< ג'ון 11 >

ויהי איש חולה לעזר שמו מבית היני כפר מרים ומרתא אחותה׃ 1
मरियम और उसकी बहन मार्था के गाँव बैतनिय्याह का लाज़र नामक एक मनुष्य बीमार था।
היא מרים אשר משחה את האדון בשמן המר ותנגב את רגליו בשערותיה ועתה לעזר אחיה חלה׃ 2
यह वही मरियम थी जिसने प्रभु पर इत्र डालकर उसके पाँवों को अपने बालों से पोंछा था, इसी का भाई लाज़र बीमार था।
ותשלחנה אחיותיו אליו לאמר אדני הנה זה אשר אהבת חלה הוא׃ 3
तब उसकी बहनों ने उसे कहला भेजा, “हे प्रभु, देख, जिससे तू प्यार करता है, वह बीमार है।”
וישמע ישוע ויאמר זאת המחלה איננה למות כי אם לכבוד האלהים למען יכבד בה בן האלהים׃ 4
यह सुनकर यीशु ने कहा, “यह बीमारी मृत्यु की नहीं, परन्तु परमेश्वर की महिमा के लिये है, कि उसके द्वारा परमेश्वर के पुत्र की महिमा हो।”
וישוע אהב את מרתא ואת אחותה ואת לעזר׃ 5
और यीशु मार्था और उसकी बहन और लाज़र से प्रेम रखता था।
ויהי כשמעו כי חלה ויתמהמה וישב יומים במקום אשר הוא שם׃ 6
जब उसने सुना, कि वह बीमार है, तो जिस स्थान पर वह था, वहाँ दो दिन और ठहर गया।
מאחרי כן אמר לתלמידיו לכו ונשובה לארץ יהודה׃ 7
फिर इसके बाद उसने चेलों से कहा, “आओ, हम फिर यहूदिया को चलें।”
ויאמרו אליו תלמידיו רבי עתה זה בקשו היהודים לסקלך ואתה תשוב שמה׃ 8
चेलों ने उससे कहा, “हे रब्बी, अभी तो यहूदी तुझे पथराव करना चाहते थे, और क्या तू फिर भी वहीं जाता है?”
ויען ישוע הלא שתים עשרה שעות ליום איש כי ילך ביום לא יכשל כי יראה אור העולם הזה׃ 9
यीशु ने उत्तर दिया, “क्या दिन के बारह घंटे नहीं होते? यदि कोई दिन को चले, तो ठोकर नहीं खाता, क्योंकि इस जगत का उजाला देखता है।
אבל ההלך בלילה יכשל כי האור אין בו׃ 10
१०परन्तु यदि कोई रात को चले, तो ठोकर खाता है, क्योंकि उसमें प्रकाश नहीं।”
כזאת דבר ואחרי כן אמר אליהם לעזר ידידנו ישן הוא ואנכי הלך למען אעירנו׃ 11
११उसने ये बातें कहीं, और इसके बाद उनसे कहने लगा, “हमारा मित्र लाज़र सो गया है, परन्तु मैं उसे जगाने जाता हूँ।”
ויאמרו תלמידיו אדני אם ישן הוא יושע׃ 12
१२तब चेलों ने उससे कहा, “हे प्रभु, यदि वह सो गया है, तो बच जाएगा।”
וישוע דבר על מותו והמה חשבו כי על מנוחת השנה דבר׃ 13
१३यीशु ने तो उसकी मृत्यु के विषय में कहा था: परन्तु वे समझे कि उसने नींद से सो जाने के विषय में कहा।
אז גלה ישוע את אזנם ויאמר אליהם לעזר מת׃ 14
१४तब यीशु ने उनसे साफ कह दिया, “लाज़र मर गया है।
ושמח אני בגללכם כי לא הייתי שם למען תאמינו ועתה נסעה ונלכה אליו׃ 15
१५और मैं तुम्हारे कारण आनन्दित हूँ कि मैं वहाँ न था जिससे तुम विश्वास करो। परन्तु अब आओ, हम उसके पास चलें।”
ויאמר תומא הנקרא דידומוס אל התלמידים חבריו נלכה גם אנחנו למען נמות עמו׃ 16
१६तब थोमा ने जो दिदुमुस कहलाता है, अपने साथ के चेलों से कहा, “आओ, हम भी उसके साथ मरने को चलें।”
ויבא ישוע וימצאהו זה ארבעה ימים שכב בקבר׃ 17
१७फिर यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
ובית היני היה קרוב לירושלים כדרך חמש עשרה ריס׃ 18
१८बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
ורבים מן היהודים באו בית מרתא ומרים לנחם אתהן על אחיהן׃ 19
१९और बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उनके भाई के विषय में शान्ति देने के लिये आए थे।
ויהי כשמע מרתא כי ישוע בא ותצא לקרתו ומרים יושבת בבית׃ 20
२०जब मार्था यीशु के आने का समाचार सुनकर उससे भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
ותאמר מרתא אל ישוע אדני אלו היית פה כי אז לא מת אחי׃ 21
२१मार्था ने यीशु से कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
וגם עתה ידעתי כי כל אשר תשאל מאת אלהים יתן לך אלהים׃ 22
२२और अब भी मैं जानती हूँ, कि जो कुछ तू परमेश्वर से माँगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।”
ויאמר אליה ישוע קום יקום אחיך׃ 23
२३यीशु ने उससे कहा, “तेरा भाई जी उठेगा।”
