< זְכַרְיָה 14 >

הִנֵּ֥ה יֽוֹם־בָּ֖א לַֽיהוָ֑ה וְחֻלַּ֥ק שְׁלָלֵ֖ךְ בְּקִרְבֵּֽךְ׃ 1
देख, ख़ुदावन्द का दिन आता है, जब तेरा माल लूटकर तेरे अन्दर बाँटा जाएगा।
וְאָסַפְתִּ֨י אֶת־כָּל־ הַגּוֹיִ֥ם ׀ אֶֽל־יְרוּשָׁלִַם֮ לַמִּלְחָמָה֒ וְנִלְכְּדָ֣ה הָעִ֗יר וְנָשַׁ֙סּוּ֙ הַבָּ֣תִּ֔ים וְהַנָּשִׁ֖ים תשגלנה וְיָצָ֞א חֲצִ֤י הָעִיר֙ בַּגּוֹלָ֔ה וְיֶ֣תֶר הָעָ֔ם לֹ֥א יִכָּרֵ֖ת מִן־הָעִֽיר׃ 2
क्यूँकि मैं सब क़ौमों को जमा' करूँगा कि येरूशलेम से जंग करें, और शहर ले लिया जाएगा और घर लूटे जाएँगे और 'औरतें बे हुरमत की जायेंगी और आधा शहर ग़ुलामी में जाएगा, लेकिन बाक़ी लोग शहर ही में रहेंगे।
וְיָצָ֣א יְהוָ֔ה וְנִלְחַ֖ם בַּגּוֹיִ֣ם הָהֵ֑ם כְּי֥וֹם הִֽלָּחֲמ֖ו בְּי֥וֹם קְרָֽב׃ 3
तब ख़ुदावन्द ख़ुरूज करेगा और उन क़ौमों से लड़ेगा, जैसे जंग के दिन लड़ा करता था।
וְעָמְד֣וּ רַגְלָ֣יו בַּיּוֹם־הַ֠הוּא עַל־הַ֨ר הַזֵּתִ֜ים אֲשֶׁ֨ר עַל־פְּנֵ֥י יְרוּשָׁלִַם֮ מִקֶּדֶם֒ וְנִבְקַע֩ הַ֨ר הַזֵּיתִ֤ים מֵֽחֶצְיוֹ֙ מִזְרָ֣חָה וָיָ֔מָּה גֵּ֖יא גְּדוֹלָ֣ה מְאֹ֑ד וּמָ֨שׁ חֲצִ֥י הָהָ֛ר צָפ֖וֹנָה וְחֶצְיוֹ־נֶֽגְבָּה ׃ 4
और उस दिन वह को — हए — जै़तून पर जो येरूशलेम के पूरब में वाक़े' है खड़ा होगा और कोह — ए — ज़ैतून बीच से फट जाएगा; और उसके पूरब से पशचिम तक एक बड़ी वादी हो जाएगी, क्यूँकि आधा पहाड़ उत्तर को सरक जाएगा और आधा दक्खिन को।
וְנַסְתֶּ֣ם גֵּֽיא־הָרַ֗י כִּֽי־יַגִּ֣יעַ גֵּי־הָרִים֮ אֶל־אָצַל֒ וְנַסְתֶּ֗ם כַּאֲשֶׁ֤ר נַסְתֶּם֙ מִפְּנֵ֣י הָרַ֔עַשׁ בִּימֵ֖י עֻזִּיָּ֣ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֑ה וּבָא֙ יְהוָ֣ה אֱלֹהַ֔י כָּל־קְדֹשִׁ֖ים עִמָּֽךְ׃ 5
और तुम मेरे पहाड़ों की वादी से होकर भागोगे, क्यूँकि पहाड़ों की वादी अज़ल तक होगी; जिस तरह तुम शाह — ए — यहूदाह उज़्ज़ियाह के दिनों में ज़लज़ले से भागे थे, उसी तरह भागोगे; क्यूँकि ख़ुदावन्द मेरा ख़ुदा आएगा और सब कु़दसी उसके साथ
