתה יסדתם׃ | 11 |
स्वर्ग के स्वामी आप हैं तथा पृथ्वी भी आपकी ही है; आपने ही संसार संस्थापित किया और वह सब भी बनाया जो, संसार में है.
צפון וימין אתה בראתם תבור וחרמון בשמך ירננו׃ | 12 |
उत्तर दिशा आपकी रचना है और दक्षिण दिशा भी; आपकी महिमा में ताबोर और हरमोन पर्वत उल्लास में गाने लगते हैं.
לך זרוע עם גבורה תעז ידך תרום ימינך׃ | 13 |
सामर्थ्य आपकी भुजा में व्याप्त है; बलवंत है आपका हाथ तथा प्रबल है आपका दायां हाथ.
צדק ומשפט מכון כסאך חסד ואמת יקדמו פניך׃ | 14 |
धार्मिकता तथा खराई आपके सिंहासन के आधार हैं; करुणा-प्रेम तथा सच्चाई आपके आगे-आगे चलते हैं.
אשרי העם יודעי תרועה יהוה באור פניך יהלכון׃ | 15 |
याहवेह, धन्य होते हैं वे, जिन्होंने आपका जयघोष करना सीख लिया है, जो आपकी उपस्थिति की ज्योति में आचरण करते हैं.
בשמך יגילון כל היום ובצדקתך ירומו׃ | 16 |
आपके नाम पर वे दिन भर खुशी मनाते हैं वे आपकी धार्मिकता का उत्सव मनाते हैं.
כי תפארת עזמו אתה וברצנך תרים קרננו׃ | 17 |
क्योंकि आप ही उनके गौरव तथा बल हैं, आपकी ही कृपादृष्टि के द्वारा हमारा बल आधारित रहता है.
כי ליהוה מגננו ולקדוש ישראל מלכנו׃ | 18 |
वस्तुतः याहवेह ही हमारी सुरक्षा ढाल हैं, हमारे राजा इस्राएल के पवित्र परमेश्वर के ही हैं.
אז דברת בחזון לחסידיך ותאמר שויתי עזר על גבור הרימותי בחור מעם׃ | 19 |
वर्षों पूर्व आपने दर्शन में अपने सच्चे लोगों से वार्तालाप किया था: “एक योद्धा को मैंने शक्ति-सम्पन्न किया है; अपनी प्रजा में से मैंने एक युवक को खड़ा किया है.
מצאתי דוד עבדי בשמן קדשי משחתיו׃ | 20 |
मुझे मेरा सेवक, दावीद, मिल गया है; अपने पवित्र तेल से मैंने उसका अभिषेक किया है.
אשר ידי תכון עמו אף זרועי תאמצנו׃ | 21 |
मेरा ही हाथ उसे स्थिर रखेगा; निश्चयतः मेरी भुजा उसे सशक्त करती जाएगी.
לא ישא אויב בו ובן עולה לא יעננו׃ | 22 |
कोई भी शत्रु उसे पराजित न करेगा; कोई भी दुष्ट उसे दुःखित न करेगा.
וכתותי מפניו צריו ומשנאיו אגוף׃ | 23 |
उसके देखते-देखते मैं उसके शत्रुओं को नष्ट कर दूंगा और उसके विरोधियों को नष्ट कर डालूंगा.
ואמונתי וחסדי עמו ובשמי תרום קרנו׃ | 24 |
मेरी सच्चाई तथा मेरा करुणा-प्रेम उस पर बना रहेगा, मेरी महिमा उसकी कीर्ति को ऊंचा रखेगी.
ושמתי בים ידו ובנהרות ימינו׃ | 25 |
मैं उसे समुद्र पर अधिकार दूंगा, उसका दायां हाथ नदियों पर शासन करेगा.
הוא יקראני אבי אתה אלי וצור ישועתי׃ | 26 |
वह मुझे संबोधित करेगा, ‘आप मेरे पिता हैं, मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धार की चट्टान.’
אף אני בכור אתנהו עליון למלכי ארץ׃ | 27 |
मैं उसे अपने प्रथमजात का पद भी प्रदान करूंगा, उसका पद पृथ्वी के समस्त राजाओं से उच्च होगा—सर्वोच्च.
לעולם אשמור לו חסדי ובריתי נאמנת לו׃ | 28 |
उसके प्रति मैं अपना करुणा-प्रेम सदा-सर्वदा बनाए रखूंगा, उसके साथ स्थापित की गई मेरी वाचा कभी भंग न होगी.
ושמתי לעד זרעו וכסאו כימי שמים׃ | 29 |
मैं उसके वंश को सदैव सुस्थापित रखूंगा, जब तक आकाश का अस्तित्व रहेगा, उसका सिंहासन भी स्थिर बना रहेगा.
