< לוּקָס 1 >

אחרי אשר רבים הואילו לחבר ספור המעשים אשר נאמנו בשלמות בתוכנו׃ 1
बहुतों ने उन बातों का जो हमारे बीच में बीती हैं, इतिहास लिखने में हाथ लगाया है।
כאשר מסרום לנו הראים אתם בעיניהם מתחלה ואשר היו משרתי הדבר׃ 2
जैसा कि उन्होंने जो पहले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे हम तक पहुँचाया।
חשבתי לטוב גם אני החפש כל הדברים היטב מראשיתם לכתבם אליך בסדר תאופילוס האדיר׃ 3
इसलिए हे श्रीमान थियुफिलुस मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक-ठीक जाँच करके उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूँ,
למען תדע קשט האמרים אשר חנכת בם׃ 4
कि तू यह जान ले, कि वे बातें जिनकी तूने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं।
כהן היה בימי הורדוס מלך יהודה זכריה שמו ממשמרת אביה ולו אשה מבנות אהרן ושמה אלישבע׃ 5
यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकर्याह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी, जिसका नाम एलीशिबा था।
ושניהם היו צדיקים לפני האלהים והלכי תם בכל מצות יהוה ובחקתיו׃ 6
और वे दोनों परमेश्वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे।
ולא היה להם ילד כי אלישבע עקרה ושניהם באו בימים׃ 7
उनके कोई सन्तान न थी, क्योंकि एलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे।
ויהי היום ויכהן לפני אלהים בסדר משמרתו׃ 8
जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्वर के सामने याजक का काम करता था।
וכמשפט עבודת הכהנים יצא גורלו להקטיר קטרת ויבא אל היכל יהוה׃ 9
तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली, कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।
וכל קהל העם היו מתפללים בחוץ בעת הקטרת׃ 10
१०और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।
וירא אליו מלאך יהוה עמד לימין מזבח הקטרת׃ 11
११कि प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया।
ויבהל זכריה בראותו אתו ואימה נפלה עליו׃ 12
१२और जकर्याह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया।
ויאמר אליו המלאך אל תירא זכריהו כי נשמעה תפלתך ואלישבע אשתך תלד לך בן וקראת שמו יוחנן׃ 13
१३परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकर्याह, भयभीत न हो क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरी पत्नी एलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।
והיה לך לשמחה וגיל ורבים ישמחו בהולדו׃ 14
१४और तुझे आनन्द और हर्ष होगा और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे।
כי גדול יהיה לפני יהוה ויין ושכר לא ישתה ורוח הקדש ימלא בעודנו בבטן אמו׃ 15
१५क्योंकि वह प्रभु के सामने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पीएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।
ורבים מבני ישראל ישיב אל יהוה אלהיהם׃ 16
१६और इस्राएलियों में से बहुतों को उनके प्रभु परमेश्वर की ओर फेरेगा।
והוא ילך לפניו ברוח אליהו ובגבורתו להשיב את לב אבות על בנים ואת הסוררים לתבונת הצדיקים להעמיד ליהוה עם מתקן׃ 17
१७वह एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ्य में होकर उसके आगे-आगे चलेगा, कि पिताओं का मन बाल-बच्चों की ओर फेर दे; और आज्ञा न माननेवालों को धर्मियों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे।”
ויאמר זכריה אל המלאך במה אדע זאת כי אני זקנתי ואשתי באה בימים׃ 18
१८जकर्याह ने स्वर्गदूत से पूछा, “यह मैं कैसे जानूँ? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूँ; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।”
ויען המלאך ויאמר אליו אני גבריאל העומד לפני האלהים ושלוח אנכי לדבר אליך ולבשרך את זאת׃ 19
१९स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूँ, जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूँ।
והנה תאלם ולא תוכל לדבר עד היום אשר תהיה זאת תחת כי לא האמנת בדברי אשר ימלאו למועדם׃ 20
२०और देख, जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिए कि तूने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, विश्वास न किया।”
והעם היה מחכה לזכריה ויתמהו כי אחר בהיכל׃ 21
२१लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी?