וְהָיָ֖ה בַּיּ֣וֹם הַה֑וּא לֹֽא־יִהְיֶ֣ה א֔וֹר יְקָר֖וֹת יקפאון׃ 6
और उस दिन रोशनी न होगी, और अजराम — ए — फ़लक छिप जाएँगे।
וְהָיָ֣ה יוֹם־אֶחָ֗ד ה֛וּא יִוָּדַ֥ע לַֽיהוָ֖ה לֹא־י֣וֹם וְלֹא־לָ֑יְלָה וְהָיָ֥ה לְעֵֽת־עֶ֖רֶב יִֽהְיֶה־אֽוֹר׃ 7
लेकिन एक दिन ऐसा आएगा जो ख़ुदावन्द ही को मा'लूम है। वह न दिन होगा न रात, लेकिन शाम के वक़्त रोशनी होगी।
וְהָיָ֣ה ׀ בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא יֵצְא֤וּ מַֽיִם־חַיִּים֙ מִיר֣וּשָׁלִַ֔ם חֶצְיָ֗ם אֶל־הַיָּם֙ הַקַּדְמוֹנִ֔י וְחֶצְיָ֖ם אֶל־הַיָּ֣ם הָאַחֲר֑וֹן בַּקַּ֥יִץ וּבָחֹ֖רֶף יִֽהְיֶֽה׃ 8
और उस दिन येरूशलेम से आब — ए — हयात जारी होगा, जिसका आधा बहर — ए — पूरब की तरफ़ बहेगा और आधा बहर — ए — पच्छिम की तरफ़, गमीं सदी में जारी रहेगा।
וְהָיָ֧ה יְהוָ֛ה לְמֶ֖לֶךְ עַל־כָּל־הָאָ֑רֶץ בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא יִהְיֶ֧ה יְהוָ֛ה אֶחָ֖ד וּשְׁמ֥וֹ אֶחָֽד׃ 9
और ख़ुदावन्द सारी दुनिया का बादशाह होगा। उस दिन एक ही ख़ुदावन्द होगा, और उसका नाम वाहिद होगा।
יִסּ֨וֹב כָּל־הָאָ֤רֶץ כָּעֲרָבָה֙ מִגֶּ֣בַע לְרִמּ֔וֹן נֶ֖גֶב יְרֽוּשָׁלִָ֑ם וְֽרָאֲמָה֩ וְיָשְׁבָ֨ה תַחְתֶּ֜יהָ לְמִשַּׁ֣עַר בִּנְיָמִ֗ן עַד־מְק֞וֹם שַׁ֤עַר הָֽרִאשׁוֹן֙ עַד־שַׁ֣עַר הַפִּנִּ֔ים וּמִגְדַּ֣ל חֲנַנְאֵ֔ל עַ֖ד יִקְבֵ֥י הַמֶּֽלֶךְ׃ 10
और येरूशलेम के दक्खिन में तमाम मुल्क जिबा' से रिम्मोन तक मैदान की तरह हो जाएगा। लेकिन येरूशलेम बुलन्द होगा, और बिनयमीन के फाटक से पहले फाटक के मक़ाम या'नी कोने के फाटक तक, और हननएल के बुर्ज से बादशाह के अंगूरी हौज़ों तक, अपने मक़ाम पर आबाद होगा।
וְיָ֣שְׁבוּ בָ֔הּ וְחֵ֖רֶם לֹ֣א יִֽהְיֶה־ע֑וֹד וְיָשְׁבָ֥ה יְרוּשָׁלִַ֖ם לָבֶֽטַח׃ 11
और लोग इसमें सुकूनत करेंगे और फिर ला'नत मुतलक़ न होगी, बल्कि येरूशलेम अमन — ओ — अमान से आबाद रहेगा।
