< יחזקאל 24 >
ויהי דבר יהוה אלי בשנה התשיעית בחדש העשירי בעשור לחדש לאמר׃ | 1 |
फिर नवें बरस के दसवें महीने की दसवीं तारीख़ को ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
בן אדם כתוב לך את שם היום את עצם היום הזה סמך מלך בבל אל ירושלם בעצם היום הזה׃ | 2 |
कि 'ऐ आदमज़ाद, आज के दिन, हाँ, इसी दिन का नाम लिख रख; शाह — ए — बाबुल ने ऐन इसी दिन येरूशलेम पर ख़रूज किया।
ומשל אל בית המרי משל ואמרת אליהם כה אמר אדני יהוה שפת הסיר שפת וגם יצק בו מים׃ | 3 |
और इस बाग़ी ख़ान्दान के लिए एक मिसाल बयान कर और इनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि एक देग चढ़ा दे, हाँ, उसे चढ़ा और उसमें पानी भर दे।
אסף נתחיה אליה כל נתח טוב ירך וכתף מבחר עצמים מלא׃ | 4 |
टुकड़े उसमें इकट्ठे कर, हर एक अच्छा टुकड़ा या'नी रान और शाना और अच्छी अच्छी हड्डियाँ उसमें भर दे।
מבחר הצאן לקוח וגם דור העצמים תחתיה רתח רתחיה גם בשלו עצמיה בתוכה׃ | 5 |
और गल्ले में से चुन — चुन कर ले, और उसके नीचे लकड़ियों का ढेर लगा दे, और ख़ूब जोश दे ताकि उसकी हड्डियाँ उसमें ख़ूब उबल जाएँ।
לכן כה אמר אדני יהוה אוי עיר הדמים סיר אשר חלאתה בה וחלאתה לא יצאה ממנה לנתחיה לנתחיה הוציאה לא נפל עליה גורל׃ | 6 |
“इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि उस खू़नी शहर पर अफ़सोस और उस देग पर जिसमें ज़न्ग लगा है, और उसका ज़न्ग उस पर से उतारा नहीं गया! एक एक टुकड़ा करके उसमें से निकाल, और उस पर पर्ची पड़े।
כי דמה בתוכה היה על צחיח סלע שמתהו לא שפכתהו על הארץ לכסות עליו עפר׃ | 7 |
क्यूँकि उसका खू़न उसके बीच है, उसने उसे साफ़ चट्टान पर रख्खा, ज़मीन पर नहीं गिराया ताकि खाक में छिप जाए।
להעלות חמה לנקם נקם נתתי את דמה על צחיח סלע לבלתי הכסות׃ | 8 |
इसलिए कि ग़ज़ब नाज़िल हो और इन्तक़ाम लिया जाए, मैंने उसका खू़न साफ़ चट्टान पर रख्खा ताकि वह छिप न जाए।
לכן כה אמר אדני יהוה אוי עיר הדמים גם אני אגדיל המדורה׃ | 9 |
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि खू़नी शहर पर अफ़सोस! मैं भी बड़ा ढेर लगाऊँगा।
הרבה העצים הדלק האש התם הבשר והרקח המרקחה והעצמות יחרו׃ | 10 |
लकड़ियाँ ख़ूब झोंक, आग सुलगा, गोश्त को ख़ूब उबाल और शोरबा गाढ़ा कर और हड्डियाँ भी जला दे।
והעמידה על גחליה רקה למען תחם וחרה נחשתה ונתכה בתוכה טמאתה תתם חלאתה׃ | 11 |
तब उसे ख़ाली करके अँगारों पर रख, ताकि उसका पीतल गर्म हो और जल जाए और उसमें की नापाकी गल जाए और उसका ज़न्ग दूर हो।
תאנים הלאת ולא תצא ממנה רבת חלאתה באש חלאתה׃ | 12 |
वह सख़्त मेहनत से हार गई, लेकिन उसका बड़ा ज़न्ग उससे दूर नहीं हुआ; आग से भी उसका ज़न्ग दूर नहीं होता।
בטמאתך זמה יען טהרתיך ולא טהרת מטמאתך לא תטהרי עוד עד הניחי את חמתי בך׃ | 13 |
तेरी नापाकी में ख़बासत है, क्यूँकि मैं तुझे पाक करना चाहता हूँ लेकिन तू पाक होना नहीं चाहती, तू अपनी नापाकी से फिर पाक न होगी, जब तक मैं अपना क़हर तुझ पर पूरा न कर चुकूँ।
אני יהוה דברתי באה ועשיתי לא אפרע ולא אחוס ולא אנחם כדרכיך וכעלילותיך שפטוך נאם אדני יהוה׃ | 14 |
मैं ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है, यूँ ही होगा और मैं कर दिखाऊँगा, न दस्तबरदार हूँगा न रहम करूँगा न बाज़ आऊँगा; तेरे चाल चलन और तेरे कामों के मुताबिक़ वह तेरी 'अदालत करेंगे ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ | 15 |
फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
בן אדם הנני לקח ממך את מחמד עיניך במגפה ולא תספד ולא תבכה ולוא תבוא דמעתך׃ | 16 |
कि 'ऐ आदमज़ाद, देख, मैं तेरी मन्जूर — ए — नज़र को एक ही मार में तुझ से जुदा करूँगा, लेकिन तू न मातम करना, न रोना और न आँसू बहाना।
האנק דם מתים אבל לא תעשה פארך חבוש עליך ונעליך תשים ברגליך ולא תעטה על שפם ולחם אנשים לא תאכל׃ | 17 |
चुपके चुपके ऑहें भरना, मुर्दे पर नोहा न करना, सिर पर अपनी पगड़ी बाँधना और पाँव में जूती पहनना और अपने होटों को न छिपाना और लोगों की रोटी न खाना।”
ואדבר אל העם בבקר ותמת אשתי בערב ואעש בבקר כאשר צויתי׃ | 18 |
इसलिए मैंने सुबह को लोगों से कलाम किया और शाम को मेरी बीवी मर गई, और सुबह को मैंने वही किया जिसका मुझे हुक्म मिला था।
ויאמרו אלי העם הלא תגיד לנו מה אלה לנו כי אתה עשה׃ | 19 |
तब लोगों ने मुझ से पूछा, “क्या तू हमें न बताएगा कि जो तू करता है उसको हम से क्या रिश्ता है?”
ואמר אליהם דבר יהוה היה אלי לאמר׃ | 20 |
तब मैंने उनसे कहा, कि ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
אמר לבית ישראל כה אמר אדני יהוה הנני מחלל את מקדשי גאון עזכם מחמד עיניכם ומחמל נפשכם ובניכם ובנותיכם אשר עזבתם בחרב יפלו׃ | 21 |
कि 'इस्राईल के घराने से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि देखो, मैं अपने हैकल को जो तुम्हारे ज़ोर का फ़ख़्र और तुम्हारा मंज़ूर — ए — नज़र है जिसके लिए तुम्हारे दिल तरसते हैं नापाक करूँगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ, जिनको तुम पीछे छोड़ आए हो, तलवार से मारे जाएँगे।
ועשיתם כאשר עשיתי על שפם לא תעטו ולחם אנשים לא תאכלו׃ | 22 |
और तुम ऐसा ही करोगे जैसा मैंने किया; तुम अपने होटों को न छिपाओगे, और लोगों की रोटियाँ न खाओगे।
ופארכם על ראשיכם ונעליכם ברגליכם לא תספדו ולא תבכו ונמקתם בעונתיכם ונהמתם איש אל אחיו׃ | 23 |
और तुम्हारी पगड़ियाँ तुम्हारे सिरों पर और तुम्हारी जूतियाँ तुम्हारे पाँव में होंगी, और तुम नोहा और ज़ारी न करोगे लेकिन अपनी शरारत की वजह से घुलोगे, और एक दूसरे को देख देख कर ठन्डी साँस भरोगे।
והיה יחזקאל לכם למופת ככל אשר עשה תעשו בבאה וידעתם כי אני אדני יהוה׃ | 24 |
चुनाँचे हिज़क़िएल तुम्हारे लिए निशान है; सब कुछ जो उसने किया तुम भी करोगे, और जब यह वजूद में आएगा तो तुम जानोगे कि ख़ुदावन्द ख़ुदा मैं हूँ।
ואתה בן אדם הלוא ביום קחתי מהם את מעזם משוש תפארתם את מחמד עיניהם ואת משא נפשם בניהם ובנותיהם׃ | 25 |
“और तू ऐ आदमज़ाद, देख, कि जिस दिन मैं उनसे उनका ज़ोर और उनकी शान — ओ — शौकत और उनके मन्जूर — ए — नज़र को, और उनके मरगू़ब — ए — ख़ातिर उनके बेटे और उनकी बेटियाँ ले लूँगा,
ביום ההוא יבוא הפליט אליך להשמעות אזנים׃ | 26 |
उस दिन वह जो भाग निकले, तेरे पास आएगा कि तेरे कान में कहे।
ביום ההוא יפתח פיך את הפליט ותדבר ולא תאלם עוד והיית להם למופת וידעו כי אני יהוה׃ | 27 |
उस दिन तेरा मुँह उसके सामने, जो बच निकला है खुल जाएगा और तू बोलेगा, और फिर गूँगा न रहेगा; इसलिए तू उनके लिए एक निशान होगा और वह जानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।”