< שמות 12 >

ויאמר יהוה אל משה ואל אהרן בארץ מצרים לאמר׃ 1
फिर ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र में मूसा और हारून से कहा कि
החדש הזה לכם ראש חדשים ראשון הוא לכם לחדשי השנה׃ 2
“यह महीना तुम्हारे लिए महीनों का शुरू' और साल का पहला महीना हो।
דברו אל כל עדת ישראל לאמר בעשר לחדש הזה ויקחו להם איש שה לבית אבת שה לבית׃ 3
तब इस्राईलियों की सारी जमा'अत से यह कह दो कि इसी महीने के दसवें दिन, हर शख़्स अपने आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ घर पीछे एक बर्रा ले;
ואם ימעט הבית מהית משה ולקח הוא ושכנו הקרב אל ביתו במכסת נפשת איש לפי אכלו תכסו על השה׃ 4
और अगर किसी के घराने में बर्रे को खाने के लिए आदमी कम हों, तो वह और उसका पड़ोसी जो उसके घर के बराबर रहता हो, दोनों मिल कर नफ़री के शुमार के मुवाफ़िक़ एक बर्रा ले रख्खें, तुम हर एक आदमी के खाने की मिक़्दार के मुताबिक़ बर्रे का हिसाब लगाना।
שה תמים זכר בן שנה יהיה לכם מן הכבשים ומן העזים תקחו׃ 5
तुम्हारा बर्रा बे “ऐब और यक साला नर हो, और ऐसा बच्चा या तो भेड़ों में से चुन कर लेना या बकरियों में से।
והיה לכם למשמרת עד ארבעה עשר יום לחדש הזה ושחטו אתו כל קהל עדת ישראל בין הערבים׃ 6
और तुम उसे इस महीने की चौदहवीं तक रख छोड़ना, और इस्राईलियों के क़बीलों की सारी जमा'अत शाम को उसे ज़बह करे।
ולקחו מן הדם ונתנו על שתי המזוזת ועל המשקוף על הבתים אשר יאכלו אתו בהם׃ 7
और थोड़ा सा ख़ून लेकर जिन घरों में वह उसे खाएँ, उनके दरवाज़ों के दोनों बाजु़ओं और ऊपर की चौखट पर लगा दें।
ואכלו את הבשר בלילה הזה צלי אש ומצות על מררים יאכלהו׃ 8
और वह उसके गोश्त को उसी रात आग पर भून कर बेख़मीरी रोटी और कड़वे साग पात के साथ खा लें।
אל תאכלו ממנו נא ובשל מבשל במים כי אם צלי אש ראשו על כרעיו ועל קרבו׃ 9
उसे कच्चा या पानी में उबाल कर हरगिज़ न खाना, बल्कि उसको सिर और पाये और अन्दरूनी 'आज़ा समेत आग पर भून कर खाना।
ולא תותירו ממנו עד בקר והנתר ממנו עד בקר באש תשרפו׃ 10
और उसमें से कुछ भी सुबह तक बाक़ी न छोड़ना और अगर कुछ उसमें से सुबह तक बाक़ी रह जाए तो उसे आग में जला देना।
וככה תאכלו אתו מתניכם חגרים נעליכם ברגליכם ומקלכם בידכם ואכלתם אתו בחפזון פסח הוא ליהוה׃ 11
और तुम उसे इस तरह खाना अपनी कमर बाँधे और अपनी जूतियाँ पाँव में पहने और अपनी लाठी हाथ में लिए हुए तुम उसे जल्दी — जल्दी खाना, क्यूँकि यह फ़सह ख़ुदावन्द की है।
ועברתי בארץ מצרים בלילה הזה והכיתי כל בכור בארץ מצרים מאדם ועד בהמה ובכל אלהי מצרים אעשה שפטים אני יהוה׃ 12
इसलिए कि मैं उस रात मुल्क — ए — मिस्र में से होकर गुज़रूँगा और इंसान और हैवान के सब पहलौठों को जो मुल्क — ए — मिस्र में हैं, मारूँगा और मिस्र के सब मा'बूदों को भी सज़ा दूँगा; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
והיה הדם לכם לאת על הבתים אשר אתם שם וראיתי את הדם ופסחתי עלכם ולא יהיה בכם נגף למשחית בהכתי בארץ מצרים׃ 13
और जिन घरों में तुम हो उन पर वह ख़ून तुम्हारी तरफ़ से निशान ठहरेगा और मैं उस ख़ून को देख कर तुम को छोड़ता जाऊँगा, और जब मैं मिस्रियों को मारूँगा तो वबा तुम्हारे पास फटकने की भी नहीं कि तुम को हलाक करे।
והיה היום הזה לכם לזכרון וחגתם אתו חג ליהוה לדרתיכם חקת עולם תחגהו׃ 14
और वह दिन तुम्हारे लिए एक यादगार होगा और तुम उसको ख़ुदावन्द की 'ईद का दिन समझ कर मानना। तुम उसे हमेशा की रस्म करके उस दिन को नसल दर नसल 'ईद का दिन मानना।
