< ירמיה 23 >

הוי רעים מאבדים ומפצים את צאן מרעיתי נאם יהוה׃ 1
“उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चराई की भेड़-बकरियों को तितर-बितर करते और नाश करते हैं,” यहोवा यह कहता है।
לכן כה אמר יהוה אלהי ישראל על הרעים הרעים את עמי אתם הפצתם את צאני ותדחום ולא פקדתם אתם הנני פקד עליכם את רע מעלליכם נאם יהוה׃ 2
इसलिए इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अपनी प्रजा के चरवाहों से यह कहता है, “तुम ने मेरी भेड़-बकरियों की सुधि नहीं ली, वरन् उनको तितर-बितर किया और जबरन निकाल दिया है, इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि मैं तुम्हारे बुरे कामों का दण्ड दूँगा।
ואני אקבץ את שארית צאני מכל הארצות אשר הדחתי אתם שם והשבתי אתהן על נוהן ופרו ורבו׃ 3
तब मेरी भेड़-बकरियाँ जो बची हैं, उनको मैं उन सब देशों में से जिनमें मैंने उन्हें जबरन भेज दिया है, स्वयं ही उन्हें लौटा लाकर उन्हीं की भेड़शाला में इकट्ठा करूँगा, और वे फिर फूलें-फलेंगी।
והקמתי עליהם רעים ורעום ולא ייראו עוד ולא יחתו ולא יפקדו נאם יהוה׃ 4
मैं उनके लिये ऐसे चरवाहे नियुक्त करूँगा जो उन्हें चराएँगे; और तब वे न तो फिर डरेंगी, न विस्मित होंगी और न उनमें से कोई खो जाएगी, यहोवा की यह वाणी है।
הנה ימים באים נאם יהוה והקמתי לדוד צמח צדיק ומלך מלך והשכיל ועשה משפט וצדקה בארץ׃ 5
“यहोवा की यह भी वाणी है, देख ऐसे दिन आते हैं जब मैं दाऊद के कुल में एक धर्मी अंकुर उगाऊँगा, और वह राजा बनकर बुद्धि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धार्मिकता से प्रभुता करेगा।
בימיו תושע יהודה וישראל ישכן לבטח וזה שמו אשר יקראו יהוה צדקנו׃ 6
उसके दिनों में यहूदी लोग बचे रहेंगे, और इस्राएली लोग निडर बसे रहेंगे और यहोवा उसका नाम ‘यहोवा हमारी धार्मिकता’ रखेगा।
לכן הנה ימים באים נאם יהוה ולא יאמרו עוד חי יהוה אשר העלה את בני ישראל מארץ מצרים׃ 7
“इसलिए देख, यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आएँगे जिनमें लोग फिर न कहेंगे, ‘यहोवा जो हम इस्राएलियों को मिस्र देश से छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध,’
כי אם חי יהוה אשר העלה ואשר הביא את זרע בית ישראל מארץ צפונה ומכל הארצות אשר הדחתים שם וישבו על אדמתם׃ 8
परन्तु वे यह कहेंगे, ‘यहोवा जो इस्राएल के घराने को उत्तर देश से और उन सब देशों से भी जहाँ उसने हमें जबरन निकाल दिया, छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध।’ तब वे अपने ही देश में बसे रहेंगे।”
לנבאים נשבר לבי בקרבי רחפו כל עצמותי הייתי כאיש שכור וכגבר עברו יין מפני יהוה ומפני דברי קדשו׃ 9
भविष्यद्वक्ताओं के विषय मेरा हृदय भीतर ही भीतर फटा जाता है, मेरी सब हड्डियाँ थरथराती है; यहोवा ने जो पवित्र वचन कहे हैं, उन्हें सुनकर, मैं ऐसे मनुष्य के समान हो गया हूँ जो दाखमधु के नशे में चूर हो गया हो,
