< ירמיה 4 >
אם תשוב ישראל נאם יהוה אלי תשוב ואם תסיר שקוציך מפני ולא תנוד׃ | 1 |
“ऐ इस्राईल, अगर तू वापस आए, ख़ुदावन्द फ़रमाता है अगर तू मेरी तरफ़ वापस आए; और अपनी मकरूहात को मेरी नज़र से दूर करे तो तू आवारा न होगा;
ונשבעת חי יהוה באמת במשפט ובצדקה והתברכו בו גוים ובו יתהללו׃ | 2 |
और अगर तू सच्चाई और 'अदालत और सदाक़त से ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम खाए, तो क़ौमें उसकी वजह से अपने आपको मुबारक कहेंगी और उस पर फ़ख़्र करेंगी।”
כי כה אמר יהוה לאיש יהודה ולירושלם נירו לכם ניר ואל תזרעו אל קוצים׃ | 3 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द यहूदाह और येरूशलेम के लोगों को यूँ फ़रमाता है: “अपनी उम्दा ज़मीन पर हल चलाओ, और काँटों में बीज न बोया करो।
המלו ליהוה והסרו ערלות לבבכם איש יהודה וישבי ירושלם פן תצא כאש חמתי ובערה ואין מכבה מפני רע מעלליכם׃ | 4 |
'ऐ यहूदाह के लोगों, और येरूशलेम के बाशिन्दो, ख़ुदावन्द के लिए अपना ख़तना कराओ; हाँ, अपने दिल का ख़तना करो; ऐसा न हो कि तुम्हारी बद'आमाली की वजह से मेरा क़हर आग की तरह शो'लाज़न हो, और ऐसा भड़के के कोई बुझा न सके।”
הגידו ביהודה ובירושלם השמיעו ואמרו ותקעו שופר בארץ קראו מלאו ואמרו האספו ונבואה אל ערי המבצר׃ | 5 |
यहूदाह में इश्तिहार दो, और येरूशलेम में इसका 'ऐलान करो और कहो, तुम मुल्क में नरसिंगा फूँको, बलन्द आवाज़ से पुकारो और कहो कि “जमा' हो, कि हसीन शहरों में चलें।
שאו נס ציונה העיזו אל תעמדו כי רעה אנכי מביא מצפון ושבר גדול׃ | 6 |
तुम सिय्यून ही में झण्डा खड़ा करो, पनाह लेने को भागो और देर न करो, क्यूँकि मैं बला और हलाकत — ए — शदीद को उत्तर की तरफ़ से लाता हूँ।
עלה אריה מסבכו ומשחית גוים נסע יצא ממקמו לשום ארצך לשמה עריך תצינה מאין יושב׃ | 7 |
शेर — ए — बबर झाड़ियों से निकला है, और क़ौमों के हलाक करने वाले ने रवानगी की है; वह अपनी जगह से निकला है कि तेरी ज़मीन को वीरान करे, ताकि तेरे शहर वीरान हों और कोई बसने वाला न रहे।
על זאת חגרו שקים ספדו והילילו כי לא שב חרון אף יהוה ממנו׃ | 8 |
इसलिए टाट ओढ़कर छाती पीटो और वावैला करो, क्यूँकि ख़ुदावन्द का क़हर — ए — शदीद हम पर से टल नहीं गया।”
והיה ביום ההוא נאם יהוה יאבד לב המלך ולב השרים ונשמו הכהנים והנביאים יתמהו׃ | 9 |
और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, उस वक़्त यूँ होगा कि बादशाह और सरदार बे — दिल हो जायेंगे और काहिन हैरतज़दा और नबी शर्मिंदा होंगे।
ואמר אהה אדני יהוה אכן השא השאת לעם הזה ולירושלם לאמר שלום יהיה לכם ונגעה חרב עד הנפש׃ | 10 |