ויהי בצאתו לא יכל לדבר אליהם וידעו כי מראה ראה בהיכל וירמז להם ועודנו נאלם׃ 22
२२जब वह बाहर आया, तो उनसे बोल न सका अतः वे जान गए, कि उसने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और वह उनसे संकेत करता रहा, और गूँगा रह गया।
ויהי כאשר מלאו ימי עבדתו וילך לו אל ביתו׃ 23
२३जब उसकी सेवा के दिन पूरे हुए, तो वह अपने घर चला गया।
ויהי אחרי הימים האלה ותהר אלישבע אשתו ותתחבא חמשה חדשים ותאמר׃ 24
२४इन दिनों के बाद उसकी पत्नी एलीशिबा गर्भवती हुई; और पाँच महीने तक अपने आपको यह कह के छिपाए रखा।
ככה עשה לי יהוה בימי פקדו אותי לאסף את חרפתי בתוך בני אדם׃ 25
२५“मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।”
ויהי בחדש הששי וישלח המלאך גבריאל מאת האלהים גלילה אל עיר אשר שמה נצרת׃ 26
२६छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से गब्रिएल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में,
אל בתולה מארשה לאיש אשר שמו יוסף מבית דוד ושם הבתולה מרים׃ 27
२७एक कुँवारी के पास भेजा गया। जिसकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी: उस कुँवारी का नाम मरियम था।
ויבא המלאך אליה החדרה ויאמר שלום לך אשת חן יהוה עמך ברוכה את בנשים׃ 28
२८और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!”
והיא בראותה נבהלה לדברו ותאמר בלבה מה היא הברכה הזאת׃ 29
२९वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
ויאמר לה המלאך אל תיראי מרים כי מצאת חן לפני האלהים׃ 30
३०स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
והנך הרה וילדת בן וקראת את שמו ישוע׃ 31
३१और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना।
והוא גדול יהיה ובן עליון יקרא ויהוה אלהים יתן לו את כסא דוד אביו׃ 32
३२वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा।
ועל בית יעקב ימלך לעולם ועד ולמלכותו אין קץ׃ (aiōn g165) 33
३३और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn g165)
ותאמר מרים אל המלאך איך תהיה זאת ואני אינני ידעת איש׃ 34
३४मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।”
ויען המלאך ויאמר אליה רוח הקדש תבוא עליך וגבורת עליון תצל עליך על כן גם לקדוש הילוד יקרא בן אלהים׃ 35
३५स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी; इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
והנה אלישבע קרובתך אשר קראו לה עקרה גם היא הרתה בן בזקנתה וזה לה החדש הששי׃ 36
३६और देख, और तेरी कुटुम्बिनी एलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होनेवाला है, यह उसका, जो बाँझ कहलाती थी छठवाँ महीना है।
כי לא יפלא מאלהים כל דבר׃ 37
३७परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।”
ותאמר מרים הנני שפחת יהוה יהי לי כדברך ויצא מאתה המלאך׃ 38
३८मरियम ने कहा, “देख, मैं प्रभु की दासी हूँ, तेरे वचन के अनुसार मेरे साथ ऐसा हो।” तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।
ותקם מרים בימים ההם ותמהר ללכת ההרה אל עיר יהודה׃ 39
३९उन दिनों में मरियम उठकर शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई।
ותבא בית זכריה ותברך את אלישבע׃ 40
४०और जकर्याह के घर में जाकर एलीशिबा को नमस्कार किया।
ויהי כשמע אלישבע את ברכת מרים וירקד הילד במעיה ותמלא אלישבע רוח הקדש׃ 41
४१जैसे ही एलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, वैसे ही बच्चा उसके पेट में उछला, और एलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई।
ותקרא בקול גדול ותאמר ברוכה את בנשים וברוך פרי בטנך׃ 42
४२और उसने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है!