וְזֹ֣את ׀ תִּֽהְיֶ֣ה הַמַּגֵּפָ֗ה אֲשֶׁ֨ר יִגֹּ֤ף יְהוָה֙ אֶת־כָּל־הָ֣עַמִּ֔ים אֲשֶׁ֥ר צָבְא֖וּ עַל־יְרוּשָׁלִָ֑ם הָמֵ֣ק ׀ בְּשָׂר֗וֹ וְהוּא֙ עֹמֵ֣ד עַל־רַגְלָ֔יו וְעֵינָיו֙ תִּמַּ֣קְנָה בְחֹֽרֵיהֶ֔ן וּלְשׁוֹנ֖וֹ תִּמַּ֥ק בְּפִיהֶֽם׃ 12
और ख़ुदावन्द येरूशलेम से जंग करने वाली सब क़ौमों पर यह 'ऐज़ाब नाज़िल करेगा, कि खड़े खड़े उनका गोश्त सूख जाएगा, और उनकी आँखे चश्म खानों में गल जायेंगी और उनकी ज़बान उनके मुँह में सड़ जाएगी।
וְהָיָה֙ בַּיּ֣וֹם הַה֔וּא תִּֽהְיֶ֧ה מְהֽוּמַת־יְהוָ֛ה רַבָּ֖ה בָּהֶ֑ם וְהֶחֱזִ֗יקוּ אִ֚ישׁ יַ֣ד רֵעֵ֔הוּ וְעָלְתָ֥ה יָד֖וֹ עַל־יַ֥ד רֵעֵֽהוּ׃ 13
और उस दिन ख़ुदावन्द की तरफ़ से उनके बीच बड़ी हलचल होगी और एक दूसरे का हाथ पकड़ेंगे और एक दूसरे के ख़िलाफ़ हाथ उठाएगा।
וְגַ֨ם־יְהוּדָ֔ה תִּלָּחֵ֖ם בִּירֽוּשָׁלִָ֑ם וְאֻסַּף֩ חֵ֨יל כָּל־הַגּוֹיִ֜ם סָבִ֗יב זָהָ֥ב וָכֶ֛סֶף וּבְגָדִ֖ים לָרֹ֥ב מְאֹֽד׃ 14
और यहूदाह भी येरूशलेम के पास लड़ेगा, और चारों तरफ़ की सब क़ौमों का माल या'नी सोना — चाँदी और पोशाक बड़ी कसरत से इकठ्ठा किया जाएगा।
וְכֵ֨ן תִּֽהְיֶ֜ה מַגֵּפַ֣ת הַסּ֗וּס הַפֶּ֙רֶד֙ הַגָּמָ֣ל וְהַחֲמ֔וֹר וְכָ֨ל־הַבְּהֵמָ֔ה אֲשֶׁ֥ר יִהְיֶ֖ה בַּמַּחֲנ֣וֹת הָהֵ֑מָּה כַּמַּגֵּפָ֖ה הַזֹּֽאת׃ 15
और घोड़ों, खच्चरों, ऊँटों, गधों और सब हैवानों पर भी जो उन लश्करगाहों में होंगे, वही 'ऐज़ाब नाज़िल होगा
וְהָיָ֗ה כָּל־הַנּוֹתָר֙ מִכָּל־הַגּוֹיִ֔ם הַבָּאִ֖ים עַל־יְרֽוּשָׁלִָ֑ם וְעָל֞וּ מִדֵּ֧י שָׁנָ֣ה בְשָׁנָ֗ה לְהִֽשְׁתַּחֲוֺת֙ לְמֶ֙לֶךְ֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת וְלָחֹ֖ג אֶת־חַ֥ג הַסֻּכּֽוֹת׃ 16
और येरूशलेम से लड़ने वाली क़ौमों में से जो बच रहेंगे, साल — ब — साल बादशाह रब्ब — उल — अफ़वाज को सिज्दा करने और 'ईद — ए — ख़ियाम मनाने को आएँगे।
