< איוב 4 >

ויען אליפז התימני ויאמר׃ 1
तब तेमानी इलिफ़ज़ कहने लगा,
הנסה דבר אליך תלאה ועצר במלין מי יוכל׃ 2
अगर कोई तुझ से बात चीत करने की कोशिश करे तो क्या तू अफ़सोस करेगा?, लेकिन बोले बगै़र कौन रह सकता है?
הנה יסרת רבים וידים רפות תחזק׃ 3
देख, तू ने बहुतों को सिखाया, और कमज़ोर हाथों को मज़बूत किया।
כושל יקימון מליך וברכים כרעות תאמץ׃ 4
तेरी बातों ने गिरते हुए को संभाला, और तू ने लड़खड़ाते घुटनों को मज़बूत किया।
כי עתה תבוא אליך ותלא תגע עדיך ותבהל׃ 5
लेकिन अब तो तुझी पर आ पड़ी और तू कमज़ोर हुआ जाता है। उसने तुझे छुआ और तू घबरा उठा।
הלא יראתך כסלתך תקותך ותם דרכיך׃ 6
क्या तेरे ख़ुदा का डर ही तेरा भरोसा नहीं? क्या तेरी राहों की रास्ती तेरी उम्मीद नहीं?
זכר נא מי הוא נקי אבד ואיפה ישרים נכחדו׃ 7
क्या तुझे याद है कि कभी कोई मा'सूम भी हलाक हुआ है? या कहीं रास्तबाज़ भी काट डाले गए?
כאשר ראיתי חרשי און וזרעי עמל יקצרהו׃ 8
मेरे देखने में तो जो गुनाह को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं।
מנשמת אלוה יאבדו ומרוח אפו יכלו׃ 9
वह ख़ुदा के दम से हलाक होते, और उसके ग़ुस्से के झोंके से भस्म होते हैं।
שאגת אריה וקול שחל ושני כפירים נתעו׃ 10
बबर की ग़रज़ और खू़ँख़्वार बबर की दहाड़, और बबर के बच्चों के दाँत, यह सब तोड़े जाते हैं।
ליש אבד מבלי טרף ובני לביא יתפרדו׃ 11
शिकार न पाने से बूढ़ा बबर हलाक होता, और शेरनी के बच्चे तितर — बितर हो जाते हैं।
ואלי דבר יגנב ותקח אזני שמץ מנהו׃ 12
एक बात चुपके से मेरे पास पहुँचाई गई, उसकी भनक मेरे कान में पड़ी।
בשעפים מחזינות לילה בנפל תרדמה על אנשים׃ 13
रात के ख़्वाबों के ख़्यालों के बीच, जब लोगों को गहरी नींद आती है।
פחד קראני ורעדה ורב עצמותי הפחיד׃ 14
मुझे ख़ौफ़ और कपकपी ने ऐसा पकड़ा, कि मेरी सब हड्डियों को हिला डाला।
ורוח על פני יחלף תסמר שערת בשרי׃ 15
तब एक रूह मेरे सामने से गुज़री, और मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
יעמד ולא אכיר מראהו תמונה לנגד עיני דממה וקול אשמע׃ 16
वह चुपचाप खड़ी हो गई लेकिन मैं उसकी शक्ल पहचान न सका; एक सूरत मेरी आँखों के सामने थी और सन्नाटा था। फिर मैंने एक आवाज़ सुनी:
האנוש מאלוה יצדק אם מעשהו יטהר גבר׃ 17
कि क्या फ़ानी इंसान ख़ुदा से ज़्यादा होगा? क्या आदमी अपने ख़ालिक़ से ज़्यादा पाक ठहरेगा?
הן בעבדיו לא יאמין ובמלאכיו ישים תהלה׃ 18
देख, उसे अपने ख़ादिमों का 'ऐतबार नहीं, और वह अपने फ़रिश्तों पर हिमाक़त को 'आइद करता है।
אף שכני בתי חמר אשר בעפר יסודם ידכאום לפני עש׃ 19
फिर भला उनकी क्या हक़ीक़त है, जो मिट्टी के मकानों में रहते हैं। जिनकी बुन्नियाद ख़ाक में है, और जो पतंगे से भी जल्दी पिस जाते हैं।
מבקר לערב יכתו מבלי משים לנצח יאבדו׃ 20
वह सुबह से शाम तक हलाक होते हैं, वह हमेशा के लिए फ़ना हो जाते हैं, और कोई उनका ख़याल भी नहीं करता।
הלא נסע יתרם בם ימותו ולא בחכמה׃ 21
क्या उनके ख़ेमे की डोरी उनके अन्दर ही अन्दर तोड़ी नहीं जाती? वह मरते हैं और यह भी बगै़र दानाई के।

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