< תהילים 65 >
למנצח מזמור לדוד שיר לך דמיה תהלה אלהים בציון ולך ישלם נדר׃ | 1 |
ऐ ख़ुदा, सिय्यून में ता'रीफ़ तेरी मुन्तज़िर है; और तेरे लिए मिन्नत पूरी की जाएगी।
שמע תפלה עדיך כל בשר יבאו׃ | 2 |
ऐ दुआ के सुनने वाले! सब बशर तेरे पास आएँगे।
דברי עונת גברו מני פשעינו אתה תכפרם׃ | 3 |
बद आ'माल मुझ पर ग़ालिब आ जाते हैं; लेकिन हमारी ख़ताओं का कफ़्फ़ारा तू ही देगा।
אשרי תבחר ותקרב ישכן חצריך נשבעה בטוב ביתך קדש היכלך׃ | 4 |
मुबारक है वह आदमी जिसे तू बरगुज़ीदा करता और अपने पास आने देता है, ताकि वह तेरी बारगाहों में रहे। हम तेरे घर की खू़बी से, या'नी तेरी पाक हैकल से आसूदा होंगे।
נוראות בצדק תעננו אלהי ישענו מבטח כל קצוי ארץ וים רחקים׃ | 5 |
ऐ हमारे नजात देने वाले ख़ुदा! तू जो ज़मीन के सब किनारों का और समन्दर पर दूर दूर रहने वालों का तकिया है; ख़ौफ़नाक बातों के ज़रिए' से तू हमें सदाक़त से जवाब देगा।
מכין הרים בכחו נאזר בגבורה׃ | 6 |
तू कु़दरत से कमरबस्ता होकर, अपनी ताक़त से पहाड़ों को मज़बूती बख़्शता है।
משביח שאון ימים שאון גליהם והמון לאמים׃ | 7 |
तू समन्दर के और उसकी मौजों के शोर को, और उम्मतों के हँगामे को ख़त्म कर देता है।
וייראו ישבי קצות מאותתיך מוצאי בקר וערב תרנין׃ | 8 |
ज़मीन की इन्तिहा के रहने वाले, तेरे मु'मुअजिज़ों से डरते हैं; तू मतला' — ए — सुबह को और शाम को ख़ुशी बख़्शता है।
פקדת הארץ ותשקקה רבת תעשרנה פלג אלהים מלא מים תכין דגנם כי כן תכינה׃ | 9 |
तू ज़मीन पर तवज्जुह करके उसे सेराब करता है, तू उसे खू़ब मालामाल कर देता है; ख़ुदा का दरिया पानी से भरा है; जब तू ज़मीन को यूँ तैयार कर लेता है तो उनके लिए अनाज मुहय्या करता है।
תלמיה רוה נחת גדודיה ברביבים תמגגנה צמחה תברך׃ | 10 |
उसकी रेघारियों को खू़ब सेराब उसकी मेण्डों को बिठा देता उसे बारिश से नर्म करता है, उसकी पैदावार में बरकत देता
עטרת שנת טובתך ומעגליך ירעפון דשן׃ | 11 |
तू साल को अपने लुत्फ़ का ताज पहनाता है; और तेरी राहों से रौग़न टपकता है।
ירעפו נאות מדבר וגיל גבעות תחגרנה׃ | 12 |
वह बियाबान की चरागाहों पर टपकता है, और पहाड़ियाँ ख़ुशी से कमरबस्ता हैं।
לבשו כרים הצאן ועמקים יעטפו בר יתרועעו אף ישירו׃ | 13 |
चरागाहों में झुंड के झुंड फैले हुए हैं, वादियाँ अनाज से ढकी हुई हैं, वह ख़ुशी के मारे ललकारती और गाती हैं।