< שמואל א 17 >
ויאספו פלשתים את מחניהם למלחמה ויאספו שכה אשר ליהודה ויחנו בין שוכה ובין עזקה באפס דמים׃ | 1 |
फिर फ़िलिस्तियों ने जंग के लिए अपनी फ़ौजें जमा' कीं, और यहूदाह के शहर शोको में इकट्ठे हुए और शोक़े और 'अजीक़ा के बीच अफ़सदम्मीम में ख़ैमाज़न हुए।
ושאול ואיש ישראל נאספו ויחנו בעמק האלה ויערכו מלחמה לקראת פלשתים׃ | 2 |
और साऊल और इस्राईल के लोगों ने जमा' होकर एला की वादी में डेरे डाले और लड़ाई के लिए फ़िलिस्तियों के मुक़ाबिल सफ़ आराई की।
ופלשתים עמדים אל ההר מזה וישראל עמדים אל ההר מזה והגיא ביניהם׃ | 3 |
और एक तरफ़ के पहाड़ पर फ़िलिस्ती और दूसरी तरफ़ के पहाड़ पर बनी इस्राईल खड़े हुए और इन दोनों के बीच वादी थी।
ויצא איש הבנים ממחנות פלשתים גלית שמו מגת גבהו שש אמות וזרת׃ | 4 |
और फ़िलिस्तियों के लश्कर से एक पहलवान निकला जिसका नाम जाती जूलियत था, उसका क़द छ हाथ और एक बालिश्त था।
וכובע נחשת על ראשו ושריון קשקשים הוא לבוש ומשקל השריון חמשת אלפים שקלים נחשת׃ | 5 |
और उसके सर पर पीतल का टोपा था, और वह पीतल ही की ज़िरह पहने हुए था जो तोल में पाँच हज़ार पीतल की मिस्क़ाल के बराबर थी।
ומצחת נחשת על רגליו וכידון נחשת בין כתפיו׃ | 6 |
और उसकी टाँगों पर पीतल के दो साकपोश थे और उसके दोनों शानों के बीच पीतल की बरछी थी।
וחץ חניתו כמנור ארגים ולהבת חניתו שש מאות שקלים ברזל ונשא הצנה הלך לפניו׃ | 7 |
और उसके भाले की छड़ ऐसी थी जैसे जुलाहे का शहतीर और उसके नेज़े का फ़ल छ: सौ मिस्क़ाल लोहे का था और एक शख़्स ढाल लिए हुए उसके आगे आगे चलता था।
ויעמד ויקרא אל מערכת ישראל ויאמר להם למה תצאו לערך מלחמה הלוא אנכי הפלשתי ואתם עבדים לשאול ברו לכם איש וירד אלי׃ | 8 |
वह खड़ा हुआ, और इस्राईल के लश्करों को पुकार कर उन से कहने लगा कि तुमने आकर जंग के लिए क्यूँ सफ आराई की? क्या मैं फ़िलिस्ती नहीं और तुम साऊल के ख़ादिम नहीं? इसलिए अपने लिए किसी शख़्स को चुनो जो मेरे पास उतर आए।
אם יוכל להלחם אתי והכני והיינו לכם לעבדים ואם אני אוכל לו והכיתיו והייתם לנו לעבדים ועבדתם אתנו׃ | 9 |
अगर वह मुझे से लड़ सके और मुझे क़त्ल कर डाले तो हम तुम्हारे ख़ादिम हो जाएँगे लेकिन अगर मैं उस पर ग़ालिब आऊँ और उसे क़त्ल कर डालूँ तो तुम हमारे ख़ादिम हो जाना और हमारी ख़िदमत करना।
ויאמר הפלשתי אני חרפתי את מערכות ישראל היום הזה תנו לי איש ונלחמה יחד׃ | 10 |
फिर उस फ़िलिस्ती ने कहा कि मैं आज के दिन इस्राईली फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करता हूँ कोई जवान निकालो ताकि हम लड़ें।
