< בְּמִדְבַּר 18 >
וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֶֽל־אַהֲרֹ֔ן אַתָּ֗ה וּבָנֶ֤יךָ וּבֵית־אָבִ֙יךָ֙ אִתָּ֔ךְ תִּשְׂא֖וּ אֶת־עֲוֺ֣ן הַמִּקְדָּ֑שׁ וְאַתָּה֙ וּבָנֶ֣יךָ אִתָּ֔ךְ תִּשְׂא֖וּ אֶת־עֲוֺ֥ן כְּהֻנַּתְכֶֽם׃ | 1 |
१फिर यहोवा ने हारून से कहा, “पवित्रस्थान के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर, और तेरे पुत्रों और तेरे पिता के घराने पर होगा; और तुम्हारे याजक कर्म के विरुद्ध अधर्म का भार तुझ पर और तेरे पुत्रों पर होगा।
וְגַ֣ם אֶת־אַחֶיךָ֩ מַטֵּ֨ה לֵוִ֜י שֵׁ֤בֶט אָבִ֙יךָ֙ הַקְרֵ֣ב אִתָּ֔ךְ וְיִלָּו֥וּ עָלֶ֖יךָ וִֽישָׁרְת֑וּךָ וְאַתָּה֙ וּבָנֶ֣יךָ אִתָּ֔ךְ לִפְנֵ֖י אֹ֥הֶל הָעֵדֻֽת׃ | 2 |
२और लेवी का गोत्र, अर्थात् तेरे मूलपुरुष के गोत्रवाले जो तेरे भाई हैं, उनको भी अपने साथ ले आया कर, और वे तुझ से मिल जाएँ, और तेरी सेवा टहल किया करें, परन्तु साक्षीपत्र के तम्बू के सामने तू और तेरे पुत्र ही आया करें।
וְשָֽׁמְרוּ֙ מִֽשְׁמַרְתְּךָ֔ וּמִשְׁמֶ֖רֶת כָּל־הָאֹ֑הֶל אַךְ֩ אֶל־כְּלֵ֨י הַקֹּ֤דֶשׁ וְאֶל־הַמִּזְבֵּ֙חַ֙ לֹ֣א יִקְרָ֔בוּ וְלֹֽא־יָמֻ֥תוּ גַם־הֵ֖ם גַּם־אַתֶּֽם׃ | 3 |
३जो तुझे सौंपा गया है उसकी और सारे तम्बू की भी वे रक्षा किया करें; परन्तु पवित्रस्थान के पात्रों के और वेदी के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि वे और तुम लोग भी मर जाओ।
וְנִלְו֣וּ עָלֶ֔יךָ וְשָֽׁמְר֗וּ אֶת־מִשְׁמֶ֙רֶת֙ אֹ֣הֶל מוֹעֵ֔ד לְכֹ֖ל עֲבֹדַ֣ת הָאֹ֑הֶל וְזָ֖ר לֹא־יִקְרַ֥ב אֲלֵיכֶֽם׃ | 4 |
४अतः वे तुझ से मिल जाएँ, और मिलापवाले तम्बू की सारी सेवकाई की वस्तुओं की रक्षा किया करें; परन्तु जो तेरे कुल का न हो वह तुम लोगों के समीप न आने पाए।
וּשְׁמַרְתֶּ֗ם אֵ֚ת מִשְׁמֶ֣רֶת הַקֹּ֔דֶשׁ וְאֵ֖ת מִשְׁמֶ֣רֶת הַמִּזְבֵּ֑חַ וְלֹֽא־יִהְיֶ֥ה ע֛וֹד קֶ֖צֶף עַל־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 5 |
५और पवित्रस्थान और वेदी की रखवाली तुम ही किया करो, जिससे इस्राएलियों पर फिर मेरा कोप न भड़के।
וַאֲנִ֗י הִנֵּ֤ה לָקַ֙חְתִּי֙ אֶת־אֲחֵיכֶ֣ם הַלְוִיִּ֔ם מִתּ֖וֹךְ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל לָכֶ֞ם מַתָּנָ֤ה נְתֻנִים֙ לַֽיהוָ֔ה לַעֲבֹ֕ד אֶת־עֲבֹדַ֖ת אֹ֥הֶל מוֹעֵֽד׃ | 6 |
६परन्तु मैंने आप तुम्हारे लेवी भाइयों को इस्राएलियों के बीच से अलग कर लिया है, और वे मिलापवाले तम्बू की सेवा करने के लिये तुम को और यहोवा को सौंप दिये गए हैं।
