< יחזקאל 12 >

ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ 1
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם בתוך בית המרי אתה ישב אשר עינים להם לראות ולא ראו אזנים להם לשמע ולא שמעו כי בית מרי הם׃ 2
“हे मनुष्य के पुत्र, तुम विद्रोही लोगों के बीच रह रहे हो. उनकी आंख तो हैं, परंतु देखते नहीं और कान तो हैं, परंतु सुनते नहीं, क्योंकि वे विद्रोही लोग हैं.
ואתה בן אדם עשה לך כלי גולה וגלה יומם לעיניהם וגלית ממקומך אל מקום אחר לעיניהם אולי יראו כי בית מרי המה׃ 3
“इसलिये, हे मनुष्य के पुत्र, बंधुवाई में जाने के लिये अपना सामान बांधो और दिन के समय, उनके देखते में चल पड़ो और जहां तुम हो, वहां से दूसरी जगह चले जाओ. यद्यपि वे विद्रोही लोग हैं, फिर भी, शायद वे समझ जाएं.
והוצאת כליך ככלי גולה יומם לעיניהם ואתה תצא בערב לעיניהם כמוצאי גולה׃ 4
दिन के समय, उनके देखते में बंधुवाई के लिये तैयार अपने सामान को बाहर ले आओ. तब शाम के समय, जब वे देख रहे हों, तब ऐसे जाओ जैसे लोग बंधुवाई में जाते हैं.
לעיניהם חתר לך בקיר והוצאת בו׃ 5
जब वे देख रहे हों, तो दीवार को फोड़ना और उसमें से अपना सामान बाहर ले जाना.
לעיניהם על כתף תשא בעלטה תוציא פניך תכסה ולא תראה את הארץ כי מופת נתתיך לבית ישראל׃ 6
उनके देखते ही में सामान को अपने कंधे पर रखना और सूर्यास्त के समय उनको बाहर ले जाना. अपने चेहरे को ढांपे रहना ताकि तुम्हें भूमि दिखाई न दे, क्योंकि मैंने तुम्हें इस्राएलियों के लिए एक चिन्ह ठहराया है.”
ואעש כן כאשר צויתי כלי הוצאתי ככלי גולה יומם ובערב חתרתי לי בקיר ביד בעלטה הוצאתי על כתף נשאתי לעיניהם׃ 7
मुझे जैसी आज्ञा दी गई, तब मैंने वैसा ही किया. दिन के समय, बंधुवाई के लिये तैयार, मैं अपना सामान बाहर ले आया. तब संध्या के समय, मैंने दीवार को अपने हाथों से फोड़ा. सूर्यास्त के समय, मैं अपना सामान बाहर ले गया, और उनको अपने कंधों पर उठाकर लोगों के देखते में चला गया.
ויהי דבר יהוה אלי בבקר לאמר׃ 8
सुबह याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם הלא אמרו אליך בית ישראל בית המרי מה אתה עשה׃ 9
“हे मनुष्य के पुत्र, वे विद्रोही इस्राएली लोग क्या तुमसे नहीं पूछे, ‘तुम क्या कर रहे हो?’
אמר אליהם כה אמר אדני יהוה הנשיא המשא הזה בירושלם וכל בית ישראל אשר המה בתוכם׃ 10
“उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: इस भविष्यवाणी का संबंध येरूशलेम के राजकुमार और उन सब इस्राएलियों से है, जो वहां रहते हैं.’
אמר אני מופתכם כאשר עשיתי כן יעשה להם בגולה בשבי ילכו׃ 11
उनसे कहो, ‘मैं तुम्हारे लिये एक चिन्ह हूं.’ “जैसा मैंने किया है, ठीक वैसा ही उनके साथ भी किया जाएगा. ‘वे बंदी के रूप में बंधुवाई में चले जाएंगे.’
והנשיא אשר בתוכם אל כתף ישא בעלטה ויצא בקיר יחתרו להוציא בו פניו יכסה יען אשר לא יראה לעין הוא את הארץ׃ 12
“उनके बीच का राजकुमार शाम के समय अपने सामान को अपने कंधों पर रखकर चला जाएगा, और दीवार में एक बड़ा छेद बनाया जाएगा, ताकि वह उसमें से निकलकर जा सके. वह अपना चेहरा ढांक लेगा ताकि उसे भूमि न दिखे.
ופרשתי את רשתי עליו ונתפש במצודתי והבאתי אתו בבלה ארץ כשדים ואותה לא יראה ושם ימות׃ 13
मैं उसके लिये अपना जाल बिछाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंस जाएगा; मैं उसे कसदियों के देश बाबेल में ले आऊंगा, पर वह इसे देख न सकेगा, और वहां वह मर जाएगा.
