< שֹׁפְטִים 8 >
וַיֹּאמְר֨וּ אֵלָ֜יו אִ֣ישׁ אֶפְרַ֗יִם מָֽה־הַדָּבָ֤ר הַזֶּה֙ עָשִׂ֣יתָ לָּ֔נוּ לְבִלְתִּי֙ קְרֹ֣אות לָ֔נוּ כִּ֥י הָלַ֖כְתָּ לְהִלָּחֵ֣ם בְּמִדְיָ֑ן וַיְרִיב֥וּן אִתּ֖וֹ בְּחָזְקָֽה׃ | 1 |
एफ्राईमवासियों ने गिदोन से कहा, “आपने हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया?” आपने मिदियानियों से युद्ध के लिए अपने साथ चलने के लिए हमें आमंत्रित ही नहीं किया! वे गुस्से में गिदोन से विवाद करते रहे.
וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֔ם מֶה־עָשִׂ֥יתִי עַתָּ֖ה כָּכֶ֑ם הֲל֗וֹא ט֛וֹב עֹלְל֥וֹת אֶפְרַ֖יִם מִבְצִ֥יר אֲבִיעֶֽזֶר׃ | 2 |
किंतु गिदोन ने उन्हें उत्तर दिया, “आप लोगों ने जो किया है, उसकी तुलना में मेरा किया हुआ कुछ भी नहीं है. क्या यह सच नहीं कि भूमि पर से बीने गए एफ्राईम के अंगूर अबीएज़ेर की लता से तोड़े गए अंगूरों से गुणों में कहीं ज्यादा अच्छे होते हैं?
בְּיֶדְכֶם֩ נָתַ֨ן אֱלֹהִ֜ים אֶת־שָׂרֵ֤י מִדְיָן֙ אֶת־עֹרֵ֣ב וְאֶת־זְאֵ֔ב וּמַה־יָּכֹ֖לְתִּי עֲשׂ֣וֹת כָּכֶ֑ם אָ֗ז רָפְתָ֤ה רוּחָם֙ מֵֽעָלָ֔יו בְּדַבְּר֖וֹ הַדָּבָ֥ר הַזֶּֽה׃ | 3 |
परमेश्वर ने मिदियान के शासक ओरेब तथा ज़ेब को तुम्हें सौंप दिया हैं. आप लोगों की तुलना में मैंने किया ही क्या है?” इस पर गिदोन के विरुद्ध उनका क्रोध शांत हो गया.
וַיָּבֹ֥א גִדְע֖וֹן הַיַּרְדֵּ֑נָה עֹבֵ֣ר ה֗וּא וּשְׁלֹשׁ־מֵא֤וֹת הָאִישׁ֙ אֲשֶׁ֣ר אִתּ֔וֹ עֲיֵפִ֖ים וְרֹדְפִֽים׃ | 4 |
तब गिदोन तथा उसके साथ के तीन सौ व्यक्ति यरदन तट पर पहुंचे और उन्होंने यरदन नदी पार की. वे पीछा करते हुए बहुत ही थक चुके थे.
וַיֹּ֙אמֶר֙ לְאַנְשֵׁ֣י סֻכּ֔וֹת תְּנוּ־נָא֙ כִּכְּר֣וֹת לֶ֔חֶם לָעָ֖ם אֲשֶׁ֣ר בְּרַגְלָ֑י כִּי־עֲיֵפִ֣ים הֵ֔ם וְאָנֹכִ֗י רֹדֵ֛ף אַחֲרֵ֛י זֶ֥בַח וְצַלְמֻנָּ֖ע מַלְכֵ֥י מִדְיָֽן׃ | 5 |
सुक्कोथवासियों से गिदोन ने विनती की, “मेरे साथ आ रहे इन व्यक्तियों को कृपा कर रोटियां दे दीजिए, वे बहुत ही थक चुके हैं, क्योंकि मैं मिदियानियों के राजाओं, सेबा तथा ज़लमुन्ना का अभी भी पीछा कर रहा हूं.”