וְאַתָּ֣ה וּבָנֶ֣יךָ אִ֠תְּךָ תִּשְׁמְר֨וּ אֶת־כְּהֻנַּתְכֶ֜ם לְכָל־דְּבַ֧ר הַמִּזְבֵּ֛חַ וּלְמִבֵּ֥ית לַפָּרֹ֖כֶת וַעֲבַדְתֶּ֑ם עֲבֹדַ֣ת מַתָּנָ֗ה אֶתֵּן֙ אֶת־כְּהֻנַּתְכֶ֔ם וְהַזָּ֥ר הַקָּרֵ֖ב יוּמָֽת׃ ס | 7 |
७पर वेदी की और बीचवाले पर्दे के भीतर की बातों की सेवकाई के लिये तू और तेरे पुत्र अपने याजकपद की रक्षा करना, और तुम ही सेवा किया करना; क्योंकि मैं तुम्हें याजकपद की सेवकाई दान करता हूँ; और जो तेरे कुल का न हो वह यदि समीप आए तो मार डाला जाए।”
וַיְדַבֵּ֣ר יְהוָה֮ אֶֽל־אַהֲרֹן֒ וַאֲנִי֙ הִנֵּ֣ה נָתַ֣תִּֽי לְךָ֔ אֶת־מִשְׁמֶ֖רֶת תְּרוּמֹתָ֑י לְכָל־קָדְשֵׁ֣י בְנֵֽי־יִ֠שְׂרָאֵל לְךָ֨ נְתַתִּ֧ים לְמָשְׁחָ֛ה וּלְבָנֶ֖יךָ לְחָק־עוֹלָֽם׃ | 8 |
८फिर यहोवा ने हारून से कहा, “सुन, मैं आप तुझको उठाई हुई भेंट सौंप देता हूँ, अर्थात् इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुएँ; जितनी हों उन्हें मैं तेरा अभिषेक वाला भाग ठहराकर तुझे और तेरे पुत्रों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ।
זֶֽה־יִהְיֶ֥ה לְךָ֛ מִקֹּ֥דֶשׁ הַקֳּדָשִׁ֖ים מִן־הָאֵ֑שׁ כָּל־קָ֠רְבָּנָם לְֽכָל־מִנְחָתָ֞ם וּלְכָל־חַטָּאתָ֗ם וּלְכָל־אֲשָׁמָם֙ אֲשֶׁ֣ר יָשִׁ֣יבוּ לִ֔י קֹ֣דֶשׁ קָֽדָשִׁ֥ים לְךָ֛ ה֖וּא וּלְבָנֶֽיךָ׃ | 9 |
९जो परमपवित्र वस्तुएँ आग में भस्म न की जाएँगी वे तेरी ही ठहरें, अर्थात् इस्राएलियों के सब चढ़ावों में से उनके सब अन्नबलि, सब पापबलि, और सब दोषबलि, जो वे मुझ को दें, वह तेरे और तेरे पुत्रों के लिये परमपवित्र ठहरें।
בְּקֹ֥דֶשׁ הַקֳּדָשִׁ֖ים תֹּאכֲלֶ֑נּוּ כָּל־זָכָר֙ יֹאכַ֣ל אֹת֔וֹ קֹ֖דֶשׁ יִֽהְיֶה־לָּֽךְ׃ | 10 |
१०उनको परमपवित्र वस्तु जानकर खाया करना; उनको हर एक पुरुष खा सकता है; वे तेरे लिये पवित्र हैं।
וְזֶה־לְּךָ֞ תְּרוּמַ֣ת מַתָּנָ֗ם לְכָל־תְּנוּפֹת֮ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֒ לְךָ֣ נְתַתִּ֗ים וּלְבָנֶ֧יךָ וְלִבְנֹתֶ֛יךָ אִתְּךָ֖ לְחָק־עוֹלָ֑ם כָּל־טָה֥וֹר בְּבֵיתְךָ֖ יֹאכַ֥ל אֹתֽוֹ׃ | 11 |
११फिर ये वस्तुएँ भी तेरी ठहरें, अर्थात् जितनी भेंटें इस्राएली हिलाने के लिये दें, उनको मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वह उन्हें खा सकेंगे।
כֹּ֚ל חֵ֣לֶב יִצְהָ֔ר וְכָל־חֵ֖לֶב תִּיר֣וֹשׁ וְדָגָ֑ן רֵאשִׁיתָ֛ם אֲשֶׁר־יִתְּנ֥וּ לַֽיהוָ֖ה לְךָ֥ נְתַתִּֽים׃ | 12 |
१२फिर उत्तम से उत्तम नया दाखमधु, और गेहूँ, अर्थात् इनकी पहली उपज जो वे यहोवा को दें, वह मैं तुझको देता हूँ।
