< מִשְׁלֵי 7 >

בני שמר אמרי ומצותי תצפן אתך׃ 1
हे मेरे पुत्र, मेरी बातों को माना कर, और मेरी आज्ञाओं को अपने मन में रख छोड़।
שמר מצותי וחיה ותורתי כאישון עיניך׃ 2
मेरी आज्ञाओं को मान, इससे तू जीवित रहेगा, और मेरी शिक्षा को अपनी आँख की पुतली जान;
קשרם על אצבעתיך כתבם על לוח לבך׃ 3
उनको अपनी उँगलियों में बाँध, और अपने हृदय की पटिया पर लिख ले।
אמר לחכמה אחתי את ומדע לבינה תקרא׃ 4
बुद्धि से कह, “तू मेरी बहन है,” और समझ को अपनी कुटुम्बी बना;
לשמרך מאשה זרה מנכריה אמריה החליקה׃ 5
तब तू पराई स्त्री से बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है।
כי בחלון ביתי בעד אשנבי נשקפתי׃ 6
मैंने एक दिन अपने घर की खिड़की से, अर्थात् अपने झरोखे से झाँका,
וארא בפתאים אבינה בבנים נער חסר לב׃ 7
तब मैंने भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा;
עבר בשוק אצל פנה ודרך ביתה יצעד׃ 8
वह उस स्त्री के घर के कोने के पास की सड़क से गुजर रहा था, और उसने उसके घर का मार्ग लिया।
בנשף בערב יום באישון לילה ואפלה׃ 9
उस समय दिन ढल गया, और संध्याकाल आ गया था, वरन् रात का घोर अंधकार छा गया था।
והנה אשה לקראתו שית זונה ונצרת לב׃ 10
१०और उससे एक स्त्री मिली, जिसका भेष वेश्या के समान था, और वह बड़ी धूर्त थी।
המיה היא וסררת בביתה לא ישכנו רגליה׃ 11
११वह शान्ति रहित और चंचल थी, और उसके पैर घर में नहीं टिकते थे;
פעם בחוץ פעם ברחבות ואצל כל פנה תארב׃ 12
१२कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक-एक कोने पर वह बाट जोहती थी।
והחזיקה בו ונשקה לו העזה פניה ותאמר לו׃ 13
१३तब उसने उस जवान को पकड़कर चूमा, और निर्लज्जता की चेष्टा करके उससे कहा,
זבחי שלמים עלי היום שלמתי נדרי׃ 14
१४“मैंने आज ही मेलबलि चढ़ाया और अपनी मन्नतें पूरी की;
על כן יצאתי לקראתך לשחר פניך ואמצאך׃ 15
१५इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, और अभी पाया है।
מרבדים רבדתי ערשי חטבות אטון מצרים׃ 16
१६मैंने अपने पलंग के बिछौने पर मिस्र के बेलबूटेवाले कपड़े बिछाए हैं;
נפתי משכבי מר אהלים וקנמון׃ 17
१७मैंने अपने बिछौने पर गन्धरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।
לכה נרוה דדים עד הבקר נתעלסה באהבים׃ 18
१८इसलिए अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।
כי אין האיש בביתו הלך בדרך מרחוק׃ 19
१९क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;
צרור הכסף לקח בידו ליום הכסא יבא ביתו׃ 20
२०वह चाँदी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा।”
הטתו ברב לקחה בחלק שפתיה תדיחנו׃ 21
२१ऐसी ही लुभानेवाली बातें कह कहकर, उसने उसको फँसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश में कर लिया।
הולך אחריה פתאם כשור אל טבח יבוא וכעכס אל מוסר אויל׃ 22
२२वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, जैसे बैल कसाई-खाने को, या हिरन फंदे में कदम रखता है।
עד יפלח חץ כבדו כמהר צפור אל פח ולא ידע כי בנפשו הוא׃ 23
२३अन्त में उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस चिड़िया के समान है जो फंदे की ओर वेग से उड़ती है और नहीं जानती कि उससे उसके प्राण जाएँगे।
ועתה בנים שמעו לי והקשיבו לאמרי פי׃ 24
२४अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ।
אל ישט אל דרכיה לבך אל תתע בנתיבותיה׃ 25
२५तेरा मन ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे, और उसकी डगरों में भूलकर भी न जाना;
כי רבים חללים הפילה ועצמים כל הרגיה׃ 26
२६क्योंकि बहुत से लोग उसके द्वारा मारे गए है; उसके घात किए हुओं की एक बड़ी संख्या होगी।
דרכי שאול ביתה ירדות אל חדרי מות׃ (Sheol h7585) 27
२७उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुँचाता है। (Sheol h7585)

< מִשְׁלֵי 7 >