וַיֹּ֙אמֶר֙ שָׂרֵ֣י סֻכּ֔וֹת הֲ֠כַף זֶ֧בַח וְצַלְמֻנָּ֛ע עַתָּ֖ה בְּיָדֶ֑ךָ כִּֽי־נִתֵּ֥ן לִֽצְבָאֲךָ֖ לָֽחֶם׃ | 6 |
सुक्कोथ के शासकों ने उत्तर में कहा, “क्या ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना को तुम वश में कर चुके हो, तो हम तुम्हारी सेना को रोटी दें?”
וַיֹּ֣אמֶר גִּדְע֔וֹן לָכֵ֗ן בְּתֵ֧ת יְהוָ֛ה אֶת־זֶ֥בַח וְאֶת־צַלְמֻנָּ֖ע בְּיָדִ֑י וְדַשְׁתִּי֙ אֶת־בְּשַׂרְכֶ֔ם אֶת־קוֹצֵ֥י הַמִּדְבָּ֖ר וְאֶת־הַֽבַּרְקֳנִֽים ׃ | 7 |
ठीक है, “गिदोन ने उनसे कहा, जब याहवेह ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना को मेरे वश कर देंगे, तब मैं तुम्हारे शरीरों को जंगली कंटीली झाड़ियों तथा कांटों में रौंद दूंगा.”
וַיַּ֤עַל מִשָּׁם֙ פְּנוּאֵ֔ל וַיְדַבֵּ֥ר אֲלֵיהֶ֖ם כָּזֹ֑את וַיַּעֲנ֤וּ אוֹתוֹ֙ אַנְשֵׁ֣י פְנוּאֵ֔ל כַּאֲשֶׁ֥ר עָנ֖וּ אַנְשֵׁ֥י סֻכּֽוֹת׃ | 8 |
वहां से वह पनीएल पहुंचा और उनसे भी यही विनती की. पनीएल निवासियों का भी ठीक वही उत्तर था, जो सुक्कोथवासियों का.
וַיֹּ֛אמֶר גַּם־לְאַנְשֵׁ֥י פְנוּאֵ֖ל לֵאמֹ֑ר בְּשׁוּבִ֣י בְשָׁל֔וֹם אֶתֹּ֖ץ אֶת־הַמִּגְדָּ֥ל הַזֶּֽה׃ פ | 9 |
इस कारण गिदोन ने पनीएल निवासियों से कहा, “जब मैं यहां सुरक्षित लौटूंगा, मैं इस खंभे को गिरा दूंगा.”
וְזֶ֨בַח וְצַלְמֻנָּ֜ע בַּקַּרְקֹ֗ר וּמַחֲנֵיהֶ֤ם עִמָּם֙ כַּחֲמֵ֤שֶׁת עָשָׂר֙ אֶ֔לֶף כֹּ֚ל הַנּ֣וֹתָרִ֔ים מִכֹּ֖ל מַחֲנֵ֣ה בְנֵי־קֶ֑דֶם וְהַנֹּ֣פְלִ֔ים מֵאָ֨ה וְעֶשְׂרִ֥ים אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ שֹׁ֥לֵֽף חָֽרֶב׃ | 10 |
ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना अपनी सेनाओं के साथ कारकोर में थे. ये लगभग पन्द्रह हज़ार सैनिक थे. ये सब वे थे, जो पूर्वी देशों के वंशजों की पूरी सेना में से बच गए थे. युद्ध में मारे गये तलवारधारियों की गिनती एक लाख बीस हज़ार हो गई थी.
וַיַּ֣עַל גִּדְע֗וֹן דֶּ֚רֶךְ הַשְּׁכוּנֵ֣י בָֽאֳהָלִ֔ים מִקֶּ֥דֶם לְנֹ֖בַח וְיָגְבֳּהָ֑ה וַיַּךְ֙ אֶת־הַֽמַּחֲנֶ֔ה וְהַֽמַּחֲנֶ֖ה הָ֥יָה בֶֽטַח׃ | 11 |
गिदोन ने उनका मार्ग लिया, जो नोबाह तथा योगबेहाह के पहले छावनियों में रहते थे, और उन पर उस समय हमला कर दिया, जिस समय की उन्होंने उम्मीद ही न की थी.