וישמע שאול וכל ישראל את דברי הפלשתי האלה ויחתו ויראו מאד׃ | 11 |
जब साऊल और सब इस्राईलियों ने उस फ़िलिस्ती की बातें सुनीं, तो परेशान हुए और बहुत डर गए।
ודוד בן איש אפרתי הזה מבית לחם יהודה ושמו ישי ולו שמנה בנים והאיש בימי שאול זקן בא באנשים׃ | 12 |
और दाऊद बैतल हम यहूदाह के उस इफ़्राती आदमी का बेटा था जिसका नाम यस्सी था, उसके आठ बेटे थे और वह ख़ुद साऊल के ज़माना के लोगों के बीच बुड्ढा और उम्र दराज़ था।
וילכו שלשת בני ישי הגדלים הלכו אחרי שאול למלחמה ושם שלשת בניו אשר הלכו במלחמה אליאב הבכור ומשנהו אבינדב והשלשי שמה׃ | 13 |
और यस्सी के तीन बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे जंग में गए थे और उसके तीनों बेटों के नाम जो जंग में गए थे यह थे इलियाब जो पहलौठा था, और दूसरा अबीनदाब और तीसरा सम्मा।
ודוד הוא הקטן ושלשה הגדלים הלכו אחרי שאול׃ | 14 |
और दाऊद सबसे छोटा था और तीनों बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे थे।
ודוד הלך ושב מעל שאול לרעות את צאן אביו בית לחם׃ | 15 |
और दाऊद बैतलहम में अपने बाप की भेड़ बकरयाँ चराने को साऊल के पास से आया जाया करता था।
ויגש הפלשתי השכם והערב ויתיצב ארבעים יום׃ | 16 |
और वह फ़िलिस्ती सुबह और शाम नज़दीक आता और चालिस दिन तक निकल कर आता रहा।
ויאמר ישי לדוד בנו קח נא לאחיך איפת הקליא הזה ועשרה לחם הזה והרץ המחנה לאחיך׃ | 17 |
और यस्सी ने अपने बेटे दाऊद से कहा कि “इस भुने अनाज में से एक ऐफ़ा और यह दस रोटियाँ अपने भाइयों के लिए लेकर इनको जल्द लश्कर गाह, में अपने भाइयों के पास पहुचा दे।
ואת עשרת חרצי החלב האלה תביא לשר האלף ואת אחיך תפקד לשלום ואת ערבתם תקח׃ | 18 |
और उनके हज़ारी सरदार के पास पनीर की यह दस टिकियाँ लेजा और देख कि तेरे भाइयों का क्या हाल है, और उनकी कुछ निशानी ले आ।”
ושאול והמה וכל איש ישראל בעמק האלה נלחמים עם פלשתים׃ | 19 |
और साऊल और वह भाई और सब इस्राईली जवान एला की वादी में फ़िलिस्तियों से लड़ रहे थे।
וישכם דוד בבקר ויטש את הצאן על שמר וישא וילך כאשר צוהו ישי ויבא המעגלה והחיל היצא אל המערכה והרעו במלחמה׃ | 20 |
और दाऊद सुबह को सवेरे उठा, और भेड़ बकरियों को एक रखवाले के पास छोड़ कर यस्सी के हुक्म के मुताबिक़ सब कुछ लेकर रवाना हुआ, और जब वह लश्कर जो लड़ने जा रहा था, जंग के लिए ललकार रहा था, उस वक़्त वह छकड़ों के पड़ाव में पहुँचा।
ותערך ישראל ופלשתים מערכה לקראת מערכה׃ | 21 |
और इस्राईलियों और फ़िलिस्तियों ने अपने — अपने लश्कर को आमने सामने करके सफ़ आराई की।
