< דברים 12 >
אלה החקים והמשפטים אשר תשמרון לעשות בארץ אשר נתן יהוה אלהי אבתיך לך לרשתה כל הימים אשר אתם חיים על האדמה׃ | 1 |
“जब तक तुम दुनिया में ज़िन्दा रहो तुम एहतियात करके इन ही आईन और अहकाम पर उस मुल्क में 'अमल करना जिसे ख़ुदावन्द तेरे बाप — दादा के ख़ुदा ने तुझको दिया है, ताकि तू उस पर क़ब्ज़ा करे।
אבד תאבדון את כל המקמות אשר עבדו שם הגוים אשר אתם ירשים אתם את אלהיהם על ההרים הרמים ועל הגבעות ותחת כל עץ רענן׃ | 2 |
वहाँ तुम ज़रूर उन सब जगहों को बर्बाद कर देना जहाँ — जहाँ वह क़ौमें जिनके तुम वारिस होगे, ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पर और टीलों पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे अपने मा'बूदों की पूजा करती थीं।
ונתצתם את מזבחתם ושברתם את מצבתם ואשריהם תשרפון באש ופסילי אלהיהם תגדעון ואבדתם את שמם מן המקום ההוא׃ | 3 |
तुम उनके मज़बहों को ढा देना, और उनके सुतूनों को तोड़ डालना, और उनकी यसीरतों को आग लगा देना, और उनके मा'बूदों की खुदी हुई मूरतों को काट कर गिरा देना, और उस जगह से उनके नाम तक को मिटा डालना।
לא תעשון כן ליהוה אלהיכם׃ | 4 |
लेकिन ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से ऐसा न करना।
כי אם אל המקום אשר יבחר יהוה אלהיכם מכל שבטיכם לשום את שמו שם לשכנו תדרשו ובאת שמה׃ | 5 |
बल्कि जिस जगह को ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा तुम्हारे सब क़बीलों में से चुन ले, ताकि वहाँ अपना नाम क़ाईम करे, तुम उसके उसी घर के तालिब होकर वहाँ जाया करना।
והבאתם שמה עלתיכם וזבחיכם ואת מעשרתיכם ואת תרומת ידכם ונדריכם ונדבתיכם ובכרת בקרכם וצאנכם׃ | 6 |
और वहीं तुम अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानियों और ज़बीहों और दहेकियों और उठाने की क़ुर्बानियों और अपनी मिन्नतों की चीज़ों और अपनी रज़ा की क़ुर्बानियों और गाय बैलों और भेड़ बकरियों के पहलौठों को पेश करना।
ואכלתם שם לפני יהוה אלהיכם ושמחתם בכל משלח ידכם אתם ובתיכם אשר ברכך יהוה אלהיך׃ | 7 |
और वहीं ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने खाना और अपने घरानों समेत अपने हाथ की कमाई की ख़ुशी भी करना, जिसमें ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको बरकत बख़्शी हो।
לא תעשון ככל אשר אנחנו עשים פה היום איש כל הישר בעיניו׃ | 8 |
और जैसे हम यहाँ जो काम जिसको ठीक दिखाई देता है वही करते हैं, ऐसे तुम वहाँ न करना।
כי לא באתם עד עתה אל המנוחה ואל הנחלה אשר יהוה אלהיך נתן לך׃ | 9 |
क्यूँकि तुम अब तक उस आरामगाह और मीरास की जगह तक, जो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है नहीं पहुँचे हो।
ועברתם את הירדן וישבתם בארץ אשר יהוה אלהיכם מנחיל אתכם והניח לכם מכל איביכם מסביב וישבתם בטח׃ | 10 |
लेकिन जब तुम यरदन पार जाकर उस मुल्क में जिसका मालिक ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा तुमको बनाता है बस जाओ, और वह तुम्हारे सब दुश्मनों की तरफ़ से जो चारों तरफ़ हैं तुमको राहत दे, और तुम अम्न से रहने लगो;
והיה המקום אשר יבחר יהוה אלהיכם בו לשכן שמו שם שמה תביאו את כל אשר אנכי מצוה אתכם עולתיכם וזבחיכם מעשרתיכם ותרמת ידכם וכל מבחר נדריכם אשר תדרו ליהוה׃ | 11 |
तो वहाँ जिस जगह को ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा अपने नाम के घर के लिए चुन ले, वहीं तुम ये सब कुछ जिसका मैं तुमको हुक्म देता हूँ ले जाया करना; या'नी अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और ज़बीहे और अपनी दहेकियाँ, और अपने हाथ के उठाए हुए हदिये, और अपनी ख़ास नज़्र की चीज़ें जिनकी मन्नत तुमने ख़ुदावन्द के लिए मानी हो।
