< איוב 25 >
तब बिलदद सूखी ने जवाब दिया
המשל ופחד עמו עשה שלום במרומיו׃ | 2 |
“हुकूमत और दबदबा उसके साथ है वह अपने बुलन्द मक़ामों में अमन रखता है।
היש מספר לגדודיו ועל מי לא יקום אורהו׃ | 3 |
क्या उसकी फ़ौजों की कोई ता'दाद है? और कौन है जिस पर उसकी रोशनी नहीं पड़ती?
ומה יצדק אנוש עם אל ומה יזכה ילוד אשה׃ | 4 |
फिर इंसान क्यूँकर ख़ुदा के सामने रास्त ठहर सकता है? या वह जो 'औरत से पैदा हुआ है क्यूँकर पाक हो सकता है?
הן עד ירח ולא יאהיל וכוכבים לא זכו בעיניו׃ | 5 |
देख, चाँद में भी रोशनी नहीं, और तारे उसकी नज़र में पाक नहीं।
אף כי אנוש רמה ובן אדם תולעה׃ | 6 |
फिर भला इंसान का जो महज़ कीड़ा है, और आदमज़ाद जो सिर्फ़ किरम है क्या ज़िक्र।”