ותאמר אליו מרתא ידעתי כי יקום בתקומה ביום האחרון׃ 24
२४मार्था ने उससे कहा, “मैं जानती हूँ, अन्तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।”
ויאמר אליה ישוע אנכי התקומה והחיים המאמין בי יחיה גם כי ימות׃ 25
२५यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तो भी जीएगा।
וכל החי אשר יאמין בי לא ימות לעולם התאמיני זאת׃ (aiōn g165) 26
२६और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (aiōn g165)
ותאמר אליו כן אדני האמנתי כי אתה המשיח בן האלהים הבא לעולם׃ 27
२७उसने उससे कहा, “हाँ, हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूँ, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।”
ויהי אחר דברה זאת ותלך ותקרא למרים אחותה בסתר לאמר הנה המורה פה וקרא לך׃ 28
२८यह कहकर वह चली गई, और अपनी बहन मरियम को चुपके से बुलाकर कहा, “गुरु यहीं है, और तुझे बुलाता है।”
היא שמעה ותמהר לקום ותבא אליו׃ 29
२९वह सुनते ही तुरन्त उठकर उसके पास आई।
וישוע טרם יבא אל הכפר כי עודנו עמד במקום אשר פגשתו שם מרתא׃ 30
३०(यीशु अभी गाँव में नहीं पहुँचा था, परन्तु उसी स्थान में था जहाँ मार्था ने उससे भेंट की थी।)
והיהודים אשר באו אל ביתה לנחמה כראותם את מרים כי קמה פתאם ותצא הלכו אחריה באמרם כי הלכה לה אל הקבר לבכות שמה׃ 31
३१तब जो यहूदी उसके साथ घर में थे, और उसे शान्ति दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम तुरन्त उठकर बाहर गई है और यह समझकर कि वह कब्र पर रोने को जाती है, उसके पीछे हो लिये।
ותבא מרים אל המקום אשר ישוע עמד שם ותרא אתו ותפל לרגליו ותאמר לו אדני אלו היית פה כי אז לא מת אחי׃ 32
३२जब मरियम वहाँ पहुँची जहाँ यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पाँवों पर गिरकर कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।”
ויהי כראות ישוע אתה בכיה וגם היהודים אשר באו אתה בכים ותזעם רוחו ויהי מרעיד׃ 33
३३जब यीशु ने उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास और व्याकुल हुआ,
ויאמר איפה שמתם אתו ויאמרו אליו אדני בא וראה׃ 34
३४और कहा, “तुम ने उसे कहाँ रखा है?” उन्होंने उससे कहा, “हे प्रभु, चलकर देख ले।”
ויבך ישוע׃ 35
३५यीशु रोया।
ויאמרו היהודים הנה מה גדלה אהבתו אתו׃ 36
३६तब यहूदी कहने लगे, “देखो, वह उससे कैसा प्यार करता था।”
ומקצתם אמרו הפקח עיני העור הלא יכל לעשות שגם זה לא ימות׃ 37
३७परन्तु उनमें से कितनों ने कहा, “क्या यह जिसने अंधे की आँखें खोलीं, यह भी न कर सका कि यह मनुष्य न मरता?”
ויוסף עוד ישוע להזעם ברוחו ויבא אל הקבר והוא מערה ואבן על מבואה׃ 38
३८यीशु मन में फिर बहुत ही उदास होकर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था।
ויאמר ישוע שאו את האבן מעליה ותאמר אליו מרתא אחות המת אדני הנה כבר באש כי ארבעה ימים לו׃ 39
३९यीशु ने कहा, “पत्थर को उठाओ।” उस मरे हुए की बहन मार्था उससे कहने लगी, “हे प्रभु, उसमें से अब तो दुर्गन्ध आती है, क्योंकि उसे मरे चार दिन हो गए।”
ויאמר אליה ישוע הלא אמרתי לך כי אם תאמיני תחזי את כבוד האלהים׃ 40
४०यीशु ने उससे कहा, “क्या मैंने तुझ से न कहा था कि यदि तू विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी।”
וישאו את האבן אשר המת הושם שם וישוע נשא את עיניו למרום ויאמר אודך אבי כי עניתני׃ 41
४१तब उन्होंने उस पत्थर को हटाया, फिर यीशु ने आँखें उठाकर कहा, “हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तूने मेरी सुन ली है।
ואני ידעתי כי בכל עת תענני אולם בעבור העם הזה אשר סביבותי דברתי למען יאמינו בי כי אתה שלחתני׃ 42
४२और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस-पास खड़ी है, उनके कारण मैंने यह कहा, जिससे कि वे विश्वास करें, कि तूने मुझे भेजा है।”
ויהי ככלותו לדבר ויקרא בקול גדול לעזר קום צא׃ 43
४३यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, “हे लाज़र, निकल आ!”
