< חבקוק 2 >
על משמרתי אעמדה ואתיצבה על מצור ואצפה לראות מה ידבר בי ומה אשיב על תוכחתי׃ | 1 |
मैं पहरे के लिये खड़ा रहूंगा और मैं गढ़ की ऊंची दीवार पर खड़ा रहूंगा; मैं देखता रहूंगा कि वे मुझसे क्या कहेंगे, और मैं अपने विरुद्ध शिकायत का क्या उत्तर दूं.
ויענני יהוה ויאמר כתוב חזון ובאר על הלחות למען ירוץ קורא בו׃ | 2 |
तब याहवेह ने उत्तर दिया: “इस दिव्य-प्रकाशन को सरल रूप में पटिया पर लिख दो ताकि घोषणा करनेवाला दौड़ते हुए भी इसे पढ़कर घोषणा कर सके.
כי עוד חזון למועד ויפח לקץ ולא יכזב אם יתמהמה חכה לו כי בא יבא לא יאחר׃ | 3 |
क्योंकि यह दिव्य-प्रकाशन एक नियत समय में पूरा होगा; यह अंत के समय के बारे में बताता है और यह गलत साबित नहीं होगा. चाहे इसमें देरी हो, पर तुम इसका इंतजार करना; यह निश्चित रूप से पूरा होगा और इसमें देरी न होगी.
הנה עפלה לא ישרה נפשו בו וצדיק באמונתו יחיה׃ | 4 |
“देखो, शत्रु का मन फूला हुआ है; उसकी इच्छाएं बुरी हैं; पर धर्मी जन अपनी विश्वासयोग्यता के कारण जीवित रहेगा,
ואף כי היין בוגד גבר יהיר ולא ינוה אשר הרחיב כשאול נפשו והוא כמות ולא ישבע ויאסף אליו כל הגוים ויקבץ אליו כל העמים׃ (Sheol ) | 5 |
वास्तव में, दाखमधु उसे धोखा देता है; वह अहंकारी होता है और उतावला रहता है. वह कब्र की तरह लालची और मृत्यु की तरह कभी संतुष्ट नहीं होता, वह सब जाति के लोगों को अपने पास इकट्ठा करता है और सब लोगों को बंधुआ करके ले जाता है. (Sheol )
הלוא אלה כלם עליו משל ישאו ומליצה חידות לו ויאמר הוי המרבה לא לו עד מתי ומכביד עליו עבטיט׃ | 6 |
“क्या वे सब यह कहकर उसका उपहास और बेइज्जती करके ताना नहीं मारेंगे, “‘उस पर हाय, जो चोरी किए गये सामानों का ढेर लगाता है और अवैध काम करके अपने आपको धनी बनाता है! यह कब तक चलता रहेगा?’
הלוא פתע יקומו נשכיך ויקצו מזעזעיך והיית למשסות למו׃ | 7 |
क्या तुम्हें कर्ज़ देनेवाले अचानक तुम्हारे सामने आ खड़े न होंगे? क्या वे तुम्हें उठाकर आतंकित नहीं करेंगे? तब तुम लूट लिये जाओगे.
כי אתה שלות גוים רבים ישלוך כל יתר עמים מדמי אדם וחמס ארץ קריה וכל ישבי בה׃ | 8 |
क्योंकि तुमने बहुत सी जाति के लोगों को लूटा है, सब बचे हुए लोग अब तुम्हें लूटेंगे. क्योंकि तुमने मनुष्यों का खून बहाया है; तुमने देशों, शहरों और उनके निवासियों को नाश किया है.
הוי בצע בצע רע לביתו לשום במרום קנו להנצל מכף רע׃ | 9 |
“उस पर हाय, जो अन्याय की कमाई से अपना घर बनाता है, और विनाश से बचने के लिये अपने घोंसले को ऊंचे पर रखता है!
