< יחזקאל 14 >
ויבוא אלי אנשים מזקני ישראל וישבו לפני׃ | 1 |
फिर इस्राईल के बुज़ुर्गों में से चन्द आदमी मेरे पास आए और मेरे सामने बैठ गए।
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ | 2 |
तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
בן אדם האנשים האלה העלו גלוליהם על לבם ומכשול עונם נתנו נכח פניהם האדרש אדרש להם׃ | 3 |
कि ऐ आदमज़ाद, इन मर्दों ने अपने बुतों को अपने दिल में नसब किया है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रख्खा है; क्या ऐसे लोग मुझ से कुछ दरियाफ़्त कर सकते हैं?
לכן דבר אותם ואמרת אליהם כה אמר אדני יהוה איש איש מבית ישראל אשר יעלה את גלוליו אל לבו ומכשול עונו ישים נכח פניו ובא אל הנביא אני יהוה נעניתי לו בה ברב גלוליו׃ | 4 |
इसलिए तू उनसे बातें कर और उनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: बनी इस्राईल में से हर एक जो अपने बुतों को अपने दिल में नस्ब करता है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रखता है और नबी के पास आता है, मैं ख़ुदावन्द उसके बुतों की कसरत के मुताबिक़ उसको जवाब दूँगा;
למען תפש את בית ישראל בלבם אשר נזרו מעלי בגלוליהם כלם׃ | 5 |
ताकि मैं बनी — इस्राईल को उन्हीं के ख़्यालात में पकड़ें, क्यूँकि वह सब के सब अपने बुतों की वजह से मुझ से दूर हो गए हैं।
לכן אמר אל בית ישראל כה אמר אדני יהוה שובו והשיבו מעל גלוליכם ומעל כל תועבתיכם השיבו פניכם׃ | 6 |
इसलिए तू बनी — इस्राईल से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: तोबा करो और अपने बुतों से बाज़ आओ, और अपनी तमाम मकरूहात से मुँह मोड़ो।
כי איש איש מבית ישראל ומהגר אשר יגור בישראל וינזר מאחרי ויעל גלוליו אל לבו ומכשול עונו ישים נכח פניו ובא אל הנביא לדרש לו בי אני יהוה נענה לו בי׃ | 7 |
क्यूँकि हर एक जो बनी — इस्राईल में से या उन बेगानों में से जो इस्राईल में रहते हैं, मुझ से जुदा हो जाता है और अपने दिल में अपने बुत को नसब करता है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रखता है, और नबी के पास आता है कि उसके ज़रिए' मुझ से दरियाफ़्त करे, उसको मैं ख़ुदावन्द ख़ुद ही जवाब दूँगा।
ונתתי פני באיש ההוא והשמתיהו לאות ולמשלים והכרתיו מתוך עמי וידעתם כי אני יהוה׃ | 8 |
और मेरा चेहरा उसके ख़िलाफ़ होगा और मैं निशान ठहराऊं गा और उसको हैरत की वजह और अन्गुश्तनुमा और जरब — उल — मिसाल बनाउँगा और अपने लोगों में से काट डालूँगा; और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
והנביא כי יפתה ודבר דבר אני יהוה פתיתי את הנביא ההוא ונטיתי את ידי עליו והשמדתיו מתוך עמי ישראל׃ | 9 |
और अगर नबी धोका खाकर कुछ कहे, तो मैं ख़ुदावन्द ने उस नबी को धोका दिया, और मैं अपना हाथ उस पर चलाऊँगा और उसे अपने इस्राईली लोगों में से हलाक कर दूँगा।
ונשאו עונם כעון הדרש כעון הנביא יהיה׃ | 10 |
और वह अपनी बदकिरदारी की सज़ा को बर्दाश्त करेंगे, नबी की बदकिरदारी की सज़ा वैसी ही होगी, जैसी सवाल करने वाले की बदकिरदारी की —
למען לא יתעו עוד בית ישראל מאחרי ולא יטמאו עוד בכל פשעיהם והיו לי לעם ואני אהיה להם לאלהים נאם אדני יהוה׃ | 11 |
ताकि बनी — इस्राईल फिर मुझ से भटक न जाएँ, और अपनी सब ख़ताओं से फिर अपने आप को नापाक न करें; बल्कि: ख़ुदा वन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि वह मेरे लोग हों और मैं उनका ख़ुदा हूँ।
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ | 12 |
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