שבעת ימים מצות תאכלו אך ביום הראשון תשביתו שאר מבתיכם כי כל אכל חמץ ונכרתה הנפש ההוא מישראל מיום הראשן עד יום השבעי׃ 15
'सात दिन तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना, और पहले ही दिन से ख़मीर अपने अपने घर से बाहर कर देना; इसलिए कि जो कोई पहले दिन से सातवें दिन तक ख़मीरी रोटी खाए वह शख़्स इस्राईल में से काट डाला जाएगा।
וביום הראשון מקרא קדש וביום השביעי מקרא קדש יהיה לכם כל מלאכה לא יעשה בהם אך אשר יאכל לכל נפש הוא לבדו יעשה לכם׃ 16
और पहले दिन तुम्हारा मुक़द्दस मजमा' हो, और सातवें दिन भी मुक़द्दस मजमा' हो; उन दोनों दिनों में कोई काम न किया जाए सिवा उस खाने के जिसे हर एक आदमी खाए, सिर्फ़ यही किया जाए।
ושמרתם את המצות כי בעצם היום הזה הוצאתי את צבאותיכם מארץ מצרים ושמרתם את היום הזה לדרתיכם חקת עולם׃ 17
और तुम बेख़मीरी रोटी की यह 'ईद मनाना, क्यूँकि मैं उसी दिन तुम्हारे लश्कर को मुल्क — ए — मिस्र से निकालूँगा; इस लिए तुम उस दिन को हमेशा की रस्म करके नसल दर नसल मानना।
בראשן בארבעה עשר יום לחדש בערב תאכלו מצת עד יום האחד ועשרים לחדש בערב׃ 18
पहले महीने की चौदहवीं तारीख़ की शाम से इक्कीसवीं तारीख़ की शाम तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना।
שבעת ימים שאר לא ימצא בבתיכם כי כל אכל מחמצת ונכרתה הנפש ההוא מעדת ישראל בגר ובאזרח הארץ׃ 19
सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी ख़मीर न हो, क्यूँकि जो कोई किसी ख़मीरी चीज़ को खाए, वह चाहे मुसाफ़िर हो चाहे उसकी पैदाइश उसी मुल्क की हो, इस्राईल की जमा'अत से काट डाला जाएगा।
כל מחמצת לא תאכלו בכל מושבתיכם תאכלו מצות׃ 20
तुम कोई ख़मीरी चीज़ न खाना बल्कि अपनी सब बस्तियों में बेख़मीरी रोटी खाना।”
ויקרא משה לכל זקני ישראל ויאמר אלהם משכו וקחו לכם צאן למשפחתיכם ושחטו הפסח׃ 21
तब मूसा ने इस्राईल के सब बुज़ुर्गों को बुलवाकर उनको कहा, कि अपने — अपने ख़ान्दान के मुताबिक़ एक — एक बर्रा निकाल रख्खो, और यह फ़सह का बर्रा ज़बह करना।
ולקחתם אגדת אזוב וטבלתם בדם אשר בסף והגעתם אל המשקוף ואל שתי המזוזת מן הדם אשר בסף ואתם לא תצאו איש מפתח ביתו עד בקר׃ 22
और तुम ज़ूफ़े का एक गुच्छा लेकर उस ख़ून में जो तसले में होगा डुबोना और उसी तसले के ख़ून में से कुछ ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाजु़ओं पर लगा देना; और तुम में से कोई सुबह तक अपने घर के दरवाज़े से बाहर न जाए।
ועבר יהוה לנגף את מצרים וראה את הדם על המשקוף ועל שתי המזוזת ופסח יהוה על הפתח ולא יתן המשחית לבא אל בתיכם לנגף׃ 23
क्यूँकि ख़ुदावन्द मिस्रियों को मारता हुआ गुज़रेगा, और जब ख़ुदावन्द ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाज़ुओं पर ख़ून देखेगा तो वह उस दरवाज़े को छोड़ जाएगा; और हलाक करने वाले को तुम को मारने के लिए घर के अन्दर आने न देगा।
ושמרתם את הדבר הזה לחק לך ולבניך עד עולם׃ 24
और तुम इस बात को अपने और अपनी औलाद के लिए हमेशा की रिवायत करके मानना।
והיה כי תבאו אל הארץ אשר יתן יהוה לכם כאשר דבר ושמרתם את העבדה הזאת׃ 25
और जब तुम उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तुम को अपने वा'दे के मुवाफ़िक़ देगा दाख़िल हो जाओ, तो इस इबादत को बराबर जारी रखना।
והיה כי יאמרו אליכם בניכם מה העבדה הזאת לכם׃ 26
और जब तुम्हारी औलाद तुम से पूछे, कि इस इबादत से तुम्हारा मक़सद क्या है?