ויצא המת וידיו ורגליו כרוכת בתכריכין ופיו לוטים בסודר ויאמר אליהם ישוע התירו אתו וילך לדרכו׃ 44
४४जो मर गया था, वह कफन से हाथ पाँव बंधे हुए निकल आया और उसका मुँह अँगोछे से लिपटा हुआ था। यीशु ने उनसे कहा, “उसे खोलकर जाने दो।”
ורבים מן היהודים אשר באו אל מרים בראותם את אשר עשה ישוע האמינו בו׃ 45
४५तब जो यहूदी मरियम के पास आए थे, और उसका यह काम देखा था, उनमें से बहुतों ने उस पर विश्वास किया।
ומקצתם הלכו אל הפרושים ויגידו להם את אשר עשה ישוע׃ 46
४६परन्तु उनमें से कितनों ने फरीसियों के पास जाकर यीशु के कामों का समाचार दिया।
אז יקהילו הכהנים הגדולים והפרושים את הסנהדרין ויאמרו מה נעשה כי האיש הלזה עשה אתות הרבה׃ 47
४७इस पर प्रधान याजकों और फरीसियों ने मुख्य सभा के लोगों को इकट्ठा करके कहा, “हम क्या करेंगे? यह मनुष्य तो बहुत चिन्ह दिखाता है।
אם נניח לו לעשות כלם יאמינו בו ובאו הרומיים ולקחו גם את אדמתנו וגם את עמנו׃ 48
४८यदि हम उसे ऐसे ही छोड़ दें, तो सब उस पर विश्वास ले आएँगे और रोमी आकर हमारी जगह और जाति दोनों पर अधिकार कर लेंगे।”
ואחד מהם קיפא שמו והוא כהן גדול בשנה ההיא אמר אליהם הן לא תדעו מאומה׃ 49
४९तब उनमें से कैफा नामक एक व्यक्ति ने जो उस वर्ष का महायाजक था, उनसे कहा, “तुम कुछ नहीं जानते;
אף לא תתבוננו כי טוב לנו מות איש אחד בעד הגוי מאבד העם כלו׃ 50
५०और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो।”
וזאת לא דבר מלבו כי אם בהיותו כהן גדול בשנה ההיא נבא כי ישוע ימות בעד העם׃ 51
५१यह बात उसने अपनी ओर से न कही, परन्तु उस वर्ष का महायाजक होकर भविष्यद्वाणी की, कि यीशु उस जाति के लिये मरेगा;
ולא בעד העם לבד כי אם לקבץ גם את בני אלהים המפזרים והיו לאחדים׃ 52
५२और न केवल उस जाति के लिये, वरन् इसलिए भी, कि परमेश्वर की तितर-बितर सन्तानों को एक कर दे।
ויועצו יחדו להמיתו מהיום ההוא והלאה׃ 53
५३अतः उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे।
על כן לא התהלך ישוע עוד בתוך היהודים בגלוי כי אם סר משם לארץ הקרובה אל המדבר אל עיר עפרים ויגר שם עם תלמידיו׃ 54
५४इसलिए यीशु उस समय से यहूदियों में प्रगट होकर न फिरा; परन्तु वहाँ से जंगल के निकटवर्ती प्रदेश के एप्रैम नामक, एक नगर को चला गया; और अपने चेलों के साथ वहीं रहने लगा।
ויקרבו ימי הפסח ליהודים ועם רב עלו מן הארץ ירושלימה לפני הפסח למען יטהרו׃ 55
५५और यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत सारे लोग फसह से पहले दिहात से यरूशलेम को गए कि अपने आपको शुद्ध करें।
ויבקשו את ישוע ובעמדם בבית המקדש נדברו לאמר מה תחשבו הכי לא יבוא אל החג׃ 56
५६वे यीशु को ढूँढ़ने और मन्दिर में खड़े होकर आपस में कहने लगे, “तुम क्या समझते हो? क्या वह पर्व में नहीं आएगा?”
והכהנים הגדולים והפרושים גזרו גזרה אשר אם ידע איש את מקומו יודיענו למען יתפשהו׃ 57
५७और प्रधान याजकों और फरीसियों ने भी आज्ञा दे रखी थी, कि यदि कोई यह जाने कि यीशु कहाँ है तो बताए, कि वे उसे पकड़ लें।

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