< בראשית 32 >
ויעקב הלך לדרכו ויפגעו בו מלאכי אלהים׃ | 1 |
और या'क़ूब ने भी अपनी राह ली और ख़ुदा के फ़रिश्ता उसे मिले।
ויאמר יעקב כאשר ראם מחנה אלהים זה ויקרא שם המקום ההוא מחנים׃ | 2 |
और या'क़ूब ने उनको देख कर कहा, कि यह ख़ुदा का लश्कर है और उस जगह का नाम महनाइम रख्खा।
וישלח יעקב מלאכים לפניו אל עשו אחיו ארצה שעיר שדה אדום׃ | 3 |
और या'क़ूब ने अपने आगे — आगे क़ासिदों को अदोम के मुल्क को, जो श'ईर की सर — ज़मीन में है, अपने भाई 'ऐसौ के पास भेजा,
ויצו אתם לאמר כה תאמרון לאדני לעשו כה אמר עבדך יעקב עם לבן גרתי ואחר עד עתה׃ | 4 |
और उनको हुक्म दिया, कि तुम मेरे ख़ुदावन्द 'ऐसौ से यह कहना कि आपका बन्दा या'क़ूब कहता है, कि मै लाबन के यहाँ मुक़ीम था और अब तक वहीं रहा।
ויהי לי שור וחמור צאן ועבד ושפחה ואשלחה להגיד לאדני למצא חן בעיניך׃ | 5 |
और मेरे पास गाय बैल गधे और भेड़ बकरियाँ और नौकर चाकर और लौंडियाँ है और मै अपने ख़ुदावन्द के पास इसलिए ख़बर भेजता हूँ कि मुझ पर आप के करम की नज़र हो
וישבו המלאכים אל יעקב לאמר באנו אל אחיך אל עשו וגם הלך לקראתך וארבע מאות איש עמו׃ | 6 |
फिर क़ासिद या'क़ूब के पास लौट कर आए और कहने लगे कि हम भाई 'ऐसौ के पास गए थे; वह चार सौ आदमियों को साथ लेकर तेरी मुलाक़ात को आ रहा है
ויירא יעקב מאד ויצר לו ויחץ את העם אשר אתו ואת הצאן ואת הבקר והגמלים לשני מחנות׃ | 7 |
तब या'क़ूब निहायत डर गया और परेशान हो और उस ने अपने साथ के लोगों और भेड़ बकरियों और गाये बैलों और ऊँटों के दो ग़ोल किए
ויאמר אם יבוא עשו אל המחנה האחת והכהו והיה המחנה הנשאר לפליטה׃ | 8 |
और सोचा कि 'ऐसौ एक ग़ोल पर आ पड़े और उसे मारे तो दुसरा ग़ोल बच कर भाग जाएगा
ויאמר יעקב אלהי אבי אברהם ואלהי אבי יצחק יהוה האמר אלי שוב לארצך ולמולדתך ואיטיבה עמך׃ | 9 |
और या'क़ूब ने कहा ऐ मेरे बाप अब्रहाम के ख़ुदा और मेरे बाप इस्हाक़ के ख़ुदा! ऐ ख़ुदावन्द जिस ने मुझे यह फ़रमाया कि तू अपने मुल्क को अपने रिश्तेदारों के पास लौट जा और मैं तेरे साथ भलाई करूँगा
קטנתי מכל החסדים ומכל האמת אשר עשית את עבדך כי במקלי עברתי את הירדן הזה ועתה הייתי לשני מחנות׃ | 10 |
मै तेरी सब रहमतों और वफ़ादारी के मुक़ाबला में जो तूने अपने बन्दा के साथ बरती है बिल्कुल हेच हूँ क्यूँकि मै सिर्फ़ अपनी लाठी लेकर इस यरदन के पार गया था और अब ऐसा हूँ कि मेरे दो ग़ोल हैं
הצילני נא מיד אחי מיד עשו כי ירא אנכי אתו פן יבוא והכני אם על בנים׃ | 11 |
मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि मुझे मेरे भाई 'ऐसौ के हाथ से बचा ले क्यूँकि मै उस से डरता हूँ कि कहीं वह आकर मुझे और बच्चों को माँ समेत मार न डाले
ואתה אמרת היטב איטיב עמך ושמתי את זרעך כחול הים אשר לא יספר מרב׃ | 12 |
यह तेरा ही फ़रमान है कि मैं तेरे साथ ज़रूर भलाई करूँगा और तेरी नसल को दरिया की रेत की तरह बनाऊंगा जो कसरत की वजह से गिनी नहीं जा सकती।
וילן שם בלילה ההוא ויקח מן הבא בידו מנחה לעשו אחיו׃ | 13 |
और वह उस रात वही रहा और जो उसके पास था उस में से अपने भाई 'ऐसौ के लिए यह नज़राना लिया।
עזים מאתים ותישים עשרים רחלים מאתים ואילים עשרים׃ | 14 |
दो सौ बकरियां और बीस बकरे; दो सौ भेड़ें और बीस मेंढे।
גמלים מיניקות ובניהם שלשים פרות ארבעים ופרים עשרה אתנת עשרים ועירם עשרה׃ | 15 |
और तीस दूध देने वाली ऊँटनीयां बच्चों समेत और चालीस गाय और दस बैल बीस गधियाँ और दस गधे
ויתן ביד עבדיו עדר עדר לבדו ויאמר אל עבדיו עברו לפני ורוח תשימו בין עדר ובין עדר׃ | 16 |
और उनको जुदा — जुदा ग़ोल कर के नौकरों को सौंपना और उन से कहा कि तुम मेरे आगे आगे पार जाओ और ग़ोलों को ज़रा दूर दूर रखना।
ויצו את הראשון לאמר כי יפגשך עשו אחי ושאלך לאמר למי אתה ואנה תלך ולמי אלה לפניך׃ | 17 |
और उसने सब से अगले ग़ोल के रखवाले को हुक्म दिया कि जब मेरा भाई 'ऐसौ तुझे मिले और तुझ से पूछे कि तू किस का नौकर है और कहाँ जाता है और यह जानवर जो तेरे आगे आगे हैं किस के हैं?