तब मैंने कहा, अफ़सोस, ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, यक़ीनन तूने इन लोगों और येरूशलेम को ये कह कर दग़ा दी कि तुम सलामत रहोगे; हालाँकि तलवार जान तक पहुँच गई है।
בעת ההיא יאמר לעם הזה ולירושלם רוח צח שפיים במדבר דרך בת עמי לוא לזרות ולוא להבר׃ | 11 |
उस वक़्त इन लोगों और येरूशलेम से ये कहा जाएगा कि 'वीराने के पहाड़ों पर से एक ख़ुश्क हवा मेरी दुख़्तर — ए — क़ौम की तरफ़ चलेगी, उसाने और साफ़ करने के लिए नहीं,
רוח מלא מאלה יבוא לי עתה גם אני אדבר משפטים אותם׃ | 12 |
बल्कि वहाँ से एक बहुत तुन्द हवा मेरे लिए चलेगी; अब मैं भी उन पर फ़तवा दूँगा।
הנה כעננים יעלה וכסופה מרכבותיו קלו מנשרים סוסיו אוי לנו כי שדדנו׃ | 13 |
देखो, वह घटा की तरह चढ़ आएगा, उसके रथ गिर्दबाद की तरह और उसके घोड़े 'उक़ाबों के जैसे तेज़तर हैं। हम पर अफ़सोस के हाय, हम बर्बाद हो गए!
כבסי מרעה לבך ירושלם למען תושעי עד מתי תלין בקרבך מחשבות אונך׃ | 14 |
ऐ येरूशलेम, तू अपने दिल को शरारत से पाक कर ताकि तू रिहाई पाए। बुरे ख़यालात कब तक तेरे दिल में रहेंगे?
כי קול מגיד מדן ומשמיע און מהר אפרים׃ | 15 |
क्यूँकि दान से एक आवाज़ आती है, और इफ़्राईम के पहाड़ से मुसीबत की ख़बर देती है;
הזכירו לגוים הנה השמיעו על ירושלם נצרים באים מארץ המרחק ויתנו על ערי יהודה קולם׃ | 16 |
क़ौमों को ख़बर दो, देखो, येरूशलेम के बारे में 'ऐलान करो कि “घिराव करने वाले दूर के मुल्क से आते हैं, और यहूदाह के शहरों के सामने ललकारेंगे
כשמרי שדי היו עליה מסביב כי אתי מרתה נאם יהוה׃ | 17 |
खेत के रखवालों की तरह वह उसे चारों तरफ़ से घेरेंगे, क्यूँकि उसने मुझसे बग़ावत की, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
דרכך ומעלליך עשו אלה לך זאת רעתך כי מר כי נגע עד לבך׃ | 18 |
तेरी चाल और तेरे कामों से यह मुसीबत तुझ पर आयी है। यह तेरी शरारत है, यह बहुत तल्ख़ है, क्यूँकि यह तेरे दिल तक पहुँच गई है।”
מעי מעי אחולה קירות לבי המה לי לבי לא אחריש כי קול שופר שמעתי נפשי תרועת מלחמה׃ | 19 |
हाय, मेरा दिल! मेरे पर्दा — ए — दिल में दर्द है! मेरा दिल बेताब है, मैं चुप नहीं रह सकता; क्यूँकि ऐ मेरी जान, तूने नरसिंगे की आवाज़ और लड़ाई की ललकार सुन ली है।
שבר על שבר נקרא כי שדדה כל הארץ פתאם שדדו אהלי רגע יריעתי׃ | 20 |
शिकस्त पर शिकस्त की ख़बर आती है, यक़ीनन तमाम मुल्क बर्बाद हो गया; मेरे ख़ेमे अचानक और मेरे पर्दे एक दम में बर्बाद किए गए।
עד מתי אראה נס אשמעה קול שופר׃ | 21 |
मैं कब तक ये झण्डा देखूँ और नरसिंगे की आवाज़ सुनूँ?