כי מנאפים מלאה הארץ כי מפני אלה אבלה הארץ יבשו נאות מדבר ותהי מרוצתם רעה וגבורתם לא כן׃ 10
१०क्योंकि यह देश व्यभिचारियों से भरा है; इस पर ऐसा श्राप पड़ा है कि यह विलाप कर रहा है; वन की चराइयाँ भी सूख गई। लोग बड़ी दौड़ तो दौड़ते हैं, परन्तु बुराई ही की ओर; और वीरता तो करते हैं, परन्तु अन्याय ही के साथ।
כי גם נביא גם כהן חנפו גם בביתי מצאתי רעתם נאם יהוה׃ 11
११“क्योंकि भविष्यद्वक्ता और याजक दोनों भक्तिहीन हो गए हैं; अपने भवन में भी मैंने उनकी बुराई पाई है, यहोवा की यही वाणी है।
לכן יהיה דרכם להם כחלקלקות באפלה ידחו ונפלו בה כי אביא עליהם רעה שנת פקדתם נאם יהוה׃ 12
१२इस कारण उनका मार्ग अंधेरा और फिसलन वाला होगा जिसमें वे ढकेलकर गिरा दिए जाएँगे; क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि मैं उनके दण्ड के वर्ष में उन पर विपत्ति डालूँगा!
ובנביאי שמרון ראיתי תפלה הנבאו בבעל ויתעו את עמי את ישראל׃ 13
१३सामरिया के भविष्यद्वक्ताओं में मैंने यह मूर्खता देखी थी कि वे बाल के नाम से भविष्यद्वाणी करते और मेरी प्रजा इस्राएल को भटका देते थे।
ובנבאי ירושלם ראיתי שערורה נאוף והלך בשקר וחזקו ידי מרעים לבלתי שבו איש מרעתו היו לי כלם כסדם וישביה כעמרה׃ 14
१४परन्तु यरूशलेम के नबियों में मैंने ऐसे काम देखे हैं, जिनसे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अर्थात् व्यभिचार और पाखण्ड; वे कुकर्मियों को ऐसा हियाव बँधाते हैं कि वे अपनी-अपनी बुराई से पश्चाताप भी नहीं करते; सब निवासी मेरी दृष्टि में सदोमियों और गमोरियों के समान हो गए हैं।”
לכן כה אמר יהוה צבאות על הנבאים הנני מאכיל אותם לענה והשקתים מי ראש כי מאת נביאי ירושלם יצאה חנפה לכל הארץ׃ 15
१५इस कारण सेनाओं का यहोवा यरूशलेम के भविष्यद्वक्ताओं के विषय में यह कहता है: “देख, मैं उनको कड़वी वस्तुएँ खिलाऊँगा और विष पिलाऊँगा; क्योंकि उनके कारण सारे देश में भक्तिहीनता फैल गई है।”
כה אמר יהוה צבאות אל תשמעו על דברי הנבאים הנבאים לכם מהבלים המה אתכם חזון לבם ידברו לא מפי יהוה׃ 16
१६सेनाओं के यहोवा ने तुम से यह कहा है: “इन भविष्यद्वक्ताओं की बातों की ओर जो तुम से भविष्यद्वाणी करते हैं कान मत लगाओ, क्योंकि ये तुम को व्यर्थ बातें सिखाते हैं; ये दर्शन का दावा करके यहोवा के मुख की नहीं, अपने ही मन की बातें कहते हैं।
אמרים אמור למנאצי דבר יהוה שלום יהיה לכם וכל הלך בשררות לבו אמרו לא תבוא עליכם רעה׃ 17
१७जो लोग मेरा तिरस्कार करते हैं उनसे ये भविष्यद्वक्ता सदा कहते रहते हैं कि यहोवा कहता है, ‘तुम्हारा कल्याण होगा;’ और जितने लोग अपने हठ ही पर चलते हैं, उनसे ये कहते हैं, ‘तुम पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।’”
כי מי עמד בסוד יהוה וירא וישמע את דברו מי הקשיב דברי וישמע׃ 18
१८भला कौन यहोवा की गुप्त सभा में खड़ा होकर उसका वचन सुनने और समझने पाया है? या किसने ध्यान देकर मेरा वचन सुना है?
