< תהילים 32 >
לדוד משכיל אשרי נשוי פשע כסוי חטאה׃ | 1 |
मुबारक है वह जिसकी ख़ता बख़्शी गई, और जिसका गुनाह ढाँका गया।
אשרי אדם לא יחשב יהוה לו עון ואין ברוחו רמיה׃ | 2 |
मुबारक है वह आदमी जिसकी बदकारी को ख़ुदावन्द हिसाब में नहीं लाता, और जिसके दिल में दिखावा नहीं।
כי החרשתי בלו עצמי בשאגתי כל היום׃ | 3 |
जब मैं ख़ामोश रहा तो दिन भर के कराहने से मेरी हड्डियाँ घुल गई।
כי יומם ולילה תכבד עלי ידך נהפך לשדי בחרבני קיץ סלה׃ | 4 |
क्यूँकि तेरा हाथ रात दिन मुझ पर भारी था; मेरी तरावट गर्मियों की खु़श्की से बदल गई। (सिलाह)
חטאתי אודיעך ועוני לא כסיתי אמרתי אודה עלי פשעי ליהוה ואתה נשאת עון חטאתי סלה׃ | 5 |
मैंने तेरे सामने अपने गुनाह को मान लिया और अपनी बदकारी को न छिपाया, मैंने कहा, मैं ख़ुदावन्द के सामने अपनी ख़ताओं का इक़रार करूँगा और तूने मेरे गुनाह की बुराई को मु'आफ़ किया। (सिलाह)
על זאת יתפלל כל חסיד אליך לעת מצא רק לשטף מים רבים אליו לא יגיעו׃ | 6 |
इसीलिए हर दीनदार तुझ से ऐसे वक़्त में दुआ करे जब तू मिल सकता है। यक़ीनन जब सैलाब आए तो उस तक नहीं पहुँचेगा।
אתה סתר לי מצר תצרני רני פלט תסובבני סלה׃ | 7 |
तू मेरे छिपने की जगह है; तू मुझे दुख से बचाये रख्खेगा; तू मुझे रिहाई के नाग़मों से घेर लेगा। (सिलाह)
אשכילך ואורך בדרך זו תלך איעצה עליך עיני׃ | 8 |
मैं तुझे ता'लीम दूँगा, और जिस राह पर तुझे चलना होगा तुझे बताऊँगा; मैं तुझे सलाह दूँगा, मेरी नज़र तुझ पर होगी।
אל תהיו כסוס כפרד אין הבין במתג ורסן עדיו לבלום בל קרב אליך׃ | 9 |
तुम घोड़े या खच्चर की तरह न बनो जिनमें समझ नहीं, जिनको क़ाबू में रखने का साज़ दहाना और लगाम है, वर्ना वह तेरे पास आने के भी नहीं।
רבים מכאובים לרשע והבוטח ביהוה חסד יסובבנו׃ | 10 |
शरीर पर बहुत सी मुसीबतें आएँगी; पर जिसका भरोसा ख़ुदावन्द पर है, रहमत उसे घेरे रहेगी।
שמחו ביהוה וגילו צדיקים והרנינו כל ישרי לב׃ | 11 |
ऐ सादिक़ो, ख़ुदावन्द में ख़ुश — ओ — बुर्रम रहो; और ऐ रास्तदिलो, खु़शी से ललकारो!