< ירמיה 18 >
הדבר אשר היה אל ירמיהו מאת יהוה לאמר׃ | 1 |
ख़ुदावन्द का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
קום וירדת בית היוצר ושמה אשמיעך את דברי׃ | 2 |
कि “उठ और कुम्हार के घर जा, और मैं वहाँ अपनी बातें तुझे सुनाऊँगा।”
וארד בית היוצר והנהו עשה מלאכה על האבנים׃ | 3 |
तब मैं कुम्हार के घर गया और क्या देखता हूँ कि वह चाक पर कुछ बना रहा है।
ונשחת הכלי אשר הוא עשה בחמר ביד היוצר ושב ויעשהו כלי אחר כאשר ישר בעיני היוצר לעשות׃ | 4 |
उस वक़्त वह मिट्टी का बर्तन जो वह बना रहा था, उसके हाथ में बिगड़ गया; तब उसने उससे जैसा मुनासिब समझा एक दूसरा बर्तन बना लिया।
ויהי דבר יהוה אלי לאמור׃ | 5 |
तब ख़ुदावन्द का यह कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
הכיוצר הזה לא אוכל לעשות לכם בית ישראל נאם יהוה הנה כחמר ביד היוצר כן אתם בידי בית ישראל׃ | 6 |
ऐ इस्राईल के घराने, क्या मैं इस कुम्हार की तरह तुम से सुलूक नहीं कर सकता हूँ? ख़ुदावन्द फ़रमाता है। देखो, जिस तरह मिट्टी कुम्हार के हाथ में है उसी तरह, ऐ इस्राईल के घराने, तुम मेरे हाथ में हो।
רגע אדבר על גוי ועל ממלכה לנתוש ולנתוץ ולהאביד׃ | 7 |
अगर किसी वक़्त मैं किसी क़ौम और किसी सल्तनत के हक़ में कहूँ कि उसे उखाड़ूँ और तोड़ डालूँ और वीरान करूँ,
ושב הגוי ההוא מרעתו אשר דברתי עליו ונחמתי על הרעה אשר חשבתי לעשות לו׃ | 8 |
और अगर वह क़ौम, जिसके हक़ में मैंने ये कहा, अपनी बुराई से बाज़ आए, तो मैं भी उस बुराई से जो मैंने उस पर लाने का इरादा किया था बाज़ आऊँगा।
ורגע אדבר על גוי ועל ממלכה לבנת ולנטע׃ | 9 |
और फिर, अगर मैं किसी क़ौम और किसी सल्तनत के बारे में कहूँ कि उसे बनाऊँ और लगाऊँ;
ועשה הרעה בעיני לבלתי שמע בקולי ונחמתי על הטובה אשר אמרתי להיטיב אותו׃ | 10 |
और वह मेरी नज़र में बुराई करे और मेरी आवाज़ को न सुने, तो मैं भी उस नेकी से बाज़ रहूँगा जो उसके साथ करने को कहा था।
ועתה אמר נא אל איש יהודה ועל יושבי ירושלם לאמר כה אמר יהוה הנה אנכי יוצר עליכם רעה וחשב עליכם מחשבה שובו נא איש מדרכו הרעה והיטיבו דרכיכם ומעלליכם׃ | 11 |
और अब तू जाकर यहूदाह के लोगों और येरूशलेम के बाशिन्दों से कह दे, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देखो, मैं तुम्हारे लिए मुसीबत तजवीज़ करता हूँ और तुम्हारी मुख़ालिफ़त में मनसूबा बाँधता हूँ। इसलिए अब तुम में से हर एक अपने बुरे चाल चलन से बाज़ आए, और अपनी राह और अपने 'आमाल को दुरुस्त करे।
ואמרו נואש כי אחרי מחשבותינו נלך ואיש שררות לבו הרע נעשה׃ | 12 |
लेकिन वह कहेंगे, 'यह तो फ़ुज़ूल है, क्यूँकि हम अपने मन्सूबों पर चलेंगे, और हर एक अपने बुरे दिल की सख़्ती के मुताबिक़ 'अमल करेगा।
לכן כה אמר יהוה שאלו נא בגוים מי שמע כאלה שעררת עשתה מאד בתולת ישראל׃ | 13 |
“इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: दरियाफ़्त करो कि क़ौमों में से किसी ने कभी ऐसी बातें सुनी हैं? इस्राईल की कुँवारी ने बहुत हौलनाक काम किया।
היעזב מצור שדי שלג לבנון אם ינתשו מים זרים קרים נוזלים׃ | 14 |
क्या लुबनान की बर्फ़ जो चट्टान से मैदान में बहती है, कभी बन्द होगी? क्या वह ठंडा बहता पानी जो दूर से आता है, सूख जाएगा?