הנה סערת יהוה חמה יצאה וסער מתחולל על ראש רשעים יחול׃ 19
१९देखो, यहोवा की जलजलाहट का प्रचण्ड बवण्डर और आँधी चलने लगी है; और उसका झोंका दुष्टों के सिर पर जोर से लगेगा।
לא ישוב אף יהוה עד עשתו ועד הקימו מזמות לבו באחרית הימים תתבוננו בה בינה׃ 20
२०जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भाँति समझ सकोगे।
לא שלחתי את הנבאים והם רצו לא דברתי אליהם והם נבאו׃ 21
२१“ये भविष्यद्वक्ता बिना मेरे भेजे दौड़ जाते और बिना मेरे कुछ कहे भविष्यद्वाणी करने लगते हैं।
ואם עמדו בסודי וישמעו דברי את עמי וישבום מדרכם הרע ומרע מעלליהם׃ 22
२२यदि ये मेरी शिक्षा में स्थिर रहते, तो मेरी प्रजा के लोगों को मेरे वचन सुनाते; और वे अपनी बुरी चाल और कामों से फिर जाते।
האלהי מקרב אני נאם יהוה ולא אלהי מרחק׃ 23
२३“यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं ऐसा परमेश्वर हूँ, जो दूर नहीं, निकट ही रहता हूँ?
אם יסתר איש במסתרים ואני לא אראנו נאם יהוה הלוא את השמים ואת הארץ אני מלא נאם יהוה׃ 24
२४फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझसे परिपूर्ण नहीं हैं?
שמעתי את אשר אמרו הנבאים הנבאים בשמי שקר לאמר חלמתי חלמתי׃ 25
२५मैंने इन भविष्यद्वक्ताओं की बातें भी सुनीं हैं जो मेरे नाम से यह कहकर झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं, ‘मैंने स्वप्न देखा है, स्वप्न!’
עד מתי היש בלב הנבאים נבאי השקר ונביאי תרמת לבם׃ 26
२६जो भविष्यद्वक्ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते और अपने मन ही के छल के भविष्यद्वक्ता हैं, यह बात कब तक उनके मन में समाई रहेगी?
החשבים להשכיח את עמי שמי בחלומתם אשר יספרו איש לרעהו כאשר שכחו אבותם את שמי בבעל׃ 27
२७जैसे मेरी प्रजा के लोगों के पुरखा मेरा नाम भूलकर बाल का नाम लेने लगे थे, वैसे ही अब ये भविष्यद्वक्ता उन्हें अपने-अपने स्वप्न बता-बताकर मेरा नाम भुलाना चाहते हैं।
הנביא אשר אתו חלום יספר חלום ואשר דברי אתו ידבר דברי אמת מה לתבן את הבר נאם יהוה׃ 28
२८यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए। यहोवा की यह वाणी है, कहाँ भूसा और कहाँ गेहूँ?
הלוא כה דברי כאש נאם יהוה וכפטיש יפצץ סלע׃ 29
२९यहोवा की यह भी वाणी है कि क्या मेरा वचन आग सा नहीं है? फिर क्या वह ऐसा हथौड़ा नहीं जो पत्थर को फोड़ डाले?