ושמחתם לפני יהוה אלהיכם אתם ובניכם ובנתיכם ועבדיכם ואמהתיכם והלוי אשר בשעריכם כי אין לו חלק ונחלה אתכם׃ | 12 |
और वहीं तुम और तुम्हारे बेटे बेटियाँ और तुम्हारे नौकर चाकर और लौंडियाँ और वह लावी भी जो तुम्हारे फाटकों के अन्दर रहता हो और जिसका कोई हिस्सा या मीरास तुम्हारे साथ नहीं, सब के सब मिल कर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने ख़ुशी मनाना।
השמר לך פן תעלה עלתיך בכל מקום אשר תראה׃ | 13 |
और तुम ख़बरदार रहना, कहीं ऐसा न हो कि जिस जगह को देख ले। वहीं अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानी पेश करो।
כי אם במקום אשר יבחר יהוה באחד שבטיך שם תעלה עלתיך ושם תעשה כל אשר אנכי מצוך׃ | 14 |
बल्कि सिर्फ़ उसी जगह जिसे ख़ुदावन्द तेरे किसी क़बीले में चुन ले, तू अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ पेश करना और वहीं सब कुछ जिसका मैं तुमको हुक्म देता हूँ करना।
רק בכל אות נפשך תזבח ואכלת בשר כברכת יהוה אלהיך אשר נתן לך בכל שעריך הטמא והטהור יאכלנו כצבי וכאיל׃ | 15 |
“लेकिन गोश्त को तुम अपने सब फाटकों के अन्दर अपने दिल की चाहत और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की दी हुई बरकत के मुवाफ़िक़ ज़बह कर के खा सकेगा। पाक और नापाक दोनों तरह के आदमी उसे खा सकेंगे, जैसे चिकारे और हिरन को खाते हैं।
רק הדם לא תאכלו על הארץ תשפכנו כמים׃ | 16 |
लेकिन तुम ख़ून को बिल्कुल न खाना, बल्कि तुम उसे पानी की तरह ज़मीन पर उँडेल देना।
לא תוכל לאכל בשעריך מעשר דגנך ותירשך ויצהרך ובכרת בקרך וצאנך וכל נדריך אשר תדר ונדבתיך ותרומת ידך׃ | 17 |
और तू अपने फाटकों के अन्दर अपने ग़ल्ले और मय और तेल की दहेकियाँ, और गाय — बैलों और भेड़ — बकरियों के पहलौठे, और अपनी मन्नत मानी हुई चीज़ें और रज़ा की क़ुर्बानियाँ और अपने हाथ की उठाई हुई क़ुर्बानियाँ कभी न खाना।
כי אם לפני יהוה אלהיך תאכלנו במקום אשר יבחר יהוה אלהיך בו אתה ובנך ובתך ועבדך ואמתך והלוי אשר בשעריך ושמחת לפני יהוה אלהיך בכל משלח ידך׃ | 18 |
बल्कि तू और तेरे बेटे बेटियाँ और तेरे नौकर — चाकर और लौंडियाँ, और वह लावी भी जो तेरे फाटकों के अन्दर हो, उन चीज़ों को ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने उस जगह खाना जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा चुन ले, और तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने अपने हाथ की कमाई की ख़ुशी मनाना।
השמר לך פן תעזב את הלוי כל ימיך על אדמתך׃ | 19 |
और ख़बरदार जब तक तू अपने मुल्क में ज़िन्दा रहे लावियों को छोड़ न देना।
כי ירחיב יהוה אלהיך את גבולך כאשר דבר לך ואמרת אכלה בשר כי תאוה נפשך לאכל בשר בכל אות נפשך תאכל בשר׃ | 20 |
“जब ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा उस वा'दे के मुताबिक़ जो उसने तुझ से किया है तुम्हारी सरहद को बढ़ाए, और तेरा जी गोश्त खाने को करे और तू कहने लगे कि मै तो गोश्त खाऊँगा, तो तू जैसा तेरा जी चाहे गोश्त खा सकता है।
כי ירחק ממך המקום אשר יבחר יהוה אלהיך לשום שמו שם וזבחת מבקרך ומצאנך אשר נתן יהוה לך כאשר צויתך ואכלת בשעריך בכל אות נפשך׃ | 21 |
