< דברים 33 >

וזאת הברכה אשר ברך משה איש האלהים את בני ישראל לפני מותו׃ 1
जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहले इस्राएलियों को दिया वह यह है।
ויאמר יהוה מסיני בא וזרח משעיר למו הופיע מהר פארן ואתה מרבבת קדש מימינו אש דת למו׃ 2
उसने कहा, “यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उसने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दाहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियाँ निकलीं।
אף חבב עמים כל קדשיו בידך והם תכו לרגלך ישא מדברתיך׃ 3
वह निश्चय लोगों से प्रेम करता है; उसके सब पवित्र लोग तेरे हाथ में हैं; वे तेरे पाँवों के पास बैठे रहते हैं, एक-एक तेरे वचनों से लाभ उठाता है।
תורה צוה לנו משה מורשה קהלת יעקב׃ 4
मूसा ने हमें व्यवस्था दी, और वह याकूब की मण्डली का निज भाग ठहरी।
ויהי בישרון מלך בהתאסף ראשי עם יחד שבטי ישראל׃ 5
जब प्रजा के मुख्य-मुख्य पुरुष, और इस्राएल के सभी गोत्र एक संग होकर एकत्रित हुए, तब वह यशूरून में राजा ठहरा।
יחי ראובן ואל ימת ויהי מתיו מספר׃ 6
“रूबेन न मरे, वरन् जीवित रहे, तो भी उसके यहाँ के मनुष्य थोड़े हों।”
וזאת ליהודה ויאמר שמע יהוה קול יהודה ואל עמו תביאנו ידיו רב לו ועזר מצריו תהיה׃ 7
और यहूदा पर यह आशीर्वाद हुआ जो मूसा ने कहा, “हे यहोवा तू यहूदा की सुन, और उसे उसके लोगों के पास पहुँचा। वह अपने लिये आप अपने हाथों से लड़ा, और तू ही उसके द्रोहियों के विरुद्ध उसका सहायक हो।”
וללוי אמר תמיך ואוריך לאיש חסידך אשר נסיתו במסה תריבהו על מי מריבה׃ 8
फिर लेवी के विषय में उसने कहा, “तेरे तुम्मीम और ऊरीम तेरे भक्त के पास हैं, जिसको तूने मस्सा में परख लिया, और जिसके साथ मरीबा नामक सोते पर तेरा वाद-विवाद हुआ;
האמר לאביו ולאמו לא ראיתיו ואת אחיו לא הכיר ואת בנו לא ידע כי שמרו אמרתך ובריתך ינצרו׃ 9
उसने तो अपने माता-पिता के विषय में कहा, ‘मैं उनको नहीं जानता;’ और न तो उसने अपने भाइयों को अपना माना, और न अपने पुत्रों को पहचाना। क्योंकि उन्होंने तेरी बातें मानीं, और वे तेरी वाचा का पालन करते हैं।
יורו משפטיך ליעקב ותורתך לישראל ישימו קטורה באפך וכליל על מזבחך׃ 10
१०वे याकूब को तेरे नियम, और इस्राएल को तेरी व्यवस्था सिखाएँगे; और तेरे आगे धूप और तेरी वेदी पर सर्वांग पशु को होमबलि करेंगे।
ברך יהוה חילו ופעל ידיו תרצה מחץ מתנים קמיו ומשנאיו מן יקומון׃ 11
११हे यहोवा, उसकी सम्पत्ति पर आशीष दे, और उसके हाथों की सेवा को ग्रहण कर; उसके विरोधियों और बैरियों की कमर पर ऐसा मार, कि वे फिर न उठ सके।”
לבנימן אמר ידיד יהוה ישכן לבטח עליו חפף עליו כל היום ובין כתיפיו שכן׃ 12
१२फिर उसने बिन्यामीन के विषय में कहा, “यहोवा का वह प्रिय जन, उसके पास निडर वास करेगा; और वह दिन भर उस पर छाया करेगा, और वह उसके कंधों के बीच रहा करता है।”
וליוסף אמר מברכת יהוה ארצו ממגד שמים מטל ומתהום רבצת תחת׃ 13
१३फिर यूसुफ के विषय में उसने कहा; “इसका देश यहोवा से आशीष पाए अर्थात् आकाश के अनमोल पदार्थ और ओस, और वह गहरा जल जो नीचे है,
וממגד תבואת שמש וממגד גרש ירחים׃ 14
१४और सूर्य के पकाए हुए अनमोल फल, और जो अनमोल पदार्थ मौसम के उगाए उगते हैं,
ומראש הררי קדם וממגד גבעות עולם׃ 15
१५और प्राचीन पहाड़ों के उत्तम पदार्थ, और सनातन पहाड़ियों के अनमोल पदार्थ,
וממגד ארץ ומלאה ורצון שכני סנה תבואתה לראש יוסף ולקדקד נזיר אחיו׃ 16