יעצת בשת לביתך קצות עמים רבים וחוטא נפשך׃ | 10 |
अपने ही घर के लोगों को लज्जित करके और अपने प्राण को जोखिम में डालकर तुमने बहुत से लोगों के विनाश का उपाय किया है.
כי אבן מקיר תזעק וכפיס מעץ יעננה׃ | 11 |
दीवार के पत्थर चिल्ला उठेंगे, और लकड़ी की बल्लियां इसका उत्तर देंगी.
הוי בנה עיר בדמים וכונן קריה בעולה׃ | 12 |
“उस पर हाय, जो रक्तपात के द्वारा शहर का निर्माण करता है और अन्याय से नगर बसाता है!
הלוא הנה מאת יהוה צבאות וייגעו עמים בדי אש ולאמים בדי ריק יעפו׃ | 13 |
क्या सर्वशक्तिमान याहवेह ने यह निश्चय नहीं किया है कि लोगों की मेहनत सिर्फ उस लकड़ी जैसी है, जो आग जलाने के काम आती है, और जाति-जाति के लोग अपने लिये बेकार का परिश्रम करते हैं?
כי תמלא הארץ לדעת את כבוד יהוה כמים יכסו על ים׃ | 14 |
क्योंकि पृथ्वी याहवेह की महिमा के ज्ञान से भर जाएगी, जैसे समुद्र जल से भर जाता है.
הוי משקה רעהו מספח חמתך ואף שכר למען הביט על מעוריהם׃ | 15 |
“उस पर हाय, जो अपने पड़ोसियों को पीने के लिए दाखमधु देता है, और उन्हें तब तक पिलाता है, जब तक कि वे मतवाले नहीं हो जाते, ताकि वह उनके नंगे शरीर को देख सके!
שבעת קלון מכבוד שתה גם אתה והערל תסוב עליך כוס ימין יהוה וקיקלון על כבודך׃ | 16 |
तुम महिमा के बदले लज्जा से भर जाओगे. अब तुम्हारी पारी है! पियो और अपने नंगेपन को दिखाओ! याहवेह के दाएं हाथ का दाखमधु का कटोरा तुम्हारे पास आ रहा है, और कलंक तुम्हारे महिमा को ढंक देगा.
כי חמס לבנון יכסך ושד בהמות יחיתן מדמי אדם וחמס ארץ קריה וכל ישבי בה׃ | 17 |
तुमने लबानोन के प्रति जो हिंसा के काम किए हैं, वे तुम्हें व्याकुल करेंगे, और तुमने पशुओं को जो नाश किया है, वह तुम्हें भयभीत करेगा. क्योंकि तुमने मनुष्यों का खून बहाया है; तुमने देश, शहर और वहां के निवासियों को नाश किया है.
מה הועיל פסל כי פסלו יצרו מסכה ומורה שקר כי בטח יצר יצרו עליו לעשות אלילים אלמים׃ | 18 |
“एक मूर्तिकार के द्वारा बनाई गई मूर्ति का क्या मूल्य? या उस मूर्ति से क्या लाभ जो झूठ बोलना सिखाती है? क्योंकि जो इसे बनाता है वह अपनी ही रचना पर भरोसा करता है; वह मूर्तियों को बनाता है जो बोल नहीं सकती.
הוי אמר לעץ הקיצה עורי לאבן דומם הוא יורה הנה הוא תפוש זהב וכסף וכל רוח אין בקרבו׃ | 19 |
उस पर हाय, जो लकड़ी से कहता है, ‘ज़िंदा हो जा!’ या निर्जीव पत्थर से कहता है, ‘उठ!’ क्या यह सिखा सकता है? यह सोना-चांदी से मढ़ा होता है; किंतु उनमें तो श्वास नहीं होता.”
ויהוה בהיכל קדשו הס מפניו כל הארץ׃ | 20 |
परंतु याहवेह अपने पवित्र मंदिर में हैं; सारी पृथ्वी उनके सामने शांत रहे.