और अगर वह जगह जिसे ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने अपने नाम को वहाँ क़ाईम करने के लिए चुना है तेरे मकान से बहुत दूर हो, तो तूअपने गाय बैल और भेड़ — बकरी में से जिनको ख़ुदावन्द ने तुझको दिया है किसी को ज़बह कर लेना और जैसा मैंने तुझको हुक्म दिया है तू उसके गोश्त को अपने दिल की चाहत के मुताबिक़ अपने फाटकों के अन्दर खाना;
אך כאשר יאכל את הצבי ואת האיל כן תאכלנו הטמא והטהור יחדו יאכלנו׃ | 22 |
जैसे चिकारे और हिरन को खाते हैं वैसे ही तू उसे खाना। पाक और नापाक दोनों तरह के आदमी उसे एक जैसे खा सकेंगे।
רק חזק לבלתי אכל הדם כי הדם הוא הנפש ולא תאכל הנפש עם הבשר׃ | 23 |
सिर्फ़ इतनी एहतियात ज़रूर रखना कि तू ख़ून को न खाना; क्यूँकि ख़ून ही तो जान है, इसलिए तू गोश्त के साथ जान को हरगिज़ न खाना।
לא תאכלנו על הארץ תשפכנו כמים׃ | 24 |
तू उसको खाना मत, बल्कि उसे पानी की तरह ज़मीन पर उँडेल देना;
לא תאכלנו למען ייטב לך ולבניך אחריך כי תעשה הישר בעיני יהוה׃ | 25 |
तू उसे न खाना; ताकि तेरे उस काम के करने से जो ख़ुदावन्द की नज़र में ठीक है, तेरा और तेरे साथ तेरी औलाद का भी भला हो।
רק קדשיך אשר יהיו לך ונדריך תשא ובאת אל המקום אשר יבחר יהוה׃ | 26 |
लेकिन अपनी पाक चीज़ों को जो तेरे पास हों और अपनी मन्नतो की चीज़ों को उसी जगह ले जाना जिसे ख़ुदावन्द चुन ले।
ועשית עלתיך הבשר והדם על מזבח יהוה אלהיך ודם זבחיך ישפך על מזבח יהוה אלהיך והבשר תאכל׃ | 27 |
और वहीं अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानियों का गोश्त और ख़ून दोनों ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के मज़बह पर पेश करना; और ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ही के मज़बह पर तेरे ज़बीहों का ख़ून उँडेला जाए, मगर उनका गोश्त तू खाना।
שמר ושמעת את כל הדברים האלה אשר אנכי מצוך למען ייטב לך ולבניך אחריך עד עולם כי תעשה הטוב והישר בעיני יהוה אלהיך׃ | 28 |
इन सब बातों को जिनका मैं तुझको हुक्म देता हूँ ग़ौर से सुन ले, ताकि तेरे उस काम के करने से जो ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा की नज़र में अच्छा और ठीक है, तेरा और तेरे बाद तेरी औलाद का भला हो।
כי יכרית יהוה אלהיך את הגוים אשר אתה בא שמה לרשת אותם מפניך וירשת אתם וישבת בארצם׃ | 29 |
“जब ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे सामने से उन क़ौमों को उस जगह जहाँ तू उनके वारिस होने को जा रहा है काट डाले, और तू उनका वारिस होकर उनके मुल्क में बस जाये,
השמר לך פן תנקש אחריהם אחרי השמדם מפניך ופן תדרש לאלהיהם לאמר איכה יעבדו הגוים האלה את אלהיהם ואעשה כן גם אני׃ | 30 |
तो तू ख़बरदार रहना, कहीं ऐसा न हो कि जब वह तेरे आगे से ख़त्म हो जाएँ तो तू इस फंदे में फँस जाये, कि उनकी पैरवी करे और उनके मा'बूदों के बारे में ये दरियाफ़्त करे कि ये क़ौमें किस तरह से अपने मा'बूदों की पूजा करती है? मै भी वैसा ही करूँगा।
לא תעשה כן ליהוה אלהיך כי כל תועבת יהוה אשר שנא עשו לאלהיהם כי גם את בניהם ואת בנתיהם ישרפו באש לאלהיהם׃ | 31 |
तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए ऐसा न करना, क्यूँकि जिन जिन कामों से ख़ुदावन्द को नफ़रत और 'अदावत है वह सब उन्होंने अपने मा'बूदों के लिए किए हैं, बल्कि अपने बेटों और बेटियों को भी वह अपने मा'बूदों के नाम पर आग में डाल कर जला देते हैं।
את כל הדבר אשר אנכי מצוה אתכם אתו תשמרו לעשות לא תסף עליו ולא תגרע ממנו׃ | 32 |
“जिस जिस बात का मैं हुक्म करता हूँ, तुम एहतियात करके उस पर 'अमल करना और उसमें न तो कुछ बढ़ाना और न उसमें से कुछ घटाना।