ויטש דוד את הכלים מעליו על יד שומר הכלים וירץ המערכה ויבא וישאל לאחיו לשלום׃ | 22 |
और दाऊद अपना सामान असबाब के निगहबान के हाथ में छोड़ कर आप लश्कर में दौड़ गया और जाकर अपने भाइयों से ख़ैर — ओ — 'आफ़ियत पूछी।
והוא מדבר עמם והנה איש הבנים עולה גלית הפלשתי שמו מגת ממערות פלשתים וידבר כדברים האלה וישמע דוד׃ | 23 |
और वह उनसे बातें करता ही था कि देखो वह पहलवान जात का फ़िलिस्ती जिसका नाम जूलियत था फ़िलिस्ती सफ़ों में से निकला और उसने फिर वैसी ही बातें कहीं और दाऊद ने उनको सुना।
וכל איש ישראל בראותם את האיש וינסו מפניו וייראו מאד׃ | 24 |
और सब इस्राईली जवान उस शख़्स को देख कर उसके सामने से भागे और बहुत डर गए।
ויאמר איש ישראל הראיתם האיש העלה הזה כי לחרף את ישראל עלה והיה האיש אשר יכנו יעשרנו המלך עשר גדול ואת בתו יתן לו ואת בית אביו יעשה חפשי בישראל׃ | 25 |
तब इस्राईली जवान ऐसा कहने लगे, “तुम इस आदमी को जो निकला है देखते हो? यक़ीनन यह इस्राईल की बे'इज़्ज़ती करने को आया है, इसलिए जो कोई उसको मार डाले उसे बादशाह बड़ी दौलत से माला माल करेगा और अपनी बेटी उसे ब्याह देगा, और उसके बाप के घराने को इस्राईल के बीच आज़ाद कर देगा।”
ויאמר דוד אל האנשים העמדים עמו לאמר מה יעשה לאיש אשר יכה את הפלשתי הלז והסיר חרפה מעל ישראל כי מי הפלשתי הערל הזה כי חרף מערכות אלהים חיים׃ | 26 |
और दाऊद ने उन लोगों से जो उसके पास खड़े थे पूछा कि जो शख़्स इस फ़िलिस्ती को मार कर यह नंग इस्राईल से दूर करे उस से क्या सुलूक किया जाएगा? क्यूँकि यह ना मख्तून फ़िलिस्ती होता कौन है कि वह जिंदा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करे?
ויאמר לו העם כדבר הזה לאמר כה יעשה לאיש אשר יכנו׃ | 27 |
और लोगों ने उसे यही जवाब दिया कि उस शख़्स से जो उसे मार डाले यह सुलूक किया जाएगा।
וישמע אליאב אחיו הגדול בדברו אל האנשים ויחר אף אליאב בדוד ויאמר למה זה ירדת ועל מי נטשת מעט הצאן ההנה במדבר אני ידעתי את זדנך ואת רע לבבך כי למען ראות המלחמה ירדת׃ | 28 |
और उसके सब से बड़े भाई इलियाब ने उसकी बातों को जो वह लोगों से करता था सुना और इलयाब का ग़ुस्सा दाऊद पर भड़का और वह कहने लगा, “तू यहाँ क्यूँ आया है? और वह थोड़ी सी भेड़ बकरियाँ तूने जंगल में किस के पास छोड़ीं? मैं तेरे घमंड और तेरे दिल की शरारत से वाक़िफ़ हूँ, तु लड़ाई देखने आया है।”
ויאמר דוד מה עשיתי עתה הלוא דבר הוא׃ | 29 |
दाऊद ने कहा, “मैंने अब क्या किया? क्या बात ही नहीं हो रही है?”
