< ג'ון 4 >
הפרושים שמעו שישוע מושך אליו אנשים רבים, ושהטביל תלמידים רבים יותר משהטביל יוחנן (למעשה, תלמידי ישוע הם שהטבילו, ולא הוא עצמו). | 1 |
जब मसीह येशु को यह मालूम हुआ कि फ़रीसियों के मध्य उनके विषय में चर्चा हो रही है कि वह योहन से अधिक शिष्य बनाते और बपतिस्मा देते हैं;
यद्यपि स्वयं मसीह येशु नहीं परंतु उनके शिष्य बपतिस्मा देते थे,
כשנודע הדבר לישוע, הוא עזב את אזור יהודה וחזר לגליל. | 3 |
तब वह यहूदिया प्रदेश छोड़कर पुनः गलील प्रदेश को लौटे.
לשם כך היה עליו לעבור דרך שומרון. | 4 |
उन्हें शमरिया प्रदेश में से होकर जाना पड़ा.
בשעת הצהריים הגיע ישוע לעיר השומרונית סוכר, השוכנת מול חלקת האדמה שנתן יעקב אבינו ליוסף בנו, ובה באר יעקב. ישוע עייף מהדרך הארוכה ומהחום הכבד, וישב לנוח ליד הבאר. | 5 |
वह शमरिया प्रदेश के सूख़ार नामक नगर पहुंचे. यह नगर उस भूमि के पास है, जो याकोब ने अपने पुत्र योसेफ़ को दी थी.
याकोब का कुंआ भी वहीं था. यात्रा से थके मसीह येशु कुएं के पास बैठ गए. यह लगभग दिन का बारह बजे का समय था.
הוא ישב שם לבדו, כי תלמידיו הלכו העירה לקנות אוכל. עד מהרה הגיעה לבאר אישה שומרונית שרצתה לשאוב מים.”אנא, תני לי לשתות“, ביקש ישוע. | 7 |
उसी समय शमरियावासी एक स्त्री उस कुएं से जल भरने आई. मसीह येशु ने उससे कहा, “मुझे पीने के लिए जल दो.”
उस समय मसीह येशु के शिष्य नगर में भोजन लेने गए हुए थे.
האישה תמהה על בקשתו הבלתי־רגילה וקראה:”הרי יהודי אתה, ואילו אני שומרונית! אתה יודע שהיהודים אינם מתערבים עם השומרונים. כיצד אתה מבקש ממני לתת לך לשתות?“ | 9 |
इस पर आश्चर्य करते हुए उस शमरियावासी स्त्री ने मसीह येशु से पूछा, “आप यहूदी होकर मुझ शमरियावासी से जल कैसे मांग रहे हैं?” (यहूदी शमरियावासियों से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखते थे.)
”אילו ידעת מהי מתנתו של אלוהים ומי הוא האומר לך’תני לי לשתות‘, היית מבקשת ממני מים חיים והייתי נותן לך אותם!“השיב ישוע. | 10 |
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्वर के वरदान को जानतीं और यह पहचानतीं कि वह कौन है, जो तुमसे कह रहा है, ‘मुझे पीने के लिए जल दो,’ तो तुम उससे मांगतीं और वह तुम्हें जीवन का जल देता.”
”מאין לך מים חיים?“תמהה האישה.”הבאר הזאת עמוקה מאוד ואין לך דלי או חבל. | 11 |
स्त्री ने कहा, “किंतु श्रीमन, आपके पास तो जल निकालने के लिए कोई बर्तन भी नहीं है और कुंआ बहुत गहरा है; जीवन का जल आपके पास कहां से आया!
מלבד זאת, האם גדול אתה מיעקב אבינו שנתן לנו את הבאר? יעקב עצמו, בני־ביתו וצאנו שתו מהמים האלה!“ | 12 |
आप हमारे कुलपिता याकोब से बढ़कर तो हैं नहीं, जिन्होंने हमें यह कुंआ दिया, जिसमें से स्वयं उन्होंने, उनकी संतान ने और उनके पशुओं ने भी पिया.”
”כל השותה מהמים האלה ישוב ויצמא, | 13 |
मसीह येशु ने कहा, “कुएं का जल पीकर हर एक व्यक्ति फिर प्यासा होगा.