בִּכּוּרֵ֞י כָּל־אֲשֶׁ֧ר בְּאַרְצָ֛ם אֲשֶׁר־יָבִ֥יאוּ לַיהוָ֖ה לְךָ֣ יִהְיֶ֑ה כָּל־טָה֥וֹר בְּבֵיתְךָ֖ יֹאכֲלֶֽנּוּ׃ | 13 |
१३उनके देश के सब प्रकार की पहली उपज, जो वे यहोवा के लिये ले आएँ, वह तेरी ही ठहरे; तेरे घराने में जितने शुद्ध हों वे उन्हें खा सकेंगे।
כָּל־חֵ֥רֶם בְּיִשְׂרָאֵ֖ל לְךָ֥ יִהְיֶֽה׃ | 14 |
१४इस्राएलियों में जो कुछ अर्पण किया जाए वह भी तेरा ही ठहरे।
כָּל־פֶּ֣טֶר רֶ֠חֶם לְֽכָל־בָּשָׂ֞ר אֲשֶׁר־יַקְרִ֧יבוּ לַֽיהוָ֛ה בָּאָדָ֥ם וּבַבְּהֵמָ֖ה יִֽהְיֶה־לָּ֑ךְ אַ֣ךְ ׀ פָּדֹ֣ה תִפְדֶּ֗ה אֵ֚ת בְּכ֣וֹר הָֽאָדָ֔ם וְאֵ֛ת בְּכֽוֹר־הַבְּהֵמָ֥ה הַטְּמֵאָ֖ה תִּפְדֶּֽה׃ | 15 |
१५सब प्राणियों में से जितने अपनी-अपनी माँ के पहलौठे हों, जिन्हें लोग यहोवा के लिये चढ़ाएँ, चाहे मनुष्य के चाहे पशु के पहलौठे हों, वे सब तेरे ही ठहरें; परन्तु मनुष्यों और अशुद्ध पशुओं के पहिलौठों को दाम लेकर छोड़ देना।
וּפְדוּיָו֙ מִבֶּן־חֹ֣דֶשׁ תִּפְדֶּ֔ה בְּעֶ֨רְכְּךָ֔ כֶּ֛סֶף חֲמֵ֥שֶׁת שְׁקָלִ֖ים בְּשֶׁ֣קֶל הַקֹּ֑דֶשׁ עֶשְׂרִ֥ים גֵּרָ֖ה הֽוּא׃ | 16 |
१६और जिन्हें छुड़ाना हो, जब वे महीने भर के हों तब उनके लिये अपने ठहराए हुए मोल के अनुसार, अर्थात् पवित्रस्थान के बीस गेरा के शेकेल के हिसाब से पाँच शेकेल लेकर उन्हें छोड़ना।
אַ֣ךְ בְּֽכוֹר־שׁ֡וֹר אֽוֹ־בְכ֨וֹר כֶּ֜שֶׂב אֽוֹ־בְכ֥וֹר עֵ֛ז לֹ֥א תִפְדֶּ֖ה קֹ֣דֶשׁ הֵ֑ם אֶת־דָּמָ֞ם תִּזְרֹ֤ק עַל־הַמִּזְבֵּ֙חַ֙ וְאֶת־חֶלְבָּ֣ם תַּקְטִ֔יר אִשֶּׁ֛ה לְרֵ֥יחַ נִיחֹ֖חַ לַֽיהוָֽה׃ | 17 |
१७पर गाय, या भेड़ी, या बकरी के पहलौठे को न छोड़ना; वे तो पवित्र हैं। उनके लहू को वेदी पर छिड़क देना, और उनकी चर्बी को बलि करके जलाना, जिससे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध हो;
וּבְשָׂרָ֖ם יִהְיֶה־לָּ֑ךְ כַּחֲזֵ֧ה הַתְּנוּפָ֛ה וּכְשׁ֥וֹק הַיָּמִ֖ין לְךָ֥ יִהְיֶֽה׃ | 18 |
१८परन्तु उनका माँस तेरा ठहरे, और हिलाई हुई छाती, और दाहिनी जाँघ भी तेरी ही ठहरे।
כֹּ֣ל ׀ תְּרוּמֹ֣ת הַקֳּדָשִׁ֗ים אֲשֶׁ֨ר יָרִ֥ימוּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל֮ לַֽיהוָה֒ נָתַ֣תִּֽי לְךָ֗ וּלְבָנֶ֧יךָ וְלִבְנֹתֶ֛יךָ אִתְּךָ֖ לְחָק־עוֹלָ֑ם בְּרִית֩ מֶ֨לַח עוֹלָ֥ם הִוא֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה לְךָ֖ וּלְזַרְעֲךָ֥ אִתָּֽךְ׃ | 19 |
१९पवित्र वस्तुओं की जितनी भेंटें इस्राएली यहोवा को दें, उन सभी को मैं तुझे और तेरे बेटे-बेटियों को सदा का हक़ करके दे देता हूँ यह तो तेरे और तेरे वंश के लिये यहोवा की सदा के लिये नमक की अटल वाचा है।”
וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֜ה אֶֽל־אַהֲרֹ֗ן בְּאַרְצָם֙ לֹ֣א תִנְחָ֔ל וְחֵ֕לֶק לֹא־יִהְיֶ֥ה לְךָ֖ בְּתוֹכָ֑ם אֲנִ֤י חֶלְקְךָ֙ וְנַחֲלָ֣תְךָ֔ בְּת֖וֹךְ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ ס | 20 |
२०फिर यहोवा ने हारून से कहा, “इस्राएलियों के देश में तेरा कोई भाग न होगा, और न उनके बीच तेरा कोई अंश होगा; उनके बीच तेरा भाग और तेरा अंश मैं ही हूँ।
וְלִבְנֵ֣י לֵוִ֔י הִנֵּ֥ה נָתַ֛תִּי כָּל־מַֽעֲשֵׂ֥ר בְּיִשְׂרָאֵ֖ל לְנַחֲלָ֑ה חֵ֤לֶף עֲבֹֽדָתָם֙ אֲשֶׁר־הֵ֣ם עֹֽבְדִ֔ים אֶת־עֲבֹדַ֖ת אֹ֥הֶל מוֹעֵֽד׃ | 21 |
२१“फिर मिलापवाले तम्बू की जो सेवा लेवी करते हैं उसके बदले मैं उनको इस्राएलियों का सब दशमांश उनका निज भाग कर देता हूँ।
וְלֹא־יִקְרְב֥וּ ע֛וֹד בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל אֶל־אֹ֣הֶל מוֹעֵ֑ד לָשֵׂ֥את חֵ֖טְא לָמֽוּת׃ | 22 |
२२और भविष्य में इस्राएली मिलापवाले तम्बू के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि उनके सिर पर पाप लगे, और वे मर जाएँ।
וְעָבַ֨ד הַלֵּוִ֜י ה֗וּא אֶת־עֲבֹדַת֙ אֹ֣הֶל מוֹעֵ֔ד וְהֵ֖ם יִשְׂא֣וּ עֲוֺנָ֑ם חֻקַּ֤ת עוֹלָם֙ לְדֹרֹ֣תֵיכֶ֔ם וּבְתוֹךְ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לֹ֥א יִנְחֲל֖וּ נַחֲלָֽה׃ | 23 |
२३परन्तु लेवी मिलापवाले तम्बू की सेवा किया करें, और उनके अधर्म का भार वे ही उठाया करें; यह तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि ठहरे; और इस्राएलियों के बीच उनका कोई निज भाग न होगा।
כִּ֞י אֶת־מַעְשַׂ֣ר בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֗ל אֲשֶׁ֨ר יָרִ֤ימוּ לַֽיהוָה֙ תְּרוּמָ֔ה נָתַ֥תִּי לַלְוִיִּ֖ם לְנַחֲלָ֑ה עַל־כֵּן֙ אָמַ֣רְתִּי לָהֶ֔ם בְּתוֹךְ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לֹ֥א יִנְחֲל֖וּ נַחֲלָֽה׃ פ | 24 |
२४क्योंकि इस्राएली जो दशमांश यहोवा को उठाई हुई भेंट करके देंगे, उसे मैं लेवियों को निज भाग करके देता हूँ, इसलिए मैंने उनके विषय में कहा है, कि इस्राएलियों के बीच कोई भाग उनको न मिले।”
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 25 |
२५फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