ויסב מאצלו אל מול אחר ויאמר כדבר הזה וישבהו העם דבר כדבר הראשון׃ | 30 |
और वह उसके पास से फिर कर दूसरे की तरफ़ गया और वैसी ही बातें करने लगा और लोगों ने उसे फिर पहले की तरह जवाब दिया।
וישמעו הדברים אשר דבר דוד ויגדו לפני שאול ויקחהו׃ | 31 |
और जब वह बातें जो दाऊद ने कहीं सुनने में आईं तो उन्होंने साऊल के आगे उनका ज़िक्र किया और उसने उसे बुला भेजा।
ויאמר דוד אל שאול אל יפל לב אדם עליו עבדך ילך ונלחם עם הפלשתי הזה׃ | 32 |
और दाऊद ने साऊल से कहा कि उस शख़्स की वजह से किसी का दिल न घबराए, तेरा ख़ादिम जाकर उस फ़िलिस्ती से लड़ेगा।
ויאמר שאול אל דוד לא תוכל ללכת אל הפלשתי הזה להלחם עמו כי נער אתה והוא איש מלחמה מנעריו׃ | 33 |
साऊल ने दाऊद से कहा कि तू इस क़ाबिल नहीं कि उस फ़िलिस्ती से लड़ने को उसके सामने जाए; क्यूँकि तू महज़ लड़का है और वह अपने बचपन से जंगी जवान है।
ויאמר דוד אל שאול רעה היה עבדך לאביו בצאן ובא הארי ואת הדוב ונשא שה מהעדר׃ | 34 |
तब दाऊद ने साऊल को जवाब दिया कि तेरा ख़ादिम अपने बाप की भेड़ बकरियाँ चराता था और जब कभी कोई शेर या रीछ आकर झुंड में से कोई बर्रा उठा ले जाता।
ויצאתי אחריו והכתיו והצלתי מפיו ויקם עלי והחזקתי בזקנו והכתיו והמיתיו׃ | 35 |
तो मैं उसके पीछे पीछे जाकर उसे मारता और उसे उसके मुँह से छुड़ाता था और जब वह मुझ पर झपटता तो मैं उसकी दाढ़ी पकड़ कर उसे मारता और हलाक कर देता था।
גם את הארי גם הדוב הכה עבדך והיה הפלשתי הערל הזה כאחד מהם כי חרף מערכת אלהים חיים׃ | 36 |
तेरे ख़ादिम ने शेर और रीछ दोनों को जान से मारा इसलिए यह नामख़तून फ़िलिस्ती उन में से एक की तरह होगा, इसलिए कि उसने ज़िन्दा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती की है।
ויאמר דוד יהוה אשר הצלני מיד הארי ומיד הדב הוא יצילני מיד הפלשתי הזה ויאמר שאול אל דוד לך ויהוה יהיה עמך׃ | 37 |
फिर दाऊद ने कहा, “ख़ुदावन्द ने मुझे शेर और रीछ के पंजे से बचाया, वही मुझको इस फ़िलिस्ती के हाथ से बचाएगा।” साऊल ने दाऊद से कहा, “जा ख़ुदावन्द तेरे साथ रहे।”
וילבש שאול את דוד מדיו ונתן קובע נחשת על ראשו וילבש אתו שריון׃ | 38 |
तब साऊल ने अपने कपड़े दाऊद को पहनाए, और पीतल का टोप उसके सर पर रख्खा और उसे ज़िरह भी पहनाई।
ויחגר דוד את חרבו מעל למדיו ויאל ללכת כי לא נסה ויאמר דוד אל שאול לא אוכל ללכת באלה כי לא נסיתי ויסרם דוד מעליו׃ | 39 |
और दाऊद ने उसकी तलवार अपने कपड़ों पर कस ली और चलने की कोशिश की क्यूँकि उसने इनको आजमाया नहीं था, तब दाऊद ने साऊल से कहा, “मैं इनको पहन कर चल नहीं सकता क्यूँकि मैंने इनको आजमाया नहीं है।” इसलिए दाऊद ने उन सबको उतार दिया।