אולם מי שישתה מהמים שאני נותן, לא יצמא יותר לעולם! כי מים אלה יהיו בקרבו למעיין של מים חיים לחיי נצח.“ (aiōn , aiōnios ) | 14 |
किंतु जो व्यक्ति मेरा दिया हुआ जल पिएगा वह आजीवन किसी भी प्रकार से प्यासा न होगा. और वह जल जो मैं उसे दूंगा, उसमें से अनंत काल के जीवन का सोता बनकर फूट निकलेगा.” (aiōn , aiōnios )
”באמת?“קראה האישה בהתפעלות.”אנא, תן לי מן המים האלה, כדי שלא אצמא יותר לעולם, ולא אצטרך ללכת את הדרך הארוכה הזאת לשאוב מים.“ | 15 |
यह सुनकर स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, आप मुझे भी वह जल दीजिए कि मुझे न प्यास लगे और न ही मुझे यहां तक जल भरने आते रहना पड़े.”
”ברצון“, אמר ישוע.”לכי קראי לבעלך, ושובו אלי שניכם.“ | 16 |
मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, अपने पति को यहां लेकर आओ.”
”אולם אין לי בעל“, השיבה האישה.”נכון הדבר“, אמר ישוע. | 17 |
स्त्री ने उत्तर दिया, “मेरे पति नहीं है.” मसीह येशु ने उससे कहा, “तुमने सच कहा कि तुम्हारा पति नहीं है.
”כי חמישה בעלים היו לך, והגבר שאתו את חיה עכשיו אינו בעלך!“ | 18 |
सच यह है कि पांच पति पहले ही तुम्हारे साथ रह चुके हैं और अब भी जो तुम्हारे साथ रह रहा है, तुम्हारा पति नहीं है.”
”אדוני, “קראה האישה בתימהון הולך וגובר,”אני רואה שאתה נביא! | 19 |
यह सुन स्त्री ने उनसे कहा, “श्रीमन, ऐसा लगता है कि आप भविष्यवक्ता हैं.
אולי תוכל לומר לי מדוע אתם, היהודים, עומדים על כך שירושלים היא המקום היחיד לעבודת האלוהים, בעוד שאנחנו, השומרונים, טוענים שאבותינו עבדו אותו בהר גריזים הזה?“ | 20 |
हमारे पूर्वज इस पर्वत पर आराधना करते थे किंतु आप यहूदी लोग कहते हैं कि येरूशलेम ही वह स्थान है, जहां आराधना करना सही है.”
”האמיני לי, “השיב ישוע,”המקום אינו חשוב! יבוא יום שלא תשתחוו לאלוהים כאן ולא בירושלים. חשוב לעבוד את האלוהים באמת ובתמים – מכל הלב ובהשראת רוח הקודש, כי זהו מה שאלוהים רוצה מאתנו. אלוהים הוא רוח, והמשתחווה לו צריך להשתחוות בהשראת רוח הקודש. אולם אתם, השומרונים, משתחווים בחוסר דעת כאשר אנחנו, היהודים, משתחווים למה שאנחנו יודעים. כי הישועה באה דרך היהודים.“ | 21 |
मसीह येशु ने उससे कहा, “मेरा विश्वास करो कि वह समय आ रहा है जब तुम न तो इस पर्वत पर पिता की आराधना करोगे और न येरूशलेम में.
तुम लोग तो उसकी आराधना करते हो जिसे तुम जानते नहीं. हम उनकी आराधना करते हैं जिन्हें हम जानते हैं, क्योंकि उद्धार यहूदियों में से ही है.
वह समय आ रहा है बल्कि आ ही गया है जब सच्चे भक्त पिता की आराधना अपनी अंतरात्मा और सच्चाई में करेंगे क्योंकि पिता अपने लिए ऐसे ही भक्तों की खोज में हैं.
परमेश्वर आत्मा हैं इसलिये आवश्यक है कि उनके भक्त अपनी आत्मा और सच्चाई में उनकी आराधना करें.”
”אני יודעת שהמשיח עומד לבוא, ושהוא יסביר לנו הכל“, אמרה האישה. | 25 |
स्त्री ने उनसे कहा, “मैं जानती हूं कि मसीह, जिन्हें ख्रिस्त कहा जाता है, आ रहे हैं. जब वह आएंगे तो सब कुछ साफ़ कर देंगे.”
”אני המדבר אליך, אני הוא!“השיב ישוע. | 26 |
मसीह येशु ने उससे कहा, “जो तुमसे बातें कर रहा है, वही तो मैं ही हूं.”