१६और पृथ्वी और जो अनमोल पदार्थ उसमें भरें हैं, और जो झाड़ी में रहता था उसकी प्रसन्नता। इन सभी के विषय में यूसुफ के सिर पर, अर्थात् उसी के सिर के चाँद पर जो अपने भाइयों से अलग हुआ था आशीष ही आशीष फले।
בכור שורו הדר לו וקרני ראם קרניו בהם עמים ינגח יחדו אפסי ארץ והם רבבות אפרים והם אלפי מנשה׃ 17
१७वह प्रतापी है, मानो गाय का पहलौठा है, और उसके सींग जंगली बैल के से हैं; उनसे वह देश-देश के लोगों को, वरन् पृथ्वी के छोर तक के सब मनुष्यों को ढकेलेगा; वे एप्रैम के लाखों-लाख, और मनश्शे के हजारों-हजार हैं।”
ולזבולן אמר שמח זבולן בצאתך ויששכר באהליך׃ 18
१८फिर जबूलून के विषय में उसने कहा, “हे जबूलून, तू बाहर निकलते समय, और हे इस्साकार, तू अपने डेरों में आनन्द करे।
עמים הר יקראו שם יזבחו זבחי צדק כי שפע ימים יינקו ושפוני טמוני חול׃ 19
१९वे देश-देश के लोगों को पहाड़ पर बुलाएँगे; वे वहाँ धर्मयज्ञ करेंगे; क्योंकि वे समुद्र का धन, और रेत में छिपे हुए अनमोल पदार्थ से लाभ उठाएँगे।”
ולגד אמר ברוך מרחיב גד כלביא שכן וטרף זרוע אף קדקד׃ 20
२०फिर गाद के विषय में उसने कहा, “धन्य वह है जो गाद को बढ़ाता है! गाद तो सिंहनी के समान रहता है, और बाँह को, वरन् सिर के चाँद तक को फाड़ डालता है।
וירא ראשית לו כי שם חלקת מחקק ספון ויתא ראשי עם צדקת יהוה עשה ומשפטיו עם ישראל׃ 21
२१और उसने पहला अंश तो अपने लिये चुन लिया, क्योंकि वहाँ सरदार के योग्य भाग रखा हुआ था; तब उसने प्रजा के मुख्य-मुख्य पुरुषों के संग आकर यहोवा का ठहराया हुआ धर्म, और इस्राएल के साथ होकर उसके नियम का प्रतिपालन किया।”
ולדן אמר דן גור אריה יזנק מן הבשן׃ 22
२२फिर दान के विषय में उसने कहा, “दान तो बाशान से कूदनेवाला सिंह का बच्चा है।”
ולנפתלי אמר נפתלי שבע רצון ומלא ברכת יהוה ים ודרום ירשה׃ 23
२३फिर नप्ताली के विषय में उसने कहा, “हे नप्ताली, तू जो यहोवा की प्रसन्नता से तृप्त, और उसकी आशीष से भरपूर है, तू पश्चिम और दक्षिण के देश का अधिकारी हो।”
ולאשר אמר ברוך מבנים אשר יהי רצוי אחיו וטבל בשמן רגלו׃ 24
२४फिर आशेर के विषय में उसने कहा, “आशेर पुत्रों के विषय में आशीष पाए; वह अपने भाइयों में प्रिय रहे, और अपना पाँव तेल में डुबोए।
ברזל ונחשת מנעליך וכימיך דבאך׃ 25
२५तेरे जूते लोहे और पीतल के होंगे, और जैसे तेरे दिन वैसी ही तेरी शक्ति हो।
אין כאל ישרון רכב שמים בעזרך ובגאותו שחקים׃ 26
२६“हे यशूरून, परमेश्वर के तुल्य और कोई नहीं है, वह तेरी सहायता करने को आकाश पर, और अपना प्रताप दिखाता हुआ आकाशमण्डल पर सवार होकर चलता है।
מענה אלהי קדם ומתחת זרעת עולם ויגרש מפניך אויב ויאמר השמד׃ 27
२७अनादि परमेश्वर तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भुजाएँ हैं। वह शत्रुओं को तेरे सामने से निकाल देता, और कहता है, उनको सत्यानाश कर दे।
וישכן ישראל בטח בדד עין יעקב אל ארץ דגן ותירוש אף שמיו יערפו טל׃ 28
२८और इस्राएल निडर बसा रहता है, अन्न और नये दाखमधु के देश में याकूब का सोता अकेला ही रहता है; और उसके ऊपर के आकाश से ओस पड़ा करती है।
אשריך ישראל מי כמוך עם נושע ביהוה מגן עזרך ואשר חרב גאותך ויכחשו איביך לך ואתה על במותימו תדרך׃ 29
२९हे इस्राएल, तू क्या ही धन्य है! हे यहोवा से उद्धार पाई हुई प्रजा, तेरे तुल्य कौन है? वह तो तेरी सहायता के लिये ढाल, और तेरे प्रताप के लिये तलवार है; तेरे शत्रु तुझे सराहेंगे, और तू उनके ऊँचे स्थानों को रौंदेगा।”

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