< תְהִלִּים 133 >
שִׁ֥יר הַֽמַּעֲל֗וֹת לְדָ֫וִ֥ד הִנֵּ֣ה מַה־טּ֭וֹב וּמַה־נָּעִ֑ים שֶׁ֖בֶת אַחִ֣ים גַּם־יָֽחַד׃ | 1 |
देखो! कैसी अच्छी और खु़शी की बात है, कि भाई एक साथ मिलकर रहें!
כַּשֶּׁ֤מֶן הַטּ֨וֹב ׀ עַל־הָרֹ֗אשׁ יֹרֵ֗ד עַֽל־הַזָּקָ֥ן זְקַֽן־אַהֲרֹ֑ן שֶׁ֝יֹּרֵ֗ד עַל־פִּ֥י מִדּוֹתָֽיו׃ | 2 |
यह उस बेशक़ीमत तेल की तरह है, जो सिर पर लगाया गया, और बहता हुआ दाढ़ी पर, या'नी हारून की दाढ़ी पर आ गया; बल्कि उसके लिबास के दामन तक जा पहुँचा।
כְּטַל־חֶרְמ֗וֹן שֶׁיֹּרֵד֮ עַל־הַרְרֵ֪י צִ֫יּ֥וֹן כִּ֤י שָׁ֨ם ׀ צִוָּ֣ה יְ֭הוָה אֶת־הַבְּרָכָ֑ה חַ֝יִּ֗ים עַד־הָעוֹלָֽם׃ | 3 |
या हरमून की ओस की तरह है, जो सिय्यून के पहाड़ों पर पड़ती है! क्यूँकि वहीं ख़ुदावन्द ने बरकत का, या'नी हमेशा की ज़िन्दगी का हुक्म फ़रमाया।