ואמרתם זבח פסח הוא ליהוה אשר פסח על בתי בני ישראל במצרים בנגפו את מצרים ואת בתינו הציל ויקד העם וישתחוו׃ 27
तो तुम यह कहना, कि 'यह ख़ुदावन्द की फ़सह की क़ुर्बानी है, जो मिस्र में मिस्रियों को मारते वक़्त बनी — इस्राईल के घरों को छोड़ गया और यूँ हमारे घरों को बचा लिया'। तब लोगों ने सिर झुका कर सिज्दा किया।
וילכו ויעשו בני ישראל כאשר צוה יהוה את משה ואהרן כן עשו׃ 28
और बनी — इस्राईल ने जाकर, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया था वैसा ही किया।
ויהי בחצי הלילה ויהוה הכה כל בכור בארץ מצרים מבכר פרעה הישב על כסאו עד בכור השבי אשר בבית הבור וכל בכור בהמה׃ 29
और आधी रात को ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र के सब पहलौठों को फ़िर'औन जो अपने तख़्त पर बैठा था उसके पहलौठे से लेकर वह कै़दी जो कै़दखानें में था उसके पहलौठे तक, बल्कि चौपायों के पहलौठों को भी हलाक कर दिया।
ויקם פרעה לילה הוא וכל עבדיו וכל מצרים ותהי צעקה גדלה במצרים כי אין בית אשר אין שם מת׃ 30
और फ़िर'औन और उसके सब नौकर और सब मिस्री रात ही को उठ बैठे और मिस्र में बड़ा कोहराम मचा, क्यूँकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई न मरा हो।
ויקרא למשה ולאהרן לילה ויאמר קומו צאו מתוך עמי גם אתם גם בני ישראל ולכו עבדו את יהוה כדברכם׃ 31
तब उसने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवा कर कहा, कि “तुम बनी — इस्राईल को लेकर मेरी क़ौम के लोगों में से निकल जाओ और जैसा कहते हो जाकर ख़ुदावन्द की इबादत करो।
גם צאנכם גם בקרכם קחו כאשר דברתם ולכו וברכתם גם אתי׃ 32
और अपने कहने के मुताबिक़ अपनी भेड़ बकरियाँ और गाय बैल भी लेते जाओ और मेरे लिए भी दुआ' करना।”
ותחזק מצרים על העם למהר לשלחם מן הארץ כי אמרו כלנו מתים׃ 33
और मिस्री उन लोगों से बजिद्द होने लगे, ताकि उनको मुल्क — ए — मिस्र से जल्द बाहर चलता करें, क्यूँकि वह समझे कि हम सब मर जाएँगे।
וישא העם את בצקו טרם יחמץ משארתם צררת בשמלתם על שכמם׃ 34
तब इन लोगों ने अपने गुन्धे गुन्धाए आटे को बग़ैर ख़मीर दिए लगनों समेत कपड़ों में बाँध कर अपने कंधों पर धर लिया।
ובני ישראל עשו כדבר משה וישאלו ממצרים כלי כסף וכלי זהב ושמלת׃ 35
और बनी — इस्राईल ने मूसा के कहने के मुवाफ़िक यह भी किया, कि मिस्रियों से सोने चाँदी के ज़ेवर और कपड़े माँग लिए।
ויהוה נתן את חן העם בעיני מצרים וישאלום וינצלו את מצרים׃ 36
और ख़ुदावन्द ने उन लोगों को मिस्रियों की निगाह में ऐसी 'इज़्ज़त बख़्शी कि जो कुछ उन्होंने माँगा उन्होंने दे दिया। तब उन्होंने मिस्रियों को लूट लिया।
ויסעו בני ישראל מרעמסס סכתה כשש מאות אלף רגלי הגברים לבד מטף׃ 37
और बनी — इस्राईल ने रा'मसीस से सुक्कात तक पैदल सफ़र किया और बाल बच्चों को छोड़ कर वह कोई छः लाख मर्द थे।
וגם ערב רב עלה אתם וצאן ובקר מקנה כבד מאד׃ 38
और उनके साथ एक मिली — जुली गिरोह भी गई और भेड़ — बकरियाँ और गाय — बैल और बहुत चौपाये उनके साथ थे।
