< איוב 29 >

ויסף איוב שאת משלו ויאמר׃ 1
और अय्यूब फिर अपनी मिसाल लाकर कहने लगा,
מי יתנני כירחי קדם כימי אלוה ישמרני׃ 2
“काश कि मैं ऐसा होता जैसे गुज़रे महीनों में, या'नी जैसा उन दिनों में जब ख़ुदा मेरी हिफ़ाज़त करता था।
בהלו נרו עלי ראשי לאורו אלך חשך׃ 3
जब उसका चराग़ मेरे सिर पर रोशन रहता था, और मैं अँधेरे में उसके नूर के ज़रिए' से चलता था।
כאשר הייתי בימי חרפי בסוד אלוה עלי אהלי׃ 4
जैसा में अपनी बरोमन्दी के दिनों में था, जब ख़ुदा की ख़ुशनूदी मेरे ख़ेमे पर थी।
בעוד שדי עמדי סביבותי נערי׃ 5
जब क़ादिर — ए — मुतलक़ भी मेरे साथ था, और मेरे बच्चे मेरे साथ थे।
ברחץ הליכי בחמה וצור יצוק עמדי פלגי שמן׃ 6
जब मेरे क़दम मख्खन से धुलते थे, और चट्टान मेरे लिए तेल की नदियाँ बहाती थी।
בצאתי שער עלי קרת ברחוב אכין מושבי׃ 7
जब मैं शहर के फाटक पर जाता और अपने लिए चौक में बैठक तैयार करता था;
ראוני נערים ונחבאו וישישים קמו עמדו׃ 8
तो जवान मुझे देखते और छिप जाते, और उम्र रसीदा उठ खड़े होते थे।
שרים עצרו במלים וכף ישימו לפיהם׃ 9
हाकिम बोलना बंद कर देते, और अपने हाथ अपने मुँह पर रख लेते थे।
קול נגידים נחבאו ולשונם לחכם דבקה׃ 10
रईसों की आवाज़ थम जाती, और उनकी ज़बान तालू से चिपक जाती थी।
כי אזן שמעה ותאשרני ועין ראתה ותעידני׃ 11
क्यूँकि कान जब मेरी सुन लेता तो मुझे मुबारक कहता था, और आँख जब मुझे देख लेती तो मेरी गावाही देती थी;
כי אמלט עני משוע ויתום ולא עזר לו׃ 12
क्यूँकि मैं ग़रीब को जब वह फ़रियाद करता छुड़ाता था और यतीमों को भी जिसका कोई मददगार न था।
ברכת אבד עלי תבא ולב אלמנה ארנן׃ 13
हलाक होनेवाला मुझे दुआ देता था, और मैं बेवा के दिल को ऐसा ख़ुश करता था कि वह गाने लगती थी।
צדק לבשתי וילבשני כמעיל וצניף משפטי׃ 14
मैंने सदाक़त को पहना और उससे मुलब्बस हुआ: मेरा इन्साफ़ गोया जुब्बा और 'अमामा था।
עינים הייתי לעור ורגלים לפסח אני׃ 15
मैं अंधों के लिए आँखें था, और लंगड़ों के लिए पाँव।
אב אנכי לאביונים ורב לא ידעתי אחקרהו׃ 16
मैं मोहताज का बाप था, और मैं अजनबी के मु'आमिले की भी तहक़ीक़ करता था।
ואשברה מתלעות עול ומשניו אשליך טרף׃ 17
मैं नारास्त के जबड़ों को तोड़ डालता, और उसके दाँतों से शिकार छुड़ालेता था।
ואמר עם קני אגוע וכחול ארבה ימים׃ 18
तब मैं कहता था, कि मैं अपने आशियाने में हूँगा और मैं अपने दिनों को रेत की तरह बे शुमार करूँगा,
שרשי פתוח אלי מים וטל ילין בקצירי׃ 19
मेरी जड़ें पानी तक फैल गई हैं, और रात भर ओस मेरी शाखों पर रहती है;
כבודי חדש עמדי וקשתי בידי תחליף׃ 20
मेरी शौकत मुझ में ताज़ा है, और मेरी कमान मेरे हाथ में नई की जाती है।
לי שמעו ויחלו וידמו למו עצתי׃ 21
'लोग मेरी तरफ़ कान लगाते और मुन्तज़िर रहते, और मेरी मशवरत के लिए ख़ामोश हो जाते थे।
אחרי דברי לא ישנו ועלימו תטף מלתי׃ 22
मेरी बातों के बा'द, वह फिर न बोलते थे; और मेरी तक़रीर उन पर टपकती थी
ויחלו כמטר לי ופיהם פערו למלקוש׃ 23
वह मेरा ऐसा इन्तिज़ार करते थे जैसा बारिश का; और अपना मुँह ऐसा फैलाते थे जैसे पिछले मेंह के लिए।
אשחק אלהם לא יאמינו ואור פני לא יפילון׃ 24
जब वह मायूस होते थे तो मैं उन पर मुस्कराता था, और मेरे चेहरे की रोनक की उन्होंने कभी न बिगाड़ा।
אבחר דרכם ואשב ראש ואשכון כמלך בגדוד כאשר אבלים ינחם׃ 25
मैं उनकी राह को चुनता, और सरदार की तरह बैठता, और ऐसे रहता था जैसे फ़ौज में बादशाह, और जैसे वह जो ग़मज़दों को तसल्ली देता है।

< איוב 29 >