< תְהִלִּים 75 >
לַמְנַצֵּ֥חַ אַל־תַּשְׁחֵ֑ת מִזְמ֖וֹר לְאָסָ֣ף שִֽׁיר׃ ה֘וֹדִ֤ינוּ לְּךָ֨ ׀ אֱֽלֹהִ֗ים ה֭וֹדִינוּ וְקָר֣וֹב שְׁמֶ֑ךָ סִ֝פְּר֗וּ נִפְלְאוֹתֶֽיךָ׃ | 1 |
१प्रधान बजानेवाले के लिये: अलतशहेत राग में आसाप का भजन। गीत। हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है।
כִּ֭י אֶקַּ֣ח מוֹעֵ֑ד אֲ֝נִ֗י מֵישָׁרִ֥ים אֶשְׁפֹּֽט׃ | 2 |
२जब ठीक समय आएगा तब मैं आप ही ठीक-ठीक न्याय करूँगा।
נְֽמֹגִ֗ים אֶ֥רֶץ וְכָל־יֹשְׁבֶ֑יהָ אָנֹכִ֨י תִכַּ֖נְתִּי עַמּוּדֶ֣יהָ סֶּֽלָה׃ | 3 |
३जब पृथ्वी अपने सब रहनेवालों समेत डोल रही है, तब मैं ही उसके खम्भों को स्थिर करता हूँ। (सेला)
אָמַ֣רְתִּי לַֽ֭הוֹלְלִים אַל־תָּהֹ֑לּוּ וְ֝לָרְשָׁעִ֗ים אַל־תָּרִ֥ימוּ קָֽרֶן׃ | 4 |
४मैंने घमण्डियों से कहा, “घमण्ड मत करो,” और दुष्टों से, “सींग ऊँचा मत करो;
אַל־תָּרִ֣ימוּ לַמָּר֣וֹם קַרְנְכֶ֑ם תְּדַבְּר֖וּ בְצַוָּ֣אר עָתָֽק׃ | 5 |
५अपना सींग बहुत ऊँचा मत करो, न सिर उठाकर ढिठाई की बात बोलो।”
כִּ֤י לֹ֣א מִ֭מּוֹצָא וּמִֽמַּעֲרָ֑ב וְ֝לֹ֗א מִמִּדְבַּ֥ר הָרִֽים׃ | 6 |
६क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पश्चिम से, और न जंगल की ओर से आती है;
כִּֽי־אֱלֹהִ֥ים שֹׁפֵ֑ט זֶ֥ה יַ֝שְׁפִּ֗יל וְזֶ֣ה יָרִֽים׃ | 7 |
७परन्तु परमेश्वर ही न्यायी है, वह एक को घटाता और दूसरे को बढ़ाता है।
כִּ֤י כ֪וֹס בְּֽיַד־יְהוָ֡ה וְיַ֤יִן חָמַ֨ר ׀ מָ֥לֵא מֶסֶךְ֮ וַיַּגֵּ֪ר מִ֫זֶּ֥ה אַךְ־שְׁ֭מָרֶיהָ יִמְצ֣וּ יִשְׁתּ֑וּ כֹּ֝֗ל רִשְׁעֵי־אָֽרֶץ׃ | 8 |
८यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है; उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उण्डेलता है, निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएँगे।
וַ֭אֲנִי אַגִּ֣יד לְעֹלָ֑ם אֲ֝זַמְּרָ֗ה לֵאלֹהֵ֥י יַעֲקֹֽב׃ | 9 |
९परन्तु मैं तो सदा प्रचार करता रहूँगा, मैं याकूब के परमेश्वर का भजन गाऊँगा।
וְכָל־קַרְנֵ֣י רְשָׁעִ֣ים אֲגַדֵּ֑עַ תְּ֝רוֹמַ֗מְנָה קַֽרְנ֥וֹת צַדִּֽיק׃ | 10 |
१०दुष्टों के सब सींगों को मैं काट डालूँगा, परन्तु धर्मी के सींग ऊँचे किए जाएँगे।