< שמואל א 29 >

ויקבצו פלשתים את כל מחניהם אפקה וישראל חנים בעין אשר ביזרעאל׃ 1
पलिश्तियों ने अपनी समस्त सेना को अपेक में इकट्ठा किया; और इस्राएली यिज्रेल के निकट के सोते के पास डेरे डाले हुए थे।
וסרני פלשתים עברים למאות ולאלפים ודוד ואנשיו עברים באחרנה עם אכיש׃ 2
तब पलिश्तियों के सरदार अपने-अपने सैंकड़ों और हजारों समेत आगे बढ़ गए, और सेना के पीछे-पीछे आकीश के साथ दाऊद भी अपने जनों समेत बढ़ गया।
ויאמרו שרי פלשתים מה העברים האלה ויאמר אכיש אל שרי פלשתים הלוא זה דוד עבד שאול מלך ישראל אשר היה אתי זה ימים או זה שנים ולא מצאתי בו מאומה מיום נפלו עד היום הזה׃ 3
तब पलिश्ती हाकिमों ने पूछा, “इन इब्रियों का यहाँ क्या काम है?” आकीश ने पलिश्ती सरदारों से कहा, “क्या वह इस्राएल के राजा शाऊल का कर्मचारी दाऊद नहीं है, जो क्या जाने कितने दिनों से वरन् वर्षों से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मैंने उसमें कोई दोष नहीं पाया।”
ויקצפו עליו שרי פלשתים ויאמרו לו שרי פלשתים השב את האיש וישב אל מקומו אשר הפקדתו שם ולא ירד עמנו במלחמה ולא יהיה לנו לשטן במלחמה ובמה יתרצה זה אל אדניו הלוא בראשי האנשים ההם׃ 4
तब पलिश्ती हाकिम उससे क्रोधित हुए; और उससे कहा, “उस पुरुष को लौटा दे, कि वह उस स्थान पर जाए जो तूने उसके लिये ठहराया है; वह हमारे संग लड़ाई में न आने पाएगा, कहीं ऐसा न हो कि वह लड़ाई में हमारा विरोधी बन जाए। फिर वह अपने स्वामी से किस रीति से मेल करे? क्या लोगों के सिर कटवाकर न करेगा?
הלוא זה דוד אשר יענו לו במחלות לאמר הכה שאול באלפו ודוד ברבבתו׃ 5
क्या यह वही दाऊद नहीं है, जिसके विषय में लोग नाचते और गाते हुए एक दूसरे से कहते थे, ‘शाऊल ने हजारों को, पर दाऊद ने लाखों को मारा है?’”
ויקרא אכיש אל דוד ויאמר אליו חי יהוה כי ישר אתה וטוב בעיני צאתך ובאך אתי במחנה כי לא מצאתי בך רעה מיום באך אלי עד היום הזה ובעיני הסרנים לא טוב אתה׃ 6
तब आकीश ने दाऊद को बुलाकर उससे कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ तू तो सीधा है, और सेना में तेरा मेरे संग आना-जाना भी मुझे भावता है; क्योंकि जब से तू मेरे पास आया तब से लेकर आज तक मैंने तो तुझ में कोई बुराई नहीं पाई। तो भी सरदार लोग तुझे नहीं चाहते।
ועתה שוב ולך בשלום ולא תעשה רע בעיני סרני פלשתים׃ 7
इसलिए अब तू कुशल से लौट जा; ऐसा न हो कि पलिश्ती सरदार तुझ से अप्रसन्न हों।”
ויאמר דוד אל אכיש כי מה עשיתי ומה מצאת בעבדך מיום אשר הייתי לפניך עד היום הזה כי לא אבוא ונלחמתי באיבי אדני המלך׃ 8
दाऊद ने आकीश से कहा, “मैंने क्या किया है? और जब से मैं तेरे सामने आया तब से आज तक तूने अपने दास में क्या पाया है कि मैं अपने प्रभु राजा के शत्रुओं से लड़ने न पाऊँ?”
ויען אכיש ויאמר אל דוד ידעתי כי טוב אתה בעיני כמלאך אלהים אך שרי פלשתים אמרו לא יעלה עמנו במלחמה׃ 9
आकीश ने दाऊद को उत्तर देकर कहा, “हाँ, यह मुझे मालूम है, तू मेरी दृष्टि में तो परमेश्वर के दूत के समान अच्छा लगता है; तो भी पलिश्ती हाकिमों ने कहा है, ‘वह हमारे संग लड़ाई में न जाने पाएगा।’
ועתה השכם בבקר ועבדי אדניך אשר באו אתך והשכמתם בבקר ואור לכם ולכו׃ 10
१०इसलिए अब तू अपने प्रभु के सेवकों को लेकर जो तेरे साथ आए हैं सवेरे को तड़के उठना; और तुम तड़के उठकर उजियाला होते ही चले जाना।”
וישכם דוד הוא ואנשיו ללכת בבקר לשוב אל ארץ פלשתים ופלשתים עלו יזרעאל׃ 11
११इसलिए दाऊद अपने जनों समेत तड़के उठकर पलिश्तियों के देश को लौट गया। और पलिश्ती यिज्रेल को चढ़ गए।

< שמואל א 29 >