בינתיים חזרו תלמידיו של ישוע מהעיר, והתפלאו לראות אותו מדבר עם אישה, אך איש מהם לא העיר דבר ולא שאל שאלות. | 27 |
तभी उनके शिष्य आ गए और मसीह येशु को एक स्त्री से बातें करते देख दंग रह गए, फिर भी किसी ने उनसे यह पूछने का साहस नहीं किया कि वह एक स्त्री से बातें क्यों कर रहे थे या उससे क्या जानना चाहते थे.
האישה השאירה את כדה ליד הבאר ומיהרה חזרה העירה. היא קראה לכולם בהתלהבות: | 28 |
अपना घड़ा वहीं छोड़ वह स्त्री नगर में जाकर लोगों को बताने लगी,
”בואו לראות את האיש שסיפר לי את כל מה שעשיתי! אני חושבת שהוא המשיח!“ | 29 |
“आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं. कहीं यही तो मसीह नहीं?”
אנשים באו מהעיר אל הבאר כדי לראות אותו. | 30 |
तब नगरवासी मसीह येशु को देखने वहां आने लगे.
לפני שהגיע אליהם ההמון האיצו התלמידים בישוע לאכול דבר מה. | 31 |
इसी बीच शिष्यों ने मसीह येशु से विनती की, “रब्बी, कुछ खा लीजिए.”
”יש לי מזון אחר שאינכם יודעים עליו“השיב ישוע. | 32 |
मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिए ऐसा भोजन है, जिसके विषय में तुम कुछ नहीं जानते.”
”מי הביא לו אוכל?“שאלו התלמידים איש את רעהו. | 33 |
इस पर शिष्य आपस में पूछताछ करने लगे, “कहीं कोई गुरु के लिए भोजन तो नहीं लाया?”
”מאכלי הוא לעשות את רצון האלוהים אשר שלחני ולהשלים את עבודתו“, הסביר ישוע. | 34 |
मसीह येशु ने उनसे कहा, “अपने भेजनेवाले, की इच्छा पूरी करना तथा उनका काम समाप्त करना ही मेरा भोजन है.
”אתם באמת חושבים שמלאכת הקציר תחל רק בעוד ארבעה חודשים? הביטו סביבכם, הקמה כבר בשלה ומוכנה לקציר! | 35 |
क्या तुम यह नहीं कहते कि कटनी में चार महीने बचे हैं? किंतु मैं तुमसे कहता हूं कि खेतों पर दृष्टि डालो. वे कब से कटनी के लिए पक चुके हैं.
הקוצרים יקבלו שכר טוב, והם יאספו קציר לחיי נצח כדי שגם הזורע וגם הקוצר ישמחו יחדיו. (aiōnios ) | 36 |
इकट्ठा करनेवाला अपनी मज़दूरी प्राप्त कर अनंत काल के जीवन के लिए फसल इकट्ठी कर रहा है कि किसान और इकट्ठा करनेवाला दोनों मिलकर आनंद मनाएं. (aiōnios )
כך תתאמת האמרה: האחד זורע והשני קוצר. | 37 |
यहां यह कहावत ठीक बैठती है: ‘एक बोए दूसरा काटे.’
שלחתי אתכם לקצור את מה שלא זרעתם; אחרים עבדו וטרחו, ואתם קוצרים את פרי עמלם.“ | 38 |
जिस उपज के लिए तुमने कोई परिश्रम नहीं किया, उसी को काटने मैंने तुम्हें भेजा है. परिश्रम अन्य लोगों ने किया और तुम उनके प्रतिफल में शामिल हो गए.”
שומרונים רבים מהעיר האמינו שישוע הוא המשיח, כי האישה אמרה:”הוא סיפר לי את כל מה שעשיתי!“ | 39 |
अनेक शमरियावासियों ने उस स्त्री की इस गवाही के कारण मसीह येशु में विश्वास किया: “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं.”
הקהל הרב ביקש מישוע להאריך את שהותו אצלם, והוא נשאר שם יומיים נוספים. בזמן הקצר הזה האמינו בו עוד אנשים רבים לאחר ששמעו את דבריו. | 40 |
तब शमरियावासियों की विनती पर मसीह येशु दो दिन तक उनके मध्य रहे
और उनका प्रवचन सुनकर अनेकों ने उनमें विश्वास किया.