ואמרת לעבדך ליעקב מנחה הוא שלוחה לאדני לעשו והנה גם הוא אחרינו׃ | 18 |
तू कहना कि यह तेरे ख़ादिम या'क़ूब के हैं, यह नज़राना है जो मेरे ख़ुदावन्द 'ऐसौ के लिए भेजा गया है और वह ख़ुद भी हमारे पीछे पीछे आ रहा है।
ויצו גם את השני גם את השלישי גם את כל ההלכים אחרי העדרים לאמר כדבר הזה תדברון אל עשו במצאכם אתו׃ | 19 |
और उस ने दूसरे और तीसरे को ग़ोलों के सब रखवालों को हुक्म दिया कि जब 'एसौ तुमको मिले तो तुम यही बात कहना।
ואמרתם גם הנה עבדך יעקב אחרינו כי אמר אכפרה פניו במנחה ההלכת לפני ואחרי כן אראה פניו אולי ישא פני׃ | 20 |
और यह भी कहना कि तेरा ख़ादिम या'क़ूब ख़ुद भी हमारे पीछे पीछे आ रहा है, उस ने यह सोचा कि मैं इस नज़राना से जो मुझ से पहले वहाँ जायेगा उसे ख़ुश कर लूँ, तब उस का मुँह देखूँगा, शायद यूँ वह मुझको क़ुबूल कर ले।
ותעבר המנחה על פניו והוא לן בלילה ההוא במחנה׃ | 21 |
चुनाँचे वह नज़राना उसके आगे आगे पार गया लेकिन वह ख़ुद उस रात अपने डेरे में रहा।
ויקם בלילה הוא ויקח את שתי נשיו ואת שתי שפחתיו ואת אחד עשר ילדיו ויעבר את מעבר יבק׃ | 22 |
और वह उसी रात उठा और अपनी दोनों बीवियों दोनों लौंडियों और ग्यारह बेटों को लेकर उनको यबूक के घाट से पार उतारा।
ויקחם ויעברם את הנחל ויעבר את אשר לו׃ | 23 |
और उनको लेकर नदी पार कराया और अपना सब कुछ पार भेज दिया।
ויותר יעקב לבדו ויאבק איש עמו עד עלות השחר׃ | 24 |
और या'क़ूब अकेला रह गया और पौ फटने के वक़्त तक एक शख़्स वहाँ उस से कुश्ती लड़ता रहा।
וירא כי לא יכל לו ויגע בכף ירכו ותקע כף ירך יעקב בהאבקו עמו׃ | 25 |
जब उसने देखा कि वह उस पर ग़ालिब नहीं होता, तो उसकी रान को अन्दर की तरफ़ से छुआ और या'क़ूब की रान की नस उसके साथ कुश्ती करने में चढ़ गई।
ויאמר שלחני כי עלה השחר ויאמר לא אשלחך כי אם ברכתני׃ | 26 |
और उसने कहा, “मुझे जाने दे क्यूँकि पौ फट चली,” या'क़ूब ने कहा, “जब तक तू मुझे बरकत न दे, मैं तुझे जाने नहीं दूँगा।”
ויאמר אליו מה שמך ויאמר יעקב׃ | 27 |
तब उसने उससे पूछा, तेरा क्या नाम है? उसने जवाब दिया, “या'क़ूब।”
ויאמר לא יעקב יאמר עוד שמך כי אם ישראל כי שרית עם אלהים ועם אנשים ותוכל׃ | 28 |
उसने कहा, “तेरा नाम आगे को या'क़ूब नहीं बल्कि इस्राईल होगा, क्यूँकि तूने ख़ुदा और आदमियों के साथ ज़ोर आज़माई की और ग़ालिब हुआ।”
וישאל יעקב ויאמר הגידה נא שמך ויאמר למה זה תשאל לשמי ויברך אתו שם׃ | 29 |
तब या'क़ूब ने उससे कहा, “मैं तेरी मिन्नत करता हूँ, तू मुझे अपना नाम बता दे।” उसने कहा, “तू मेरा नाम क्यूँ पूछता है?” और उसने उसे वहाँ बरकत दी।
ויקרא יעקב שם המקום פניאל כי ראיתי אלהים פנים אל פנים ותנצל נפשי׃ | 30 |
और या'क़ूब ने उस जगह का नाम फ़नीएल रख्खा और कहा, “मैंने ख़ुदा को आमने सामने देखा, तो भी मेरी जान बची रही।”
ויזרח לו השמש כאשר עבר את פנואל והוא צלע על ירכו׃ | 31 |
और जब वह फ़नीएल से गुज़र रहा था तो आफ़ताब तुलू' हुआ और वह अपनी रान से लंगड़ाता था।
על כן לא יאכלו בני ישראל את גיד הנשה אשר על כף הירך עד היום הזה כי נגע בכף ירך יעקב בגיד הנשה׃ | 32 |
इसी वजह से बनी इस्राईल उस नस की जो रान में अन्दर की तरफ़ है आज तक नहीं खाते, क्यूँकि उस शख़्स ने या'क़ूब की रान की नस को जो अन्दर की तरफ़ से चढ़ गई थी छू दिया था।