ויאפו את הבצק אשר הוציאו ממצרים עגת מצות כי לא חמץ כי גרשו ממצרים ולא יכלו להתמהמה וגם צדה לא עשו להם׃ 39
और उन्होंने उस गुन्धे हुए आटे की जिसे वह मिस्र से लाए थे बेख़मीरी रोटियाँ पकाई, क्यूँकि वह उसमें ख़मीर देने न पाए थे इसलिए कि वह मिस्र से ऐसे जबरन निकाल दिए गए कि वहाँ ठहर न सके और न कुछ खाना अपने लिए तैयार करने पाए।
ומושב בני ישראל אשר ישבו במצרים שלשים שנה וארבע מאות שנה׃ 40
और बनी — इस्राईल को मिस्र में रहते हुए चार सौ तीस बरस हुए थे।
ויהי מקץ שלשים שנה וארבע מאות שנה ויהי בעצם היום הזה יצאו כל צבאות יהוה מארץ מצרים׃ 41
और उन चार सौ तीस बरसों के गुज़र जाने पर ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द का सारा लश्कर मुल्क — ए — मिस्र से निकल गया।
ליל שמרים הוא ליהוה להוציאם מארץ מצרים הוא הלילה הזה ליהוה שמרים לכל בני ישראל לדרתם׃ 42
ये वह रात है जिसे ख़ुदावन्द की ख़ातिर मानना बहुत मुनासिब है क्यूँकि इसमें वह उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, ख़ुदावन्द की यह वही रात है जिसे ज़रूरी है कि सब बनी इस्राईल नसल — दर — नसल ख़ूब मानें।
ויאמר יהוה אל משה ואהרן זאת חקת הפסח כל בן נכר לא יאכל בו׃ 43
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा, कि 'फ़सह की रिवायत यह है, कि कोई बेगाना उसे खाने न पाए।
וכל עבד איש מקנת כסף ומלתה אתו אז יאכל בו׃ 44
लेकिन अगर कोई शख़्स किसी का ख़रीदा हुआ ग़ुलाम हो, और तूने उसका ख़तना कर दिया हो तो वह उसे खाए।
תושב ושכיר לא יאכל בו׃ 45
पर अजनबी और मज़दूर उसे खाने न पाए।
בבית אחד יאכל לא תוציא מן הבית מן הבשר חוצה ועצם לא תשברו בו׃ 46
और उसे एक ही घर में खाएँ या'नी उसका ज़रा भी गोश्त तू घर से बाहर न ले जाना और न तुम उसकी कोई हड्डी तोड़ना।
כל עדת ישראל יעשו אתו׃ 47
इस्राईल की सारी जमा'अत इस पर 'अमल करे।
וכי יגור אתך גר ועשה פסח ליהוה המול לו כל זכר ואז יקרב לעשתו והיה כאזרח הארץ וכל ערל לא יאכל בו׃ 48
और अगर कोई अजनबी तेरे साथ मुक़ीम हो और ख़ुदावन्द की फ़सह को मानना चाहता हो उसके यहाँ के सब मर्द अपना ख़तना कराएँ, तब वह पास आकर फ़सह करे; यूँ वह ऐसा समझा जाएगा जैसे उसी मुल्क की उसकी पैदाइश है लेकिन कोई नामख़्तून आदमी उसे खाने न पाए।
תורה אחת יהיה לאזרח ולגר הגר בתוככם׃ 49
वतनी और उस अजनबी के लिए जो तुम्हारे बीच मुक़ीम हो एक ही शरी'अत होगी।
ויעשו כל בני ישראל כאשר צוה יהוה את משה ואת אהרן כן עשו׃ 50
तब सब बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया वैसा ही किया।
ויהי בעצם היום הזה הוציא יהוה את בני ישראל מארץ מצרים על צבאתם׃ 51
और ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द बनी — इस्राईल के सब लश्करों को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल ले गया।

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