אם יעזבו בניו תורתי ובמשפטי לא ילכון׃ | 30 |
“यदि उसकी संतान मेरी व्यवस्था का परित्याग कर देती है तथा मेरे अधिनियमों के अनुसार नहीं चलती,
אם חקתי יחללו ומצותי לא ישמרו׃ | 31 |
यदि वे मेरी विधियों को भंग करते हैं तथा मेरे आदेशों का पालन करने से चूक जाते हैं,
ופקדתי בשבט פשעם ובנגעים עונם׃ | 32 |
तो मैं उनके अपराध का दंड उन्हें लाठी के प्रहार से तथा उनके अपराधों का दंड कोड़ों के प्रहार से दूंगा;
וחסדי לא אפיר מעמו ולא אשקר באמונתי׃ | 33 |
किंतु मैं अपना करुणा-प्रेम उसके प्रति कभी कम न होने दूंगा और न मैं अपनी सच्चाई का घात करूंगा.
לא אחלל בריתי ומוצא שפתי לא אשנה׃ | 34 |
मैं अपनी वाचा भंग नहीं करूंगा और न अपने शब्द परिवर्तित करूंगा.
אחת נשבעתי בקדשי אם לדוד אכזב׃ | 35 |
एक ही बार मैंने सदा-सर्वदा के लिए अपनी पवित्रता की शपथ खाई है, मैं दावीद से झूठ नहीं बोलूंगा;
זרעו לעולם יהיה וכסאו כשמש נגדי׃ | 36 |
उसका वंश सदा-सर्वदा अटल बना रहेगा और उसका सिंहासन मेरे सामने सूर्य के समान सदा-सर्वदा ठहरे रहेगा;
כירח יכון עולם ועד בשחק נאמן סלה׃ | 37 |
यह आकाश में विश्वासयोग्य साक्ष्य होकर, चंद्रमा के समान सदा-सर्वदा ठहरे रहेगा.”
ואתה זנחת ותמאס התעברת עם משיחך׃ | 38 |
किंतु आप अपने अभिषिक्त से अत्यंत उदास हो गए, आपने उसकी उपेक्षा की, आपने उसका परित्याग कर दिया.
נארתה ברית עבדך חללת לארץ נזרו׃ | 39 |
आपने अपने सेवक से की गई वाचा की उपेक्षा की है; आपने उसके मुकुट को धूल में फेंक दूषित कर दिया.
פרצת כל גדרתיו שמת מבצריו מחתה׃ | 40 |
आपने उसकी समस्त दीवारें तोड़ उन्हें ध्वस्त कर दिया और उसके समस्त रचों को खंडहर बना दिया.
שסהו כל עברי דרך היה חרפה לשכניו׃ | 41 |
आते जाते समस्त लोग उसे लूटते चले गए; वह पड़ोसियों के लिए घृणा का पात्र होकर रह गया है.
הרימות ימין צריו השמחת כל אויביו׃ | 42 |
आपने उसके शत्रुओं का दायां हाथ सशक्त कर दिया; आपने उसके समस्त शत्रुओं को आनंद विभोर कर दिया.
אף תשיב צור חרבו ולא הקימתו במלחמה׃ | 43 |
उसकी तलवार की धार आपने समाप्त कर दी और युद्ध में आपने उसकी कोई सहायता नहीं की.
השבת מטהרו וכסאו לארץ מגרתה׃ | 44 |
आपने उसके वैभव को समाप्त कर दिया और उसके सिंहासन को धूल में मिला दिया.
הקצרת ימי עלומיו העטית עליו בושה סלה׃ | 45 |
आपने उसकी युवावस्था के दिन घटा दिए हैं; आपने उसे लज्जा के वस्त्रों से ढांक दिया है.
עד מה יהוה תסתר לנצח תבער כמו אש חמתך׃ | 46 |
और कब तक, याहवेह? क्या आपने स्वयं को सदा के लिए छिपा लिया है? कब तक आपका कोप अग्नि-सा दहकता रहेगा?
זכר אני מה חלד על מה שוא בראת כל בני אדם׃ | 47 |
मेरे जीवन की क्षणभंगुरता का स्मरण कीजिए, किस व्यर्थता के लिए आपने समस्त मनुष्यों की रचना की!
מי גבר יחיה ולא יראה מות ימלט נפשו מיד שאול סלה׃ (Sheol ) | 48 |
ऐसा कौन सा मनुष्य है जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? ऐसा कौन है, अपने प्राणों को अधोलोक के अधिकार से मुक्त कर सकता है? (Sheol )
איה חסדיך הראשנים אדני נשבעת לדוד באמונתך׃ | 49 |
प्रभु, अब आपका वह करुणा-प्रेम कहां गया, जिसकी शपथ आपने अपनी सच्चाई में दावीद से ली थी?
זכר אדני חרפת עבדיך שאתי בחיקי כל רבים עמים׃ | 50 |
प्रभु, स्मरण कीजिए, कितना अपमान हुआ है आपके सेवक का, कैसे मैं समस्त राष्ट्रों द्वारा किए गए अपमान अपने हृदय में लिए हुए जी रहा हूं.
אשר חרפו אויביך יהוה אשר חרפו עקבות משיחך׃ | 51 |
याहवेह, ये सभी अपमान, जो मेरे शत्रु मुझ पर करते रहे, इनका प्रहार आपके अभिषिक्त के हर एक कदम पर किया गया.
ברוך יהוה לעולם אמן ואמן׃ | 52 |
याहवेह का स्तवन सदा-सर्वदा होता रहे!