וַיָּנ֗וּסוּ זֶ֚בַח וְצַלְמֻנָּ֔ע וַיִּרְדֹּ֖ף אַחֲרֵיהֶ֑ם וַיִּלְכֹּ֞ד אֶת־שְׁנֵ֣י ׀ מַלְכֵ֣י מִדְיָ֗ן אֶת־זֶ֙בַח֙ וְאֶת־צַלְמֻנָּ֔ע וְכָל־הַֽמַּחֲנֶ֖ה הֶחֱרִֽיד׃ | 12 |
जब ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना भागे, गिदोन ने उनका पीछा किया, और मिदियान के उन दो राजाओं—ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना को—जा पकड़ा, इससे सारी सेना तितर-बितर हुई.
וַיָּ֛שָׁב גִּדְע֥וֹן בֶּן־יוֹאָ֖שׁ מִן־הַמִּלְחָמָ֑ה מִֽלְמַעֲלֵ֖ה הֶחָֽרֶס׃ | 13 |
योआश का पुत्र गिदोन युद्ध के बाद हेरेस की चढ़ाई से होता हुआ लौटा,
וַיִּלְכָּד־נַ֛עַר מֵאַנְשֵׁ֥י סֻכּ֖וֹת וַיִּשְׁאָלֵ֑הוּ וַיִּכְתֹּ֨ב אֵלָ֜יו אֶת־שָׂרֵ֤י סֻכּוֹת֙ וְאֶת־זְקֵנֶ֔יהָ שִׁבְעִ֥ים וְשִׁבְעָ֖ה אִֽישׁ׃ | 14 |
उसने सुक्कोथ के एक युवक को पकड़ा और उससे पूछताछ की. उस युवक ने उसे सुक्कोथ के शासकों तथा पुरनियों, कुल सतहत्तर व्यक्तियों के नाम लिख दिए.
וַיָּבֹא֙ אֶל־אַנְשֵׁ֣י סֻכּ֔וֹת וַיֹּ֕אמֶר הִנֵּ֖ה זֶ֣בַח וְצַלְמֻנָּ֑ע אֲשֶׁר֩ חֵרַפְתֶּ֨ם אוֹתִ֜י לֵאמֹ֗ר הֲ֠כַף זֶ֣בַח וְצַלְמֻנָּ֤ע עַתָּה֙ בְּיָדֶ֔ךָ כִּ֥י נִתֵּ֛ן לַאֲנָשֶׁ֥יךָ הַיְּעֵפִ֖ים לָֽחֶם׃ | 15 |
फिर उधर पहुंचकर सुक्कोथवासियों से गिदोन ने कहा, “इन्हें देखो! ये हैं ज़ेबह और ज़लमुन्ना, जिनके विषय में तुमने मेरा मज़ाक उड़ाया था, ‘क्या ज़ेबह और ज़लमुन्ना तुम्हारे अधिकार में आ चुके हैं?’”
וַיִּקַּח֙ אֶת־זִקְנֵ֣י הָעִ֔יר וְאֶת־קוֹצֵ֥י הַמִּדְבָּ֖ר וְאֶת־הַֽבַּרְקֳנִ֑ים וַיֹּ֣דַע בָּהֶ֔ם אֵ֖ת אַנְשֵׁ֥י סֻכּֽוֹת׃ | 16 |
गिदोन ने नगर के पुरनियों को पकड़ा और निर्जन प्रदेश की कंटीली झाड़ियां लेकर सुक्कोथ के इन व्यक्तियों को उनके द्वारा किए गए गलत व्यवहार की अच्छी सजा दे डाली.
וְאֶת־מִגְדַּ֥ל פְּנוּאֵ֖ל נָתָ֑ץ וַֽיַּהֲרֹ֖ג אֶת־אַנְשֵׁ֥י הָעִֽיר׃ | 17 |
पनीएल के खंभे को उसने गिरा दिया, और नगरवासियों की हत्या कर डाली.