ויקח מקלו בידו ויבחר לו חמשה חלקי אבנים מן הנחל וישם אתם בכלי הרעים אשר לו ובילקוט וקלעו בידו ויגש אל הפלשתי׃ | 40 |
और उसने अपनी लाठी अपने हाथ में ली, और उस नाला से पाँच चिकने — चिकने पत्थर अपने वास्ते चुन कर उनको चरवाहे के थैले में जो उसके पास था, या'नी झोले में डाल लिया, और उसका गोफ़न उसके हाथ में था फिर वह फ़िलिस्ती के नज़दीक चला।
וילך הפלשתי הלך וקרב אל דוד והאיש נשא הצנה לפניו׃ | 41 |
और वह फ़िलिस्ती बढ़ा, और दाऊद के नज़दीक़ आया और उसके आगे — आगे उसका सिपर बरदार था।
ויבט הפלשתי ויראה את דוד ויבזהו כי היה נער ואדמני עם יפה מראה׃ | 42 |
और जब उस फ़िलिस्ती ने इधर उधर निगाह की और दाऊद को देखा तो उसे नाचीज़ जाना क्यूँकि वह महज़ लड़का था, और सुर्ख़रु और नाज़ुक चेहरे का था।
ויאמר הפלשתי אל דוד הכלב אנכי כי אתה בא אלי במקלות ויקלל הפלשתי את דוד באלהיו׃ | 43 |
तब फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, जो तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” और उस फ़िलिस्ती ने अपने मा'बूदों का नाम लेकर दाऊद पर ला'नत की।
ויאמר הפלשתי אל דוד לכה אלי ואתנה את בשרך לעוף השמים ולבהמת השדה׃ | 44 |
और उस फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “तू मेरे पास आ, और मैं तेरा गोश्त हवाई परिंदों और जंगली जानवरों को दूँगा।”
ויאמר דוד אל הפלשתי אתה בא אלי בחרב ובחנית ובכידון ואנכי בא אליך בשם יהוה צבאות אלהי מערכות ישראל אשר חרפת׃ | 45 |
और दाऊद ने उस फ़िलिस्ती से कहा कि “तू तलवार भाला और बरछी लिए हुए मेरे पास आता है, लेकिन मैं रब्ब — उल — अफ़वाज के नाम से जो इस्राईल के लश्करों का ख़ुदा है, जिसकी तूने बे'इज़्ज़ती की है तेरे पास आता हूँ।
היום הזה יסגרך יהוה בידי והכיתך והסרתי את ראשך מעליך ונתתי פגר מחנה פלשתים היום הזה לעוף השמים ולחית הארץ וידעו כל הארץ כי יש אלהים לישראל׃ | 46 |
और आज ही के दिन ख़ुदावन्द तुझको मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझको मार कर तेरा सर तुझ पर से उतार लूँगा और मैं आज के दिन फ़िलिस्तियों के लश्कर की लाशें हवाई परिंदों और ज़मीन के जंगली जानवरों को दूँगा ताकि दुनिया जान ले कि इस्राईल में एक ख़ुदा है।
וידעו כל הקהל הזה כי לא בחרב ובחנית יהושיע יהוה כי ליהוה המלחמה ונתן אתכם בידנו׃ | 47 |
और यह सारी जमा'अत जान ले कि ख़ुदावन्द तलवार और भाले के ज़रिए' से नहीं बचाता इसलिए कि जंग तो ख़ुदावन्द की है, और वही तुमको हमारे हाथ में कर देगा।”
והיה כי קם הפלשתי וילך ויקרב לקראת דוד וימהר דוד וירץ המערכה לקראת הפלשתי׃ | 48 |
और ऐसा हुआ, कि जब वह फ़िलिस्ती उठा, और बढ़ कर दाऊद के मुक़ाबिला के लिए नज़दीक आया, तो दाऊद ने जल्दी की और लश्कर की तरफ़ उस फ़िलिस्ती से मुक़ाबिला करने को दौड़ा।