”הוא באמת מושיע העולם!“אמרו השומרונים לאישה.”עתה אנחנו מאמינים בו מפני ששמענו אותו בעצמנו, ולא רק משום הדברים שאת סיפרת לנו.“ | 42 |
उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम मात्र तुम्हारे कहने से ही इनमें विश्वास नहीं करते, हमने अब इन्हें स्वयं सुना है और जान गए हैं कि यही वास्तव में संसार के उद्धारकर्ता हैं.”
בתום שני ימי שהותו בשומרון הלך ישוע לגליל, | 43 |
दो दिन बाद मसीह येशु ने गलील प्रदेश की ओर प्रस्थान किया.
למרות שאמר:”הנביא זוכה לכבוד ולהערכה בכל מקום, מלבד בעיר מולדתו.“ | 44 |
यद्यपि मसीह येशु स्वयं स्पष्ट कर चुके थे कि भविष्यवक्ता को अपने ही देश में सम्मान नहीं मिलता,
ברם, אנשי הגליל התאספו בהמוניהם וקיבלו אותו בזרועות פתוחות, שכן היו בירושלים בחג הפסח וראו את הנפלאות שחולל. | 45 |
गलील प्रदेश पहुंचने पर गलीलवासियों ने उनका स्वागत किया क्योंकि वे फ़सह उत्सव के समय येरूशलेम में मसीह येशु द्वारा किए गए काम देख चुके थे.
ישוע חזר לכפר־קנה שבגליל, היכן שחולל את נס היין. בכפר־נחום היה פקיד אחד בשירות־המלכותי, שבנו היה חולה מאוד. | 46 |
मसीह येशु दोबारा गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहां उन्होंने जल को दाखरस में बदला था. कफ़रनहूम नगर में एक राजकर्मचारी था, जिसका पुत्र अस्वस्थ था.
כששמע הפקיד שישוע עזב את יהודה ובא לגליל, הוא הלך לכפר־קנה לפגוש אותו, והתחנן לפניו שיבוא לרפא את בנו הגוסס. | 47 |
यह सुनकर कि मसीह येशु यहूदिया प्रदेश से गलील में आए हुए हैं, उसने आकर मसीह येशु से विनती की कि वह चलकर उसके पुत्र को स्वस्थ कर दें, जो मृत्यु-शय्या पर है.
”אם לא תראו נסים ונפלאות לא תאמינו“, אמר ישוע. | 48 |
इस पर मसीह येशु ने उसे झिड़की देते हुए कहा, “तुम लोग तो चिह्न और चमत्कार देखे बिना विश्वास ही नहीं करते!”
”אנא, אדוני, בוא מהר לפני שבני ימות“, התחנן הפקיד. | 49 |
राजकर्मचारी ने उनसे दोबारा विनती की, “श्रीमन, इससे पूर्व कि मेरे बालक की मृत्यु हो, कृपया मेरे साथ चलें.”
”לך לביתך, “הרגיע אותו ישוע.”בנך חי ובריא!“הפקיד האמין לדברי ישוע והלך לביתו. | 50 |
मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” उस व्यक्ति ने मसीह येशु के वचन पर विश्वास किया और घर लौट गया.
בדרך פגשו אותו משרתיו ובישרו לו שבנו הבריא. | 51 |
जब वह मार्ग में ही था, उसके दास उसे मिल गए और उन्होंने उसे सूचना दी, “स्वामी, आपका पुत्र स्वस्थ हो गया है.”
”באיזו שעה חל השינוי לטובה במצבו?“שאל הפקיד.”אתמול בשעה אחת בצהריים ירד חומו באופן פתאומי“, השיבו המשרתים. | 52 |
“वह किस समय से स्वस्थ होने लगा था?” उसने उनसे पूछा. उन्होंने कहा, “कल लगभग दोपहर एक बजे उसका ज्वर उतर गया.”
האב ידע כי בשעה זו בישר לו ישוע על החלמת בנו, והוא וכל בני־ביתו האמינו בישוע. | 53 |
पिता समझ गया कि यह ठीक उसी समय हुआ जब मसीह येशु ने कहा था, “तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” इस पर उसने और उसके सारे परिवार ने मसीह येशु में विश्वास किया.
זה היה הנס השני שחולל ישוע בגליל לאחר שובו מיהודה. | 54 |
यह दूसरा अद्भुत चिह्न था, जो मसीह येशु ने यहूदिया प्रदेश से लौटकर गलील प्रदेश में किया.