כי אויל עמי אותי לא ידעו בנים סכלים המה ולא נבונים המה חכמים המה להרע ולהיטיב לא ידעו׃ | 22 |
“हक़ीक़त में मेरे लोग बेवक़ूफ़ हैं, उन्होंने मुझे नहीं पहचाना; वह बेश'ऊर बच्चे हैं और फ़र्क़ नहीं रखते बुरे काम करने में होशियार हैं, लेकिन नेक काम की समझ नहीं रखते।”
ראיתי את הארץ והנה תהו ובהו ואל השמים ואין אורם׃ | 23 |
मैंने ज़मीन पर नज़र की, और क्या देखता हूँ कि वीरान और सुनसान है; आसमानों को भी बेनूर पाया।
ראיתי ההרים והנה רעשים וכל הגבעות התקלקלו׃ | 24 |
मैंने पहाड़ों पर निगाह की, और क्या देखता हूँ कि वह काँप गए, और सब टीले लर्ज़िश खा गए।
ראיתי והנה אין האדם וכל עוף השמים נדדו׃ | 25 |
मैंने नज़र की, और क्या देखता हूँ कि कोई आदमी नहीं, और सब हवाई परिन्दे उड़ गए।
ראיתי והנה הכרמל המדבר וכל עריו נתצו מפני יהוה מפני חרון אפו׃ | 26 |
फिर मैंने नज़र की और क्या देखता हूँ कि ज़रखेत ज़मीन वीरान हो गई, और उसके सब शहर ख़ुदावन्द की हुज़ूरी और उसके क़हर की शिद्दत से बर्बाद हो गए।
כי כה אמר יהוה שממה תהיה כל הארץ וכלה לא אעשה׃ | 27 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि तमाम मुल्क वीरान होगा तोभी मैं उसे बिल्कुल बर्बाद न करूँगा।
על זאת תאבל הארץ וקדרו השמים ממעל על כי דברתי זמתי ולא נחמתי ולא אשוב ממנה׃ | 28 |
इसीलिए ज़मीन मातम करेगी और ऊपर से आसमान तारीक हो जाएगा; क्यूँकि मैं कह चुका, मैंने इरादा किया है, मैं उससे पशेमान न हूँगा और उससे बाज़ न आऊँगा।
מקול פרש ורמה קשת ברחת כל העיר באו בעבים ובכפים עלו כל העיר עזובה ואין יושב בהן איש׃ | 29 |
सवारों और तीरअंदाज़ों के शोर से तमाम शहरी भाग जाएँगे; वह घने जंगलों में जा घुसेंगे, और चट्टानों पर चढ़ जाएँगे, सब शहर छोड़ दिए जायेंगे और कोई आदमी उनमें न रहेगा।
ואתי שדוד מה תעשי כי תלבשי שני כי תעדי עדי זהב כי תקרעי בפוך עיניך לשוא תתיפי מאסו בך עגבים נפשך יבקשו׃ | 30 |
तब ऐ ग़ारतशुदा, तू क्या करेगी? अगरचे तू लाल जोड़ा पहने, अगरचे तू ज़र्रीन ज़ेवरों से आरास्ता हो, अगरचे तू अपनी आँखों में सुरमा लगाए, तू 'अबस अपने आपको ख़ूबसूरत बनाएगी; तेरे 'आशिक़ तुझ को हक़ीर जानेंगे, वह तेरी जान के तालिब होंगे।
כי קול כחולה שמעתי צרה כמבכירה קול בת ציון תתיפח תפרש כפיה אוי נא לי כי עיפה נפשי להרגים׃ | 31 |
क्यूँकि मैंने उस 'औरत की जैसी आवाज़ सुनी है जिसे दर्द लगे हों, और उसकी जैसी दर्दनाक आवाज़ जिसके पहला बच्चा पैदा हो, या'नी दुख़्तर — ए — सिय्यून की आवाज़, जो हाँपती और अपने हाथ फैलाकर कहती है, 'हाय! क़ातिलों के सामने मेरी जान बेताब है।