וַיֹּ֗אמֶר אֶל־זֶ֙בַח֙ וְאֶל־צַלְמֻנָּ֔ע אֵיפֹה֙ הָאֲנָשִׁ֔ים אֲשֶׁ֥ר הֲרַגְתֶּ֖ם בְּתָב֑וֹר וַֽיֹּאמרוּ֙ כָּמ֣וֹךָ כְמוֹהֶ֔ם אֶחָ֕ד כְּתֹ֖אַר בְּנֵ֥י הַמֶּֽלֶךְ׃ | 18 |
तब उसने ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना से पूछा, “तुमने जिन व्यक्तियों की हत्या ताबोर में की थी, वे किस प्रकार के व्यक्ति थे?” उन्होंने उत्तर दिया, “आपके ही समान हर एक का रूप राजकुमार के समान था.”
וַיֹּאמַ֕ר אַחַ֥י בְּנֵֽי־אִמִּ֖י הֵ֑ם חַי־יְהוָ֗ה ל֚וּ הַחֲיִתֶ֣ם אוֹתָ֔ם לֹ֥א הָרַ֖גְתִּי אֶתְכֶֽם׃ | 19 |
गिदोन ने उनसे कहा, “वे मेरे भाई थे; मेरी माता की संतान. जीवित याहवेह की शपथ, यदि तुमने उन्हें जीवित छोड़ा होता, मैं तुम्हारा वध न करता.”
וַיֹּ֙אמֶר֙ לְיֶ֣תֶר בְּכוֹר֔וֹ ק֖וּם הֲרֹ֣ג אוֹתָ֑ם וְלֹא־שָׁלַ֨ף הַנַּ֤עַר חַרְבּוֹ֙ כִּ֣י יָרֵ֔א כִּ֥י עוֹדֶ֖נּוּ נָֽעַר׃ | 20 |
गिदोन ने अपने बड़े बेटे, येथेर को आदेश दिया, “उठो, इन्हें खत्म कर दो.” किंतु उस युवक ने तलवार ही न खींची, क्योंकि वह कम उम्र का युवा था.
וַיֹּ֜אמֶר זֶ֣בַח וְצַלְמֻנָּ֗ע ק֤וּם אַתָּה֙ וּפְגַע־בָּ֔נוּ כִּ֥י כָאִ֖ישׁ גְּבוּרָת֑וֹ וַיָּ֣קָם גִּדְע֗וֹן וַֽיַּהֲרֹג֙ אֶת־זֶ֣בַח וְאֶת־צַלְמֻנָּ֔ע וַיִּקַּח֙ אֶת־הַשַּׂ֣הֲרֹנִ֔ים אֲשֶׁ֖ר בְּצַוְּארֵ֥י גְמַלֵּיהֶֽם׃ | 21 |
यह देख ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना ने विनती की, “आप खुद ही उठकर हम पर वार कीजिए. पुरुष जैसा होता है, वैसा ही होता है उसका बल.” सो गिदोन ने ही उठकर ज़ेबह तथा ज़लमुन्ना का वध किया तथा उनके ऊंटों की गर्दनों से चन्द्रहार गहने उतार लिए.
וַיֹּאמְר֤וּ אִֽישׁ־יִשְׂרָאֵל֙ אֶל־גִּדְע֔וֹן מְשָׁל־בָּ֙נוּ֙ גַּם־אַתָּ֔ה גַּם־בִּנְךָ֖ גַּ֣ם בֶּן־בְּנֶ֑ךָ כִּ֥י הוֹשַׁעְתָּ֖נוּ מִיַּ֥ד מִדְיָֽן׃ | 22 |
इस्राएली प्रजा ने गिदोन से विनती की, “आप हम पर शासन कीजिए, आप दोनों—आप और आपका पुत्र—क्योंकि आपने हमें मिदियानियों से छुड़ाया है.”
