< תהילים 77 >
למנצח על ידיתון לאסף מזמור קולי אל אלהים ואצעקה קולי אל אלהים והאזין אלי׃ | 1 |
मैं बुलन्द आवाज़ से ख़ुदा के सामने फ़रियाद करूँगा ख़ुदा ही के सामने बुलन्द आवाज़ से, और वह मेरी तरफ़ कान लगाएगा।
ביום צרתי אדני דרשתי ידי לילה נגרה ולא תפוג מאנה הנחם נפשי׃ | 2 |
अपनी मुसीबत के दिन मैंने ख़ुदावन्द को ढूँढा, मेरे हाथ रात को फैले रहे और ढीले न हुए; मेरी जान को तस्कीन न हुई।
אזכרה אלהים ואהמיה אשיחה ותתעטף רוחי סלה׃ | 3 |
मैं ख़ुदा को याद करता हूँ और बेचैन हूँ मैं वावैला करता हूँ और मेरी जान निढाल है।
אחזת שמרות עיני נפעמתי ולא אדבר׃ | 4 |
तू मेरी आँखें खुली रखता है; मैं ऐसा बेताब हूँ कि बोल नहीं सकता।
חשבתי ימים מקדם שנות עולמים׃ | 5 |
मैं गुज़रे दिनों पर, या'नी क़दीम ज़माने के बरसों पर सोचता रहा।
אזכרה נגינתי בלילה עם לבבי אשיחה ויחפש רוחי׃ | 6 |
मुझे रात को अपना हम्द याद आता है; मैं अपने दिल ही में सोचता हूँ। मेरी रूह बड़ी तफ़्तीश में लगी है:
הלעולמים יזנח אדני ולא יסיף לרצות עוד׃ | 7 |
“क्या ख़ुदावन्द हमेशा के लिए छोड़ देगा? क्या वह फिर कभी मेंहरबान न होगा?
האפס לנצח חסדו גמר אמר לדר ודר׃ | 8 |
क्या उसकी शफ़क़त हमेशा के लिए जाती रही? क्या उसका वा'दा हमेशा तक बातिल हो गया?
השכח חנות אל אם קפץ באף רחמיו סלה׃ | 9 |
क्या ख़ुदा करम करना भूल गया? क्या उसने क़हर से अपनी रहमत रोक ली?” (सिलाह)
ואמר חלותי היא שנות ימין עליון׃ | 10 |
फिर मैंने कहा, “यह मेरी ही कमज़ोरी है; मैं तो हक़ ता'ला की कुदरत के ज़माने को याद करूँगा।”
אזכיר מעללי יה כי אזכרה מקדם פלאך׃ | 11 |
मैं ख़ुदावन्द के कामों का ज़िक्र करूँगा; क्यूँकि मुझे तेरे क़दीम 'अजाईब यादआएँगे।
והגיתי בכל פעלך ובעלילותיך אשיחה׃ | 12 |
मैं तेरी सारी सन'अत पर ध्यान करूँगा, और तेरे कामों को सोचूँगा।
אלהים בקדש דרכך מי אל גדול כאלהים׃ | 13 |
ऐ ख़ुदा, तेरी राह मक़दिस में है। कौन सा देवता ख़ुदा की तरह बड़ा है।
אתה האל עשה פלא הודעת בעמים עזך׃ | 14 |
तू वह ख़ुदा है जो 'अजीब काम करता है, तूने क़ौमों के बीच अपनी क़ुदरत ज़ाहिर की।
גאלת בזרוע עמך בני יעקב ויוסף סלה׃ | 15 |
तूने अपने ही बाज़ू से अपनी क़ौम, बनी या'क़ूब और बनी यूसुफ़ को फ़िदिया देकर छुड़ाया है।
ראוך מים אלהים ראוך מים יחילו אף ירגזו תהמות׃ | 16 |
ऐ ख़ुदा, समन्दरों ने तुझे देखा, समन्दर तुझे देख कर डर गए, गहराओ भी काँप उठे।
זרמו מים עבות קול נתנו שחקים אף חצציך יתהלכו׃ | 17 |
बदलियों ने पानी बरसाया, आसमानों से आवाज़ आई, तेरे तीर भी चारों तरफ़ चले।
קול רעמך בגלגל האירו ברקים תבל רגזה ותרעש הארץ׃ | 18 |
बगोले में तेरे गरज़ की आवाज़ थी, बर्क़ ने जहान को रोशन कर दिया, ज़मीन लरज़ी और काँपी।
בים דרכך ושביליך במים רבים ועקבותיך לא נדעו׃ | 19 |
तेरी राह समन्दर में है, तेरे रास्ते बड़े समुन्दरों में हैं; और तेरे नक़्श — ए — क़दम ना मा'लूम हैं।
נחית כצאן עמך ביד משה ואהרן׃ | 20 |
तूने मूसा और हारून के वसीले से, क़ि'ला की तरह अपने लोगों की रहनुमाई की।