וְ֠הָיָה אֲשֶׁ֨ר לֹֽא־יַעֲלֶ֜ה מֵאֵ֨ת מִשְׁפְּח֤וֹת הָאָ֙רֶץ֙ אֶל־יְר֣וּשָׁלִַ֔ם לְהִֽשְׁתַּחֲוֺ֔ת לְמֶ֖לֶךְ יְהוָ֣ה צְבָא֑וֹת וְלֹ֥א עֲלֵיהֶ֖ם יִהְיֶ֥ה הַגָּֽשֶׁם׃ 17
और दुनिया के उन तमाम क़बाइल पर जो बादशाह रब्ब — उल — अफ़वाज के सामने सिज्दा करने को येरूशलेम में न आएँगे, मेंह न बरसेगा।
וְאִם־מִשְׁפַּ֨חַת מִצְרַ֧יִם לֹֽא־תַעֲלֶ֛ה וְלֹ֥א בָאָ֖ה וְלֹ֣א עֲלֵיהֶ֑ם תִּֽהְיֶ֣ה הַמַּגֵּפָ֗ה אֲשֶׁ֨ר יִגֹּ֤ף יְהוָה֙ אֶת־הַגּוֹיִ֔ם אֲשֶׁר֙ לֹ֣א יַֽעֲל֔וּ לָחֹ֖ג אֶת־חַ֥ג הַסֻּכּֽוֹת׃ 18
और अगर क़बाइल — ए — मिस्र जिन पर बारिश नहीं होती न आएँ, तो उन पर वही 'ऐज़ाब नाज़िल होगा जिसको ख़ुदावन्द उन गै़र — क़ौमों पर नाज़िल करेगा, जो 'ईद — ए — ख़ियाम मनाने को न आएँगी।
זֹ֥את תִּהְיֶ֖ה חַטַּ֣את מִצְרָ֑יִם וְחַטַּאת֙ כָּל־הַגּוֹיִ֔ם אֲשֶׁר֙ לֹ֣א יַֽעֲל֔וּ לָחֹ֖ג אֶת־חַ֥ג הַסֻּכּֽוֹת׃ 19
अहल — ए — मिस्र और उन सब क़ौमों की, जो ईद — ए — ख़ियाम मनाने की न जाएँ यही सज़ा होगी।
בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא יִֽהְיֶה֙ עַל־מְצִלּ֣וֹת הַסּ֔וּס קֹ֖דֶשׁ לַֽיהוָ֑ה וְהָיָ֤ה הַסִּירוֹת֙ בְּבֵ֣ית יְהוָ֔ה כַּמִּזְרָקִ֖ים לִפְנֵ֥י הַמִּזְבֵּֽחַ׃ 20
उस दिन घोड़ों की घंटियों पर लिखा होगा, “ख़ुदावन्द के लिये पाक।” और ख़ुदावन्द के घर को देगें, मज़बह के प्यालों की तरह पाक होंगें।
וְ֠הָיָה כָּל־סִ֨יר בִּירוּשָׁלִַ֜ם וּבִֽיהוּדָ֗ה קֹ֚דֶשׁ לַיהוָ֣ה צְבָא֔וֹת וּבָ֙אוּ֙ כָּל־הַזֹּ֣בְחִ֔ים וְלָקְח֥וּ מֵהֶ֖ם וּבִשְּׁל֣וּ בָהֶ֑ם וְלֹא־יִהְיֶ֨ה כְנַעֲנִ֥י ע֛וֹד בְּבֵית־יְהוָ֥ה צְבָא֖וֹת בַּיּ֥וֹם הַהֽוּא׃ 21
बल्कि येरूशलेम और यहूदाह में की सब देगें, रब्ब — उल — अफ़वाज के लिए पाक होंगी, और सब ज़बीहे पेश करने वाले आयेंगे और उनको लेकर उनमें पकायेंगे और उस रोज़ फिर कोई कन'आनी रब्ब — उल — अफ़वाज के घर में न होगा।

< זְכַרְיָה 14 >