וַיֹּ֤אמֶר אֲלֵהֶם֙ גִּדְע֔וֹן לֹֽא־אֶמְשֹׁ֤ל אֲנִי֙ בָּכֶ֔ם וְלֹֽא־יִמְשֹׁ֥ל בְּנִ֖י בָּכֶ֑ם יְהוָ֖ה יִמְשֹׁ֥ל בָּכֶֽם׃ | 23 |
मगर गिदोन ने उन्हें उत्तर दिया, “आप लोगों पर शासन न तो मैं करूंगा और न ही मेरा पुत्र. आप पर शासन स्वयं याहवेह करेंगे.”
וַיֹּ֨אמֶר אֲלֵהֶ֜ם גִּדְע֗וֹן אֶשְׁאֲלָ֤ה מִכֶּם֙ שְׁאֵלָ֔ה וּתְנוּ־לִ֕י אִ֖ישׁ נֶ֣זֶם שְׁלָל֑וֹ כִּֽי־נִזְמֵ֤י זָהָב֙ לָהֶ֔ם כִּ֥י יִשְׁמְעֵאלִ֖ים הֵֽם׃ | 24 |
फिर भी गिदोन ने उनसे कहा, “आप में से हर एक से मेरी एक विनती है, अपनी लूट की सामग्री में से मुझे एक-एक बाली दे दो.” (इशमाएली कानों में सोने की बालियां पहनते थे.)
וַיֹּאמְר֖וּ נָת֣וֹן נִתֵּ֑ן וַֽיִּפְרְשׂוּ֙ אֶת־הַשִּׂמְלָ֔ה וַיַּשְׁלִ֣יכוּ שָׁ֔מָּה אִ֖ישׁ נֶ֥זֶם שְׁלָלֽוֹ׃ | 25 |
इस्राएलियों ने उससे कहा, “ये हम आपको ज़रूर देंगे.” इसके लिए उन्होंने एक कपड़ा बिछा दिया और हर एक व्यक्ति ने लूट में से एक-एक बाली वहां डाल दी.
וַיְהִ֗י מִשְׁקַ֞ל נִזְמֵ֤י הַזָּהָב֙ אֲשֶׁ֣ר שָׁאָ֔ל אֶ֥לֶף וּשְׁבַע־מֵא֖וֹת זָהָ֑ב לְ֠בַד מִן־הַשַּׂהֲרֹנִ֨ים וְהַנְּטִפ֜וֹת וּבִגְדֵ֣י הָאַרְגָּמָ֗ן שֶׁעַל֙ מַלְכֵ֣י מִדְיָ֔ן וּלְבַד֙ מִן־הָ֣עֲנָק֔וֹת אֲשֶׁ֖ר בְּצַוְּארֵ֥י גְמַלֵּיהֶֽם׃ | 26 |
जब इन सोने की बालियों को तौला गया, तो इनका भार बीस किलो था. यह लूट में मिले चन्द्रहारों, कुण्डलों, मिदियानी राजाओं द्वारा पहने जानेवाले बैंगनी वस्त्रों तथा ऊंटों के चन्द्रहारों के अलावा था.
וַיַּעַשׂ֩ אוֹת֨וֹ גִדְע֜וֹן לְאֵפ֗וֹד וַיַּצֵּ֨ג אוֹת֤וֹ בְעִירוֹ֙ בְּעָפְרָ֔ה וַיִּזְנ֧וּ כָֽל־יִשְׂרָאֵ֛ל אַחֲרָ֖יו שָׁ֑ם וַיְהִ֛י לְגִדְע֥וֹן וּלְבֵית֖וֹ לְמוֹקֵֽשׁ׃ | 27 |
इनसे गिदोन ने एक एफ़ोद को बनाकर अपने नगर ओफ़राह में रख दिया. सारे इस्राएल ने इसकी उपासना करने के द्वारा याहवेह के प्रति व्यभिचार, अर्थात् विश्वासघात, का पाप किया. यह एफ़ोद गिदोन तथा उसके परिवार के लिए फंदा साबित हुआ.