ומאין לי זאת אשר אם אדני באה אלי׃ 43
४३और यह अनुग्रह मुझे कहाँ से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
כי קול ברכתך בא באזני והנה רקד בשמחה הילד במעי׃ 44
४४और देख जैसे ही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा वैसे ही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
ואשרי המאמינה כי המלא תמלא אשר דבר לה מאת יהוה׃ 45
४५और धन्य है, वह जिसने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उससे कही गई, वे पूरी होंगी।”
ותאמר מרים רוממה נפשי את יהוה׃ 46
४६तब मरियम ने कहा, “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
ותגל רוחי באלהי ישעי׃ 47
४७और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।
אשר ראה בעני אמתו כי הנה מעתה כל הדרות יאשרוני כי גדלות עשה לי שדי וקדוש שמו׃ 48
४८क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है; इसलिए देखो, अब से सब युग-युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।
49
४९क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े- बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।
וחסדו לדור דורים על יראיו׃ 50
५०और उसकी दया उन पर, जो उससे डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
גבורות עשה בזרעו פזר גאים במזמות לבבם׃ 51
५१उसने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने मन में घमण्ड करते थे, उन्हें तितर-बितर किया।
הרס נדיבים מכסאותו וירם שפלים׃ 52
५२उसने शासकों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊँचा किया।
רעבים מלא טוב ועשירים שלח ריקם׃ 53
५३उसने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को खाली हाथ निकाल दिया।
תמך בישראל עבדו לזכר את רחמיו׃ 54
५४उसने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया कि अपनी उस दया को स्मरण करे,
כאשר דבר אל אבותינו לאברהם ולזרעו עד עולם׃ (aiōn g165) 55
५५जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn g165)
ותשב מרים עמה כשלשה חדשים ותשב לביתה׃ 56
५६मरियम लगभग तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लौट गई।
וימלאו ימי אלישבע ללדת ותלד בן׃ 57
५७तब एलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और वह पुत्र जनी।
וישמעו שכניה וקרוביה כי הגדיל יהוה את חסדו עמה וישמחו אתה׃ 58
५८उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुनकर, कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्दित हुए।
ויהי ביום השמיני ויבאו למול את הילד ויקראו אתו זכריה על שם אביו׃ 59
५९और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकर्याह रखने लगे।
ותען אמו ותאמר לא כי יוחנן יקרא׃ 60
६०और उसकी माता ने उत्तर दिया, “नहीं; वरन् उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।”
ויאמרו אליה אין איש במשפחתך אשר נקרא בשם הזה׃ 61
६१और उन्होंने उससे कहा, “तेरे कुटुम्ब में किसी का यह नाम नहीं।”
וירמזו אל אביו לדעת מה השם אשר יחפץ להקרא לו׃ 62
६२तब उन्होंने उसके पिता से संकेत करके पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है?
וישאל לוח ויכתב עליו לאמר יוחנן שמו ויתמהו כלם׃ 63
६३और उसने लिखने की पट्टी मँगवाकर लिख दिया, “उसका नाम यूहन्ना है,” और सभी ने अचम्भा किया।
ויפתח פיו ולשונו פתאם וידבר ויברך את האלהים׃ 64
६४तब उसका मुँह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर की स्तुति करने लगा।
ותפל אימה על כל שכניהם ויספר כל הדברים האלה בכל הרי יהודה׃ 65
६५और उसके आस-पास के सब रहनेवालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
וישימו כל השמעים אל לבם לאמר מה אפוא יהיה הילד הזה ויד יהוה היתה עמו׃ 66
६६और सब सुननेवालों ने अपने-अपने मन में विचार करके कहा, “यह बालक कैसा होगा?” क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था।
וימלא זכריה אביו רוח הקדש וינבא לאמר׃ 67
६७और उसका पिता जकर्याह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्वाणी करने लगा।
ברוך יהוה אלהי ישראל כי פקד את עמו וישלח לו פדות׃ 68
६८“प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है,
וירם לנו קרן ישועה בבית דוד עבדו׃ 69
६९और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला,
כאשר דבר בפי נביאיו הקדושים אשר מעולם׃ (aiōn g165) 70
७०जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn g165)
ישועה מאיבינו ומיד כל שנאינו׃ 71
७१अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है;
לעשות חסד עם אבותינו ולזכר את ברית קדשו׃ 72
७२कि हमारे पूर्वजों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे,
את השבועה אשר נשבע לאברהם אבינו׃ 73
७३और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी,
להצילנו מיד איבינו ולתתנו לעבדו בלי פחד׃ 74
७४कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर,
בתמים ובצדקה לפניו כל ימי חיינו׃ 75
७५उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें।
ואתה הילד נביא עליון תקרא כי לפני יהוה תלך לפנות את דרכיו׃ 76
७६और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा,
לתת דעת הישועה לעמו בסליחת חטאתיהם׃ 77
७७कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
ברחמי חסד אלהינו אשר בהם פקדנו הנגה ממרום׃ 78
७८यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
להאיר לישבי חשך וצלמות ולהכין את רגלינו אל דרך השלום׃ 79
७९कि अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।”
ויגדל הילד ויחזק ברוח ויהי במדברות עד יום הראתו אל ישראל׃ 80
८०और वह बालक यूहन्ना, बढ़ता और आत्मा में बलवन्त होता गया और इस्राएल पर प्रगट होने के दिन तक जंगलों में रहा।

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