וכל אשר סביבתיו עזרה וכל אגפיו אזרה לכל רוח וחרב אריק אחריהם׃ 14
मैं उसके आस-पास के सब लोगों को तितर-बितर कर दूंगा—उसके कर्मचारी और उसकी सब सेना—और नंगी तलवार लेकर मैं उनका पीछा करूंगा.
וידעו כי אני יהוה בהפיצי אותם בגוים וזריתי אותם בארצות׃ 15
“जब मैं उन्हें जाति-जाति और देश-देश के बीच तितर-बितर कर दूंगा, तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.
והותרתי מהם אנשי מספר מחרב מרעב ומדבר למען יספרו את כל תועבותיהם בגוים אשר באו שם וידעו כי אני יהוה׃ 16
परंतु मैं उनमें से कुछ को तलवार की मार, अकाल और महामारी से बचाऊंगा, ताकि उन जनताओं के बीच, जहां वे जाएं, वहां वे अपने सब घृणित कार्यों को मान लें. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ 17
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם לחמך ברעש תאכל ומימיך ברגזה ובדאגה תשתה׃ 18
“हे मनुष्य के पुत्र, कांपते हुए अपना भोजन करना और थरथराते हुए अपना पानी पीना.
ואמרת אל עם הארץ כה אמר אדני יהוה ליושבי ירושלם אל אדמת ישראל לחמם בדאגה יאכלו ומימיהם בשממון ישתו למען תשם ארצה ממלאה מחמס כל הישבים בה׃ 19
तब देश के लोगों से कहो: ‘येरूशलेम और इस्राएल देश में रहनेवालों के विषय में परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: वे चिंतित मन से अपना भोजन करेंगे और निराश मन से अपना पानी पिएंगे, क्योंकि देश में रहनेवाले सब लोगों की हिंसा के कारण, देश की सब चीज़ें ले ली जाएंगी.
והערים הנושבות תחרבנה והארץ שממה תהיה וידעתם כי אני יהוה׃ 20
बसे हुए नगर उजाड़ दिए जाएंगे और देश निर्जन हो जाएगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ 21
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם מה המשל הזה לכם על אדמת ישראל לאמר יארכו הימים ואבד כל חזון׃ 22
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल देश में यह क्या कहावत है: ‘दिन बीतते जा रहे हैं और कोई भी दर्शन पूरा नहीं हो रहा है’?
לכן אמר אליהם כה אמר אדני יהוה השבתי את המשל הזה ולא ימשלו אתו עוד בישראל כי אם דבר אליהם קרבו הימים ודבר כל חזון׃ 23
अतः उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं इस कहावत का अंत करनेवाला हूं, और वे फिर कभी इस्राएल में इस कहावत का प्रयोग नहीं करेंगे.’ उनसे कहो, ‘वे दिन निकट हैं जब हर एक दर्शन पूरा होगा.
כי לא יהיה עוד כל חזון שוא ומקסם חלק בתוך בית ישראל׃ 24
क्योंकि तब इस्राएल के लोगों के बीच कोई झूठा दर्शन और चापलूसीपूर्ण भविष्य की बातें न होंगी.
כי אני יהוה אדבר את אשר אדבר דבר ויעשה לא תמשך עוד כי בימיכם בית המרי אדבר דבר ועשיתיו נאם אדני יהוה׃ 25
क्योंकि जो भी बोलूंगा, मैं, याहवेह ही बोलूंगा, और वह बिना देरी के पूरा होगा. क्योंकि हे विद्रोही लोगों, तुम्हारे ही दिनों में, जो कुछ मैं कहता हूं, उसे मैं पूरा करूंगा, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
ויהי דבר יהוה אלי לאמר׃ 26
फिर याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
בן אדם הנה בית ישראל אמרים החזון אשר הוא חזה לימים רבים ולעתים רחוקות הוא נבא׃ 27
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएली कह रहे हैं, ‘जो दर्शन वह देख रहा है, वह अब से लेकर बहुत सालों बाद पूरा होगा, और जो भविष्यवाणी वह कर रहा है, वह अब से लेकर बहुत समय बाद की बात कर रहा है.’
לכן אמר אליהם כה אמר אדני יהוה לא תמשך עוד כל דברי אשר אדבר דבר ויעשה נאם אדני יהוה׃ 28
“इसलिये उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मेरे कहे गये किसी भी वचन के पूरा होने में और देरी नहीं होगी; जो भी मैं कहता हूं, वह पूरा होगा, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”

< יחזקאל 12 >