< תהילים 12 >
למנצח על השמינית מזמור לדוד הושיעה יהוה כי גמר חסיד כי פסו אמונים מבני אדם׃ | 1 |
ऐ ख़ुदावन्द! बचा ले क्यूँकि कोई दीनदार नहीं रहा और अमानत दार लोग बनी आदम में से मिट गये।
שוא ידברו איש את רעהו שפת חלקות בלב ולב ידברו׃ | 2 |
वह अपने अपने पड़ोसी से झूठ बोलते हैं वह ख़ुशामदी लबों से दो रंगी बातें करते हैं
יכרת יהוה כל שפתי חלקות לשון מדברת גדלות׃ | 3 |
ख़ुदावन्द सब ख़ुशामदी लबों को और बड़े बोल बोलने वाली ज़बान को काट डालेगा।
אשר אמרו ללשננו נגביר שפתינו אתנו מי אדון לנו׃ | 4 |
वह कहते हैं, “हम अपनी ज़बान से जीतेंगे, हमारे होंट हमारे ही हैं; हमारा मालिक कौन है?”
משד עניים מאנקת אביונים עתה אקום יאמר יהוה אשית בישע יפיח לו׃ | 5 |
ग़रीबों की तबाही और ग़रीबों कीआह की वजह से, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि अब मैं उठूँगा और जिस पर वह फुंकारते हैं उसे अम्न — ओ — अमान में रख्खूँगा।
אמרות יהוה אמרות טהרות כסף צרוף בעליל לארץ מזקק שבעתים׃ | 6 |
ख़ुदावन्द का कलाम पाक है, उस चाँदी की तरह जो भट्टी में मिट्टी पर ताई गई, और सात बार साफ़ की गई हो।
אתה יהוה תשמרם תצרנו מן הדור זו לעולם׃ | 7 |
तू ही ऐ ख़ुदावन्द उनकी हिफ़ाज़त करेगा, तू ही उनको इस नसल से हमेशा तक बचाए रखेगा।
סביב רשעים יתהלכון כרם זלות לבני אדם׃ | 8 |
जब बनी आदम में पाजीपन की क़द्र होती है, तो शरीर हर तरफ़ चलते फिरते हैं।