וְאֶל־הַלְוִיִּ֣ם תְּדַבֵּר֮ וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵהֶם֒ כִּֽי־תִ֠קְחוּ מֵאֵ֨ת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֜ל אֶת־הַֽמַּעֲשֵׂ֗ר אֲשֶׁ֨ר נָתַ֧תִּי לָכֶ֛ם מֵאִתָּ֖ם בְּנַחֲלַתְכֶ֑ם וַהֲרֵמֹתֶ֤ם מִמֶּ֙נּוּ֙ תְּרוּמַ֣ת יְהוָ֔ה מַעֲשֵׂ֖ר מִן־הַֽמַּעֲשֵֽׂר׃ | 26 |
२६“तू लेवियों से कह, कि जब जब तुम इस्राएलियों के हाथ से वह दशमांश लो जिसे यहोवा तुम को तुम्हारा निज भाग करके उनसे दिलाता है, तब-तब उसमें से यहोवा के लिये एक उठाई हुई भेंट करके दशमांश का दशमांश देना।
וְנֶחְשַׁ֥ב לָכֶ֖ם תְּרוּמַתְכֶ֑ם כַּדָּגָן֙ מִן־הַגֹּ֔רֶן וְכַֽמְלֵאָ֖ה מִן־הַיָּֽקֶב׃ | 27 |
२७और तुम्हारी उठाई हुई भेंट तुम्हारे हित के लिये ऐसी गिनी जाएगी जैसा खलिहान में का अन्न, या रसकुण्ड में का दाखरस गिना जाता है।
כֵּ֣ן תָּרִ֤ימוּ גַם־אַתֶּם֙ תְּרוּמַ֣ת יְהוָ֔ה מִכֹּל֙ מַעְשְׂרֹ֣תֵיכֶ֔ם אֲשֶׁ֣ר תִּקְח֔וּ מֵאֵ֖ת בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וּנְתַתֶּ֤ם מִמֶּ֙נּוּ֙ אֶת־תְּרוּמַ֣ת יְהוָ֔ה לְאַהֲרֹ֖ן הַכֹּהֵֽן׃ | 28 |
२८इस रीति तुम भी अपने सब दशमांशों में से, जो इस्राएलियों की ओर से पाओगे, यहोवा को एक उठाई हुई भेंट देना; और यहोवा की यह उठाई हुई भेंट हारून याजक को दिया करना।
מִכֹּל֙ מַתְּנֹ֣תֵיכֶ֔ם תָּרִ֕ימוּ אֵ֖ת כָּל־תְּרוּמַ֣ת יְהוָ֑ה מִכָּל־חֶלְבּ֔וֹ אֶֽת־מִקְדְּשׁ֖וֹ מִמֶּֽנּוּ׃ | 29 |
२९जितने दान तुम पाओ उनमें से हर एक का उत्तम से उत्तम भाग, जो पवित्र ठहरा है, उसे यहोवा के लिये उठाई हुई भेंट करके पूरी-पूरी देना।
וְאָמַרְתָּ֖ אֲלֵהֶ֑ם בַּהֲרִֽימְכֶ֤ם אֶת־חֶלְבּוֹ֙ מִמֶּ֔נּוּ וְנֶחְשַׁב֙ לַלְוִיִּ֔ם כִּתְבוּאַ֥ת גֹּ֖רֶן וְכִתְבוּאַ֥ת יָֽקֶב׃ | 30 |
३०इसलिए तू लेवियों से कह, कि जब तुम उसमें का उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो, तब यह तुम्हारे लिये खलिहान में के अन्न, और रसकुण्ड के रस के तुल्य गिना जाएगा;
וַאֲכַלְתֶּ֤ם אֹתוֹ֙ בְּכָל־מָק֔וֹם אַתֶּ֖ם וּבֵֽיתְכֶ֑ם כִּֽי־שָׂכָ֥ר הוּא֙ לָכֶ֔ם חֵ֥לֶף עֲבֹֽדַתְכֶ֖ם בְּאֹ֥הֶל מוֹעֵֽד׃ | 31 |
३१और उसको तुम अपने घरानों समेत सब स्थानों में खा सकते हो, क्योंकि मिलापवाले तम्बू की जो सेवा तुम करोगे उसका बदला यही ठहरा है।
וְלֹֽא־תִשְׂא֤וּ עָלָיו֙ חֵ֔טְא בַּהֲרִֽימְכֶ֥ם אֶת־חֶלְבּ֖וֹ מִמֶּ֑נּוּ וְאֶת־קָדְשֵׁ֧י בְנֵי־יִשְׂרָאֵ֛ל לֹ֥א תְחַלְּל֖וּ וְלֹ֥א תָמֽוּתוּ׃ פ | 32 |
३२और जब तुम उसका उत्तम से उत्तम भाग उठाकर दो तब उसके कारण तुम को पाप न लगेगा। परन्तु इस्राएलियों की पवित्र की हुई वस्तुओं को अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ।”