וַיִּכָּנַ֣ע מִדְיָ֗ן לִפְנֵי֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וְלֹ֥א יָסְפ֖וּ לָשֵׂ֣את רֹאשָׁ֑ם וַתִּשְׁקֹ֥ט הָאָ֛רֶץ אַרְבָּעִ֥ים שָׁנָ֖ה בִּימֵ֥י גִדְעֽוֹן׃ פ | 28 |
मिदियान इस्राएल के वंशजों के वश में हो चुका था. इसके बाद उन्होंने सिर नहीं उठाया. गिदोन के जीवनकाल में चालीस साल तक शांति बनी रही.
וַיֵּ֛לֶךְ יְרֻבַּ֥עַל בֶּן־יוֹאָ֖שׁ וַיֵּ֥שֶׁב בְּבֵיתֽוֹ׃ | 29 |
तब योआश का पुत्र यरूबाल जाकर अपने ही घर में रहने लगा.
וּלְגִדְע֗וֹן הָיוּ֙ שִׁבְעִ֣ים בָּנִ֔ים יֹצְאֵ֖י יְרֵכ֑וֹ כִּֽי־נָשִׁ֥ים רַבּ֖וֹת הָ֥יוּ לֽוֹ׃ | 30 |
गिदोन के सत्तर पुत्र थे, क्योंकि उनको अनेक पत्नियां थीं.
וּפִֽילַגְשׁוֹ֙ אֲשֶׁ֣ר בִּשְׁכֶ֔ם יָֽלְדָה־לּ֥וֹ גַם־הִ֖יא בֵּ֑ן וַיָּ֥שֶׂם אֶת־שְׁמ֖וֹ אֲבִימֶֽלֶךְ׃ | 31 |
शेकेम में उनकी उप-पत्नी से भी एक पुत्र था. उन्होंने उसका नाम अबीमेलेक रखा था.
וַיָּ֛מָת גִּדְע֥וֹן בֶּן־יוֹאָ֖שׁ בְּשֵׂיבָ֣ה טוֹבָ֑ה וַיִּקָּבֵ֗ר בְּקֶ֙בֶר֙ יוֹאָ֣שׁ אָבִ֔יו בְּעָפְרָ֖ה אֲבִ֥י הָֽעֶזְרִֽי׃ פ | 32 |
योआश के पुत्र गिदोन की मृत्यु पूरे बुढ़ापे में हुई. उसे अबीएज़रियों के ओफ़राह नगर में उसके पिता योआश की गुफा की कब्र में रखा गया.
וַיְהִ֗י כַּֽאֲשֶׁר֙ מֵ֣ת גִּדְע֔וֹן וַיָּשׁ֙וּבוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וַיִּזְנ֖וּ אַחֲרֵ֣י הַבְּעָלִ֑ים וַיָּשִׂ֧ימוּ לָהֶ֛ם בַּ֥עַל בְּרִ֖ית לֵאלֹהִֽים׃ | 33 |
जैसे ही गिदोन का निधन हुआ, इस्राएल वंशजों ने बाल की उपासना करने के द्वारा याहवेह के प्रति व्यभिचार अर्थात् विश्वासघात का पाप किया. उन्होंने बाल-बेरिथ को अपने देवता के रूप में मान लिया.
וְלֹ֤א זָֽכְרוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֶת־יְהוָ֖ה אֱלֹהֵיהֶ֑ם הַמַּצִּ֥יל אוֹתָ֛ם מִיַּ֥ד כָּל־אֹיְבֵיהֶ֖ם מִסָּבִֽיב׃ | 34 |
ऐसा करने के द्वारा उन्होंने याहवेह, अपने परमेश्वर को भुला दिया, जिन्होंने उन्हें उनके चारों ओर के शत्रुओं से छुटकारा दिलाया था.
וְלֹֽא־עָשׂ֣וּ חֶ֔סֶד עִם־בֵּ֥ית יְרֻבַּ֖עַל גִּדְע֑וֹן כְּכָל־הַטּוֹבָ֔ה אֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה עִם־יִשְׂרָאֵֽל׃ פ | 35 |
यहां तक कि, उन्होंने तो यरूबाल अर्थात् गिदोन के परिवार के प्रति भी कृपा न दिखाई, जबकि गिदोन ने इस्राएल के प्रति अनेक उपकार किए थे.