וישלח דוד את ידו אל הכלי ויקח משם אבן ויקלע ויך את הפלשתי אל מצחו ותטבע האבן במצחו ויפל על פניו ארצה׃ | 49 |
और दाऊद ने अपने थैले में अपना हाथ डाला और उस में से एक पत्थर लिया और गोफ़न में रख कर उस फ़िलिस्ती के माथे पर मारा और वह पत्थर उसके माथे के अंदर घुस गया और वह ज़मीन पर मुँह के बल गिर पड़ा।
ויחזק דוד מן הפלשתי בקלע ובאבן ויך את הפלשתי וימיתהו וחרב אין ביד דוד׃ | 50 |
इसलिए दाऊद उस गोफ़न और एक पत्थर से उस फ़िलिस्ती पर ग़ालिब आया और उस फ़िलिस्ती को मारा और क़त्ल किया और दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
וירץ דוד ויעמד אל הפלשתי ויקח את חרבו וישלפה מתערה וימתתהו ויכרת בה את ראשו ויראו הפלשתים כי מת גבורם וינסו׃ | 51 |
और दाऊद दौड़ कर उस फ़िलिस्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़ कर मियाँन से खींची और उसे क़त्ल किया और उसी से उसका सर काट डाला और फ़िलिस्तियों ने जो देखा कि उनका पहलवान मारा गया तो वह भागे।
ויקמו אנשי ישראל ויהודה וירעו וירדפו את הפלשתים עד בואך גיא ועד שערי עקרון ויפלו חללי פלשתים בדרך שערים ועד גת ועד עקרון׃ | 52 |
और इस्राईल और यहूदाह के लोग उठे और ललकार कर फ़िलिस्तियों को गई और 'अक़रून के फाटकों तक दौड़ाया और फ़िलिस्तियों में से जो ज़ख़्मी हुए थे वह शा'रीम के रास्ते में और जात और 'अक्रू़न तक गिरते गए।
וישבו בני ישראל מדלק אחרי פלשתים וישסו את מחניהם׃ | 53 |
तब बनी इस्राईल फ़िलिस्तियों के पीछे से उलटे फिरे और उनके ख़ेमों को लूटा।
ויקח דוד את ראש הפלשתי ויבאהו ירושלם ואת כליו שם באהלו׃ | 54 |
और दाऊद उस फ़िलिस्ती का सर लेकर उसे येरूशलेम में लाया और उसके हथियारों को उसने अपने डेरे में रख दिया।
וכראות שאול את דוד יצא לקראת הפלשתי אמר אל אבנר שר הצבא בן מי זה הנער אבנר ויאמר אבנר חי נפשך המלך אם ידעתי׃ | 55 |
जब साऊल ने दाऊद को उस फ़िलिस्ती का मुक़ाबिला करने के लिए जाते देखा तो उसने लश्कर के सरदार अबनेर से पूछा अबनेर यह लड़का किसका बेटा है? अबनेर ने कहा, ऐ बादशाह तेरी जान की क़सम में नहीं जानता।
ויאמר המלך שאל אתה בן מי זה העלם׃ | 56 |
तब बादशाह ने कहा, तू मा'लूम कर कि यह नौजवान किस का बेटा है।
וכשוב דוד מהכות את הפלשתי ויקח אתו אבנר ויבאהו לפני שאול וראש הפלשתי בידו׃ | 57 |
और जब दाऊद उस फ़िलिस्ती को क़त्ल कर के फ़िरा तो अबनेर उसे लेकर साऊल के पास लाया और फ़िलिस्ती का सर उसके हाथ में था।
ויאמר אליו שאול בן מי אתה הנער ויאמר דוד בן עבדך ישי בית הלחמי׃ | 58 |
तब साऊल ने उससे कहा, “ऐ जवान तू किसका बेटा है?” दाऊद ने जवाब दिया, “मैं तेरे ख़ादिम बैतलहमी यस्सी का बेटा हूँ।”