כי שכחני עמי לשוא יקטרו ויכשלום בדרכיהם שבילי עולם ללכת נתיבות דרך לא סלולה׃ | 15 |
लेकिन मेरे लोग मुझ को भूल गए, और उन्होंने बेकार के लिए ख़ुशबू जलाया; और उसने उनकी राहों में या'नी क़दीम राहों में उनको गुमराह किया, ताकि वह पगडंडियों में जाएँ और ऐसी राह में जो बनाई न गई।
לשום ארצם לשמה שרוקת עולם כל עובר עליה ישם ויניד בראשו׃ | 16 |
कि वह अपनी सरज़मीन की वीरानी और हमेशा की हैरानी और सुस्कार का ज़रिया' बनाएँ; हर एक जो उधर से गुज़रे दंग होगा और सिर हिलाएगा।
כרוח קדים אפיצם לפני אויב ערף ולא פנים אראם ביום אידם׃ | 17 |
मैं उनको दुश्मन के सामने जैसे पूरबी हवा से तितर — बितर कर दूँगा; उनकी मुसीबत के वक़्त उनको मुँह नहीं, बल्कि पीठ दिखाऊँगा।”
ויאמרו לכו ונחשבה על ירמיהו מחשבות כי לא תאבד תורה מכהן ועצה מחכם ודבר מנביא לכו ונכהו בלשון ואל נקשיבה אל כל דבריו׃ | 18 |
तब उन्होंने कहा, आओ, हम यरमियाह की मुख़ालिफ़त में मंसूबे बाँधे, क्यूँकि शरी'अत काहिन से जाती न रहेगी, और न मश्वरत मुशीर से और न कलाम नबी से। आओ, हम उसे ज़बान से मारें, और उसकी किसी बात पर तव्ज्जुह न करें।
הקשיבה יהוה אלי ושמע לקול יריבי׃ | 19 |
ऐ ख़ुदावन्द, तू मुझ पर तवज्जुह कर और मुझसे झगड़ने वालों की आवाज़ सुन।
הישלם תחת טובה רעה כי כרו שוחה לנפשי זכר עמדי לפניך לדבר עליהם טובה להשיב את חמתך מהם׃ | 20 |
क्या नेकी के बदले बदी की जाएगी? क्यूँकि उन्होंने मेरी जान के लिए गढ़ा खोदा। याद कर कि मैं तेरे सामने खड़ा हुआ कि उनकी शफ़ा'अत करूँ और तेरा क़हर उन पर से टला दूँ।
לכן תן את בניהם לרעב והגרם על ידי חרב ותהינה נשיהם שכלות ואלמנות ואנשיהם יהיו הרגי מות בחוריהם מכי חרב במלחמה׃ | 21 |
इसलिए उनके बच्चों को काल के हवाले कर, और उनको तलवार की धार के सुपुर्द कर, उनकी बीवियाँ बेऔलाद और बेवा हों, और उनके मर्द मारे जाएँ, उनके जवान मैदान — ए — जंग में तलवार से क़त्ल हों।
תשמע זעקה מבתיהם כי תביא עליהם גדוד פתאם כי כרו שיחה ללכדני ופחים טמנו לרגלי׃ | 22 |
जब तू अचानक उन पर फ़ौज चढ़ा लाएगा, उनके घरों से मातम की सदा निकले! क्यूँकि उन्होंने मुझे फँसाने को गढ़ा खोदा और मेरे पाँव के लिए फन्दे लगाए।
ואתה יהוה ידעת את כל עצתם עלי למות אל תכפר על עונם וחטאתם מלפניך אל תמחי והיו מכשלים לפניך בעת אפך עשה בהם׃ | 23 |
लेकिन ऐ ख़ुदावन्द, तू उनकी सब साज़िशों को जो उन्होंने मेरे क़त्ल पर कीं जानता है। उनकी बदकिरदारी को मु'आफ़ न कर, और उनके गुनाह को अपनी नज़र से दूर न कर; बल्कि वह तेरे सामने पस्त हों, अपने क़हर के वक़्त तू उनसे यूँ ही कर।