בן אדם ארץ כי תחטא לי למעל מעל ונטיתי ידי עליה ושברתי לה מטה לחם והשלחתי בה רעב והכרתי ממנה אדם ובהמה׃ | 13 |
कि ऐ आदमज़ाद, जब कोई मुल्क सख़्त ख़ता करके मेरा गुनाहगार हो, और मैं अपना हाथ उस पर चलाऊँ और उसकी रोटी का 'असा तोड़ डालें, और उसमें सूखा भेज़ें और उसके इंसान और हैवान को हलाक करूँ।
והיו שלשת האנשים האלה בתוכה נח דנאל ואיוב המה בצדקתם ינצלו נפשם נאם אדני יהוה׃ | 14 |
तो अगरचे यह तीन शख़्स, नूह और दानीएल और अय्यूब, उसमें मौजूद हों तोभी ख़ुदावन्द फ़रमाता है, वह अपनी सदाक़त से सिर्फ़ अपनी ही जान बचाएँगे।
לו חיה רעה אעביר בארץ ושכלתה והיתה שממה מבלי עובר מפני החיה׃ | 15 |
'अगर मैं किसी मुल्क में मुहलिक दरिन्दे भेजे कि उसमें गश्त करके उसे तबाह करें, और वह यहाँ तक वीरान हो जाए कि दरिन्दों की वजह से कोई उसमें से गुज़र न सके,
שלשת האנשים האלה בתוכה חי אני נאם אדני יהוה אם בנים ואם בנות יצילו המה לבדם ינצלו והארץ תהיה שממה׃ | 16 |
तो ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम, अगरचे यह तीन शख़्स उसमें हों तोभी वह न बेटों को बचा सकेंगे न बेटियों को; सिर्फ़ वह खु़द ही बचेंगे और मुल्क वीरान हो जाएगा।
או חרב אביא על הארץ ההיא ואמרתי חרב תעבר בארץ והכרתי ממנה אדם ובהמה׃ | 17 |
“या अगर मैं उस मुल्क पर तलवार भेजूँ और कहूँ कि ऐ तलवार मुल्क में गुज़र कर और मैं उसके इंसान और हैवान को काट डालें,
ושלשת האנשים האלה בתוכה חי אני נאם אדני יהוה לא יצילו בנים ובנות כי הם לבדם ינצלו׃ | 18 |
तो ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम अगरचे यह तीन शख़्स उसमें हों, तोभी न बेटों को बचा सकेंगे न बेटियों को, बल्कि सिर्फ वह ख़ुद ही बच जाएँगे।
או דבר אשלח אל הארץ ההיא ושפכתי חמתי עליה בדם להכרית ממנה אדם ובהמה׃ | 19 |
या अगर मैं उस मुल्क में वबा भेजूँ और खू़ँरेज़ी करा कर अपना क़हर उस पर नाज़िल' करूँ कि वहाँ के इंसान और हैवान को काट डालें,
ונח דנאל ואיוב בתוכה חי אני נאם אדני יהוה אם בן אם בת יצילו המה בצדקתם יצילו נפשם׃ | 20 |
अगरचे नूह और दानिएल और अय्यूब उसमें हों तो भी ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है मुझे अपनी हयात की क़सम वह न बेटे को बचा सकेंगे न बेटी को, बल्कि अपनी सदाक़त से सिर्फ़ अपनी ही जान बचाएँगे।
כי כה אמר אדני יהוה אף כי ארבעת שפטי הרעים חרב ורעב וחיה רעה ודבר שלחתי אל ירושלם להכרית ממנה אדם ובהמה׃ | 21 |
फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: जब मैं अपनी चार बड़ी बलाएँ, या'नी तलवार और सूखा और मुहलिक दरिन्दे और वबा येरूशलेम पर भेजूँ कि उसके इंसान और हैवान को काट डालें, तो क्या हाल होगा?
והנה נותרה בה פלטה המוצאים בנים ובנות הנם יוצאים אליכם וראיתם את דרכם ואת עלילותם ונחמתם על הרעה אשר הבאתי על ירושלם את כל אשר הבאתי עליה׃ | 22 |
तोभी वहाँ थोड़े से बेटे — बेटियाँ बच रहेंगे जो निकालकर तुम्हारे पास पहुँचाए जाएँगे, और तुम उनके चाल चलन और उनके कामों को देखकर उस आफ़त के बारे में, जो मैंने येरूशलेम पर भेजी और उन सब आफ़तों के बारे में जो मैं उस पर लाया हूँ तसल्ली पाओगे।
ונחמו אתכם כי תראו את דרכם ואת עלילותם וידעתם כי לא חנם עשיתי את כל אשר עשיתי בה נאם אדני יהוה׃ | 23 |
और वह भी जब तुम उनके चाल चलन को और उनके कामों को देखोगे, तुम्हारी तसल्ली का ज़रिया' होंगे और तुम जानोगे कि जो कुछ मैंने उसमें किया है बे वजह नहीं किया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।”