< תהילים 112 >

הללו יה אשרי איש ירא את יהוה במצותיו חפץ מאד׃ 1
यहोवा की स्तुति करो! क्या ही धन्य है वह पुरुष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है!
גבור בארץ יהיה זרעו דור ישרים יברך׃ 2
उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी।
הון ועשר בביתו וצדקתו עמדת לעד׃ 3
उसके घर में धन-सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा।
זרח בחשך אור לישרים חנון ורחום וצדיק׃ 4
सीधे लोगों के लिये अंधकार के बीच में ज्योति उदय होती है; वह अनुग्रहकारी, दयावन्त और धर्मी होता है।
טוב איש חונן ומלוה יכלכל דבריו במשפט׃ 5
जो व्यक्ति अनुग्रह करता और उधार देता है, और ईमानदारी के साथ अपने काम करता है, उसका कल्याण होता है।
כי לעולם לא ימוט לזכר עולם יהיה צדיק׃ 6
वह तो सदा तक अटल रहेगा; धर्मी का स्मरण सदा तक बना रहेगा।
משמועה רעה לא יירא נכון לבו בטח ביהוה׃ 7
वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है।
סמוך לבו לא יירא עד אשר יראה בצריו׃ 8
उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिए वह न डरेगा, वरन् अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके सन्तुष्ट होगा।
פזר נתן לאביונים צדקתו עמדת לעד קרנו תרום בכבוד׃ 9
उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा; और उसका सींग आदर के साथ ऊँचा किया जाएगा।
רשע יראה וכעס שניו יחרק ונמס תאות רשעים תאבד׃ 10
१०दुष्ट इसे देखकर कुढ़ेगा; वह दाँत पीस-पीसकर गल जाएगा; दुष्टों की लालसा पूरी न होगी।

< תהילים 112 >