לכן הנני על הנבאים נאם יהוה מגנבי דברי איש מאת רעהו׃ 30
३०यहोवा की यह वाणी है, देखो, जो भविष्यद्वक्ता मेरे वचन दूसरों से चुरा-चुराकर बोलते हैं, मैं उनके विरुद्ध हूँ।
הנני על הנביאם נאם יהוה הלקחים לשונם וינאמו נאם׃ 31
३१फिर यहोवा की यह भी वाणी है कि जो भविष्यद्वक्ता ‘उसकी यह वाणी है’, ऐसी झूठी वाणी कहकर अपनी-अपनी जीभ हिलाते हैं, मैं उनके भी विरुद्ध हूँ।
הנני על נבאי חלמות שקר נאם יהוה ויספרום ויתעו את עמי בשקריהם ובפחזותם ואנכי לא שלחתים ולא צויתים והועיל לא יועילו לעם הזה נאם יהוה׃ 32
३२यहोवा की यह भी वाणी है कि जो बिना मेरे भेजे या बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा करके भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन करके मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते हैं, उनके भी मैं विरुद्ध हूँ; और उनसे मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न होगा।
וכי ישאלך העם הזה או הנביא או כהן לאמר מה משא יהוה ואמרת אליהם את מה משא ונטשתי אתכם נאם יהוה׃ 33
३३“यदि साधारण लोगों में से कोई जन या कोई भविष्यद्वक्ता या याजक तुम से पूछे, ‘यहोवा ने क्या प्रभावशाली वचन कहा है?’ तो उससे कहना, ‘क्या प्रभावशाली वचन? यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम को त्याग दूँगा।’
והנביא והכהן והעם אשר יאמר משא יהוה ופקדתי על האיש ההוא ועל ביתו׃ 34
३४और जो भविष्यद्वक्ता या याजक या साधारण मनुष्य ‘यहोवा का कहा हुआ भारी वचन’ ऐसा कहता रहे, उसको घराने समेत मैं दण्ड दूँगा।
כה תאמרו איש על רעהו ואיש אל אחיו מה ענה יהוה ומה דבר יהוה׃ 35
३५तुम लोग एक दूसरे से और अपने-अपने भाई से यह पूछना, ‘यहोवा ने क्या उत्तर दिया?’ या ‘यहोवा ने क्या कहा है?’
ומשא יהוה לא תזכרו עוד כי המשא יהיה לאיש דברו והפכתם את דברי אלהים חיים יהוה צבאות אלהינו׃ 36
३६‘यहोवा का कहा हुआ भारी वचन’, इस प्रकार तुम भविष्य में न कहना नहीं तो तुम्हारा ऐसा कहना ही दण्ड का कारण हो जाएगा; क्योंकि हमारा परमेश्वर सेनाओं का यहोवा जो जीवित परमेश्वर है, तुम लोगों ने उसके वचन बिगाड़ दिए हैं।
כה תאמר אל הנביא מה ענך יהוה ומה דבר יהוה׃ 37
३७तू भविष्यद्वक्ता से यह पूछ, ‘यहोवा ने तुझे क्या उत्तर दिया?’
ואם משא יהוה תאמרו לכן כה אמר יהוה יען אמרכם את הדבר הזה משא יהוה ואשלח אליכם לאמר לא תאמרו משא יהוה׃ 38
३८या ‘यहोवा ने क्या कहा है?’ यदि तुम ‘यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन’ इसी प्रकार कहोगे, तो यहोवा का यह वचन सुनो, ‘मैंने तो तुम्हारे पास सन्देश भेजा है, भविष्य में ऐसा न कहना कि “यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।” परन्तु तुम यह कहते ही रहते हो, “यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।”’
לכן הנני ונשיתי אתכם נשא ונטשתי אתכם ואת העיר אשר נתתי לכם ולאבותיכם מעל פני׃ 39
३९इस कारण देखो, मैं तुम को बिलकुल भूल जाऊँगा और तुम को और इस नगर को जिसे मैंने तुम्हारे पुरखाओं को, और तुम को भी दिया है, त्याग कर अपने सामने से दूर कर दूँगा।
ונתתי עליכם חרפת עולם וכלמות עולם אשר לא תשכח׃ 40
४०और मैं ऐसा करूँगा कि तुम्हारी नामधराई और अनादर सदा बना रहेगा; और कभी भूला न जाएगा।”

< ירמיה 23 >